RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--5
गतान्क से आगे......................
रामू हरिया के साथ दम लगाने के बाद वापस घर आ जाता है और खाना खा कर लेट जाता है उसके बगल मे एक तरफ
रमिया और एक तरफ उसकी मा सोई हुई थी रामू लेटे-लेटे अपनी मा के भारी चुतड़ों को देखता है और उसे हरिया काका की बात
याद आ जाती है की तेरी मा के चूतड़ बहुत मोटे-मोटे और गदराए हुए है दिल करता है ऐसे चुतड़ों को खूब कस-कस
कर चोदे, रामू का लंड तन चुका था और वह धीरे से अपनी मा के चुतड़ों से चिपक जाता है और पता नही कब उसकी
नींद लग जाती है,
सुबह-सुबह रामू खेतो मे जाने को रेडी होता है, तभी
निम्मो-मा मे भी रामू के साथ खेतो मे जा रही हू, तू दोपहर को रमिया के हाथ मेरा भी खाना भेज देना और फिर
रामू और निम्मो खेतो की ओर चल देते है, निम्मो अपने गदराए चुतदो को मतकाते हुए एक पतले से पीले घाघरे मे
चली जा रही थी और रामू अपनी बहन के चुतड़ों को देख -देख कर अपनी धोती मे अंगड़ाई लेते लंड को मसल रहा था,
निम्मो-पलट कर रामू से कहती है रामू तू इतना धीरे क्यो चल रहा है
रामू- कुछ नही दीदी बस चलती रहो और फिर रामू और निम्मो अपने खेतो मे आ जाते है,
निम्मो- रामू बड़े मोटे-मोटे गन्ने उगा लिए है तूने
रामू- दीदी तुम हा तो कहो तुम्हे एसा मोटा गन्ना चुसाउन्गा कि तुम भी याद करोगी,
निम्मो- रामू चल पहले कच्ची केरिया तो चखा दे फिर मे तेरा गन्ना भी चूस लूँगी
रामू- अच्छा ठीक है चलो और फिर रामू खेतो से आगे बढ़ जाता है,
निम्मो- कुछ आगे जाकर रामू यह रास्ता तो बड़ा सुनसान हो गया रे जब से यहाँ से बिरजू ने अपनी झोपड़ी हटाई है कोई इधर फटकता ही नही,
रामू- वो सामने ही तो पेड़ है दीदी देखो तुम्हे उसमे आम भी नज़र आ रहे होंगे,
निम्मो-रामू तुझे आम पसंद है
रामू- हा दीदी मे तो पके हुए आमो को चूसने के लिए तड़प रहा हू,
आम के नीचे पहुच कर निम्मो और रामू पत्थर मार कर आम तोड़ने की कोशिश करते है,
निम्मो- अरे रामू ऐसे आम नही मिलने वाले है तू एक काम कर तू नीचे कुछ बिच्छा ले मे अभी चढ़ कर फटाफट तोड़
देती हू, और फिर निम्मो आम की एक डाली को पकड़ कर उसमे झूम जाती है वह अपने दोनो हाथो से डाली को पकड़ कर उस पर अपने पेर लटका लेती है जिसके कारण उसकी पूरी कमर से लेकर पेर तक रामू के सामने एक दम से नंगे हो जाते है और रामू अपने लंड को अपनी बहन की मोटी जाँघो और भारी चुतड़ों को देख कर मसल्ने लगता है,
निम्मो- रामू ज़रा मुझे सहारा देकर उपर चढ़ा दे,
रामू- तो जैसे तैयार ही खड़ा था वह झट से अपनी दीदी की गदराई जवानी को अपने हाथो मे थाम लेता है उसका हाथ
सीधे उसकी बहन की मोटी गान्ड की गहरी दरार मे चला जाता है और रामू का लंड अपनी बहन के गतीले बदन को च्छू कर गदगद हो जाता है,
निम्मो- हा रामू थोडा और उपर उठा
रामू- निम्मो की मोटी गान्ड को पूरी तरह अपने हाथ मे भर कर दबोचते हुए उपर की ओर उसकी गान्ड को अपने हाथो से
सहारा देकर उपर उठाने लगता है, और फिर निम्मो उसके उपर वाली डाली पकड़ कर उस डाली पर खड़ी हो जाती है, वह जैसी ही खड़ी होती है उसकी फूली हुई चूत और उसकी दरार रामू को नज़र आने लगती है और वह अपने हाथ से अपने लंड को मसल्ने लगता है, जिस डाल पर निम्मो खड़ी थी वह ज़्यादा उँची नही थी और निम्मो ने जब अगली डाल पर चढ़ने की कोशिश की तो उसकी चूत पूरी तरह चिर गई और रामू ने जब अपनी बड़ी बहन की चूत का गुलाबी छेद देखा तो उसके मुँह मे पानी आ गया और उसका दिल करने लगा की अभी अपनी बहन के घाघरे मे अपना मुँह डाल कर उसकी चूत को चूस डाले,
निम्मो- जल्दी-जल्दी केरिया तोड़ कर फेकने लगी और रामू ने उन्हे जमा कर लिया उसके बाद निम्मो उतरने के लिए नीचे वाली डाल पर आ गई और फिर रामू ला अपने हाथ का सहारा दे मे उतर जाती हू
रामू ने झट से निम्मो की ओर अपनी बाँहे बढ़ा दी और उसे अपनी गोद मे लेकर उतारने लगा निम्मो उसकी गोद मे आ गई और मुस्कुराते हुए,
निम्मो- क्या बात है रामू तू तो अपनी बहन को अपनी गोद मे लेने लायक हो गया है
रामू- दीदी तुम अपने भाई को क्या समझती हो ज़रूरत पड़े तो मे अपनी मा को भी अपनी गोद मे उठा लूँगा,
निम्मो- अच्छा इतना बड़ा मर्द हो गया है तू, पहले अपनी बड़ी बहन से ही निपट ले फिर मा तक जाना, चल अब खेत पर
बैठ कर आराम से केरिया खाएगे,
खेत पर पहुचते ही निम्मो खाट को उठा कर एक किनारे रख कर धम्म से उस पर अपनी टाँगे फैला कर बैठ जाती है और
भैया- ज़रा पानी पिला दे बहुत थक गई हू
रामू- उसके लिए पानी भर के लाता है और वह जल्दी से पानी पीने लगती है उसके पानी की गिरती धार से उसके बड़े-बड़े लाल चोली मे कसे उसके मोटे-मोटे आम पूरे चमकने लगते है, निम्मो पानी पीकर कच्चे आम खाने लग जाती है और रामू वही खेत के किनारे की घास काटने लगता है, रामू निम्मो के ठीक सामने बैठ कर घास काट रहा था उसके बदन पर कोई कपड़ा नही था और उसका बलिश्त शरीर धूप मे चमक रहा था उसने नीचे चड्डी की लंबाई की एक धोती पहनी हुई थी और वह बड़ी हसरत भरी नज़रो से अपनी बहन को देख रहा था, निम्मो अपने गुलाबी होंठो को बार-बार गीला करके जब कच्चे आम खाकर मुँह बनती तो रामू का दिल करता की उसे वही लिटा कर खूब तबीयत से अपनी दीदी को चोद दे,
रामू चुपचाप घास काटता रहा फिर उसे एक मे से हरिया काका की बात याद आ गई कि अपनी दीदी को अगर अपना मोटा लंड दिखा दिया जाए तो शायद उसकी चूत मे भी कुछ कुलबुलाहट होने लगे,
रामू ने धीरे से अपनी धोती को एक तरफ से कुछ ढीला कर दिया उसका लंड पहले से ही कुछ उठा हुआ था और धोती ढीली होने पर लंड ने अपनी जगह से सरक कर नीचे झूलना शुरू कर दिया साथ मे रामू के बड़े-बड़े अंडके भी उसके लंड
के साथ नज़र आने लगे और रामू अंजान बना हुआ अपना काम करने लगा,
निम्मो-रामू बहुत मस्त केरिया है खाएगा .............. और फिर निम्मो ने जो नज़ारा देखा उसका मुँह खुला का खुला ही रह
गया और वह अपने भाई का विकराल लंड देख कर हैरान रह गई, एक बार उसने रामू के चेहरे की ओर देखा और फिर अपने सूखे होंठो पर जीभ फेरते हुए अपने मुँह का थूक गटकते कर रामू के मोटे लंड को देखने लगी, दो मिनिट मे ही
रामू के लंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और निम्मो अपनी दोनो जाँघो को तो पहले ही फैला कर बैठी थी और
फिर उसने अपने घाघरे के उपर से ही अपनी कुँवारी चूत को मसल्ते हुए अपने भाई के लंड को देखने लगी, रामू के लंड
का सूपड़ा बिल्कुल सख़्त आलू की तरह नज़र आ रहा था जिसे देख कर निम्मो की कुँवारी बुर पनियाने लगी थी,
रामू-चारा काटते हुए दीदी केरिया ही खाती रहोगी या गन्ना भी चूसना है
निम्मो- रामू तेरा गन्ना तो बहुत मस्त है
रामू जैसे ही उसकी ओर देखता है वह दूसरी ओर देखने लगती है,
रामू- अरे दीदी एक बार चूस कर देखो इतने रसीले गन्ने है बहुत मिठास है इनमे,
निम्मो- हाँ वो तो देख ही रही हू पर थोड़ी और केरिया ख़ालू फिर आज तेरा गन्ना चूसने का मन है
रामू का मोटा लंड और उसका सख़्त टोपा देख कर निम्मो की चूत मे बहुत खुजली होने लगी थी और वह अपनी ललचाई नज़रो से अपने भाई के लंड को देखती हुई केरियो का मज़ा ले रही थी साथ ही बीच-बीच मे अपनी चूत को भी मसल देती है,
रामू जैसे ही चारा काट कर उठता है
निम्मो- खाट पर दोनो जाँघो को फैला कर बैठी-बैठी, अरे भैया ज़रा मेरे पेर के तलवो मे देख तो क्या कोई काँटा
चुबा है, यहाँ दर्द सा लग रहा है,
रामू- झट से उसके पास आकर कौन से पेर मे दीदी
निम्मो- खाट पर बैठे हुए अपने एक पेर को उपर उठाकर रामू को दिखाती है रामू वही खत के पास नीचे उकड़ू बैठ कर
निम्मो के पेर को पकड़ कर देखने लगता है,
निम्मो- नज़र आया
रामू- अरे दीदी ज़रा पेर थोड़ा और उठाओ ना
निम्मो- अपने पेर को और उपर उठा देती है और रामू की नज़र जैसे ही अपनी बहन के घाघरे के अंदर जाती हैवाह अपनी
दीदी की फूली हुई कुँवारी चूत देख कर मस्त हो जाता है,
रामू अपने मन मे वाह कितनी फूली हुई और मस्त चूत है दीदी की इसकी चूत तो रमिया की चूत से भी ज़्यादा गदराई और बड़ी लग रही है,
निम्मो- वही लेट कर, भैया आराम से देख कहाँ लगा है काँटा तब तक मे थोड़ा आराम कर लेती हू
रामू- खुश होता हुआ हा हा दीदी तुम आराम से लेट जाओ मे अभी तुम्हारा काँटा ढूँढ लेता हू और फिर रामू ने धीरे से
अपनी दीदी के पेरो की उंगलियो को सहलाते हुए कभी अपनी बहन की पूरी टांग उठा कर उसकी मस्त गुलाबी चूत को देखता है कभी उसकी टाँगे मोड़ कर और कभी एक दम से घाघरे के अंदर तक झाँक कर अपनी बहन की रसीली चूत की खुश्बू को सूंघने की कोशिश करता है,
निम्मो जानती थी कि उसका भाई उसकी कुँवारी चूत को देख रहा होगा यह सोच कर उसकी चूत से
खूब पानी बहने लगा था और वह अपने हाथो को धीरे-धीरे अपने सीने पर फेरने लगी थी,
रामू जितने प्यार से अपनी बहन के पाँव सहला रहा था निम्मो की कुँवारी बुर उतना ही पानी छ्चोड़ रही थी उसकी नज़र के
सामने उसके भैया का मोटा लंड और उसका सख़्त आलू जैसा टोपा नज़र आ रहा था,
निम्मो- क्यो रे रामू तूने सुना है हरिया काका के बारे मे मा जो कह रही थी
रामू- क्या दीदी
निम्मो- अरे वही कि वह अपनी बीबी और अपने बेटियो के साथ ही रात को सोता है
रामू- तो क्या हुआ दीदी इसमे कौन सी बड़ी बात है
निम्मो- अरे पागल उसकी बड़ी बेटी तो अपने मरद को छ्चोड़ कर 2 साल से हरिया काका के साथ ही सोती है, मुझे तो लगता है
हरिया काका अपनी बेटी के उपर भी चढ़ जाता होगा,
रामू- नादान बनते हुए मुझे क्या पता दीदी, मेने तो उसकी बड़ी बेटी को इधर खेतो की तरफ देखा ही नही, हा मेने उसकी
16 साल की छोटी बेटी चंदा को ज़रूर एक दिन हरिया काका की गोद मे बैठे देखा था,
निम्मो- रामू की बात सुन कर चौंकते हुए, क्या हरिया काका ने चंदा को अपनी गोद मे चढ़ा रखा था,
रामू- हा दीदी,
निम्मो- और क्या कर रहा था वह
रामू-नादान बनते हुए, क्या पता दीदी हरिया काका के पास तेल की कटोरी रखी थी और चंदा उनकी गोद मे चढ़ि बैठी थी,
निम्मो- तो तुझे देख कर हरिया काका ने उसे अपनी गोद से नही उतारा
रामू- दीदी मे तो उन्हे गन्ने के पीछे से छुप कर देख रहा था
निम्मो- अच्छा, चल रामू हम भी छुप कर देखे हरिया काका अभी क्या कर रहा है
रामू- नही दीदी हम को वह देख लेगा तो दिक्कत हो जाएगी
निम्मो- अरे तू तो बेकार घबरा रहा है हम दोनो गन्ने के पीछे बिल्कुल छुप कर देखेगे,
रामू- कुछ सोच कर अच्छा तुम कहती हो तो चलो लेकिन तुम बिल्कुल मेरे करीब चिपक कर रहना नही तो उनकी नज़र हम पर पड़ जाएगी,
निम्मो- बिल्कुल ठीक अब चल जल्दी और फिर निम्मो और रामू हरिया के खेत की ओर चल देते है जब वह दोनो खेत के पास पहुच जाते है तो रामू निम्मो को धीरे-धीरे आगे बढ़ने को कहता है और निम्मो के भारी चुतड़ों को रामू सहलाते
हुए मज़ा ले रहा था उसका लंड निम्मो की गदराई चूत देखने और अब उसके मोटे -मोटे चुतड़ों को सहलाने से पूरी तरह
तन चुका था, निम्मो जैसे ही रुकने को होती उसकी गान्ड की मोटी दरार मे रामू का मोटा लंड एक दम से धसने लगता था,
जब वह दोनो धीरे-धीरे आगे बढ़ते तो रामू का लंड अपनी बहन के घाघरे से सीधे उसकी गुदा को च्छू रहा था और
निम्मो समझ गई थी कि रामू का लंड उसकी चूत देख कर खड़ा हो चुका है और वह उसकी गान्ड मे घुसने को तड़प
रहा है, तभी निम्मो को हरिया काका की खाट नज़र आती है और थोडा आगे देखने पर
हरिया काका चंदा को अपनी झोपड़ी के एक कोने मे लेकर बैठा था और उसके छ्होटे-छ्होटे दूध को पूरा नंगा किए
हुए उन पर तेल मालिश कर-कर के उन्हे दबोच रहा था, रामू निम्मो को कमर से एक दम से पकड़ कर अपने मोटे लंड
को उसकी गान्ड मे एक दम से कस कर दबाते हुए दीदी यही रुक जाओ नही तो उनकी नज़र हम पर पड़ जाएगी,
निम्मो- आह रामू यह हरिया काका क्या कर रहा है,
रामू अपनी बहन की गान्ड मे अपना लंड उसके घाघरे के उपर से दबाते हुए पता नही दीदी ऐसा तो वह रोज ही करता है
निम्मो- देख रामू चंदा कितनी खुश हो रही है लगता है उसे बहुत मज़ा आ रहा है,
रामू- दीदी यह तो कुछ भी नही हरिया काका तो कभी-कभी उसे पूरी नंगी करके भी तेल लगाता है,
निम्मो- देख तू चंदा को देख कैसे अपने बाप की गोद मे बैठी-बैठी मस्ता रही है,
रामू-दीदी अब चले
निम्मो-अरे थोड़ी देर तो देखने दे और क्या करता है, रामू अपने लंड को निम्मो की मोटी गान्ड थामे हुए अपने लंड को
उसकी मोटी गान्ड मे गढ़ाए जा रहा था,
निम्मो- आह रामू ये मेरे पीछे क्या चुभ रहा है
रामू- कुछ नही दीदी यह गन्ना चुभ रहा है तुम ऐसे ही थोड़ा सा झुक जाओ मे देखता हू, निम्मो वही खड़ी-खड़ी
थोड़ा झुक जाती है और रामू अपने लंड को हटा कर बड़े प्यार से अपनी बड़ी बहन की गदराई मोटी गान्ड और उसकी गुदा मे अपनी उंगलिया फेरते हुए, दीदी अब तो नही चुभ रहा है ना गन्ना,
निम्मो- हाँ अब नही चुभ रहा है
रामू- पर तुम जब तक झुकी रहोगी यह नही चुभेगा पर जब सीधी हो जाओगी तो फिर से तुम्हारे पीछे चुभेगा क्यो कि
यह एक मोटा गन्ना है जो पूरी तरह तना हुआ है और तुम जैसे ही सीधी होगी यह फिर से तुम्हे चुभने लगेगा,
निम्मो- कोई बात नही चुभने दे मुझे सीधी होने दे मे कब तक झूली खड़ी रहूगी और जैसे ही निम्मो सीधी होने को
होती है रामू अपने लंड को फिर से निम्मो की मस्त मसल गान्ड मे अपने लंड को फसा कर कस कर दबा लेता है और
निम्मो आह भैया चुभ तो रहा है पर मे सह लूँगी तू चुपचाप मुझे पीछे से अच्छे से पकड़ ले कही मेरा पेर
आगे की ओर फिसल ना जाए, रामू कस कर अपनी बहन की गान्ड को थाम कर अपने मोटे लंड को खूब तबीयत से उसकी गुदा मे फसाए खड़ा हो जाता है,
क्रमशः.............
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