RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
फिर उमार रशीद से बोला- “यार रशीद आज तो हमारी लाटरी खुल गई है, क्या शानदार माल मिला है?”
रशीद भी बोला- “यार उमार आज अपना नसीब बहुत अच्छा है आज दिल खोलकर इसकी चुदाई करेंगे...”
फिर दोनों मुझ पर टूट पड़े और मेरे पूरे जिश्म को पागलों की तरह चूमने लगे। थोड़ा-थोड़ा मजा भी आ रहा था। मैंने अब बिल्कुल ही हिलना डुलना बंद कर दिया था और खुद को उन दोनों के हवाले कर दिया था की वो दोनों
जो करना चाहते हैं मेरे साथ कर लें। अब रशीद तो मेरी चूत को चाट रहा था जबकी उमार मेरी चूचियों को दबा-दबाकर चूम और चूस रहा था। अब मुझे बहुत मजा आने लगा था और अब मुझे इस बात की परवाह नहीं हो रही थी की मेरा रेप होने जा रहा है।
और फिर जब रशीद ने अपनी एक उंगली मेरी कुँवारी चूत में घुसाई तो मेरी लज़्ज़त भरी एक सिसकारी निकल गई- “आह्ह... उफफ्फ़... ऊओह... ऊऊओह... उफफ्फ़.. जिर से एस्स... ऊओह... आअज्ज मिल्ल कर मारोओ मेरीइ ऊऊओह... उफफ्फ़.. उफफ्फ़... ऊओह... ऊओह...
मुझे सिसकारी लेता देखकर उमार मुश्कुराकर रशीद से बोला- “यार लड़की लाइन पर आ रही है..”
दोनों काफी देर तक मेरे जिश्म को चूमते और चाटते रहे। फिर दोनों लेट गये और फिर रशीद मुझसे बोला- “चल रंडी अब तू हम दोनों के लण्ड को चूस.. मैंने देखा के दोनों के लण्ड छत की तरफ मुँह करके खड़े हुये थे।
उमार का लण्ड 8 इंच लंबा और 2% इंच मोटा था, जबकी रशीद का लण्ड 9 इंच लंबा और तीन इंच मोटा था, रशीद की बात सुनकर मैं उठकर बैठ गई। मैंने अपने दोनों हाथ से दोनों के लण्ड पकड़ लिए। मुझे उन दोनों के लण्ड बहुत अच्छे लगे और फिर मैं रशीद के लण्ड पर झुक गई, और फिर मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में ले लियाऔर लोलीपोप की तरह चूसने लगी।
मुझे लण्ड चूसने में बहुत मजा आने लगा और मैं उमार के लण्ड को सहलाती हुई मजे ले लेकर रशीद का लण्ड चूस रही थी। काफी देर तक मैंने रशीद के लण्ड को चूसा, फिर मैंने रशीद का लण्ड छोड़कर उमार का लण्ड चूसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत जोश चढ़ रहा था। मेरे जोश को देखकर वो दोनों भी मेरी तरफ से मुतमइन हो गये थे। फिर दोनों मुझे चोदने के लिए तैयार हो गये।
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