RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मेरी बहन का दीवाना देवर मुझे अपने कमरे में लाकर नंगी कर चुका था मेरी चूत चुदाई के लिए… मुझे मजा आ रहा था लेकिन मैं दिखावे के लिए उसका विरोध कर रही थी. मुझे पता लग चुका था कि आज मुझे मेरी चुत की पहली चुदाई का मजा मिल जाने वाला है.अब आगे:
जीजा अब अपनी जीभ से मेरी चूत चाटने लगे. जैसे ही जीजा की जीभ मेरी चूत की रेखा पर चलती जा रही थी वैसे वैसे मुझे कुछ अजीब सा होता जा रहा था. उनका लन्ड मेरे चेहरे के पास टकराने लगा, तभी जीजा मेरी टांगों को और चौड़ा करके बोले- संध्या, क्या मस्त चिकनी सुर्ख लाल चूत है तुम्हारी! ओह माय गॉड!और जमकर अपने होठों से जीभ से चूमने और चाटने लगे.
मेरे मुंह से अपने आप लगातार सिसकारियां निकलने लगी, जीजा ने अब अपनी एक उंगली भी मेरी चूत में घुसा दी और उसे अंदर बाहर करने लगे. जैसे ही उंगली अंदर घुसती, मैं उछल पड़ती, जीजा बोले- क्या हुआ मेरी सेक्सी साली संध्या?मैं बोली- मत करो जीजा, मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, मुझे बहुत घबराहट हो रही है.
तभी जीजा उंगली और तेजी से चलाने लगे और अब मेरी चूत के अंदर से रस निकलने लगा, उस चूत रस को जीजा जीभ से चाटते भी जा रहे थे, बोले- क्या मस्त सुगंध है तुम्हारी चूत की! बहुत प्यारी महक है!और अपनी नाक मेरी चूत में रगड़ने लगे, फिर मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत में पूरी जीभ को घुसा दिया, मैं जोर सी सी उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी उहह ओहह करने लगी.
अब जीजा बोले- संध्या, मेरे लन्ड को मुंह में ले लो!मैं बोली- नहीं, मुझे यह सब नहीं करना, मुझे नहीं पसंद है.
तभी जीजा अपनी पूरी जीभ अंदर मेरी चूत में जोर से डाल कर बहुत तेजी से जीभ चलाने लगे, अब मैंने ना चाहते हुए भी जीजा का लन्ड हाथ में पकड़ लिया और जैसे ही जीजा ने चूत को दोनों हाथों से अपने रगड़ने लगे और जीभ को बहुत अंदर तक चूत में डाला, मुझे कुछ समझ नहीं आया किस कारण किस जोश में, किस नशे में मैंने जीजा का लौड़ा अपने आप मुंह में घुसा लिया. मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं जीजा का लन्ड अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगी.जीजा के लन्ड में अजीब सी गंध थी पर मुझे कुछ होश नहीं था.
तभी जीजा बोले- बहुत मस्त लौड़ा चूसती है संध्या, लगता है तू बहुत लोगों का लन्ड चूस चुकी है और बहुत बड़ी रंडी है फिर भी झूठ बोलती है कि आज तक किसी ने नहीं किया.मैं सुन रही थी परन्तु पहली बार जाने क्यूं अब यह बात मुझे बुरी भी नहीं लगी, जबकि मैंने मन ही मन सोचा कि आज तक मैं सिर्फ कमलेश सर का ही लन्ड चूसा है और जीजा झूठ बोल रहे हैं. मेरे अब तक के जीवन में आज जीजा का दूसरा लन्ड है जिसे चूस रही हूं.
तभी जीजा बोले- संध्या, अब तुम चुदासी हो और चुदवाने के लिए बहुत तड़प रही हो!और मुझे बोले- तुम बहुत पागल हो रही हो, चलो तुम्हारी आज चूत की प्यास, तेरी चूत की खुजली मिटा देता हूं. संध्या बहुत मजा आएगा तुझे!
जीजा उठ गए सीधे होकर मेरी टांगों की तरफ आकर बैठ गए, अपना लन्ड पकड़ के मेरी चूत को फैलाकर मेरी कमर ऊपर उठाया और एक तकिया मेरी कमर के नीचे रखा, जीजा बोले- संध्या, क्या पतली कमर और मस्त प्यारी सी टाइट चूत है तुम्हारी, संध्या तुम भले ही कितना चुदाई करवाती रही हो, पर लगता है जैसे बिल्कुल फ्रेश माल हो.
मैं बोली- आज तक किसी ने नहीं छुआ मुझे, आज तक ना कुछ किया, आज आप भी मत करो, मैं डर रही हूं जीजा, मान जाओ, मत घुसाओ! कहीं कुछ हो गया तो बहुत डर लग रहा है.पर जीजा एक ना माने और अपना लन्ड पकड़ कर मेरी टांगों को फैलाया और अपने कंधे में मेरी टांगें चढ़ा ली और बोले- संध्या, क्या मस्त चिकनी चूत है तेरी!फिर सीधे अपने लन्ड को मेरी चूत में रख दिया, आज मेरी लाइफ में पहली बार लन्ड ने चूत को छुआ और किसी मर्द का लौड़ा चूत में जाने को घुसने को तैयार है.
जीजा ने मुझे अपनी तरफ खींचा तो उनका लन्ड मेरी चूत में फिट हो गया और थोड़ा सा ही घुसा तो मुझे दर्द होने लगा, मैं चिल्ला उठी.तो जीजा बोले- आराम से… चिल्लाना नहीं, रोना नहीं!जीजा का लौड़ा बहुत मोटा था इसलिए मेरी चूत में अब भी पूरा का पूरा फिट नहीं हो रहा था, मेरी चूत बहुत छोटी और टाइट थी, जीजा का लन्ड बहुत मोटा था परंतु मेरी चूत बह रही थी तो उसमें बहुत चिकनाहट थी. जीजा बोले- बहुत चिकनी चूत है तेरी संध्या, रस बहुत बह रहा है इसलिए दिक्कत नहीं आएगी, शुरु में थोड़ा दर्द होगा सह लेना!
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