RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मेरे मुँह से अंकल का लफ्ज़ सुनकरर सेल्समैन के चहरे पर अजीब से भाव आ गये। अंकल भी पूरे शौकीन ही थे। कहने लगे की एक ड्रेस मेरी पसन्द का भी ले लो और यही तुम अभी ट्रायल रूम में जाकर पहन लेना।
मैंने कहा- “ठीक है..” अंकल ने सेल्समैन से एक ब्लू रंग की टी-शर्ट निकलवाई, जिसको देखके ही मुझे अंदाजा हो गया था की ये मेरे बेल्ली बटन को भी नहीं छुपा पाएगी और साथ में वो लो कट भी थी और यकीनन बहुत टाइट भी होगी, और फिर मेरी वेस्ट की साइज की एक ब्लैक कैप्री जो की वाकई ही बहुत छोटी थी। मेरे घुटनों से जरा नीची तक ही और मुझे कोई ऐतराज ना था क्योंकी मैं इस ही किस्म की कैप्री पसन्द करती हूँ। वैसे तो हमारे यहाँ लड़कियां ऐसी कैप्री को बहुत कम ही पहनती हैं मगर मेरी शुमार उन 5-10% लड़कियों में होती है।
जो ऐसी कैप्री पसन्द करती हैं।
खैर, मैं ट्रायल रूम में गई और कैप्री चेंज करके आई। मेरा आइडिया ठीक था, टी-शर्ट मेरी बेल्ली बटन से भी उँची थी और मेरी चूचियों की कर्व लाइन साफ नजर आ रही थी। अगर मैं थोड़ा झुकती तो मेरी आधी नंगी चूचियां भी आसनी से नजर आ जातीं और कैप्री भी घुटनों तक ही थी अंकल समेत वहां जितने भी मर्द थे सब की भूखी नजरें मेरी तरफ थी और यकीनन उनके लण्ड भी खड़े हो गये होंगे। अंकल मुझे देखके मुश्कुराये और फिर अंकल ने पेमेंट की जब तक मैं दुकान पर रही सब अपने-अपने काम छोड़कर मुझे ही ताड़ते रहे और मैं उनकी नजरों से मजे लेते रही।
फिर हमारा रुख उस दुकान की तरफ था जहाँ पर अंडरगार्मेंट्स मिलती हैं। अंकल ने कहा की मैं ही तुम्हें अपनी मर्जी का खरीदवाता हूँ और मैंने कहा ओके।
अंकल ने मेरा साइज पूछा और मैंने बता दिया की 34सी और चूतड़ों का 36” यहाँ भी सब हमें देखके हैरान हुये। और उस वक़्त उस दुकानदार के हैरत की इंतहा ना रही, जब अंकल ने कहा की 3-4 34सी की डिजाइन दिखाओ। दुकानदार ने पहले मुझे देखा और फिर अंकल की तरफ।
अंकल ने कहा- “सुना नहीं क्या?”
उसने जल्दी से 2-3 सिंपल डिजाइन दिखा दिये। अंकल ने कहा की ऐसे नहीं कुछ सेक्सी स्टाइल्स के। वो शायद नया-नया आया था इसलिए कुछ घबराया हुआ था। इतनी में एक दूसरा दुकानदार आया और कहने लगा की। आप मुझे बतायें। उसके चेहरे पर एक शरारत भरी मुश्कुराहट थी और अंकल ने फिर से अपनी बात दोहरा कर दी। उसने 4-5 तरह के डिजाइन दिखाये और साथ में कहने लगा की मेरे जिश्म पर सारे ही बहुत अच्छे लगेंगे। ये बात सुनकर मैं हँस पड़ी और उसके भी दाँत निकल पड़े, लेकिन शयद अंकल को उसका फ्री होना अच्छा ना लगा।
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