RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
मैने जैसे ही सुधिया की गुदाज गंद को देखा मैं तो पागल हो गया आज पहली बार इतना भारी माल मेरे सामने
पूरा नंगा लेटा हुआ था, मैने जल लेकर सुधिया की पीठ पर च्चिड़क कर हाथ फेरना शुरू कर दिया और सुधिया
अपने दोनो हाथो को अपने दूध से सताए चुपचाप लेटी हुई थी, फिर मैने थोड़ा जल लेकर सुधिया की मोटी
जाँघो और पेरो तक हाथ फेरते हुए लगाना शुरू कर दिया, उसके बाद मैने थोड़ा पानी लेकर सीधे सुधिया की
गंद के छेद मे टपकाना शुरू कर दिया और सुधिया ने तुरंत अपनी जाँघो को थोड़ा अलग कर लिया, अब मुझे
सुधिया की चूत की खुली हुई फांके भी नज़र आने लगी थी, मैने फिर से थोडा पानी लिया और इस बार उसकी चूत की
फांको के उपर डालने लगा और सुधिया का नंगा बदन तड़पने लगा,
राज- बेटी क्या उत्तेजना लग रही है,
सुधिया- बाबा जी जब आप हाथ से जल रगड़ते हो तब थोड़ी उत्तेजना लगती है,
राज- बेटी अब तुम्हे जैसे ही उत्तेजना हो तुम मर्द के उस अंग का नाम लेना जो तुम्हारे यहाँ घुसता है बस इतना कह
कर मैने सुधिया की मोटी गुदा को अपने हाथो मे भर कर सहलाना शुरू कर दिया और सुधिया एक बार फिर ज़ोर से
सीसीयाने लगी,
राज- बेटी उत्तेजना हुई ना
सुधिया- सीईईईईई आअहह बाबाजी बहुत उत्तेजना हो रही है खूब चुदवाने का मन कर रहा है, अया आह
राज- तो बेटी तुम क्या सोच रही हो,
सुधिया- सीईईईईईई आहह बाबाजी मैं बहुत उत्तेजित हो गई हू और खूब मोटे लंड से चुदवाने के लिए तड़प
रही हू,
राज- मैं उसकी मोटी गंद और चूत को खूब मसल्ते हुए, बेटी तेरी गंद और चूत वाकई बहुत सुंदर है तुझे
देख कर किसी का भी मन तुझे चोदने का होने लगे, लगता है तेरा बेटा तुझे बहुत समय से चोद रहा है,
सुधिया- आह सीयी बाबा जी आप नही जानते कि चुदने मे कितना मज़ा आता है आप तो बाबाजी ठहरे आप को क्या पता
चुदाई मे कितना मज़ा है,
राज- बेटी अब तुम उठ कर फिर से उसी पोज़िशन मे बैठ जाओ,
सुधिया उठ कर फिर से मेरे सामने उसी तरह टाँगे फैला कर बैठ गई और मैने उसकी चूत मे पूरे लोटे का
पानी डाल कर उसे अच्छी तरह धोना शुरू कर दिया और सुधिया ओह बाबा जी आह अहः सीईस सी बहुत मज़ा आ रहा
है, कितना ठंडा पानी है आपका,
राज- बेटी तुम चाहो तो मैं तुम्हे अपनी शक्ति से लंड का भी एहसास करा सकता हू, बोलो क्या तुम लंड के एहसास को
अपने मन मे महसूस करना चाहोगी और मैने सुधिया की चूत मे एक साथ तीन उंगलिया डाल कर उसकी गुदा को
अपने अंगूठे से रगड़ने लगा,
सुधिया-आह आह सिई सीई हाँ बाबा जी मैं लंड को महसूस करने के लिए तड़प रही हू,
मैने सुधिया का हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लोदे पर रख दिया और उसकी मुट्ठी अपने हाथो से दबा कर
बंद कर दी, सुधिया ने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे एक बार पूरी तरह अपने हाथो मे भर कर
दबोचा और एक दम से अपनी आँखे खोल कर मेरे लंड को देखने लगी,
सुधिया की आँखे फटी की फटी रह गई मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ था और रामू और हरिया के लंड के मुक़ाबले
बहुत विकराल नज़र आ रहा था,
सुधिया- आश्चर्या से मेरे लंड को देखती हुई, बाबा जी आपका लंड तो बहुत मोटा है,
राज- बेटी यह बाबाजी का लंड है इसलिए इतना मोटा और तगड़ा है, लेकिन बेटी तुम्हारी चूत भी तो कितनी बड़ी और फूली
हुई है, मेरी बात सुन कर सुधिया हल्के से मुस्कुरा कर फिर से मेरे लंड को देखने लगी,
राज- बेटी हमने अभी अपनी क्रिया पूरी नही की और तुमने आँखे खोल दी,
सुधिया- मुस्कुराते हुए, बाबाजी इतना बड़ा मूसल जिसके हाथ मे जाएगा उसकी आँखे तो वैसे ही डर के मारे फट
जाएगी,
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