RE: Muslim Sex Stories खाला के संग चुदाई
कुछ देर तक हम दोनो एक दूसरे को इसी तरह देखते रहे फिर मैने हिम्मत कर बोला..... सॉरी मुझे नही पता था कि तुम यहाँ हो.. मैं तो मामी को ढूँढ रहा था.. उसने शरम से लाल होते फेस के साथ मुझे देखा ऑर आहिस्ता से बोली.... वो वो वो मामी तो यहाँ नही हैं..
मैं परेशानी से इधर उधर नज़रें घुमाने लगा और उस से पूछा फिर मामी कहाँ हैं... उसने इधर उधर देखा ऑर मुझे कहा.... यहाँ ही हों गी...
मैं चुन्कि रूम के डोर के बिल्कुल सामने खड़ा था ऑर डोर ओपन कर के रूम की दहलीज़ पर खड़ी हुई.. तक़रीबन एक मिंट तक हमारे दरमियाँ कोई बात ना हुई.. मैं उस से बात करना चाहता था उस को दिल भर के देखना चाहता था उस से मुहब्बत का इज़हार करना चाहता था मगर उस टाइम मेरे हलक़ से आवाज़ ही नही निकल रही थी... मेरी ज़ुबान जैसे बंद हो गई थी...
वो भी बार बार मेरी तरफ देख रही थी जैसे मेरी तरफ से किसी बात की मुंतज़ीर हो मगर मुझे समझ नही आ रहा था कि उस से क्या कहूँ.. हम दोनो नीचे ज़मीन पर देख रहे थे जिस वजह से उसके खुल्ले हुए बाल थोड़े से उसके फेस पर भी आ गये थे... उसने अपने राइट हंड की उंगली से अपने बाल अपने इयर्स के पीछे किए ऑर मेरी साइड से होती हुई डोर से बाहर निकल गई... जाते जाते वो अपना हाथ मेरे हाथ से टच कर गई.....
उस ने अभी एक 2 क़दम ही लिए होंगे कि मैने उसको आवाज़ दी... सबीन..... उसके क़दम रुक गये ऑर उस ने पीछे मूड कर मुझे देखा मगर ज़ुबान से कुछ ना बोली...
मैने अपने अंदर हिम्मत पैदा कर के पूछ ही लिया..... वुवू वू तुम ने मुझे जवाब नही दिया था...
वो अंजान बनते हुए बोली... किस बात का जवाब..
अब मैं उसको क्या बोलता... पता नही क्यू... मैं अपनी मामी ऑर खाला के साथ हर क़िसम की बात कर सकता था लेकिन इस कल की लड़की के सामने मुझसे बात नही हो रही थी.... मेरा हलक खुश्क था... मैने बहुत मुश्किल से अपने मुँह मे थूक जमा कर के निगला ऑर उस से फिर बोला...वो जो मैने एक बात की थी आप को...
उस ने सिर को हल्का सा हिलाया जैसे मुझसे पूछ रही हो कि.... कौनसी बात...
हम दोनो ऐसी जगह पर खड़े थे कि उस साइड पर बहुत कम ही आता था.. मगर फिर भी डर के मारे मेरी गान्ड फटी हुई थी कि कोई आ ना जाए.. मैने इधर उधर देखा ऑर एक क़दम आगे बढ़ा कर उसके सामने गया ऑर उसको बोला कि कल मैने तुम्हे एक पेपर दिया था...
उस का फेस शरम से सुर्ख हो गया.. वो कुछ बोल नही रही थी ऑर मैं परेशान नज़रो से उसको देख रहा था.. जब कुछ बात नही कर रही थी तो मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया ऑर मैं वहाँ से जाने लगा.... उस ने मेरे फेस पर गुस्सा देख लिया था. वो भागती हुई मेरे पास आई ऑर जल्दी से मुझे कहा.... मेरी तरफ से हाँ है...
मेरे क़दम रुक्क गये ऑर वो भागती हुई वहाँ से चली गई..... मैने उसे आवाज़ भी दी मगर वो नही रुकी.... मैं बहुत खुश हुआ.. मेरा बस नही चल रहा था कि मैं जाऊ ऑर सब के सामने जा कर उसको अपने सीने से लगा लूँ.. लेकिन अभी मुझ मे इतनी हिम्मत नही आई थी....
मैं भी वहाँ से ड्रॉयिंग रूम मे आया तो सबीन वहाँ बैठ कर अपनी एज की एक लड़की से कान मे कुछ बोल रही थी... मैने एक नज़र पूरे ड्रॉयिंग रूम मे दौड़ाई ऑर एक सोफे पर मुझे मामी बैठी हुई नज़र आई..
मामी ने मुझे आवाज़ दे कर अपने पास बुलाया ऑर मैं वहाँ जा कर उनके पास बैठ गया....
सबीन ऑर उसकी फ्रेंड बार बार मुझे देख रही थी ऑर मैं भी मामी से नज़र बचा कर उसकी तरफ देखता ऑर स्माइल कर देता...
मैं मामी के पास बैठा तो मामी मुझसे अंबर खाला के बारे मे पूछने लगी कि अंबर क्या कर रही थी ऑर सोबिया कब आई थी.. मैने मामी को सब कुछ बताया (सिवाए सेक्स के) ऑर फिर से आँख बचा कर सबीन को देखने लगा.. वो भी कभी कभी मेरी तरफ देख लेती.. वो जिस अंदाज़ मे मेरी तरफ देख रही थी, मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था.....
मैं यहाँ पर जब से आया था किसी ने मुझे पानी तक का नही पूछा था.. आख़िर कार मैने खुद ही मामी से कहा.... मामी, पानी मिले गा... मामी ने मेरी बात सुन कर इधर उधर नज़रें घुमाई ऑर उनकी नज़र सबीन पर जा कर टिक गई.. उन्होने सबीन को आवाज़ दी ऑर कहा.... सबीन जाओ जा कर अयान के लिए पानी ले कर आओ ज़रा... कम आज़ कम बंदा किसी को पानी का ही पूछ लेता है...... सबीन उठ खड़ी हुई ऑर मामी की तरफ देख कर बस इतना बोली.... अच्छा खाला......(वो मामी की भांजी थी)......... सबीन रूम से बाहर निकल गई मगर बाहर जाते जाते उस ने जिस अंदाज़ से मेरी तरफ देखा था.. मेरा दिल धड़कना बंद हो गया था.... ऑर मुझे उसकी नज़रो से ऐसा लगा जैसे वो मुझे बुला रही हो..... या शायद मैं ग़लत था.... उस वक़्त मुझे कुछ नही पता था.. ये सच था कि मैं 2, 2 लॅडीस के साथ सेक्स कर चुका था मगर ज़िंदगी के उतार चढ़ाव से अभी भी ना वाक़िफ़ था..... मैं उसके पीछे जाना चाहता था मगर समझ नही आ रहा था कि कैसे जाऊ.... मेरे शैतानी दिमाग़ मे एक आइडिया आया ऑर मैने मामी के कान मे कहा.... मामी मैं वॉशरूम से हो कर आता हूँ... मामी ने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा ऑर कहा कि .... अच्छा जाओ.... ऑर फिर से बातों मे लग गई......
दोपहर का टाइम था ऑर गर्मी की वजह से सब लोग रूम्स मे थे... कोई भी बाहर नही था तो मैने सोचा कि क्यू ना उस से थोड़ी सी बात कर ली जाए.... मैं ड्रॉयिंग रूम से बाहर निकला ऑर सीधा किचन की तरफ गया, जब मैं किचन मे गया तो सबीन फ्रिड्ज से बरफ निकाल कर शरबत बना रही थी.. उसकी बॅक मेरी तरफ थी ऑर उस ने अभी तक मुझे नही देखा था... मैं किचन के दरवाज़े पर खड़ा हो कर उस को देखने लगा.. कुछ सेकेंड इसी तरह खड़े रहने के बाद मैने हल्की सी खाँसी की तो उस ने घबरा कर एक दम से पीछे देखा... वो मुझे किचन मे देख कर बहुत हैरान हुई ऑर जल्दी से दरवाज़े की तरफ आई ऑर दरवाज़े से सिर निकाल कर बाहर देखने लगी.. पता नही उस ने बाहर क्यू देखा था... शायद उससे किसी के आने का डर था........
मुझे इतना अंदाज़ा था कि हम दोनो को अगर कोई किचन मे देख भी लेता तो कोई ऐतराज़ नही करता... क्योंकि अभी हमारी आगे इतनी थी ही नही कि किसी को हम पर शक होता..... सब लोग हमे बच्चों की नज़र से ही देखते मगर हम लोग बचपन से टी.वी ऑर मूवीस देखते आ रहे थे इसलिए हम लोगो मे भी मूवीस के कीटाणु पाए जाते थे ऑर हमे इस एज मे इतना भी पता था कि ये प्यार मुहब्बत ओर सेक्स क्या होता है..... मगर हमारे बड़े अभी हमे इस नज़र से नही देखते थे.....
सबीन ने बाहर देख कर मेरी तरफ देखा तो परेशान से बोलने मे बोली.... मैं पानी ला रही थी ना वहाँ पर.... तुम यहाँ क्यू आ गये... मैने कुछ ना बोला ऑर उसी तरह उसको देखता रहा (असल बात ये थी कि मैं जब भी उसके सामने जाता था मेरी आवाज़ ही नही निकलती थी).... मेरी खामोशी शायद उसको बुरी लग रही थी.. उस ने नाक मुँह चढ़ा कर मुझे देखा ऑर बोली... अयान तुम वहाँ जाओ, मैं पानी ले कर आती हूँ.... कोई आ जाएगा ना यहाँ....
वो बहुत घबरा रही थी.. ऑर मैने उसको परेशान करना मुनासिब ना समझा.... मैने उसको सिर्फ़ इतना कहा कि तुम ने कोई जवाब नही दिया... वो कभी मेरी तरफ देख रही ऑर कभी दरवाज़े से बाहर.... मैने फिर से उसका नाम लिया... सबीन...... उसने फिर मुझे देखा ओर कहा... मैने जवाब दे तो दिया है....
मैने कहा.... नही ऐसे नही... जेसा मैने बोला था वैसे बोलो....
वो परेशान होते हुए... अयान प्लीज़ यहाँ से जाओ... अगर मेरी अम्मी आ गईं तो मेरी शामत आ जाए गी...
मुझे भी हालात की नज़ाकत का अंदाज़ा हो गया ऑर मैने उसकी मिन्नत करते हुए कहा... सबीन प्लीज़ सिर्फ़ एक बार........ प्लीज़...... उसने मेरी तरफ देखा ऑर बोली.... आइ लव यू..............
दोस्तो मैं आप लोगो को लफ़्ज़ों मे बयान नही कर सकता कि उस वक़्त मेरी फीलिंग क्या थी.. मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मैं कोई मूवी देख रहा हूँ.... अभी सॉंग स्टार्ट हो जाए ऑर मैं सबीन का हाथ पकड़ कर डॅन्स करना शुरू कर दूं. कभी उसको बाँहो मे लूँ ऑर कभी उस को गोद मे उठा लूँ.... मैं हवा मे उड़ रहा था क्योंकि ये मेरी ज़िंदगी का वो लम्हा था, जो लफ़ज़ो मे बयान हो ही नही सकता.... बस मैं सिर्फ़ इतना कह सकता हूँ कि जो खुशी मुझे उस टाइम हो रही थी.. वो आज से पहले कभी मुझे महसूस नही हुई थी.....
सबीन ने मेरा बाज़ू पकड़ा ऑर मुझे किचन से बाहर धक्का देते हुए कहा... प्लीज़ अब तो जाओ ना...
मैने सबीन की तरफ प्यार भरी नज़रो से देखा ऑर वहाँ से निकल कर वॉशरूम चला गया..... जब वॉशरूम से फ्री हो कर मैं ड्रॉयिंग रूम मे आया तो सबीन मामी के पास बैठी हुई थी. ऑर टेबल पर शरबत का जग पड़ा हुआ था... मामी ने मुझे देखा ऑर कहा... अयान आ जाओ..यहाँ बैठ जाओ.... मैं वहाँ बैठ गया तो सबीन ने एक ग्लास मे शरबत डाला ऑर मुझे देने लगी... मैने उसके हाथ से शरबत लिया ऑर आहिस्ता से उसके हाथ को अपने हाथ से टच कर लिया.... मेरी इस हरकत को किसी ने नोट नही किया मगर सबीन के फेस पर एक स्माइल आ गई.. ऑर मैं शरबत पीने लगा...
मैने मामी से पूछा कि मामू कहाँ है... मामी ने कहा.. तुम्हारे मामू फ़ैसलाबाद गये हुए हैं वो कल आएँ गे.... मामी की बात सुन कर मैं खामोश हो गया... सब आपस मे बातें कर रहे थे ऑर मैं चोरी चोरी, चुपके चुपके सबीन को देख कर मुस्कुरा रहा था.. वो भी कभी कभी ज़ालिम नज़रो से मुझे देख ही लेती थी......
कुछ देर इसी तरह बातें चलती रही ऑर फिर मामी ने कहा..... मैं थोड़ा रेस्ट करती हूँ.. नींद पूरी ही नही हुई अभी तक..... ये कहते कर मामी उठ खड़ी हुई ऑर मुझे भी कहा... अयान चलो तुम भी थोड़ी देर आराम कर लो.. जब धूप थोड़ी कम हो जाए तो फिर चले जाना.....
हम लोग ड्रॉयिंग रूम से निकले ऑर मामी मुझे एक रूम मे ले आई.....
मामी मुझे उसी लास्ट वाले रूम मे ले आई थी जहाँ कुछ देर पहले मैं खड़ा था... रूम मे आते ही मामी ने अपना दुपट्टा उतार कर बेड पर फेंक दिया ऑर मुझे कहा के अयान रूम लॉक कर दो.. अब यहाँ कोई नही आएगा... मैने मामी की तरफ देखा तो उनके चेहरे पर शेतानी मुस्कुराहट नाच रही थी....
मैने भी रूम लॉक किया ऑर बेड के पास आ कर खड़ा हो गया. मामी ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अपने उपर गिरा लिया.... उन्होने मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रखे ऑर मुझसे किस्सिंग करने लगी.. आहिस्ता आहिस्ता मैं भी किस्सिंग मे मामी का साथ देने लगा... ऑर अपना हाथ नीचे ले जा कर उनकी चूत को शलवार के उपर से रगड़ने लगा... मामी भी हॉट होती जा रही थी ऑर मेरा लंड लंड भी खड़ा होता जा रहा था...
मामी मुझे जल्दी जल्दी किस्सिंग कर रही थी. मुझे लग रहा था कि आज मामी ज़्यादा देर नही लगाना चाहती ऑर जल्दी से मुझसे चुद जाना चाहती हैं....
मैने भी तेज़ी दिखाई ऑर मामी की शलवार के अंदर हाथ डालने की कोशिश की..... उन्होने आज लास्टिक वाली शलवार पहनी हुई थी.. मैने अपना हाथ अंदर के उनकी चूत पर अपनी उंगली मूव करने लगा.. कभी कभी मैं उनकी चूत के दाने को भी मसल देता..... जिस से वो सस्सास्स्स्स्सिईइ को आवाज़ निकाल देती... मैने अपनी उंगली उनको चूत के होल मे एंटर की तो मेरी उंगली उनकी चूत की चिकनाई से ईज़िली अंदर बाहर होने लगी...
अभी मैं उनकी उंगलियाँ कर ही रहा था कि मामी ने मेरा हाथ रोक लिया ऑर मुझे अपने उपर से उठा कर कहा....अयान जल्दी से कपड़े उतारो... मैने अपनी कमीज़ उतारी ऑर मामी मेरे सामने बैठ कर अपने कपड़े उतारने लगी... मामी ने पहले शलवार उतारी ऑर फिर कमीज़... उन्होने आज ब्रा नही पहना था जिसकी वजह से कमीज़ उतारते ही उनके मम्मे उछल कर मेरे सामने आ आ गये .... मैं भी अपने कपड़े उतार चुका था... मैने मामी के मम्मो को हाथ मे पकड़ा ऑर उनको दबाते हुए निपल को अपनी उंगली से मसल रहा था... मामी हॉट होने लगी थी उनको साँसे तेज होने लगी थी.. उन्होने मेरे सिर को पकड़ा ऑर अपने मम्मो की तरफ खेंचने लगी... मैं ने भी अपना मुँह खोला ऑर उनके मम्मो को मुँह भर भर के चूसने लगा.....
कुछ देर तक मामी ने मम्मे चुसवाने के बाद मुझे बेड पर सीधा लेटने को कहा ऑर खुद मेरे लंड पर अपना मुँह रखा ऑर मेरे लंड को अपने मुँह मे अंदर बाहर करने लगी.... मामी के मुँह की तपिश ना क़ाबिल ए बर्दाश्त थी ऑर मेरे मुँह से उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जेसी आवाज़ निकली.... मामी को लगा कि शायद मैं डिसचार्ज हो जाऊगा तो उन्होने मेरे लंड को छोड़ा ऑर अपनी लेग्स मेरी जाँघ के इर्द गिर्द बेड पर रखी. मेरे लंड को अपनी चूत के होल पर अड्जस्ट करने के बाद वो पूरा वज़न डाल कर मेरे उपर बैठ गई.... मेरा लंड मामी की चिकनी चूत के अंदर तक चला गया ऑर मामी के मुँह से आआआआआआआअहह. ओफफफफफफफफफफफफफफफफ़फ्र की आवाज़ निकली...
मामी ने अपने हाथ मेरे सीने पर रखे ऑर मेरे लंड पर उपर नीचे होने लगी...... मामी की आँखे बंद थी ऑर वो उपर नीचे हो रही थी... मेरे लिए रियल लाइफ मे ये स्टाइल न्यू था तो मैं मामी को अपने लंड पर उपर नीचे होती हुए देखने लगा..... मामी के मम्मे ज़ोर ज़ोर से उछल रहे थे... उनके मम्मो का डॅन्स देख कर मैने उनके मम्मो पर हाथ रखा ऑर उनको दबाने लगा.... जब मैने मम्मो को दबाना शुरू किया तो मामी के उपर मीचे होने की रफ़्तार मे इज़ाफ़ा हो गया.... उन्होने अपने हाथ मेरे सीने पर से हटा कर अपने मम्मो पर हाथों पर रखे ऑर मेरे हाथ की मदद से अपने मम्मो को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी... अब मामी के उपर नीचे होने के साथ साथ मैं भी अपनी गान्ड को उठा उठा कर मामी की चूत के लंड डाल रहा था....
कुछ देर बाद मामी मेरे लंड पर बैठी बैठी ही अपने आप को आगे की तरफ झुकाए ऑर मेरे लिप्स पर किस्सिंग करने लगी.... किस्सिंग करने से मेरे अंदर आग लग गई ऑर मैं मामी के नीचे लेटे लेटे उनको घस्से मारने लगा.... अचानक मुझे महसूस हुआ कि मामी की चूत मेरे लंड पे टाइट हो गई है ऑर उनकी चूत की दीवारो ने मेरे लंड को जकड लिया है... मामी की किस्सिंग ऑर घस्सो की रफ़्तार मे इज़ाफ़ा हुआ.... उनके जिस्म ने एक दो झटके खाए ऑर अपने आप को ढीला छोड़ के सारा वज़न मुझ पर डाल दिया... मैने मामी की कमर के गिर्द हाथ घुमा कर उनको अपने साथ टाइट हग किया ऑर झटके मारते मारते मेरे लंड से खोलता हुआ पानी निकला जो क़तरे क़तरे की सूरत मे मामी की चूत को सेराब करने लगा..
मेरे लंड ने जब तक अपना आखरी क़तरा नही निकाल लिया. मैं इसी तरह उनको हल्के हल्के झटके मारता रहा, जब मेरे लंड ने अपना सारा पानी मामी की चूत मे निकाल लिया तो मेरी भी हवा निकल गई ऑर मैने भी अपने आप को ढीला छोड़ दिया. मैं लंबे लंबे साँस ले कर अपने आप को नॉर्मल करने लगा.....
कुछ देर तक इसी तरह रहने के बाद मामी ने मेरे शोल्डर्स से अपना सिर उठाया,, मेरी तरफ प्यार भरी नज़रो से देखते हुए मुझे एक ज़ोरदार किस की ऑर मेरे उपर से उतर कर साइड पर लेट गई.
मैने मामी तरफ़ करवट ली ऑर उनके बाज़ू पर सिर रखा ऑर उनके मम्मो के निपल से खेलने लगा.... मामी मेरे बालों मे अपनी उंगली मूव कर रही थी. इस एज मे एक ही दिन मे इतनी बार चुदाई कर के मैं थक गया था... मुझे नींद आने लगी, मैने अपने कपड़े पहने ऑर मामी के बाज़ू पर लेटे लेटे मेरी आँख लग गई...
मैं सोया हुआ था.. मुझे ऐसा लगा कि शायद कोई मुझे हिला कर जगाने की कोशिश कर रहा हो... आहिस्ता आहिस्ता जब मेरा ज़हन बेदार हुआ तो हिलाए जाने की वजह से मेरी आँख खुल गई...
कुछ लम्हो तक नींद की हालत मे रहने के बाद जब मैं मुकम्मल तोर पर जाग गया तो मैने देखा कि सबीन मेरे पास खड़ी थी ऑर मुझे मुस्कुरा कर देख रही थी ..... मैने इधर उधर नज़रें दौड़ाई तो रूम मे हम दोनो के अलावा कोई ऑर मोजूद नही था....... मामी जा चुकी थी..
सबीन ने मेरी तरफ देखते हुए कहा.... तोबा है यार कितनी गहरी नींद सोते हो आप. मैं कब से आप को जगा रही हूँ मगर आप तो जागने का नाम ही नही ले रहे थे ...... मैने उस से मामी का पूछा तो उस ने कहा वो बाहर सहन मे हैं. उन्होने ही मुझे आप को जगाने को कहा था....
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