Kamukta Kahani अहसान
07-30-2019, 01:22 PM,
#39
RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-37

मैं बिना कुछ बोले रिज़वाना के साथ चद्दर के अंदर आके लेट गया ऑर अंदर जाते ही मुझे एक झटका सा लगा क्योंकि रिज़वाना ने अंदर कुछ नही पहना था ऑर एक दम नंगी थी. वो मेरे चद्दर के अंदर आते ही मुझसे लिपट गई उसकी बड़ी ऑर ठोस छातीया मेरे सीने मे धँसने लगी उसके निपल एक दम सख़्त हुए पड़े थे जो मुझे अपने सीने पर महसूस हो रहे थे. उसके नाज़ुक जिस्म का अहसास मिलते ही मुझ पर एक अजीब सी मदहोशी छाने लगी ऑर मैने उसको अपनी बाहो मे जाकड़ लिया. अब इस बार वो मेरी गाल को चूम रही थी ऑर मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी. धीरे-धीरे वो मेरे उपर आके लेट गई ऑर मेरे चेहरे को चूमने लगी नीचे मेरा लंड फिर से जाग गया था ऑर शॉर्ट्स मे टेंट बनाए खड़ा हो गया था. जिसको रिज़वाना ने अपनी जाँघो मे क़ैद कर रखा था. अब वो धीरे-धीरे मेरी गालो से होते हुए मेरी गर्दन पर चूम रही थी ऑर नीचे की तरफ जा रही थी कुछ ही देर मे वो मेरी छाती पर आ गई ऑर चूमने लगी.

मुझ पर एक अजीब सा मदहोशी का नशा हावी हो रहा था इसलिए मैने उसको कमर से पकड़ लिए ऑर उपर की तरफ खींचा. मेरे इशारे को समझते हुए वो वापिस उपर आ गई ऑर मेरी आँखों मे देखने लगी ऑर मेरे होंठों को चूमने लगी मैने जल्दी से उसे कमर से पकड़कर पलट दिया अब वो मेरे नीचे थी ऑर मैं उसके उपर. मैने उसके होंठ चूसने शुरू किए जिसका उसने भी भरपूर साथ दिया उसका एक हाथ मेरी पीठ को सहला रहा था ऑर दूसरा हाथ मेरे सिर के बालो से खेल रहा था. हम दोनो को ही इस वक़्त कोई होश नही था उसके होंठ चूस्ते हुए मैने उसके एक मम्मे को अपने हाथ मे थाम लिया ऑर उसको दबाने लगा. कुछ देर मेरे होंठों को चूसने के बाद उसने मेरे सिर को अपने एक हाथ से नीचे की तरफ दबाया शायद वो चाहती थी कि मैं अब उसके मम्मों को भी उसके होंठों की तरह चुसू. मैं जल्दी से नीचे जाके किसी जंगली की तरह उसके बड़े-बड़े मम्मों पर टूट पड़ा ऑर उसके निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. वो किसी बिन पानी की मछली की तरह मेरे नीचे पड़ी तड़प रही थी ऑर सस्सिईइ..... सस्सिईइ..... की आवाज़ निकल रही थी वो कभी मेरा सिर पकड़ कर एक मम्मे पर रखती तो कभी दूसरे मम्मे पर. मैं भी उसके दोंनो मम्मों को बारी-बारी चूस्ता जा रहा था. थोड़ी देर मम्मे चूसने के बाद मैं थोडा ऑर नीचे की तरफ जाने लगा ऑर उसके पेट पर चूमने ऑर चूसने लगा. मैने जैसे ही अपनी ज़ुबान उसकी नाभि (नेवेल) मे डाली उसको एक झटका सा लगा ऑर उसने अपना पेट अंदर की तरफ खींच लिया ऑर मेरा सिर पकड़ कर अपने पेट पर दबा दिया शायद उसको भी मज़ा आ रहा था कुछ देर उसकी नाभि को चूसने चाटने के बाद मैं ऑर नीचे जाने लगा ऑर उसकी चूत के उपर जहाँ बाल (हेर्स) थे वहाँ चूमने लगा मेरा ऐसा करने से उसने अपनी दोनो टांगे आपस मे जोड़ ली. मैने एक झलक गर्दन उठाके उपर की तरफ देखा तो उसकी आँखें बंद थी मैने उसकी दोनो जाँघो पर अपने हाथ रखे ऑर धीरे-धीरे उन्हे खोलने लगा मेरा इशारा मिलते ही वो किसी चाबी लगे खिलोने की तरह अपनी दोनो टांगे खोलती चली गई उसकी चूत एक दम सॉफ ऑर क्लीन थी उस पर बाल का कोई नामो-निशान नही था आज तक मैने जितनी भी चूत को चोदा था सब पर जंगल उगा हुआ था यहाँ तक कि हीना की चूत पर भी थोड़े-थोड़े बाल थे लेकिन रिज़वाना की चूत एक दम सॉफ ऑर गोरी चिट्टी थी. अब मैने अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर रखा ऑर वहाँ चूम लिया. उसकी चूत लगातार पानी छोड़ने की वजह से बहुत गीली हो गई थी ऑर मेरे चूमने से कुछ पानी मेरे होंठों पर भी लग गया था. लेकिन मेरा चूत पर चूमना रिज़वाना के लिए किसी झटके से कम नही था वो एक दम उच्छल सी गई ऑर अपना सिर उपर की तरफ उठा दिया. मैने अपना एक हाथ उसकी छाती पर रख कर उससे फिर से लिटा दिया ऑर वापिस उसकी चूत को चूमने लगा उसकी टांगे काँपने लगी थी ऑर बार-बार वो अपनी टांगे बंद करने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसकी दोनो टाँगो को मज़बूती से पकड़ रखा था.

कुछ देर बाद जब वो थोड़ी ठीक हो गई तो मैने अपना मुँह खोला ओर उसकी पूरी चूत को अपने मुँह मे भर लिया ओर चूसने लगा उसके मुँह से एक जोरदार सस्स्स्सस्स ऊहह की आवाज़ निकली ऑर उसने मेरा सिर अपनी चूत पर दबा दिया साथ ही अपनी गान्ड को उपर की तरफ उठाने लगी. मैं अब लगातार उसकी चूत को चूस रहा था ऑर उसका एक हाथ ने सख्ती से मुझे मेरे बालो से पकड़ रखा था ऑर अपनी चूत पर दबा रही थी कुछ देर चूसने के बाद उसके जिस्म ने एक झटका खाया फिर दूसरा झटका ऑर ऐसे ही झटके खाती हुई उसने हवा मे अपनी गान्ड उपर को उठा ली ओर कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद वो एक दम से बेड पर गिर गई ऑर तेज़-तेज़ साँस लेने लगी शायद वो फारिग हो गई थी.

अब उसने मुझे मेरे बालो से पकड़ा ओर उपर की तरफ खींचा मैं जैसे ही उपर को हुआ वो फिर से मेरे होंठों पर टूट पड़ी ऑर बेतहाशा मुझे चूमने ऑर मेरे होंठ चूसने लगी. शायद उसको ऐसा करने से बे-ईतेहाँ मज़ा आया था कुछ देर मुझे चूमने के बाद उसने अपने हाथ नीचे किया ऑर पिछे से मेरी शॉर्ट्स को नीचे कर दिया ऑर मेरी गान्ड पर अपना हाथ फेरने लगी. फिर अपना हाथ आगे लाकर आगे से भी मेरे शॉर्ट्स को नीचे कर दिया ऑर फिर अपने पैर की मदद से शॉर्ट्स को मेरी टाँगो से आज़ाद कर दिया अब हम दोनो सिर्फ़ एक चद्दर मे क़ैद थे उसने अपनी टांगे फैलाई हुई थी ऑर मेरा लंड सीधा उसकी चूत के मुँह पर अपनी दस्तक दे रहा था. उसके होंठ चूस्ते हुए ही मैने अपना हाथ नीचे किया ऑर अपना लंड पकड़कर निशाने पर रख दिया. उसने जल्दी से अपना मुँह मेरे होंठों से आज़ाद किया ऑर मेरे कान मे धीरे से बोली....

रिज़वाना : नीर आराम से करना मैने पहले कभी किया नही.

मैं : कभी भी नही.

रिज़वाना : (मुस्कुरा कर ना मे सिर हिलाते हुए) उऊहहुउऊ.

मैने फिर से उसके होंठों को अपने होंठों मे क़ैद कर लिया ओर धीरे से अपने लंड का दबाव उसकी चूत की छेद पर दिया लेकिन उसकी चूत का छेद इतना तंग था कि मेरा लंड फिसलकर उपर की तरफ चला गया मैने फिर से अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया ऑर फिर लंड को निशाने पर रखा लेकिन लंड फिर से फिसल कर उपर को चला गया.

मैं : तुम पकड़कर खुद डालो.

रिज़वाना : (मुस्कुरा कर) अच्छा...

रिज़वाना ने मेरे लंड को पकड़ा ओर धीरे से मेरे कान मे बोली.

रिज़वाना : ये तो बहुत बड़ा है अंदर कैसे जाएगा.

मैं : चला जाएगा पहली बार तक़लीफ़ होगी फिर आराम से चला जाएगा.

रिज़वाना : मुझे मत सिख़ाओ मैं डॉक्टर हूँ. लेकिन नीर ये सच मे बड़ा है ऑर मोटा भी ज़्यादा लग रहा है बहुत दर्द होगा.

मैं : मैं आराम से करूँगा.

रिज़वाना : ठीक है जल्दी मत करना प्लज़्ज़्ज़.

फिर मैने अपने लंड को निशाने पर रखा ऑर इस बार ज़रा ज़ोर से झटका दिया जिससे लंड की टोपी अंदर चली गई ऑर रिज़वाना ने एक सस्स्सस्स के साथ अपनी आँखें बंद कर ली अब मैं कुछ देर रुका ऑर फिर से एक झटका दिया इस बार थोड़ा सा ऑर लंड अंदर गया ऑर कही जाके अटक गया मैं ज़ोर लगा रहा था लेकिन अंदर नही जा रहा था मैने अपना लंड बाहर निकाला उस पर फिर से थूक लगाया ऑर इस बार ज़रा ज़ोर से झटका दिया इस बार लंड कुछ आगे चला गया लेकिन रिज़वाना की दर्द से चीख निकल गई सस्स्स्सस्स आआययईीीई बहुत दर्द हो रहा है नीर जल्दी बाहर निकालो (रोते हुए) मेरी जान निकल रही है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.... उसने अपने दोनो हाथो के बड़े-बड़े नाख़ून मेरे कंधो मे गढ़ा दिए. जिससे मुझे भी बेहद दर्द हुआ.

मैं : बस हो गया इतना ही दर्द था अब नही होगा.

रिज़वाना : एक बार बाहर निकालो प्ल्ज़्ज़ मेरी दर्द से जान निकल रही है.

मैने बिना कुछ बोले लंड बाहर निकाल लिया ऑर रिज़वाना लगातार रोए जा रही थी मैं बस उसके उपर लेटा उसको चुप करवा रहा था ऑर उसको चूम रहा था. वो काफ़ी देर ऐसे ही रोती रही.

रिज़वाना : मेरा मुँह सूख रहा है प्यास लगी है

मैने बिना कुछ बोले पास पड़ा पानी का ग्लास उठाया ऑर पानी को मुँह मे भर लिया ऑर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए वो दर्द से कराह रही थी ऑर सस्स...सस्स कर रही थी मैने अपने होंठ जैसे ही उसके होंठों पर रखे तो उसने अपनी आँखें खोल दी अब मैं अपने मुँह वाला पानी उसके मुँह मे गिराने लगा ऑर वो बिना कोई हरकत किए वो पानी पीने लगी जब पानी ख़तम हो गया तो मैने ग्लास उसको दिया ताकि वो पानी पी सके.

रिज़वाना : ग्लास से नही मुँह से पिलाओ.

मैं कुछ देर उसको ऐसे ही अपने मुँह मे भरकर पानी पिलाता रहा उसको शायद मेरा ऐसा करना बहुत अच्छा लगा था अब वो भी मुस्कुरा रही थी ऑर आराम से पानी पी रही थी.

रिज़वाना : बसस्स अब आगे भी ऐसे ही पानी पिया करूँगी (मुस्कुराते हुए)

मैं : अब दर्द ठीक है

रिज़वाना : दर्द अब पहले से कुछ काम है लेकिन अभी भी बहुत तेज़ जलन हो रही है अंदर

मैं : एक बार पूरा डाल लोगि फिर दर्द नही होगा.

रिज़वाना : मैने बोला भी था आराम से करना लेकिन तुम तो एक दम जंगली हो.

मैं बिना कुछ बोले उसको देखता रहा ऑर उसके होंठ चूमकर अपना लंड फिर से निशाने पर रखा ऑर हल्का सा झटका दिया अब लंड टोपी से थोड़ा ऑर आगे तक बिना कोई रुकावट अंदर चला गया लेकिन रिज़वाना को अभी भी दर्द हो रहा था.

रिज़वाना : कुछ देर ऐसे ही रहो जब दर्द ठीक हो जाएगा फिर हिलाना अंदर.
मैं : अच्छा.

कुछ देर मैं ऐसे ही अंदर लंड डाले उसके उपर पड़ा रहा ऑर हम एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे थोड़ी देर बाद उसने खुद ही नीचे से अपनी गान्ड को हिलाना शुरू कर दिया तो मैं समझ गया कि अब उसका दर्द कम हो गया है इसलिए मैने भी धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा लेकिन चूत अब भी काफ़ी तंग थी इसलिए मेरा आधे से थोड़ा कम लंड भी अंदर फस-फस कर जा रहा था. कुछ देर धीरे-धीरे झटके लगाने के बाद जब उसके चेहरे पर से दर्द ख़तम हो गया तो मैने अपनी रफ़्तार कुछ तेज़ करदी ऑर लंड को भी ऑर अंदर तक डालने की कोशिश करने लगा. लेकिन अब रिज़वाना को इतना दर्द नही हो रहा था या शायद वो दर्द को बर्दाश्त कर रही थी.

रिज़वाना : ऑर कितना रह गया है बाहर.

मैं : बस थोड़ा सा ही बाक़ी है.

रिज़वाना : ऐसा करो एक ही बार मे पूरा डाल दो मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी.

मैं : पक्का

रिज़वाना : (बिना कुछ बोले मेरे होंठ चूमकर हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म.

मैं अपने लंड को टोपी तक बाहर निकाला ऑर एक ही बार मे जोरदार झटका चूत के अंदर मारा लंड पूरे से थोड़ा सा कम अंदर तक चला गया लेकिन कुछ लंड अभी भी बाहर बाकी था. लेकिन रिज़वाना के मुँह से एक बार फिर से ससस्स....आयईयीई....... की आवाज़े निकलने लगी.

रिज़वाना : रुक जाओ नीर बस ऐसे ही रहो अब हिलना मत.

मैं : (उसके माथे पर हाथ फेरते हुए) ठीक है.

कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद उसका इशारा मिलते ही मैं फिर से शुरू हो गया और इस बार मैं झटके भी थोड़े तेज़ लगा रहा था. अब रिज़वाना का दर्द भी पहले से बहुत कम हो गया था ऑर वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी कुछ देर ऐसे ही झटके लगाने के बाद एक बार फिर से उसका जिस्म अक़ड गया ऑर उसने अपनी गान्ड को हवा मे उठा लिया ऑर झटके खाने लगी ऑर फिर बेड पर ढेर होके तेज़-तेज़ साँस लेने लगी. अब मैं उसको उपर से हट गया ऑर उसको उठा कर उल्टा लिटा दिया ऑर उसकी गान्ड को उपर को उठाया मेरा इशारा समझ कर वो घोड़ी के जैसे अपने हाथ ऑर घुटनो के सहारे बेड पर खड़ी हो गई अब मैं उसके पिछे आ गया ऑर अपना लंड फिर से उसकी चूत के मुँह पर रखा ऑर धीरे-धीरे लंड को अंदर डालने लगा उसको अब भी लंड डालने पर दर्द हो रहा था जिस वजह से उसके मुँह से एक सस्स्स्सस्स की आवाज़ निकल रही थी. अब मैने एक हाथ से उसके बाल पकड़ लिए ऑर दूसरा हाथ उसकी गान्ड पर रख कर झटके लगाने लगा उसको शायद ऐसा करने से बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए कुछ देर मे वो भी मेरा भरपूर साथ देने लगी अब उसको अपने दर्द की कोई परवाह नही थी ऑर मुझे बार-बार ज़ोर से करो नीर .....ज़ोर से करो नीर ..... बोल रही थी मैं भी अब अपनी पूरी रफ़्तार से झटके लगा रहा था उसको चोदते हुए मेरा उसके बाल खींचना काफ़ी पसंद आया था शायद इसलिए जब भी मैं उसके बालो से हाथ हटा लेता तो वो खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर अपने बालो पर रख लेती. इसलिए मैं भी अब उसके बाल पकड़ कर तेज़-तेज़ झटके लगा रहा था पूरा कमरा उसकी सस्सस्स.....सस्स्सस्स.....आआहह.....ऊऊहह.....आयईयीई.... की आवाज़ो से गूँज रहा था. अब हम दोनो मज़े मे खोए हुए थे मैं अब फारिग होने के करीब था इसलिए मैं अब अपनी पूरी रफ़्तार से झटके लगा रहा था. कुछ ही देर मे मैं अपनी मंज़िल पर आ गया ऑर साथ ही एक बार फिर उसका जिस्म भी झटके खाने लगा ऑर हम दोनो एक साथ ही फारिग हो गये मैं फारिग होने के बाद बहुत थक गया था इसलिए उसकी पीठ पर ही ढेर हो गया वो भी वैसे ही बेड पर उल्टी ही लेट गई ऑर अब हम दोनो अपनी सांसो को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे थे. मैं अपनी आँखें बंद किए रिज़वाना के उपर लेटा था ऑर वो अपने एक हाथ पिछे ले जाकर मेरे सिर पर अपने हाथ फेर रही थी कुछ देर बाद जब हम दोनो की साँस ठीक हो गई तो मैं उसके उपर से हटकर साइड पर लेट गया वो भी वैसे ही मुझसे लिपट कर सो गई. उस रात बहुत मज़े की नींद आई हम दोनो को ही होश नही था कि कहाँ पड़े हैं.

सुबह जब मेरी नींद खुली तो रिज़वाना किसी मासूम बच्चे की तरह मेरे साथ लेटी थी ओर मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी.

मैं : (अपनी आँखें मलते हुए) सुबह हो गई.

रिज़वाना : हंजी सुबह हो गई..... गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट.

मैं : तुम कब उठी.

रिज़वाना : थोड़ी देर पहले.

मैं : मुझे उठाया क्यो नही.

रिज़वाना : तुम सोए हुए इतने प्यारे लग रहे थे कि उठाने का दिल ही नही किया.

मैं : अर्रे चलो तेयार हो जाओ ख़ान ने बुलाया था उसके पास भी जाना है.

रिज़वाना : (मुझे गले लगाते हुए) एम्म्म आज कहीं नही जाना आज मैं मेरी जान के साथ रहूंगी बस आज कोई काम नही करना.

मैं : वो तो ठीक है लेकिन अगर नही जाएँगे तो ख़ान गुस्सा हो जाएगा ना.

रिज़वाना : मैं क्या करूँ मुझसे उठा ही नही जा रहा.

मैं : क्यो क्या हुआ

रिज़वाना : (हँसते हुए) अच्छा क्या हुआ मुझे...कल रात क्या हुआ था... याद करो....चलो...चलो....

मैं : (कुछ सोचते हुए) अच्छा वो.... ज़्यादा दर्द हो रहा है.

रिज़वाना : (मेरे होंठ चूमकर ना मे सिर हिलाते हुए) उऊहहुउऊ...

मैं : चलो फिर आज साथ मे नहाते हैं

रिज़वाना : हमम्म लेकिन नीचे जलन हो रही है लगता है आज तो क्लिनिक जाना ही पड़ेगा.

मैं : क्यो क्लिनिक मे क्या है...

रिज़वाना : वहाँ से एक क्रीम लानी है वो लगाउन्गी तो ठीक हो जाएगी.

मैं : तुम आज आराम करो घर पर मुझे बता दो कौनसी क्रीम है मैं ले आउन्गा.

रिज़वाना : हमम्म अच्छा ऑर जब नर्स पुछेगि तो क्या बोलोगे.

मैं : बोल दूँगा रिज़वाना ने मँगवाई है.

रिज़वाना : हुह...रहने दो मैं खुद ही ले आउन्गि...तुम तो जिसको नही भी पता चलना होगा उसको भी बता दोगे. (हँसते हुए)

मैं : चलो फिर तैयार हो जाते हैं जाना भी है

रिज़वाना : ठीक है चलो. अच्छा सुनो हेड-क्वॉर्टर्स जाके किसी को हमारे बारे मे कुछ मत बताना अभी. मुनासिब वक़्त आने पर हम सबको बताएँगे ठीक है अभी चुप रहना ऑर हमारे बारे मे किसी से कोई बात ना करना.

मैं : (हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म
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Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 12:53 PM
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