RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
राज अपनी मम्मी के गोरे-गोरे भरे हुए गालो को और उसके रसीले होंठो को देख रहा था और अपने मन में सोच रहा था मम्मी तुम तो बला की खूबसूरत हो आज तक पता नही मेने तुम्हे उस नज़र से क्यो नही देखा, एक बार तुम मेरी बाँहो में पूरी नंगी होकर आ जाओ तो में सारी रात तुम्हारी ऐसी कस कर चुदाई करूँगा कि तुम मस्त हो जाओगी,
राज - अपनी मम्मी की कमर में हाथ फेरता हुआ, क्या सोच रही हो मम्मी
रजनी- कुछ नही बेटे, पर तू मुझे इस तरह क्यो देख रहा है क्या मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या
राज - मुस्कुराता हुआ, नही मम्मी में तो यह देख रहा हूँ कि आप कितनी खूबसूरत लगती हो
रजनी- क्यो मज़ाक कर रहा है अपनी मम्मी से
राज - नही मम्मी में सच कह रहा हूँ, आप के गाल कितने भरे हुए है मेरा दिल कर रहा है कि आपके गालो को चूम लूँ और फिर राज अपनी मम्मी के गालो को चूम लेता है
रजनी- अपने गाल पर हाथ फेरती हुई, मुस्कुराकर क्या बात है आज अपनी मम्मी पर बड़ा प्यार आ रहा है
राज - में तो हमेशा से अपनी मम्मी से प्यार करता आया हूँ, मम्मी आप मेरे बालो में अपनी उंगलिया फेरो ना में सो जाता हूँ, जब आप अपनी उंगलिया मेरे बालो में चलती है तो मुझे बहुत जल्दी नींद आती है
रजनी- मुस्कुराकर राज के सर को अपने सीने से दबा लेती है और राज अपने मुँह को अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध में भर देता है और अपनी मम्मी के गदराए जिस्म से उठती हुई मादक खुश्बू को लेने लगता है, रजनी प्यार से राज के बालो में उंगलिया चलाने लगती है और राज धीरे से अपनी मम्मी की मोटी जाँघो पर अपनी एक टाँग लाद कर उसकी पीठ पर अपना हाथ लेजा कर उसे अपने से चिपका लेता है,
राज और रजनी दोनो चुप चाप लेते रहते है राज धीरे से अपनी मम्मी के मोटे और गदराए चुतड़ों पर अपने हाथ ले जाकर फेरने लगता है और उसका मोटा लंड उसकी मम्मी की गुदाज मस्तानी गान्ड के अहसास से खड़ा हो जाता है उधर रजनी की फूली चूत भी अपने जवान बेटे के स्पर्श से गीली होने लगती है, दोनो एक दूसरे से चिपके हुए मज़ा लेते रहते है और दोनो में से किसी की आँखो में नींद नही होती है,
राज का मोटा लंड अपनी मम्मी के भारी शरीर से चिपके होने की वजह से झटके मारने लगता है और अचानक उससे कंट्रोल नही होता है और एक बार तो उसका हाथ अपनी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड की गुदा को सहला देता है फिर अचानक उसे अहसास होता है कि कही मम्मी नाराज़ ना हो जाए और वह फिर से अपने हाथ को अपनी मम्मी की मुलायम फूली हुई गान्ड पर फेरने लगता है राज ने महसूस किया था कि उसकी मम्मी साड़ी के अंदर पेंटी नही पहनती थी इसलिए उसे अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की गहरी गुदा को सहलाने में मज़ा आ गया था और वह यह भी सोच रहा था कि मम्मी की गुदा को सहलाने पर भी मम्मी चुपचाप लेटी रही, ज़रूर मम्मी को भी मज़ा आया होगा तभी तो उसने कोई रिप्लाइ नही किया,
थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद
रजनी- बेटे तू आराम से सो जा में उधर मुँह कर लेती हूँ
राज - ठीक है मम्मी
और फिर रजनी दूसरी और मुँह करके अपनी गदराई गान्ड को अपने बेटे के लंड की तरफ कर देती है, राज अपने मम्मी की मोटी गान्ड से कस कर चिपकते हुए अपने पैर को उसकी मोटी-मोटी गदराई जाँघो पर चढ़ा लेता है और अपने हाथ को अपनी मम्मी के आगे उसके गदराए और उठे हुए पेट पर लेजा कर सहलाने लगता है जब वह अपनी मम्मी के गुदाज गदराए उठे हुए पेट को सहलाता है तो उसका लंड झटके मारने लगता है और राज को अपनी मम्मी के पेट को सहलाने में बहुत मज़ा आने लगता है,
राज अपने मन में सोचते हुए, हाय मम्मी तुम्हारा पेट कितना उठा हुआ है यह उठाव तुम्हारे पेट में लंड खा-खा कर आ गया है और अपनी मम्मी की नाभि और उसके उपर के हिस्से में हाथ फेरता हुआ सोचता है मम्मी जब में अपना मोटा लंड तुम्हारी फूली हुई चूत में डालूँगा तब मेरा लंड लगभग यहाँ तक आ जाएगा, राज धीरे से अपने हाथ को उसके पेट से थोड़ा उपर ले जाता है लेकिन उसकी हिम्मत अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध को सीधे-सीधे पकड़ने की नही होती है और वह चुपचाप उसके उठे हुए गदराए पेट को सहलाता हुआ लेटा रहता है
दोनो लगभग 2 घंटे तक जागते हुए पड़े रहते है लेकिन आगे बढ़ने का साहस किसी में नही था, कुछ देर बाद रजनी उठ कर बैठ जाती है और राज अपनी आँखे बंद कर लेता है,
रजनी- राज के गालो को सहलाते हुए मुस्कुराकर बेटा चाइ पिएगा
राज - अपने आँखे खोल कर अपनी मम्मी की गदराई जवानी को उसी की आँखो के सामने घूरते हुए, उसके मोटे-मोटे दूध को देख कर पिला दो मम्मी
रजनी- मुस्कुराकर राज के उपर झुक कर उसके गालो को चूम लेती है, ऐसा करने पर उसके दोनो मोटे-मोटे दूध का वजन राज की छाती पर महसूस होता है और वह मस्त हो जाता है, रजनी बेड से उठ कर अपनी गदराई मोटी गान्ड को मटकती हुई बाहर जाने लगती है और राज बड़ी हसरत भरी निगाहो से अपनी मम्मी के भारी-भारी चुतड़ों को देखने लगता है,
राज अपने मन में मम्मी को देख कर लगता तो है कि वह कुछ बेचैन है पर अगर में उसको पकड़ कर दबोच लेता हूँ तो पता नही अपनी चूत मरवाएगी या नही, पर में कन्फर्म कैसे करूँ कि वह भी मुझसे चुदने के लिए तड़प रही है, खैर देखते है क्या होता है, थोड़ी देर बाद रजनी चाइ लेकर आ जाती है और राज को देते हुए उसके पास बेड पर बैठ जाती है,
रजनी बेड पर बैठी हुई चाइ पीती रहती है और राज अपनी मम्मी का गदराया हुआ थोड़ा साल खाया हुआ पेट देखता रहता है
रजनी- मुस्कुरा कर क्या देख रहा है बेटा
राज - मुस्कुराकर अपनी मम्मी के गदराए पेट पर हाथ फेरता हुआ उसकी गहरी नाभि में उंगली डाल कर फिर उसके पेट को अपने हाथो से दबोचते हुए, मम्मी आपका पेट कितना मुलायम और सॉफ्ट है मुझे बहुत अच्छा लगता है
रजनी- मुस्कुराते हुए बेटे जब औरते माँ बन जाती है तो उनका पेट ऐसे ही उठ कर थोड़ा बाहर निकल आता है
राज - अपनी मम्मी के पेट पर हाथ फेरता हुआ उसकी आँखो में देख कर, पर मम्मी आपका पेट तो बहुत ही मुलायम और उठा हुआ है मुझे इस पर हाथ फेरने में बहुत अच्छा लगता है
राज रजनी के पूरे नंगे पेट पर हाथ फेर कर बाते कर रहा था और रजनी की फूली हुई चूत अपने बेटे की बाते सुन कर बैठे-बैठे ही पानी चोदने लगी थी,
रजनी- बेटे में मोटी हो गई हूँ ना
राज - अपनी मम्मी को उपर से नीचे तक प्यासी नज़रो से उसी के सामने देखता हुआ, नही मम्मी आप तो बहुत अच्छी लगती हो और अपने मन में, मम्मी आप तो पूरी मस्त चोदने लायक हो एक बार अगर पूरी नंगी हो जाओ तो सचमुच में यहीं अपना पानी छोड दूँगा, जब तुम्हारा पेट इतना गुदाज और उठा हुआ है तो फिर तुम्हारी फूली हुई चूत कितनी गदराई और फूली हुई होगी
रजनी- चाइ का कप रख कर बेटे एक बार और फेर ना अपना हाथ मेरे पेट पर
राज - मुस्कुराकर क्यो आपको अच्छा लगता है क्या
रजनी- हाँ
राज - अच्छा आप मेरे सामने आकर खड़ी हो जाओ फिर में फेरता हूँ
रजनी राज के सामने खड़ी हो जाती है और उसकी साड़ी उसकी नाभि से 2 इंच नीचे बँधी होती है राज एक हाथ को अपनी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड से लगा कर दूसरे हाथ से अपनी मम्मी के मुलायम पेट को सहलाने लगता है और रजनी मस्त होने लगती है,
राज बेड पर पेर लटकाए अपनी मम्मी को अपने सामने खड़ी करके उसके पेट को अपने हाथ की हथेलियो से पकड़ कर मसल्ते हुए वाकई मम्मी बहुत हो मुलायम पेट है आपका और फिर राज अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के दोनो पाटो को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी मम्मी के पेट को जब अपने मुँह से चूमता है तो उसे एक पल तो ऐसा लगता है जैसे वह अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को चूम रहा है,
अपने बेटे द्वारा अपना गुदाज पेट चूमने से रजनी की आँखे एक दम से बंद हो जाती है और राज लगातार अपनी मम्मी का पेट सहलाता रहता है और रजनी की मस्तानी चूत अपने बेटे द्वारा सहलाए जाने से फूल कर पानी-पानी हो रही थी,
तभी रश्मि रूम के अंदर आ कर
रश्मि- क्या हो रहा है यह
रश्मि को एक दम से देख कर रजनी घबरा जाती है और फिर
राज - कुछ नही गुड़िया रानी मम्मी के पेट में दर्द है वही देख रहा था
रजनी- राज के जवाब पर उसको आश्चर्य से देखने लगती है और फिर थोड़ा मुस्कुराकर बेटे तू एक काम कर मेरे पेट की थोड़ी मालिश कर्दे शायद दर्द ख़तम हो जाए
रश्मि- राज को देख कर भैया आप मम्मी के पेट की मालिश करो में ज़रा नेहरू पार्क से आती हूँ, अभी
कोमल का फोन आया था वह वही मुझे बुला रही है और फिर रश्मि राज को आँख मारती हुई बाहर निकल जाती है
राज - खड़ा होकर अपनी मम्मी की दोनो बाँहो को पकड़ कर, मम्मी क्या सच में आपका पेट दर्द कर रहा है
रजनी- हाँ बेटे इसीलिए तो मेने तुझे सहलाने के लिए कहा था
राज - अच्छा चलो आप लेट जाओ में आपके पेट को थोड़ा दबा देता हूँ शायद आराम मिल जाए
रजनी- बिना कुछ कहे बेड पर लेट जाती है और अपनी साड़ी को थोड़ा और नीचे सरका लेती है
राज का मोटा लंड अपनी मम्मी का गुदाज उठा हुआ पेट और गदराई जवानी देख कर तन जाता है और वह अपनी मम्मी के पास बैठ कर उसके मसल गोरे-गोरे उठे हुए पेट को अपने हाथो से सहलाते हुए दबोचने लगता है, रजनी की चूत फूल कर कुप्पा हो जाती है और वह अपनी आँखे बंद किए हुए दर्द का बहाना करती हुई आह हाँ बेटे यही नाभि के थोड़ा नीचे ही ज़्यादा दर्द है,
राज अपनी मम्मी के पेट को अपने सख़्त हाथो से खूब कस-कस कर दबोच रहा था और उसका लंड अपनी मम्मी की नंगी फूली हुई चूत की कल्पना कर-कर के पागल हो रहा था, उसका मन कर रहा था कि अभी अपनी गदराई मम्मी के उपर चढ़ कर खूब कस-कस कर उसकी चूत मार दे, उसकी मम्मी के दूध ब्लौज फाड़ने को तैयार दिख रहे थे वह राज को लगभग नंगी ही नज़र आ रही थी, रजनी अपनी आँखे बंद किए हुए अपने बेटे के मोटे लंड के बारे में सोच रही थी और अपने मन में बेटे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने मोटे लंड से उसकी चूत को खूब कस कर चोद दे बेटा में बहुत तड़प रही हूँ तेरे मोटे लंड से चुदने के लिए
रजनी- बेटे एक काम कर तू भी मेरे पास लेट कर मेरा पेट सहला दे बैठे-बैठे कब तक करता रहेगा
राज अपनी मम्मी से चिपक कर लेट जाता है और उसके गुदाज पेट को अपनी हथेलियो में भर-भर कर सहलाने लगता है और अपनी मम्मी के रसीले होंठो को देख कर उसका मन करता है कि अभी उसके रस भरे होंठो को अपने मुँह में भर कर खूब कस-कस कर चूसे, वह अपने मन में सोचता है मम्मी आज रात को तुम सो जाओ उसके बाद आज में तुम्हारे मस्त फूले हुए भोस्डे को ज़रूर देखूँगा कितनी गदराई चूत होगी तुम्हारी और फिर राज अपनी मम्मी से कस कर चिपक जाता है और रजनी भी उसे अपनी बाँहो में भर लेती है, दोनो काफ़ी देर तक चिपके हुए पड़े रहते है, फिर रजनी उठ कर बैठ जाती है और
राज - क्या हुआ मम्मी ज़्यादा दर्द कर रहा है क्या
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