Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:53 PM,
#5
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--3

गतान्क से आगे......................

तब रमिया ने कहा वह तो कोई अच्छा सा गन्ना चाहती है जिसमे खूब रस भरा हो, आज उसका एक मोटा सा गन्ना चूसने का मन है, रामू का मोटा लंड पूरी तरह तन चुका था आज वह अपनी बहन रमिया को चोदने के लिए पागल हुआ जा रहा था, एक तो हरिया काका ने जिस तरह से अपनी 16 साल की चिकनी लोंड़िया को चोदा था बस उस नज़ारे को याद करके रामू का लंड और भी झटके मार रहा था,

रामू- अपनी बहन की मोटी गान्ड की दरार मे अपनी एक उंगली हल्के से दबा कर, मेरी बहना तू इधर उधर क्या देख रही है जब कि एक मस्त गन्ना तो मेरे पास है अगर तू मेरा गन्ना चूसना चाहती हो तो बोल,

रमिया- आप का गन्ना अच्छा लंबा और मोटा है

रामू- एक बार जब तू अपने इन गुलाबी होंठो से उसे चुसेगी तो तुझे ऐसा मज़ा मिलेगा कि तू फिर रोज मुझसे कहेगी कि भैया अपना गन्ना अपनी बहन को चूसा दो ना,

रमिया-तो भैया चुसाओ ना अपना गन्ना,

रामू- अच्छा तो चल मेरे साथ लेकिन वहाँ खेत का कुछ चारा दोनो मिल कर काट लेते है और फिर रामू रमिया को लेकर खेत मे चारा काटने लगते है रामू जानबूझ कर अपनी धोती के साइड से अपने मोटे लंड को बाहर निकाल लेता है रमिया उसके सामने बैठी-बैठी चारा काटती रहती है तभी अचानक रमिया की नज़र रामू के मोटे काले लंड पर पड़ जाती है और रमिया, का चेहरा एक दम से लाल होने लगता है, रमिया अपना थूक गटकते हुए बार-बार उसके मोटे लंड को देखती जा रही थी, और रामू तिरछी नज़रो से उसकी प्रतिक्रिया देख रहा था,

रामू बड़ा चतुर था जैसे-जैसे रमिया उसके लंड को देख रही थी रामू रमिया की चूत की कल्पना करके अपने लंड को और खड़ा कर रहा था, रामू का लंड जैसे-जैसे बढ़ने लगा रमिया की साँसे तेज होने लगी थी, अब रमिया का यह हाल था कि वह एक तक रामू के लंड को देखे जा रही थी, यही मोका था कि रामू ने रमिया को आवाज़ देकर

रमिया- क्या देख रही है,

रामू की आवाज़ सुन कर रमिया एक दम से घबरा गई और कुछ नही भैया करने लगी

रामू ने अपने लंड की ओर देखा और फिर रमिया को देखते हुए, तू मेरे लंड को देख रही है,

रमिया- नही भैया मे कहाँ देख रही हू

रामू-सच-सच बता दे तू मेरे लंड को देख रही थी ना, अगर सच नही बताएगी तो मे मा से तेरी शिकायत करूँगा

रमिया- वो भैया ग़लती से नज़र चली गई,

रामू- उसके पास सरक कर अब तूने मेरा देखा है तो अपना भी दिखा नही तो मे मा से बता दूँगा कि तू मेरा लंड देख रही थी,

रमिया- नही भैया मा से ना कहना नही तो वह मारेगी,

रामू- तो फिर चल अपनी स्कर्ट हटा कर मुझे भी अपनी चूत दिखा और फिर रामू ने उसे उसके चुतड़ों के बल वही बैठा दिया और झट से उसकी स्कर्ट पकड़ कर उपर कर दी, अपनी बहन की फूली हुई गुलाबी फांको वाली चूत देख कर रामू का लंड लोहे जैसा तन गया,

रामू- थोड़ा अपने चेहरे पर गुस्से के भाव लाता हुआ, थोड़ा अपनी जाँघो को और फैला

रमिया ने रामू की बात सुन कर अपनी जाँघो को और चौड़ा कर लिया और उसकी चूत का गुलाबी लपलपता छेद देखा कर रामू का लंड झटके मारने लगा, रामू ने धीरे से अपने हाथ को रमिया की रसीली फूली हुई चूत पर फेरते हुए,

रामू- रमिया तेरी चूत तो बहुत फूली हुई है

रमिया-रामू के खड़े विकराल लंड को बड़ी हसरत भरी निगाहो से देख रही थी और रामू अपनी बहन की चूत की फांको को अपने हाथो से फैला-फैला कर देख रहा था, रमिया की चूत मे बहुत मस्ती चढ़ने लगी थी और उसे अपने भैया के हाथो से धीरे-धीरे अपनी चूत कुरेद वाना बहुत अच्छा लग रहा था,

तभी रामू ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर देखते हुए, अरे रमिया मेरा लंड तो तेरी चूत को देख कर बहुत गरम हो रहा है ज़रा पकड़ कर देख और फिर रामू ने रमिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया, रमिया डरते हुए धीरे-धीरे रामू के लंड को सहलाने लगी और रामू ने रमिया की फूली हुई चूत को दुलारना शुरू कर दिया, कुछ देर तक रामू अपनी बहन से अपने लंड को सहलवाता रहा फिर रामू ने उससे कहा चल खाट पर आराम से बैठ कर बाते करते है और उसका हाथ पकड़ कर खाट पर लाकर बैठा देता है, रामू उससे चिपक कर लेट जाता है,

रामू- रमिया तुझे अच्छा लग रहा है

रमिया- हाँ भैया

रामू- तेरी चूत सहलाऊ

रमिया- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और रामू उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाने लगता है और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर जैसे ही रखता है रमिया कस कर अपने भैया का मोटा लंड अपने हाथो मे पकड़ लेती है,

रामू- रमिया के होंठो को चूमता हुआ, अच्छा यह बता रमिया अभी तू जब घर से आई थी तब मा और दीदी दोनो पूरी नंगी होकर नहा रही थी क्या,

रमिया- नही भैया दोनो ने पेटिकोट पहन रखा था, रामू अच्छा तो मा और दीदी के दूध तो पूरे नंगे रहे होंगे ना

रमिया-हाँ भैया दोनो के दूध पूरे नंगे थे,

रामू-अच्छा मा के दूध ज़्यादा बड़े है कि दीदी के

रमिया- बड़े तो दोनो के है पर मा के कुछ ज़्यादा मोटे-मोटे है,

रामू-अच्छा क्या तेरे दूध भी मा और दीदी के दूध के बराबर है,

रमिया- अपने दूध को देख कर नही भैया मेरे तो छ्होटे है

रामू- अपनी ललचाई नज़रो से रमिया की कसी हुई चुचियो को देख कर, पर मुझे तो तेरे दूध मा और दीदी से भी बड़े नज़र आ रहे है

रमिया- नही भैया छ्होटे है चाहो तो खोल कर देख लो

रामू-अच्छा दिखा और फिर रामू रमिया के शर्ट के बतनो जल्दी-जल्दी खोल देता है और जब वह अपनी बहन के मोटे-मोटे बिल्कुल ठोस कसे हुए दूध को अपने हाथो मे भर कर कस कर मसलता है तो उसे मज़ा आ जाता है और रमिया एक मीठे से दर्द के मारे सिहर जाती है,

तभी अचानक उन्हे गन्ने की सरसराहट की आवाज़ आती है तो दोनो अलग हो जाते है और रमिया उठ कर खड़ी होकर देखने लगती है तभी सामने से हरिया काका चला आ रहा था, रमिया मटकती हुई झोपड़ी की ओर चल देती है और रामू खड़ा होकर, अरे आओ हरिया काका

हरिया- और बेटा क्या हो रहा है, अरे बैठा-बैठा बोर हो रहा था सोचा चलो रामू के पास ही चल कर बैठेंगे,

रामू-अच्छा किया काका जो आ गये और बताओ आज चिलम नही लगाए हो का

हरिया अरे बेटा चिलम लगाए होते तो अब तक तो हमारा हथियार लूँगी मे ही खड़ा होता

रामू-मुस्कुराते हुए, तो काका अगर चिलम लगा लो तो हथियार ज़्यादा खड़ा होता है का

हरिया- बेटा ये तो हम नही जानते पर हाँ इतना ज़रूर है कि जब हम चिलम लगा लेते है तो हमे चोदने का बड़ा मन करने लगता है

रामू- अभी लिए हो का काका

हरिया- का चिलम

रामू- हा

हरिया- अरे वो तो हम हमेशा साथ लेकर ही चलते है, पर लगता है आज तुम्हारा मन भी इसे पीने का कर रहा है

रामू- हाँ काका आज हमे भी पिला दो

हरिया- ठीक है बेटवा अभी पिला देते है और फिर हरिया काका चिलम तैयार करके रामू को देता है और रामू कस मारना शुरू कर देता है, दोनो चिलम पी कर मस्त हो जाते है और फिर

तभी उधर से रमिया पानी लेकर आती है जब वह पानी पिला कर जाने लगती है तो उसके मटकते मोटे-मोटे चुतड़ों को अपनी लाल आँखो से घूरते हुए हरिया कहता है रामू बेटा अब तुम्हारी बहना भी बड़ी लोंड़िया नज़र आने लगी है, तुम तो बेकार ही यहाँ वहाँ परेशान हो रहे हो ज़रा आस पास नज़र डालो तो तुम्हे बड़ी मस्त-मस्त लोंड़िया मिल जाए चोदने के लिए,

रामू- अपनी बहन की गदराई जवानी को देख कर हरिया को देखता हुआ, पर काका हम किसे चोदे

हरिया- अरे तुम्हारी यह रमिया है ना बड़ी मस्त लोंड़िया लग रही है, मेरा कहा मानो तुम दिन भर इसे लेकर यही गन्नो के बीच रहते हो, बड़ा अच्छा मोका है तुम्हारे पास यही लोंड़िया को खूब कस-कस कर पेलो, तुम्हारे तो मज़े हो जाएगे

रामू- पर काका वो तो हमारी बहन है,

हरिया- अरे तुम बहन की बात करते हो हमने तो अपनी 16 साल की लोंड़िया की मस्त पेलाई की है.

रामू- क्या बात कर रहे हो काका

हरिया- अपने लंड को मसल्ते हुए, अरे हम सच कह रहे है और ऐसी कुँवारी लोंड़िया की गुलाबी चूत मे जब अपना लंड पेलते है ना तो बड़ा मज़ा आता है, जब तुम अपनी रमिया की गुलाबी चूत देखोगे ना तो उसकी चूत को चूसे बिना नही रह पाओगे,

हरिया- और फिर तुम्हारे घर मे तो बहुत माल है, तुम्हारी बड़ी बहन भी मस्त चोदने लायक हो गई है राजा मोका अच्छा है दोनो लोंड़िया अभी कुँवारी है किसी भी तरह दोनो लोंदियो को चोद डाल,

रामू- काका तुम्हे अपनी बेटी चंदा को चोदने मे बहुत मज़ा आया था,

हरिया- अब क्या बताऊ रामू बहुत चिकनी और गुलाबी चूत है उसकी जब उसकी जंघे फैला कर उसकी रस से भरी फूली चूत देखता हू तो पागल हो जाता हू जी भर कर अपनी लोंड़िया की चूत चूस्ता हू और फिर खूब कस-कस कर उसकी चूत को अपने मोटे लंड से चोद्ता हू, सच मे उसकी कसी चूत मे इतना कसा-कसा जाता है मेरा लंड कि क्या बताऊ,

रामू- चंदा भी खूब कस्के लिपटती होगी आप से

हरिया- अरे उसे तो हमने अपनी गोद मे उठा कर उसे अपने लंड पर बैठा लिया था और वह हमारी छाती से चिपकी हुई अपने चूतड़ हमारे लंड की ओर धकेल रही थी,

रामू- पर काका हम रमिया को चोदने के लिए कहे कैसे,

हरिया- अरे रमिया को प्यार से अपनी गोद मे बैठा ले और फिर उसकी दोनो चुचियो को धीरे-धीरे सहलाते हुए कभी उसके गालो को चूम कभी उसके होंठो को चूम ले और बीच-बीच मे उसकी मोटी कसी हुई छातीयो को कस कर दबा दे और फिर उससे पुंछ कैसा लग रहा है रमिया और फिर जहाँ तू उसे थोड़ा गरम कर देगा वह खुद ही अपनी चूत तेरे सामने खोलने लगेगी, चल बेटवा अब हम चलते है हमारी लोंड़िया हमारा इंतजार कर रही होगी और फिर हरिया वहाँ से चला जाता है उसके जाने के बाद रामू वहाँ से खड़ा होकर रमिया के पास जाकर खड़ा हो जाता है,

रामू- रमिया का हाथ पकड़ कर सहलाते हुए तू यहाँ क्यो खड़ी है चल वहाँ बैठेंगे और फिर रमिया का हाथ पकड़ कर खाट के पास लेजता है और उसे अपनी गोद मे बैठा लेता है,

रामू- उसके गालो को चूमता हुआ मेरी गुड़िया रानी इतनी गर्मी मे तू यह शर्ट अपने सीने पर कैसे कसे रहती है मुझे देख मे केवल अपनी धोती पहने कैसे खुला हवा लेता हू ला तेरी यह शर्ट के बटनो खोल देता हू कुछ हवा लग जाए और फिर रामू ने रमिया के बटन खोलने शुरू किए

रमिया- कसमसाते हुए भैया कहाँ गर्मी लग रही है

रामू- अरे इन्हे हवा लगाना बहुत ज़रूरी है तूने देखा नही मा और दीदी कैसे खोल कर नहा रही थी तू तो पागल है मेरी गुड़िया कुछ भी नही समझती इनकी तो मालिश भी करना पड़ती है नही तो इनमे दर्द रहता है और फिर रामू उसकी शर्ट के बॅटन खोलने के बाद उसके मोटे पके हुए बड़े-बड़े कलमी आमो की तरह तने हुए चुचो को अपने हाथो मे भर कर जब कस कर मसलता है तो रमिया कराह उठती है,

रमिया- आह भैया बड़ा दर्द हो रहा है

रामू- मे ना कहता था इनमे दर्द रहेगा, इसी लिए तो कह रहा हू इनको हवा लगने दो और मे इनकी आज अच्छे से मालिश कर देता हू तो तेरा दर्द बिल्कुल ख़तम हो जाएगा,

रामू- तू एक काम कर मेरी तरफ मुँह करके अपने पेर मेरे आस पास करके आराम से बैठ जा मे तेरी अच्छे से मालिश कर देता हू, रमिया अपने भैया की गोद मे जैसे ही बैठती है उसकी गान्ड मे अपने भैया का मोटा लंड चुभने लगता है पर वह एक दम से बैठ जाती है और रामू उसके भारी चुतड़ों को पकड़ कर अपनी और दबा लेता है, अब रामू अपने हाथो से अपनी बहन के मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसल्ने लगता है और रमिया आह आह करती हुई अपने भैया से चिपकने की कोशिश करने लगती है,

रामू रमिया के रसीले होंठो को चूमता हुआ उसके दूध पागलो की तरह मसल्ने लगता है और रमिया उसकी बाँहो मे तड़पने लगती है.

रमिया- आह भैया धीरे दबाओ ना तुम तो दर्द मिटाने की बजाय दर्द दे रहे हो,

रामू- रमिया के होंठो को चूम कर मेरी गुड़िया रानी आज मे तुझे बहुत मीठा-मीठा दर्द दूँगा,

रमिया- उसकी गोद से अपनी गान्ड उठाते हुए अपने हाथो से रामू का मोटा लंड उसकी धोती से बाहर निकाल कर, भैया ये मुझे चुभ रहा है,

रामू- मेरी बहना यह तेरे भैया का गन्ना है इसे चूसा भी जाता है,

रमिया- मुस्कुरकर इसे कैसे चूसा जाता होगा भैया,

रामू- अरे तू नही जानती सब औरते सभी आदमियो का गन्ना बड़े प्यार से चाट-चाट कर चुस्ती है, ले तू भी इसे अपनी जीभ से चूस कर देख,

रमिया- नही भैया मे नही चुसुन्गि मुझे अच्छा नही लगता है

रामू- मेरी प्यारी बहना एक बार चूस कर देख फिर मे तेरे लिए सुंदर सी पायल ला कर दूँगा,

रमिया- खुश होते हुए सच कह रहे हो,

रामू- धीरे से उसकी फूली हुई चूत पर अपना हाथ रख कर मेरी रानी अब चूस भी ले और फिर रामू अपने लंड को रमिया के मुँह मे दे कर उसकी चूत के गुलाबी रस से भरे हुए छेद मे धीरे से एक उंगी डाल कर अपनी बहन की कुँवारी चूत को सहलाने लगता है, रमिया को अपने भाई के लंड को चाटने और चूसने मे मज़ा आने लगता है और वह अपने भाई के लंड को अपने हाथो मे भर कर खूब दबोच-दबोच कर चूसने लगती है,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:53 PM

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