RE: Maa Sex Kahani माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना
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मैनेजर हमारा बहुत ख्याल रख रहा है. हमें बार बार पुछ रहा है कोई तकलीफ हो रही है की नही कुछ चाहिए की नही पहले स्टार्टर आया, वह दो वेटर सर्व करने लगे, सब को सर्व करके बाकि वहि टेबल पे रख के साइड में चले गये. एक एक चीज रहा है और वह लोग ऐसे ही कर रहे है. थोड़ी देर बाद नानी उनको देख के प्यार से हास के बोली की वह लोग बस यहाँ रख दे, हम खुद सर्व कर लेंगे. फिर नानी हम सब को सर्व करने लगी. माँ भी हाथ लगा रही है. उनके हाथों में मेहँदी के साथ साथ रेड नेल पोलिश नज़र आयी. मुझे पहली बार माँ का इस तरह का रूप देखने को मिला. वह मेरे सामने एक अलग लड़की जैसी लगने लगी. जिसको में बचपन से जानता हु, वह माँ नहि, एक और कोई लडकि, जिसे धीरे धीरे जान रहा हु, जिसका रूप धीर धीरे नज़र आरहा है. वह इतनी खूबसूरत लग रही है की में मन ही मन खुदको लकी महसुस कर रहा हु. ऐसी खूबसूरत और सेक्सी एक लड़की मेरी जीवनसाथी, मेरी बीवी बनने जा रही है.
मैन कोर्स का खाना आगया. माँ सब को सर्व करनेलगी. हम सब एक साथ बहुत दिन हो गये है बाहर खाने नहीं गये थे सो सब लोग इस डिनर को एन्जॉय कर रहे है. और हमारी नई ज़िन्दगी शुरु होने से पहले सब का मन में जो टेंशन या संकोच था, सब यहाँ धीरे धीरे मीट रहा है. नानाजी और नानीजी उनके लाइफ की बिगनिंग की बहुत सारी बाते शेयर कर रहे है. कुछ हसि की बाते भी हो रही है. और फिर शादी के बाद उनलोगों ने क्या प्रॉब्लम फेस किया था, क्या क्या प्रॉब्लम कैसे आते है, और कैसे उसका सोलुशन होता है, वह सब माँ और मेरे साथ शेयर करने लगे. अब मैनेजर भी चले गए और दोनों वेटर भी साइड में जाकर खड़े है. सो हम बिन्दास बात करने लगे. मैं नाना और नानी को मम्मी पापा कह्के बुलाया दो बार. माँ उस टाइम मेरी तरफ एक झलक देखि थी. उनके चेहरे पे ख़ुशी और होटों पे मुस्कान मुझे नज़र आयी थी माँ केवल नानी के साथ कुछ बात धीरे धीरे कर रही थी. इन्ही सब बातों के बीच एक डीश सर्व करने के लिए माँ मेरी प्लेट के पास हाथ लायी तो मैं उनको देखके मुस्कुराके, अपने हाथ से इशारा करके ना कहा. वह बस मुस्कुराके हाथ हटा लि. जब नानी के पास गया तो नानी बात करते करते ध्यान दि और माँ को बोली
?? पहले हीतेश को दो मंजु??
मा यह सुनकर शर्मा के नज़र झुका लि और नानी की प्लेट में परोसते परोसते धीरे से नानी को बोलि
?? वह नहीं लेंगे. मैंने उनको पूछा ??
यह सुनते ही नानी के चेहरे पे एक हसि खील गयी. और वह खुश होकर नाना की तरफ देखि. माँ शर्मा के नज़र झुका के नानी की प्लेट में परोस रही है. नानी समझ गयी कि माँ ने इस नये रिश्ते को कैसे मन से एक्सेप्ट कर लिया है. नानी बस अपने लेफ्ट हैंड को पीछे से ले जाकर माँ की पीठ को पकड़ के माँ को अपनी तरफ खिची और कुछ ना बोलकर एक स्माइल देके बहुत कुछ समझ भी गयी और संमझा भी दिया.
सब की ज़िन्दगी में कुछ पल, कुछ दिन, कुछ मोमेंट्स ऐसे आते है, जहाँ उसकी ज़िन्दगी एक अनजान मोड़ पे आकर एक नयी दिशा में घूम जाती है. और तब वह शायद यह सोच नहीं पाता की इस तरह की नयी राह में कदम रखना कितना जरुरी या रिस्की होता है. पर हम सब इसको हमारे ज़िन्दगी में अनुभव करते है, और नयी सोच और नयी उम्मीद के साथ आगे चल पड़ते है. बाकि लोगों से मेरी ज़िन्दगी एक दम से तो अलग ही है. सब की शादी होती है. सब अपनी जीवनसाथी पाते है. पर में अपनी जीवनसाथी, अपनी बीवी के रूप में जिसको पाने जा रहा हु, वह मेरी माँ ही है. मुझे मालूम है हमारा यह नया रिश्ता औरों से बिलकुल अलग है. हम दोनों और नाना नानी ..सब की सम्मति से और हमारे बीच का प्यार और बंधन के कारन से , हम लोग इस रिश्ते को अपनाना चाहते है. सभी का अच्छा इसमें होगा यह सोच के हम इस कदम को उठाया है. पर समाज और संसार कैसे इस को देखेंगे वह भी मालूम है. इसके लिए हमें सब को बहुत कुछ सैक्रिफाइस भी करना पडेगा. माँ अब एक दूसरे लड़की के जैसी बन गई, जिसको में प्यार करता हु और चाहता भी हु. पर एक बात तो सच है. कोई भी रिश्ते में, खास करके पति पत्नी के रिश्ते में, वह रिश्ते मजबूत, टिकउ और हैल्थी होता है तब, जब उसमे एक दूसरे के लिए प्यार, एक दूसरे के ऊपर बिस्वास, और एक दूसरे को क्षमा करने की ताकत होती है मन मे. मेरे और माँ के मन में माँ-बेटे का प्यार तो था हि, अब एक नया प्यार दोनों के मन में छाया हुआ है, उसमे हम एकदूसरे को बहुत बहुत प्यार करते है. बचपन से दुनिया में हम एकदूसरे को सबसे ज़ादा बिस्वास करते आरहे है. और हमारी ख़ुशी के लिए हम बहुत कुछ सैक्रिफाइस करने की ताकत भी रखते है जो हम बचपन से करते भी आरहे है, और अब तो सब कुछ के लिए तैयार भी है. दुनिया की और कोई लडकि, वह कितनी भी सुन्दर और खूबसूरत क्यों ना हो, वह लड़की मेरे मन में वह जगह नहीं ले सकती है जहाँ मेरी मा...मेरी होनेवाली पत्नी बनके और मेरी माँ बनके मेरे दिल में बैठि हुई है. सुबह से एक हलचल मची हुयी है हमारे बीच.
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