Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
07-20-2019, 04:50 PM,
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील ने सोनल को रूबी के साथ लगाया ताकि उसका दिल कहीं और मोड और फिर से पढ़ाई की तरफ लगाए ....मिनी तो बुत सी बन गयी थी ....सुमन ने मिनी को बहुत होसला देने की कोशिश करी पर कुछ फ़ायदा नही हुआ.

दो तीन दिन में रूबी सम्भल गयी और उसने अपना ध्यान पढ़ाई में लगा दिया ....सुनील भी पढ़ने में लग गया .....सुमन ने हॉस्पिटल छोड़ दिया था और अब घर पे ही रहती थी...पैसों की कोई कमी नही थी जो उसे नोकरी करनी पड़ती ....मिनी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था ....सुनील मिनी के नज़दीक नही जाता था ...मिनी का भार उसने सुमन पे ही डाल रखा था ....सुमन ही मुश्किल से मिनी को खाना खिलाया करती थी ......सोनल अपनी एमडी में बिज़ी हो गयी थी ....शाम को ही घर आती थी और रूबी के साथ लग जाती थी ....पढ़ाई का ज़ोर इतना हो गया था कि घर का महॉल ही पढ़ने वालों का लगता था ....हां रात में सुनील कभी सोनल के साथ होता तो कभी सुमन के साथ..

हफ़्ता बीत गया ......और अब कविता के भी देल्ही आने का समय हो गया था .........

आख़िर सुनील को मिनी से बात करनी ही पड़ी क्यूंकी वो नही चाहता था कि कविता को घर में गम का महॉल नज़र आए ........

रात हो चुकी थी ...सब खाना खा चुके थे ...रूबी और सोनल एक ही कमरे में पढ़ रहे थे ...सुमन कोई मेडिकल जर्नल ले के बैठी हुई थी ......सुनील ने मिनी के कमरे को नॉक किया ....कुछ देर बाद मिनी ने दरवाजा खोला ...शायद वो सोने के कपड़े बदल रही थी ...इस वक़्त उसने नाइट गाउन पहना हुआ था .........पर ऐसा नही जो जिस्म को दिखाए ...बल्कि सब कुछ ही ढका हुआ था बस थोड़ा खुला था....

सुनील....मिनी जो होना था हो गया ...अब खुद को सम्भालो ...आगे पहाड़ सी जिंदगी पड़ी है ...क्या करना चाहती हो तुम...क्या अपने गाँव वापस .....

मिनी ये सुन हिल गयी .....और आज कितने दिनो बाद उसके मुँह से कुछ निकला .......क्या तुम मुझे फिर उसी बर्बादी के रास्ते पे डालना चाहते हो ....चाहते हो मेरा भाई जिंदगी भर मुझे नोचता रहे.....

सुनील....कभी नही ...मैं बस ये जानना चाहता हूँ कि तुम क्या करना चाहती हो .......एक दो दिन में कविता आ जाएगी ....उसका लगभग रोज का ही आना जाना होने लगेगा ...मैं नही चाहता वो तुम्हें यूँ घुट घुट के जीता हुआ देखे ...नही चाहता उसकी जिंदगी में अभी से गम की परछाई भी पड़े ...

मिनी ....मैं यहीं रहूंगी तुम्हारे पास कहीं नही जाउन्गि...मुझे कभी खुद से अलग मत करना..तुम जैसे रखोगे वैसे रह लूँगी.........चाहो तो घर की नौकरानी....

सुनील....मार तो नही खानी...इतना गिरा हुआ समझ लिया तुमने हम लोगो को.....जब तक तुम खुद नही बोलोगि...मैं तुम्हें कहीं जाने को नही कहूँगा और ना ही घर का कोई सदस्य कभी ऐसा कहेगा .....तुम इस घर की बहू हो.......लेकिन रमण के जाने के बाद......

मिनी ....सुनील प्लीज़ मुझे उसकी याद मत दिलाओ...भूल जाना चाहती हूँ अपना इतिहास एक नयी जिंदगी शुरू करना चाहती हूँ...तुम्हारे साथ........

सुनील...म म मेरे साथ.....पागल तो नही हो गयी तुम...

सुनील.....मिनी मैं ओरों की तरहा नही कि औरत देखी और चढ़ गये उसके उपर .....मेरे लिए रिश्ते बहुत माइने रखते हैं......मानता हूँ सोनल और मेरी शादी हुई है ....शायद तुम नही जानती पर सुन लो....सुमन भी मेरी बीवी है....पर ये सब कैसे हुआ क्यूँ हुआ ...ये मैं बताना ज़रूरी नही समझता और इन्दोनो के अलावा मेरी जिंदगी में कोई नही आ सकता एक पल के लिए भी .....

मिनी आँखें फाडे मुँह खोले सुनील को देख रही थी .....

सुनील ......इसलिए मेरा ख़याल दिल से निकाल दो ....एक भाभी हो और भाभी की तरहा रहो...हां जिंदगी में तुम्हें कोई पसंद आ जाए तो बता देना ...मुझे बहुत खुशी होगी अगर तुम्हारा घर एक अच्छे इंसान के साथ बस जाए ....और अगर तुम चाहो तो मैं खुद तुम्हारे लिए एक अच्छा साथी ढूंढूंगा ....

मिनी ....देवता अगर भक्त से कहे कि मेरी पूजा करनी छोड़ दो तो क्या भक्त छोड़ देता है....फूल अगर भंवरे से कहे मेरे पास मत आना तो क्या भँवरा अपना रास्ता बदल लेता है...शम्मा अगर परवाने से कहे मत आ मेरे पास जल जाएगा तो क्या वो शम्मा को छोड़ देता है........नही सुनील......ऐसा कभी नही होता है और इसी तरहा एक लड़की के दिल में अगर एक बार कोई उस जगह पे आ कर बैठ जाए जहाँ लोग भगवान को बिठाते हैं...तो वो लड़की मार जाएगी पर कभी किसी दूसरे के बारे में नही सोचेगी......
मैं तुम पे कभी ज़ोर नही डालूंगी ना ही कोई ऐसी हरकत करूँगी .....कि तुम मुझे अपनाओ...पर मैं तुम्हें अपनी रूह तक का मालिक बना बैठी हूँ...और अब इसे मैं बदल नही सकती ...जाओ सुनील......आराम से सो जाओ ....मुझ से तुम्हें कभी कोई शिकायत नही होगी....

सुनील मुँह फाडे उसे देखता रहा ....कुछ समझ ही ना आया कि क्या बोले ....

मिनी ...अब जाओ भी मैं नही चाहती तुम्हारी बीवियाँ मेरे बारे में कुछ ग़लत सोचे ..........वो उठ के खड़ी हो गयी और सुनील का हाथ पकड़ उसे कमरे से बाहर धकेल दिया....दरवाजा बंद कर वहीं सरकते हुए ज़मीन पे बैठ गयी और रोने लगी ...प्यार किया भी तो किस से ...जो उसे कभी नही अपनाएगा ........

दरवाजे के बाहर खड़ा सुनील .....अपनी जिंदगी को कोसने लग गया ...कितने इम्तिहान और देने पड़ेंगे...कितनी बार खुद को मारना पड़ेगा ....डरने लग गया था वो अपने आप से ....घर की हर औरत हर लड़की उसे चाहने लगे ...ये तो उसने कभी सोचा नही था ....ना ही कभी ऐसा चाहा था ...

सोनल और रूबी पढ़ रहे थे ...उसके कदम लड़खड़ाते हुए सुमन की तरफ बढ़ गये ...जो बेडरूम में सुहागन के रूप में अढ़लेटी पढ़ रही थी.....सुनील उसके पास जा कर उसकी गोद में सर रख लेट गया ......

सुमन...क्या हुआ...

सुनील...एक ठंडी साँस लेते हुए.....कुछ नही ..

सुमन....तुम कुछ छुपा रहे हो....

सुनील...कभी आज तक कुछ छुपाया .....

सुमन ....मिनी ने ज़रूर कुछ कहा है ...तुम बहुत परेशान लग रहे हो ...

सुनील...वो बेवकूफ़ है ...छोड़ो...

सुमन...ओह!!!! समझ गयी ....

सुनील...क्यूँ हो रहा है ऐसा मेरे साथ ....

सुमन ...किताब साइड पे रख झुकती है और सुनील के होंठ चूम लेती है ......क्यूंकी तुम बहुत अच्छे हो......

सुनील...बुरा बन जाउ क्या ....

सुमन ...नही बन पाओगे ....क्यूंकी अब तुम अकेले नही हो ...तुम्हारे दिल में दो और रहती हैं...वो तुम्हें कभी बुरा नही बनने देंगी......तुम तो प्यार करने के लिए ही जन्मे हो .....सिर्फ़ प्यार .....सिर्फ़ प्यार और सुमन ने अपने होंठ सुनील के होंठों से चिपका दिए

सुमन के होंठों की तपिश से सुनील पिघलने लग गया और उसने उठ के सुमन को अपनी बाँहों में भर लिया और दोनो के होंठ आपस में चिपक गये इस तरहा जैसे कभी जुदा नही होंगे........रात भर दोनो में से कोई नही सोया और एक दूसरे में समाते रहे ....

अग ले दिन मिनी ने किचन का सारा भार खुद पे ले लिया और सुमन को बिल्कुल भी काम नही करने दिया .........

राजेश जब कविता को घर ले के घर पहुँचा तो कविता तो बस घर देखती रही ...ये घर सुनील के घर से बहुत बड़ा था..हर काम के लिए नौकर चाकर थे एक अलग से तीन मंज़िला मकान के पीछे मकान बना हुआ था जो नौकरों के रहने के लिए था......

आरती ने कविता के घर घुसने से पहले उसकी आरती उतारी थी और इन्हें आए अभी थोड़ी देर ही हुई थी कि सारी पड़ोसन धमक पड़ीं दुल्हन से मिलने के लिए और सारा दिन लोगों का आना जाना लगा रहा .....मुश्किल से आरती ने कविता को दोपहर तक उसके कमरे में भेज दिया ताकि वो आराम कर सकें और मिलने जुलने वालों को भी मना कर दिया कि बाद में मिल लेना .....
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 07-20-2019, 04:50 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,549,537 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,844 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,253,003 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 947,395 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,682,304 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,104,473 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,991,650 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,189,372 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,081,398 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,591 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)