RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--39
गतान्क से आगे......................
हरिया ने बंदूक की नोक से मम्मी का मूह अपनी ओर करते हुए कहा, चलो रानी अब तुम अपना ब्लौज उतारो,
रति- नही उतारुँगी चाहे तू मेरी जान ले ले,
हरिया- देखो रानी हमे खून ख़राबा कतई पसंद नही है पर अगर तुम हमारी बात जल्दी से नही मनोगी तो
देखो अभी मेरे 8-10 आदमी उधर दूसरी तरफ है उन्हे बुला लूँगा तो वह खुद ही तुम्हारे सारे कपड़े फाड़ कर
अलग कर देंगे,
अब तुम ही बताओ खुद उतारोगी या उतरवाना पड़ेगा,
रति- देखो ऐसा मत करो वह मेरा बेटा है उसके सामने तुम और फिर मम्मी ने अपना मूह नीचे कर लिया,
हरिया- मेरी ओर देख कर चल भाई इधर आ
मैं उसकी ओर गया और उसने मुझे मम्मी को अपनी बाँहो मे भरने को कहा, और बंदूक मम्मी के गले पर
लगा दी मैने मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लिया और उनके गले से आती भीगी गंध ने मुझे एक दम से पागल
कर दिया मैने मम्मी को थोड़ा कस कर पकड़ लिया इन दो पलो मे ही मुझे पता नही चला कब मेरा लंड एक
दम फुल अवस्था मे तन कर सीधे मम्मी की चूत से टकराने लगा, मम्मी ने एक दम से नीचे देखा तो मेरा
मस्त खड़ा हुआ मोटा और लंबा लंड देख कर उसकी आँखे खुली की खुली रह गई, उसने एक बार फिर मेरी तरफ
देखा और फिर एक दम से ऐसी शर्मा गई कि उसके चेहरे का रंग लाल हो गया और उसके चेहरे पर एक हल्की सी
मुस्कान दौड़ गई,
मम्मी की यह हालत देख कर मैं खुस हो गया और हरिया की ओर देख कर आँख मार दी
हरिया- अबे पकड़ कर खड़ा क्या है चल इसके ब्लौज को खोल कर इसके दूध दबा और फिर हरिया ने मम्मी के
हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया और मम्मी की मुट्ठी मे जब मेरा लंड आ गया तो हरिया ने उनके
हाथ को मेरे लंड पर कस कर दबा दिया, मैं मम्मी के गले और गोरे गालो को चूमता हुआ उसके दूध को ब्लौज
के उपर से हल्के हल्के दबाने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी के हाथ मे तन कर खड़ा हुआ था,
तभी हरिया
ने मम्मी की साडी पकड़ कर खिच दी और मम्मी की साडी जैसे ही अलग हुई उसका गुदाज उठा हुआ पेट गहरी नाभि
और उसके पेटिकोट के नाडे के नीचे से खुला हुआ वह भाग जहाँ से मम्मी की लाल रंग की पॅंटी उसकी चूत मे कसी
हुई साफ नज़र आने लगी थी, हरिया और रामू की आँखो मे चमक आ चुकी थी और उनके लंड भी उनकी धोती मे
तन चुके थे,
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