RE: Maa Bete ki Vasna मेरा बेटा मेरा यार
"अरे मेरा मतलब......यार वो इतना जवान है.....और सारा दिन कमरे में घुसा है........इस उम्र में तो लड़के लड़कियो के पीछे घूमते हैं" पतिदेव ने अचानक से चुदाई रोक दी।
"अच्छी बात है ना इसमें बुरा क्या है" मैं नीचे से अपनी कमर हिलाती बोली।
"यार तुम बात को समझ करो.......उसक इस तरह एकांत को पसंद करना ठीक नहीं ......" पतिदेव अचानक मेरी आँखों में देखते बोले। वो खासा सीरियस थे।
"क्या मतलब?"
"इस तरह दुनिया से कट जाना......इसके दो ही कारन हो सकते हैं.....या तो किसी लड़की ने उसका दिल तोड़ दिया है जा फिर जा फिर...."
"या फिर क्या?" मैं उत्सुकतावश पूछ बैठी।
"या फिर कहीं वो गे तो नही है" पतिदेव के मुंह से वो बात निकलते ही मैं हंसने लगी।
"आप भी ना......गे और वो......माय गॉड......." हंसी से मेरा बुरा हाल हो गया था।
"इसमें हंसने की कोनसी बात है?" मेरे पती ने मेरे कूल्हों पर ज़ोरदार चपत लगते हुए कहा।
"और क्या.....गे...... हमारा बेटा गे है......." मैं और भी ज़ोर से हंसने लगी। पतिदेव भी मुस्करा उठे।
"तो तुम्हे क्या लगता है?"
"मुझे क्या लगता है.....मैं बताती हूँ....मगर आप जरा अपने लन्ड को तो हरकत दीजिये......आप तो अपनी मर्दानगी दिखाने वाले थे" मेरे ताने पर पतिदेव ने फिर से घस्से लगाने शुरू कर दिए।
"हुंह यह हुयी ना बात......आपका लंड जब मेरी चूत को यूँ रगड़ता है तो मेरा दिमाग बहुत तेज़ चलता है........"
"दिमाग तो मालूम नहीं मगर जब भी तेरी भीगी चूत को चोदता हूँ तो ऐसा आनंद आता है के लगता है जन्नत बस तेरी टांगो के बीच ही है" मेरे पतिदेव अपनी पसंदीदा लाइन बोलते हुए अपना चेहरा झुकाकर मेरे होंठो को चूमते है।
"हुम्म....बहुत चालू हैं आप भी"
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