RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-43
उसके बाद मैं अकेला कॅबिन मे बैठा था इसलिए वापिस शीशे के पास आके नीचे देखने लगा जहाँ जापानी के तमाम लोग लगे हुए थे नया रिंग तेयार करने मे. मैं बस यही सोच रहा था कि मैने लड़ने के लिए हाँ तो बोल दिया है लेकिन क्या मैं लड़ भी सकता हूँ या नही. अंदर से मुझे भी डर लग रहा था लेकिन इन लोगो के दिल मे जगह बनाने का मेरे पास इससे अच्छा मोक़ा नही था इसलिए मैने लड़ाई के लिए हाँ बोल दिया था. कुछ ही देर बाद लाला वापिस आया उसके हाथ मे एक बड़ा सा कार्टून था जिसमे बहुत सी सी.डी पड़ी थी.
लाला : ले भाई तेरा काम कर दिया है आज तक तूने जितनी भी फाइट लड़ी है उन सब की वीडियो फुटेज इसमे मोजूद है आराम से बैठ कर देखता रह.
मैं : ठीक है
लाला : ऑर कुछ चाहिए....
मैं : (ना मे सिर हिलाते हुए) शुक्रिया.
उसके बाद मैं वो कार्टून मे से वीडियो सीडी निकाल कर प्लेयर मे लगाने लगा ओर अपनी पुरानी जिंदगी को याद करने की कोशिश करने लगा. लेकिन अफ़सोस मुझे कुछ भी याद नही आ रहा था इसलिए मैं बस अपने दाव-पेच ही गौर से देखने लगा जो शायद मेरी फाइट मे काम आ सकते थे मुझे नही पता था कि ये दाव- पेच मेरे किसी काम भी आ सकते हैं या नही लेकिन फिर भी मैं इस फाइट को जीतने के लिए सब को बड़े गौर से देख रहा था. उसके बाद फाइट शुरू होने का वक़्त आ गया नीचे लोगो की भीढ़ भी बढ़ने लगी थी ऑर सब तेयारियाँ भी मुकम्मल हो चुकी थी रिंग भी तेयार था ऑर शम्मी का फाइटर ऑर शम्मी भी नीचे आ चुके थे. लेकिन मैं अभी तक उन्ही वीडियो फुटेज को ही देख रहा था तभी लाला कॅबिन मे आ गया.
लाला : भाई सब कुछ रेडी है.
मैं : हाँ चलो मैं भी रेडी हूँ.
लाला : यार एक बात फिर सोच ले तुझे ये फाइट लड़ने की कोई ज़रूरत नही है
मैं : ज़रूरत है लाला अपने लिए नही अपने यारो के लिए आज शेरा लड़ेगा ऑर ना सिर्फ़ लड़ेगा बल्कि जीतेगा भी.
लाला : (मुझे गले लगाते हुए) कौन बोलता है तू पहले जैसा नही रहा.
उसके बाद मैने अपनी शर्ट उतार दी ऑर सिर्फ़ जीन्स पेंट पहना हुआ सीढ़ियो से नीचे उतर गया तब तक शमी का फाइटर भी रिंग मे आ चुका था जो इस रिंग का अब फेव. बन चुका था ऑर एक भी फाइट नही हारा था. मेरे नीचे उतरते ही रेफ़री ने मेरा नाम पुकारा जिस पर सब लोग ने हाथ हवा मे उठा कर मेरे नाम का नारा बुलंद कर दिया. लाला मेरे पिछे मेरा नाम पुकारते हुए आ रहा था लेकिन मुझे जापानी कहीं भी नज़र नही आ रहा था मेरी नज़रे चारो तरफ जापानी को ढूँढ रही थी इसलिए मैने लाला को इशारे से जापानी के बारे मे पूछा तो उसने रिंग के अंदर इशारा किया. उसके बाद मैं बिना कोई जवाब दिए रिंग की तरफ बढ़ गया जहाँ शमी ऑर शमी का फाइटर मोजूद थे. मेरे रिंग के पास आते ही जापानी मेरे पास आके खड़ा हो गया ऑर मेरा एक हाथ पकड़ कर हवा मे उपर उठा दिया....
जापानी : भाई आज दिखा दे पुराना शेरा....
मैं : (मुस्कुरा कर जापानी को गले लगाते हुए) कोशिश करूँगा...
उसके बाद मैं रिंग के अंदर चला गया जहाँ शमी का फाइटर मेरे सामने आके खड़ा हो गया वो क़द मे ऑर शरीर मे मुझसे लग-भग दोगुना था लेकिन फिर भी वहाँ पर मोजूद तमाम लोग शेरा...शेरा....शेरा..... नाम पुकार रहे थे जिससे मुझे बहुत होसला मिल रहा था.
फाइटर : शम्मी साहब ये लड़ेगा मेरे साथ.
शमी : हाँ भाई क्या करें कुछ लोगो को शहीद होने का शॉंक होता है.
फाइटर : (हँसते हुए) लोगो ने तुझे शेर बोला ऑर तू आ गया पिंजरे मे मरने के लिए, आज तो इस शेर की भी क़ुर्बानी होगी....
मैं : (हँसते हुए) हाथी कितना भी बड़ा हो जाए शेर का शिकार नही कर सकता मुन्ना ऑर वैसे भी क़ुर्बानी बकरे की दी जाती है शेर की नही शेर अपनी खुराक खुद ढूँढ लेता है.
फाइटर : देखते हैं आज कौन किसको खुराक बनाता है तेरे जैसे कितने ही आए ऑर धुंल चाट कर चले भी गये. लेकिन मैं वही का वही खड़ा हूँ.
मैं : तू खड़ा है क्योंकि तेरा शेरा से सामना नही हुआ था आज तेरा ये खड़े रहने का वेहम भी दूर हो जाएगा क्योंकि फाइट के बाद तू खड़ा होना तो दूर की बात है कीड़े की तरह रेंगने लायक भी नही बचेगा.
उसके बाद शम्मी ऑर जापानी रिंग से बाहर चले गये ऑर रेफरी हम दोनो का नाम एलान करने के बाद वो भी रिंग से बाहर चला गया. अब रिंग का दरवाज़ा बाहर से बंद हो गया था ऑर मैं घंटी बजने का इंतज़ार करने लगा तभी उपर से पानी बरसने लगा जैसे बारीष हो रही हो. मैने सिर उठा कर उपर देखा तो उपर बहुत सारे फुव्वारे लगे हुए थे जिनसे बारीष जैसे पानी निकल रहा था कुछ ही देर मे रिंग की ज़मीन पूरी तरह गीली हो गई. अब मैं ऑर वो फाइटर दोनो रिंग के अलग-अलग कौने मे खड़े थे. तभी घंटी की टॅन से आवाज़ हुई ऑर वो फाइटर मेरी तरफ भागा ऑर जंप लगाके मेरे उपर कूद पड़ा. उससे बचने के लिए मैने अपनी करवट बदल ली जिससे वो जाके लोहे की जाली से टकरा गया. मैने जल्दी से पलटकर एक टाँग हवा मे उठाई ऑर उसकी पीठ मे मार दी. जब मैं दुबारा उसको टाँग मारने लगा तो वो पलट गया ऑर उसने मेरी टाँग पकड़ ली इससे पहले कि वो कुछ कर पाता मैने अपनी बॉडी का सारा वेट उसी पकड़ी हुई टाँग पर डाल दिया ऑर उसके हाथ पर खड़ा होके उपर को उछल गया साथ ही अपना घुटना उसके मुँह पर मारा जिससे उसकी नाक से खून निकलने लगा. अब मैं उससे कुछ दूर खड़ा था ऑर उसके अगले हमले का इंतज़ार कर रहा था. वो अपने हाथ से अपना नाक सॉफ करते हुए फिर से मेरी तरफ गुस्से से बढ़ने लगा. मैने गीली ज़मीन का फ़ायदा उठाया ऑर जल्दी से नीचे ज़मीन पर फिसल गया जिससे मेरी दोनो टांगे उसकी टाँगो के सामने आ गई मैने अपनी एक टाँग उसके घुटने के जोड़ पर ज़ोर से मारी जिससे वो खुद को संभाल नही पाया ऑर मेरे उपर ही गिर गया. मेरे उपर गिरते ही उसने मेरा गला पकड़ लिया ऑर मेरा गला दबाने लगा. मैने काफ़ी कोशिश की लेकिन उसके हाथ की पकड़ काफ़ी मज़बूत थी. उसके गला दबाने से नीचे पड़े पानी से मुझे साँस लेने मे तक़लीफ़ हो रही थी. मैने जल्दी से अपने दोनो हाथ उसके मुँह पर रखे ऑर अपने हाथ की 2 उंगालिया उसकी आँखों पर मार दी जिससे कुछ पल के लिए उससे दिखना बंद हो गया मेरे लिए इतना वक़्त काफ़ी था मैने जल्दी से उसको पलट दिया ऑर खुद उसके उपर आ गया था अब मैने उसकी एक हाथ से गर्दन पकड़ी ऑर दूसरे हाथ से उसके चेहरे पर मुक्के मारने लगा लेकिन शायद मेरे मुक्को से उसके चेहरे पर कुछ खास असर नही हो रहा था इसलिए मैने अपनी कोहनी को उसके सिर मे ज़ोर से मारा जिससे उसके सिर से खून निकलने लगा.
मुझे मेरा ये दाव काम का लगा इसलिए मैने बार-बार अपनी कोहनी उसके सिर मे मारनी शुरू करदी. 5-6 बार सिर मे चोट खाने के बाद उसने अपनी दोनो बाजू उपर कर लिए ऑर अपना सिर बचा लिया अब मैने अपनी जगह बदली ऑर उसका पैर पकड़ लिया ऑर उल्टी डाइरेक्षन मे घुमाने लगा जिससे शायद उसको इंतेहा दर्द हुआ था इसलिए उसने अपना दूसरा पैर ज़ोर से मेरे पेट मे मारा ऑर मैं दूर जाके गिर गया. मैं फिर से खड़ा हो गया ऑर उसके खड़े होने का इंतज़ार करने लगा इस बार उसने कुछ वक़्त लिया खड़ा होने मे ऑर लोहे की जाली को पकड़ कर वो फिर से खड़ा हो गया मैं अब उससे काफ़ी फ़ासले पर था मैं अब सोच रहा था कि इसको कैसे दुबारा गिराऊ तभी मुझे वीडियो फुटेज का एक मूव याद आया जो मैने काफ़ी वीडियो मे इस्तेमाल किया था मैं दूर जाके खड़ा हो गया ऑर किसी जानवर की तरह अपने दोनो हाथो पर ऑर घुटनो पर बैठ गया वो पूरे गुस्से के साथ मेरी तरफ बढ़ने लगा. वो जैसे ही मेरी तरफ भागा मैं भी नीचे झुक कर भागने लगा ऑर हवा मे उच्छल कर किसी मेंढक की तरह उस पर कूद पड़ा मेरा कंधा उसके पेट मे लगा जिससे वो वही ज़मीन पर गिर गया. अब मैं उसको उठने नही देना चाहता था इसलिए जल्दी से उसके पास गया ऑर उसका सिर अपनी दोनो टाँगो मे दबा कर ज़ोर से खींच दिया इससे डेथ लॉक कहा जाता है. वो कुछ देर अपने हाथ-पैर हिलाता रहा लेकिन अब उसकी साँस टूटने लगी थी मैने जब देखा कि वो एक दम बेजान सा होने लगा है तो मैने अपनी पकड़ से उसको आज़ाद कर दिया. इस बार वो खड़ा नही हो सकता था काफ़ी देर इंतज़ार करने के बाद भी जब वो खड़ा नही हुआ तो रिंग का गेट खुल गया ऑर जापानी ऑर लाला रिंग मे आ गये ऑर मुझे अपने कंधो पर उठा लिया. वो दोनो मेरे जीतने से बहुत खुश थे ऑर बाहर लोगो की भीढ़ सिर्फ़ मेरा ही नाम पुकार रही थी. तभी रिंग मे शम्मी आ गया...
शम्मी : (फीकी हँसी के साथ) मुबारक हो शेरा भाई
जापानी : अब बोलो शम्मी भाई क्या कहते हो... अफ़सोस !!! आपका पैसा ऑर आपका फाइटर दोनो काम से गये. अब अपना अगला पिच्छला सब हिसाब बराबर.
शमी : (अपने माथे से पसीना सॉफ करते हुए) ठीक है....
उसके बाद शम्मी अपने ज़मीन पर पड़े फाइटर को एक लात मार कर रिंग से चला गया ऑर मेरे दोस्त मेरे आने की ऑर जीतने की खुशी मे लग गये. फिर जैसे ही मैं रिंग से बाहर आया तो वहाँ पर खड़े लोगो ने मुझे उपर उठा दिया ऑर पूरे फाइट क्लब मे मेरा नाम पुकारा जाने लगा. कुछ देर मैं ऐसे ही उन लोगो के साथ अपनी खुशी मनाता रहा फिर उपर से मुझे लाला ने इशारा किया ऑर उपर आने को कहा तो मैं वहाँ के लोगो का शुक्रिया अदा करके वापिस उपर आ गया.
लाला : आजा मेरे शेर आज तो तूने कमाल कर दिया यार तू नही जानता तूने शम्मी को कितना बड़ा लॉस दिया है.
मैं : मैने ये फाइट लॉस या प्रॉफिट के लिए नही दोस्ती के लिए की थी.
जापानी : (ग्लास मे शराब डालते हुए) जानता हूँ यार लेकिन कुछ भी बोल साले शम्मी की शक़ल देखने वाली थी ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी इज़्ज़त लूट ली हो...
मैं : चल अब जो होना था हो गया कल से तू यहाँ नये लड़के बुला जिनको मैं फिर से ट्रैनिंग दूँगा.
लाला : लेकिन यार तू कैसे.....
मैं : क्यो मुझे क्या है मैं अगर लड़ सकता हूँ तो लड़ना नही सीखा सकता क्या.
जापानी : वो बात नही है यार लेकिन पहले तू बाबा से इजाज़त ले लेगा तो बेहतर होगा.
मैं : हाँ यार ये बाबा का नाम बहुत सुना है कौन है ये बाबा इनसे कब मिलूँगा मैं.
लाला : शेरा बाबा वो है जिन्होने तेरी मेरी हम सबकी परवरिश की है ये सब कुछ बाबा का ही तो है.
मैं : क्या बाबा जानते हैं मैं वापिस आ गया हूँ.
जापानी : मेरे दोस्त जो भी होता है वो सब कुछ बाबा को पता होता है
मैं : तो मुझे बाबा से भी मिलवओ ना यार
लाला : अभी नही यार कुछ दिन तू हमारे साथ ही रह फिर बाबा से भी मिल लेना क्योंकि अभी बाबा मुल्क़ से बाहर गये हुए हैं.
उसके बाद मैं कुछ दिन वहाँ रहा ऑर सब लोगो के साथ घुलने मिलने की कोशिश करने लगा मैं वहाँ के तमाम लोगो का दिल जीत भी लिया था लेकिन मेरा मकसद यहाँ से इन्फर्मेशन कलेक्ट करना था इसलिए अब मेरा सारा दिन होटेल्स मे ऑर रात फाइट क्लब मे गुज़रने लगी थी. मेरे बहुत कोशिश करने के बाद भी मैं किसी भी तरह की इन्फर्मेशन नही निकाल पा रहा था क्योंकि सब मुझे किसी मेहमान की तरह ट्रीट कर रहे थे वो लोग मुझे अपने जशन मे ऑर पार्टी मे तो शामिल करते थे लेकिन अपने बिज़्नेस की कोई भी बात मेरे सामने नही करते थे. कुछ दिन ऐसे ही गुज़रने के बाद एक दिन मुझे लाला से पता लगा कि छोटे शीक (शीक साहब का बेटा) वापिस आ रहा है ऑर मुझसे मिलना चाहता है. क्योंकि मुझे पिच्छला कुछ भी याद नही था इसलिए मैं उसे भी अपना दोस्त ऑर हमदर्द ही समझ रहा था यही आगे चलकर मेरी सबसे बड़ी ग़लती साबित हुई.
मैं रोज़ की तरह अपने होटेल के रूम मे तेयार हो रहा था कि किसी ने मेरा रूम नॉक किया जब दरवाज़ा खोला तो मुझे पता चला कि छोटा शीक ने मुझे नीचे लाला के कॅबिन मे बुलाया है. मैं फॉरन तेयार होके नीचे चला गया. नीचे जाते ही 2 गार्ड ने मुझे रोक लिया ऑर मेरी तलाशी लेने लगे. ये दोनो लोग मेरे लिए नये थे क्योंकि लाला के सब आदमियो को मैं जानता था. मेरी तलाशी लेने के बाद उन्होने मेरी गन निकाल ली ऑर मेरे लिए कॅबिन का दरवाज़ा खोल दिया ऑर मैं बिना कुछ बोले चुप-चाप अंदर चला गया. अंदर कुर्सी पर एक आदमी बैठा जिसने टेबल पर अपनी दोनो टांगे रखी हुई थी ऑर उसके पास ही लाला अपने दोनो हाथ बाँधे खड़ा था. सबसे अजीब बात तो ये थी कि आज वहाँ रोज़ की तरह लाला का एक भी आदमी मोजूद नही था सब लोग हाथ मे हथियार पकड़े थे ऑर सब नये चेहरे थे.
छोटा शीक : (अपनी सिग्रेट जलाते हुए) ओह्हुनो.... तो मेरे आदमी सही कह रहे थे शेरा सच मे वापिस आ गया है भाई वाहह.
मैं : (अदब से सलाम करते हुए) जी... आपने मुझे याद किया था.
छोटा : अर्रे ये सलाम करना कब से सीख लिया अपन तो पुराने दोस्त हैं यार... चलो यहाँ आओ बैठो.
मैं : (कुर्सी पर बैठ ते हुए) जी शुक्रिया....
छोटा : तो तुमको पुराना कुछ भी याद नही है हमम्म.
मैं : (ना मे सिर हिलाते हुए) जी नही....
छोटा : हम्म.... तो ये बात है.... (अपने आदमियो को इशारा करते हुए)
मैं : (कुछ ना समझने वाले अंदाज़ मे ) मुझे कुछ समझ नही आ रहा आपने बस मुझसे यही पुच्छना था.
छोटा : नही यार मैं तो तुम्हारे लिए एक तोहफा लाया था सोचा तुमको पसंद आएगा.
मैं : जी कौनसा तोहफा
छोटा : चलो आओ तुमको तुम्हारा तोहफा दिखाऊ.... (मेरे पास आते हुए) तुम जानना नही चाहोगे तुमको गोली किसने मारी थी.
मैं : (चोन्क्ते हुए) क्या.... आप जानते हैं.... कौन है वो कमीना उस साले को तो मैं ज़िंदा दफ़न कर दूँगा जिसने मेरी ये हालत की है. (गुस्से से)
छोटा : भाई तुम्हारा दुश्मन हमारा दुश्मन.... मेरे आदमी तो उसको वही ठोक देते जहाँ वो हम को मिला था फिर सोचा तुमको पहली बार मिल रहा हूँ ठीक होने के बाद खाली हाथ जाउन्गा तो तुमको अच्छा नही लगेगा इसलिए तुम्हारे लिए इससे आला तोहफा नही हो सकता था इसलिए तुम्हारे लिए बचा के रखा है.
मैं : कौन है वो हरम्खोर क्या नाम है उसका बताओ मुझे शीक साहब आपका अहसानमंद रहेगा ये शेरा.
छोटा : खुद ही चलकर देख लेना.
उसके बाद छोटा शीक,मैं ऑर लाला साथ मे शीक के आदमी नीचे चले गये ऑर फिर हमारे लिए कार्स आ गई मैं, लाला ऑर छोटा शीक एक गाड़ी मे बैठे थे बाकी सब आदमी पिछे दूसरी गाडियो मे आ रहे थे. मेरे बार-बार पुच्छने पर भी छोटा शीक मुझे उस आदमी का नाम नही बता रहा था. इधर मेरे अंदर एक अजीब सा तूफान जाग गया था मैं बे-क़रार हुआ जा रहा था उस आदमी को अपने हाथो से गोली मारने के लिए जिसने मेरा अतीत मेरी शक्सियत मुझसे छीन ली थी. आज अगर मुझे मेरे बारे मे कुछ भी याद नही था तो उसका ज़िम्मेदार वही आदमी था. अब मुझे इंतज़ार था उस पल का जब मेरा ऑर उस आदमी का सामना होगा जिसने मुझे गोली मारी थी.
कुछ देर बाद हमारी कार एक आलीशान मकान के सामने रुक गई. गाड़ी के रुकते ही लोग गाड़ी से उतर गये मैने अपनी कोट के साइड मे हाथ डाला ताकि मैं गन निकाल सकूँ ऑर जाते ही उस आदमी पर गोली चला सकूँ जिसने मेरी ये हालत की थी. लेकिन कोट मे हाथ डालते ही मुझे याद आया कि मेरी पिस्टल तो छोटे शीक के आदमियो ने ले ली थी.
मैं : (पलट ते हुए) शीक साहब मुझे मेरी गन चाहिए
छोटा : अर्रे भाई इतनी भी क्या बे-सबरी पहले अंदर तो चलो तुमको तुम्हारी गन भी मिल जाएगी. फिर जो दिल चाहे कर लेना उसके साथ.
मैं : ठीक है
उसके बाद हम सब लोग घर के अंदर चले गये. अंदर जाने के बाद हम सब को शीक ने सोफे पर बैठने का इशारा किया ऑर खुद अपने दो गार्ड्स के साथ सीढ़ियो से उपर चला गया. उस वक़्त इंतज़ार का एक-एक पल मेरे लिए कई साल के इंतजार जैसा हो रहा था मैं चाहता था कि जल्दी से जल्दी वो इंसान मेरे सामने आ जाए ऑर उसकी जान ले लूँ ताकि मेरे दिल को कुछ क़रार आ सके. मैं खामोश होके गर्दन नीचे लटकाए बैठा था मेरे साथ लाला ऑर जापानी बैठे थे बाकी के तमाम लोग सोफे के आस-पास खड़े हुए थे. कुछ ही देर मे छोटा शीक एक मुस्कान के साथ सीढ़ियो से नीचे उतरता हुआ नज़र आया. उसके पिछे कुछ लोग एक आदमी को पकड़ कर नीचे ला रहे थे उसके चेहरे को एक काले नक़ाब से ढका हुआ था ऑर देखने से लग रहा था जैसे वो आदमी उसको घसीट कर नीचे ला रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे वो बेहोश हो. कुछ ही देर मे वो लोग उसको उठाके नीचे ले आए ऑर एक कुर्सी पर बिठा दिया. तभी छोटा शीक मेरे पास आया ऑर गन निकाल कर मुझे पकड़ा दी.
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