RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
हरिया- यह बात एक दम फिट है बाबू जी मैं जाता हू और फिर हरिया ने रुक्मणी को समझा दिया की बाबाजी बहुत पहुचे हुए है इनका शाम तक ख्याल रखना मैं खाने पर आउन्गा और रात को बाबा जी के लिए बढ़िया सा खाना तैयार कर लेना, हरिया के जाने के बाद रुक्मणी मेरे लिए पानी लेकर आई तब मैने उसके बदन पर नज़र डाली, रुक्मणी भी भरे बदन की औरत थी और उसकी भी गंद और चुचिया खूब बड़ी नज़र आ रही थी हालाकी रामू की मा से वह कम उमर की लग रही थी और पहनावा भी उसका साडी और ब्लौज था कुल मिला कर मस्त चोदने लायक माल था,
राज- रुक्मणी बेटी तुम्हारे जल मे मिठास है लेकिन तुम्हारे मन मे एक बहुत ही बड़ा भंवर है जिसमे कई बाते समाई हुई है और तुम्हारा मन बहुत चंचल है, तुम्हारी बड़ी कोशिशो से तुम्हारी बड़ी बेटी का घर वापस बस सका है लेकिन एक चीज़ है जो तुम्हारे घर मे परेशानी बन कर कष्ट देने वाली है
रुक्मणी - वह क्या बाबा जी
राज- तुम ने पराए मर्दो के साथ संभोग किया है इसलिए तुम्हारी बड़ी बेटी के जीवन मे समस्या आई लेकिन अब तुम लगातार पराए मर्द से संभोग करती रहती हो जिसके चलते तुम्हारी बेटी चंदा पर भी संकट आने की संभावना बढ़ गई है,
मेरी बाते सुन कर रुक्मणी के माथे पर पसीना आ गया और वह अपनी नज़रे नीचे करके मेरे सामने बैठ गई और कहने लगी नही -नही बाबा जी मैने कभी किसी के साथ ऐसा कुछ नही किया है
राज- चिल्लाते हुए, चुप रहो लड़की वरना अभी श्राप दे दूँगा, मेरे सामने झूठ कतई नही टिक सकता, अगर तुमने तुरंत सच स्वीकार नही किया तो हम रुष्ठ हो जाएगे और यदि हम नाराज़ हुए तो तुम जानती हो क्या हो सकता है,
रुक्मणी- मेरे पेरो को पकड़ कर, मुझे माफ़ कर दो बाबा जी मैने आपसे झूठ कहा आप बिल्कुल सच कह रहे है मैने यह अपराध किया है, मुझे माफ़ कर दीजिए,
राज- बेटी माफी नही इस समश्या का निवारण लेकर हम तेरे दर पे आए है लेकिन उसके लिए तुझे हमारे बताए अनुसार कर्म करना पड़ेगा तभी तेरी बेटी दोष मुक्त हो पाएगी,
रुक्मणी- मैं सब कुछ करने को तैयार हू बाबा जी आप बताइए मुझे क्या करना होगा
राज- बेटी अभी तुझे अपनी बेटी चंदा को लेकर उसी पुरुष के साथ बैठना होगा लेकिन ध्यान रहे तुम तीनो पूरी तरह नंगे होने चाहिए और फिर वही आदमी जिसके साथ तुम संभोग करती हो उसके साथ मिलकर अपनी बेटी चंदा को उत्तेजित करना होगा और फिर अपने हाथो से उस पराए मर्द के लिंग को अपनी बेटी के अंदर प्रवेश करवाना होगा, और फिर तुम तीनो को सामूहिक संभोग करना होगा,
रुक्मणी- लेकिन बाबा यह कैसे होगा आप जिस मर्द की बात कर रहे है वह तो कही दूर खेतो मे काम कर रहा होगा और मेरी बेटी चंदा भी यहाँ नही है, फिर आप कह रहे हो कि यह सब अभी करना होगा,
राज- बेटी हम हवा मे बाते नही करते है हम अभी अपने मन्त्र की शक्ति से उन दोनो आत्माओ को यहाँ जल्दी ही बुला लेते है और फिर मैं ऐसे ही उसे दिखाने के लिए मन्त्र पढ़ने लगा और करीब 10 मिनिट के बाद रामू रमिया और चंदा एक दम से घर के अंदर घुस आए जिन्हे देखते ही रुक्मणी की आँखे फटी की फटी ही रह गई,
रामू ने मुझे देखते ही मुस्कुरकर प्रणाम किया और मैने उसे आशीर्वाद दिया,
राज- क्यो रुक्मणी बेटी अब तो समझ गई होगी तुम कि बाबा क्यो पधारे है तुम्हारे यहाँ और तुम्हारे घर पर दोष है कि नही
रुक्मणी- मेरे पेरो मे गिर कर आप धन्य है बाबा जी वाकई आप बहुत पहुचे हुए महात्मा है,
रामू मुस्कुरकर मेरी ओर देखने लगा और मैने प्यार से मेरे पेरो मे झुकी हुई रुक्मणी की ब्लौज मे से झँकती नंगी पीठ को सहलाते हुए कहा बेटी आज हम तेरे सारे कष्ट दूर कर देंगे और मेरी आक्टिंग देख कर रामू मुस्कुराकर मुझे सलाम करने लगा,
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