RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
चन्डीमल ने एक बार फिर से अपनी नज़र चारों तरफ दौड़ाई, किसी की नज़र उन पर नहीं थी।
चन्डीमल ने सीमा के हाथ को पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर से अपने लण्ड पर रख दिया।
सीमा एकदम चौंक गई, उसे अपनी हथेली में कुछ नरम और गरम सा अहसास हुआ, उसने अपना हाथ पीछे खींचना चाहा, पर चन्डीमल ने उसके हाथ नहीं छोड़ा और वो सीमा के हाथ को पकड़े हुए अपने लण्ड के ऊपर रगड़ने लगा।
नई-नई जवान हुई सीमा भी समझ चुकी थी कि उसका पति भले ही अधेड़ उम्र का है, पर है एक नम्बर का ठरकी।
जैसे ही सीमा का कोमल हाथ चन्डीमल के लण्ड पर पड़ा, उसके लण्ड में जान आने लगी।
सीमा का दिल जोरों से धड़क रहा था।
वो अपनी जिंदगी में पहली बार किसी मर्द के लण्ड को छू रही थी, जिसके कारण वो मदहोश होने लगी।
उसका हाथ खुद ब खुद चन्डीमल के पजामे के ऊपर से उसके लण्ड के ऊपर कस गया और वो धीरे-धीरे उसके लण्ड को सहलाने लगी।
चन्डीमल तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था।
उसकी आँखें बंद होने लगीं और सीमा भी अपनी तेज चलती साँसों के साथ अपने हाथ से उसके लण्ड को सहला रही थी।
कुछ ही पलों के बाद चन्डीमल का साढ़े 5 इंच का लण्ड तन कर खड़ा हो गया।
दूसरी तरफ उनके पीछे बैठे हुए सोनू का ध्यान अचानक से चन्डीमल और सीमा की तरफ गया, जिससे देखते ही उसकी आँखें खुली की खुली रह गईं।
सोनू उम्र के उस पड़ाव में था, जहाँ पर से जो भी कुछ देखता है, वही सीखता है।
सीमा का हाथ तेज़ी से चन्डीमल के पजामे के ऊपर से उसके लण्ड को सहला रहा था।
अब सीमा की पकड़ चन्डीमल के लण्ड के ऊपर मुठ्ठी मारने का रूप ले चुकी थी।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सीमा चलती हुई ट्रेन में चन्डीमल की मुठ्ठ मार रही थी और वो भी सब की नज़रों से बच कर!
पर सोनू की नज़र उस पर पड़ चुकी थी, जिससे देखते-देखते उसका लण्ड भी उसके पजामे में कब तन कर खड़ा हो गया.. उसे पता भी नहीं चला।
चन्डीमल के विपरीत सोनू अभी अपनी जवानी के दहलीज पर था और उसका लण्ड चन्डीमल से 3 इंच बड़ा और कहीं ज्यादा मोटा था।
अपने सामने कामुक नज़ारा देख कर कब सोनू का लण्ड खड़ा हो गया और कब उसका हाथ खुद ब खुद लण्ड के पास पहुँच गया, उसे पता ही नहीं चला।
उसने अपने लण्ड को पजामे के ऊपर से भींच लिया और धीरे-धीरे सहलाना शुरू कर दिया।
वो अपने सामने हो रहे चन्डीमल और सीमा के कामुक खेल को देख कर ये भी भूल गया था कि उसके बगल में चन्डीमल की बेटी दीपा बैठी हुई है।
वो ये सब देखते हुए, धीरे-धीरे अपने लण्ड को हिलाने लगा, उसका लण्ड पजामे को ऊपर उठाए हुए.. पूरी तरह से तना हुआ था।
दीपा जो कि सर झुकाए और आँखें बंद किए हुए उसके पास बैठी थी, उसने अचानक से अपनी आँखें खोलीं और जो नज़ारा उसके आँखों के सामने था, उसे देख कर मानो उसके साँसें अटक गई हों।
उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं।
पजामे के ऊपर से सोनू का विशाल लण्ड देखते ही, उसकी दिल के धड़कनें बढ़ गईं।
उसके बदन में अजीब सी सरसराहट होने लगी।
दोनों एकदम पास-पास बैठे थे।
जब सोनू अपने लण्ड को हाथ से हिलाता था.. तब उसकी कोहनी दीपा के बगल से उसकी चूची के बिल्कुल पास रगड़ खाने लगी।
उसके पूरे बदन में अजीब सी मस्ती की लहर दौड़ गई।
सोनू इस बात से बिल्कुल अंजान सीमा और चन्डीमल की रासलीला को देखते हुए, अपने लण्ड को तेज़ी से हिलाए जा रहा था।
दीपा को एक और झटका तब लगा, जब उसने सोनू की नज़रों का पीछा किया और सोनू की नज़रों का पीछा करते हुए उसकी नज़रें जिस मुकाम पर पहुँची.. उसे देख कर तो जैसे दीपा के दिल की धड़कनें रुक गई हों।
वो अपनी नज़रें अपने पिता और नई सौतेली माँ से हटा नहीं पा रही थी।
अचानक से सोनू का हाथ हिलना बंद हो गया, जब इसका अहसास दीपा को हुआ तो, वो एकदम से चौंक गई।
उसने धीरे से अपने चेहरे को सोनू की तरफ घुमाया, जो उसकी तरफ ही देख रहा था। जैसे ही दोनों की नज़रें आपस में टकराईं, दीपा एकदम से झेंप गई।
उसने अपने सर को झुका लिया, ना चाहते हुए भी उसके होंठों पर मुस्कान फ़ैल गई, पर नीचे सर झुकाए हुए, दीपा के सामने दूसरा अलग ही नजारा था।
नीचे सोनू का लण्ड उसके पजामे के अन्दर उभार बनाए हुए झटके खा रहा था।
जैसे-जैसे सोनू का लण्ड झटके ख़ाता, दीपा का मन उछल जाता।
माहौल इस कदर गरम हो चुका था कि सोनू को पता नहीं चला कि कब उसका हाथ पीछे से दीपा की कमर पर आ गया..!
जैसे ही दीपा की कमर पर सोनू का हाथ पड़ा, दीपा का पूरा बदन काँप गया।
सामने उसके पिता का लण्ड उसकी नई सौतेली माँ हिला रही थी और नीचे सोनू का लण्ड झटके खा रहा था। जिसे देख कर जवान कोरी चूत में सरसराहट होने लगी।
सोनू का हाथ दीपा की कमर पर रेंग रहा था और दीपा का पूरा बदन मस्ती भरे आलम में थरथर काँप रहा था।
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