RE: Kamvasna कलियुग की सीता
सुबह उठी तो बशीर ख़ान पाजामे का नाडा बंद करते निकले…मैने ग्रीन कलर की एक टाइट सलवार सूट पहन रखी थी….दुपट्टा जाने कहाँ छूट गया था…उनकी नज़रे मेरी उठान वाली चूचियों पर ही थी.. मैं पाँव छूने के लिए झुकी तो महसूस किया बशीर चाचा मेरे गले मे ही झाँक रहे हैं,मैं शर्म से लाल हो गयी थी.फिर वो बाहर चले गये….मैं किचन चली गयी खाना बनाने, अब्दुल ख़ान आने वाले थे आज…..तब तक मम्मी बाथरूम चली गयी नहाने….मैं दरवाज़े पर खड़ी अब्दुल ख़ान का वेट कर रही थी तभी मम्मी बाथरूम से टवल पहन कर निकली और अब्दुल ख़ान भी गेट से अंदर घुसे…दोनो आमने सामने थे और पता नही मम्मी का टवल कैसे गिर पड़ा और मम्मी नंगी हो गयी….
.मम्मी उईइ दैयाआआअ कहते हुए रूम की तरफ भागी और अब्दुल ख़ान उनके मटकते चूतडो को देखते रहे.फिर आके मुझे गोद मे उठा लिया और गालो पे पप्पी ले ली…..और बेडरूम मे आकर पटक दिए..शायद वो मम्मी की चूची देख कर गरम हो गये थे…सीधे मेरी चूत मे लंड घुसा दिए और चोदने लगे.
.मम्मी क्लिनिक चली गयी थी…दोपहर मे आई और फिर खाना खाकर बेडरूम चली गयी…मैने और अब्दुल ख़ान ने मम्मी से कुछ बाते करने की सोची…उनके बेडरूम पहुचे तो मम्मी ने कपड़े चेंज करके एक सेमी ट्रॅन्स्परेंट गाउन पहन रखा था….अब्दुल ख़ान को सामने देखते ही मम्मी के गालो पे हया की लाली आ गयी…और अब्दुल ख़ान मम्मी को ऐसे निहार रहे थे जैसे अभी घोड़ी बना के चोद डालेंगे…मम्मी ऐसे घबरा गयी कि उनका पैर फिसल गया और वो और अब्दुल ख़ान दोनो गिर पड़े.मम्मी की चूचियाँ अब्दुल ख़ान के सीने से रगड़ खा रही थी…मम्मी शर्मा के उठी और कपड़े बदलने को वॉर्डरॉब की तरफ चल पड़ी……
नीचे लेटे अब्दुल ख़ान मम्मी के मटकते चूतडो को देखते ही रह गये….आपको तो पता ही है कि अब्दुल ख़ान चूतड़ के कितने रसिया हैं,भला ऐसे मदमस्त चूतड़ देखकर होश मे रहने वाले थे…मम्मी वॉर्डरॉब से कपड़े निकाल ही रहे थे कि अब्दुल ख़ान उठे और मम्मी के चूतड़ पर अपना फॅवुरेट तमाचा जड़ दिया..मम्मी अपनी चूतड़ सहलाते हुए चीखी क्या बदतमीज़ी है..अब्दुल ख़ान ने फिर से तमाचा लगा दिया और कहा साली,बशीर भाईजान से चुदती है और मेरे लंड मे क्या काँटे उगे हुए हैं???आज तो मैं तेरी चूत का भोंसड़ा बना के ही रहूँगा…
मैं समझ चुकी थी कि आज मम्मी की चूत की धज्जियाँ उड़ने से कोई नही बचा सकता…अब्दुल ख़ान ने सीधे मम्मी के मूह मे लंड डाल दिया और ऐसे चोदने लगे जैसे मम्मी की चूत हो….फिर वो मम्मी को बेड पर ला के पटक दिए और उनके सारे कपड़े फाड़ दिए…मम्मी रेज़िस्ट करने से हार गयी थी,उसने खुद को फ्री छोड़ दिया…अब्दुल ख़ान मम्मी की चूचियों को हॉर्न की तरह दबा रहे थे…कभी निपल मसल देते तो कभी चूसने लगते….अब मैं मम्मी के मुखड़े पर भी चुदाई की मस्ती देख रही थी…अब्दुल ने अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा और एक ही बार मे आधा घुस्सा दिया..मम्मी चीखी हे फाड़ दिया रे फाड़ दिया,मेरी बेटी का चूत तो फाड़ ही दिया है,अब उसकी मम्मी की चूत को भी होल से हॉल बना देगा…
अचानक बशीर ख़ान की आवाज़ वहाँ गूँजी,साली मुझसे भी चुदती है और अब्दुल भाईजान से भी चुदती है….पूरी रंडी है तू…जब अब्दुल तुझे चोद ही रहा है तो मैं भी सीता की चूत फाड़ ही डालूँगा..बशीर ख़ान का लंड याद आते ही मेरी चूत सहम गयी..बशीर चाचा ने मुझे भी बेड पर पटक के कपड़े खोल दिए और कही अब्दुल ख़ान से पीछे ना रह जाए,इसीलिए सीधे अपना लंड मेरी चूत मे घुसेड दिया और फॅक फॅक की आवाज़ गूंजने लगी..मैने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी चूतड़ उछाल उछाल के अब्दुल ख़ान से चुद रही थी . अब्दुल ख़ान के हाथो मे मम्मी की चूचियाँ हैं और वो मम्मी के गालो की पप्पी लेते हुए कह रहे थे…तेरी चूत तो सीता से भी मस्त है,अब तो मैं तुझे भी रोज चोदुन्गा…दोनो नवाब जोश मे आकर अपनी स्पीड बढ़ा दिए थे,कमरे मे हमारी चीखें गूँज रही थी…मम्मी का तो नही पता लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था….आँखें घुमाई तो देखा दरवाज़े पर मेरा भाई बबलू ज़हीर के साथ खड़ा है…देखते ही मैं चिल्लाई,खड़ा खड़ा क्या देख रहा है,जल्दी से तेल लेकर आ.बबलू दौड़ा दौड़ा तेल लेकर आया तो अब्दुल ख़ान ने अपना लंड मम्मी की चूत से खीच लिया…बबलू ने अब्दुल के लंड और मम्मी की चूत दोनो पर तेल चुपड दिया…
फिर मम्मी की चूत का दरवाज़ा दोनो हाथो से पकड़ के खोल दिया..अब्दुल ने एक ही बार मे मम्मी की चूत मे झंडा फहरा दिया…..मैं चीखी जल्दी कर तो बबलू ने मेरी चूत मे तेल लगा दिया…अब मुझे और मम्मी दोनो को मज़ा आ रहा था..मस्ती मे चूतड़ उठाते हुए मैं चीख रही थी फाड़ डालो बशीर चाचा,फाड़ डालो..आज सीता की चूत का मुरब्बा बना डालो..थोड़ी ही देर मे दोनो नवाबो ने हम दोनो को घिरनी बना दिया और झाड़ गये…मम्मी की चूत सूज गयी थी…बाथरूम जाने के लिए मम्मी उठी तो लंगड़ा रही थी..बबलू ने सहारा देकर मम्मी को बाथरूम पहुचाया और वापस भी ले आया.
तब तक ज़हीर की बात सुनकर मैं चौंक गयी…वो बशीर चाचा से कह रहा था अब्बू मैं भी चोदुन्गा.
बशीर ख़ान बोले बेटा किसे चोदना चाहता है??
ज़हीर:सीता दीदी को तो मैं बाद मे भी चोद लूँगा लेकिन बड़े दिनो से मेरी नज़रे उनकी मम्मी पर है.
बशीर:जा बेटा जा,चढ़ जा उस पर और कर ले अपनी मुराद पूरी.
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