RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं कुछ देर चुप रहा फिर बोला,,,,,,,,नही डॅड ,,मेरे दिल मे सोनिया के लिए हवस नही
प्यार है,,,,मैं उस से शादी करना चाहता हूँ और ये बात इसलिए नही बता रहा कि आप
मेरा परिवार हो और आप मेरा साथ दोगे मैं तो इसलिए बता रहा हूँ कि मैं इसके साथ शादी
करने वाला हूँ,,,,,इसको पत्नी बना कर लोगो के सामने लेके जाने वाला हूँ,,,मुझे फ़र्क
नही पड़ता कोई क्या सोचता है,,,,,ये मेरी बहन है तो इसमे मेरी क्या ग़लती,,,लेकिन अब मैं
इसको अपनी बहन नही अपनी पत्नी बना कर रखना चाहता हूँ,,और उसके लिए मुझे आप सब
के आशीर्वाद की ज़रूरत है,,,,आख़िर आप लोग मेरे माँ बाप हो,,,
लेकिन सन्नी मैं तो तेरी और कविता की शादी की बात सूरज के घर वालो से करने वाली हूँ
उसका क्या होगा बेटा,,,,,
तो करो ना बात मा,,,,मैने कॉन्सा बोला कि मैं सोनिया से शादी करूँगा और कविता से नही
करूँगा,,,,मैं इन दोनो से शादी करूँगा,,,,,,इस बात से ना तो कविता को कोई प्राब्लम
है और ना ही सोनिया को,,,,,,,
तभी माँ ने सोनिया की तरफ देखा तो सोनिया मे हां मे सर हिला दिया और माँ को बता दिया क्यों
उसको और कविता को कोई प्राब्लम नही है एक साथ सन्नी के साथ रहने मे,,,,
लेकिन तभी डॅड उठे और गुस्से से बोले,,,,,,,नही नही,,,ऐसा हरगिज़ नही हो सकता,,तेरी
शादी कविता से होगी ना कि सोनिया से,,,,सोनिया तेरी बहन है,,,,,और जितना जल्दी हो सके तू
ये बात अपने दिमाग़ मे बिठा ले,,,,,डॅड इतना सब कुछ गुस्से मे बोलते हुए अपने रूम मे
चले गये,,,,,
माँ पीछे से आवाज़ लगाती हुई डॅड के पीछे चली गयी,,,,,,अशोक रूको ,,,,एक मिनिट उसकी
बात को सुन तो लो,,,,समझो तो सही वो क्या कह रहा है,,,,,
लेकिन डॅड नही रुके और अपने रूम मे चले गये पीछे पीछे माँ भी चली गयी और फिर रूम
का दरवाजा बंद हो गया,,,,
तभी सुरेंदर मामा भी मेरे पास आया,,,,,,बेटा जो हम सबसे हुआ वो ग़लती थी,,,,अब तुम
भी उस ग़लती को दोहराओ मत,,,,कुध सोच कर देखो वो तुम्हारी बहन है,,,लोग क्या कहेंगे
तुम लोगो के बारे मे,,,,,,,ज़रा ठंडे दिमाग़ से सोचो,,,,,,,,मामा ने भी इतना बोला और घर
से बाहर चला गया
तभी सोनिया मेरे पास आई रोने लगी,,,,,,,,,मैने बोला था ना,,,,मैने बोला था ना कि मत
बताओ सबको,,,,,मैने बोला था ना,,,,कोई हमारी बात नही समझेगा,,,कोई ह्मारा रिश्ता नही
समझेगा,,,कोई ह्मारा प्यार नही समझेगा,,,,,,,,,मैने बोला था,,,मैने बोला था सन्नी,,तू
क्यूँ नही माना मेरी बात,,,,,,क्यू नाराज़ कर दिया सब लोगो को,,,,,,,,क्यूँ किया सन्नी तूने
क्यूँ किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सोनिया रोति हुई उपर छत की तरफ भाग गयी और पीछे पीछे
भुआ भी चली गयी,,,,,,,
मैं भी भुआ के पीछे उपर की तरफ चला गया,,,,सोनिया ने अपने रूम मे जाके दरवाजा अंदर
से बंद कर लिया था,,,भुआ बाहर खड़ी होके सोनिया को दरवाजा खोलने को बोल रही थी लेकिन
सोनिया अंदर से रोती हुई आवाज़ मे दरवाजा खोलने से मना कर रही थी और भुआ को वहाँ से
चले जाने को बोल रही थी,,,,,,
भुआ,,,,,,,सोनिया बेटी दरवाजा खोल ,,,बात तो कर मेरे से,,,,प्ल्ज़्ज़ बेटी दरवाजा खोल
सोनिया,,,,,,,नही भुआ मुझे किसी से कोई बात नही करनी,,,,,आप प्लज़्ज़्ज़ जाओ यहाँ से,,प्ल्ज़्ज़
भुआ मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो,,,,,
मैं भी भुआ के पास खड़ा हो गया और दरवाजे पर नॉक करने लगा,,,,सोनिया दरवाजा खोल
प्लज़्ज़्ज़्ज़ भुआ से ना सही मेरे से तो बात करले,,,,,
तेरे से तो अभी कभी बात नही करूँगी,,,तू भी जा यहाँ से,,,,चला जा मेरे से दूर ,,जा
चला जा ,,,,कभी करीब मत आना ,,,,,,सुना तूने सन्नी,,,,तुझे मेरी कसम कभी मेरे
करीब मत आना,,,,,,
सोनिया ने इतनी बात बोली और फिर कोई आवाज़ नही आई उसके रूम से,,,मैने और भुआ ने बहुत
कोशिश की दरवाजा खुलवाने की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ,,,,,
मैं फिर भी दरवाजे पर नॉक करता जा रहा था,,,,मुझे बेचैनी हो रही थी,,, मुझे
बात करनी थी सोनिया से,,,,
बस कर सन्नी,,,,वो दरवाजा नही खोलने वाली,,तुझे पता है वो ज़िद्दी है,,तू ज़िद्दी मत
बन,,,,भूल जा सब कुछ,,,,
कैसे भूल जाऊ भुआ,,,प्यार किया है सोनिया से,,,,अब तो मरके ही भूल सकता हूँ उसको
चुप कर पागल कहीं का,,,,ऐसे नही बोलते,,,,,जानती हूँ तू प्यार करता है उसको,,और वो
भी प्यार करती है तुझे,,,,देखा है क्यों बार तुम दोनो की आँखों मे एक दूसरे के लिए प्यार
,,,तुम क्या समझते थे कि मुझे कुछ पता नही ,,,,तुम्हारी माँ नही हूँ मैं सन्नी लेकिन
फिर भी तुम दोनो के दिल की हर बात समझती हूँ,,,
तो तुम ही बताओ भुआ मैं क्या करूँ,,,,,,,,,मैं इतनी बात करके रोने लगा,,,
भुआ मेरे आँसू पोछते हुए बोली ,,,,,,,कुछ मत कर सन्नी,,ये इश्क़ का समंदर किसी आग
के समंदर जैसा है,,,,इसको पार करने क लिए इस मे डूब जाना पड़ता है तभी किनारा
मिलता है,,,,,,लेकिन इसमे डूबना इतना आसान नही जब तक सोनिया तेरे साथ नही,,,अकेला तू
तक जाएगा इसको पार करते हुए,,,,,इसलिए बोलती हूँ ,,,कुछ मत कर सन्नी,,,,भूल जा
जो कुछ भी आज हुआ,,,,,
नही भुआ,,,,मैं नही भूल सकता,,,मैं डूब जाने को तैयार हूँ इस आग के समंदर मे,
फिर चाहे जो भी हो जाए,,,,
तू समझता क्यूँ नही,,,,,वो तेरा साथ नही देगी कभी,,,वो अपने परिवार को रुसवा नही कर
सकती किसी भी हालत मे,,,,,इतना प्यार मिला है उसको इस परिवार मे तुझे क्या लगता है कि
तेरे प्यार की खातिर वो सबके प्यार को भुला देगी,,,,,तेरी वजह से वो सबको रुसवा कर देगी
,,,,,मेरी बात समझ सन्नी,,,,,भूल जा सोनिया को,,,,,
नही भुआ मैं नही भूल सकता,,,बड़ी मुश्किल से आज अपने प्यार का इज़हार किया है सबके
सामने अब नही भूल सकता,,,,,नही भूल सकता भुआ,,,,इतना बोलता हुआ मैं नीचे की तरफ
आ गया,,,,
सोनिया की उदासी से मैं थोड़ा उदास हो गया,,,,,,ये सब क्या कर दिया मैने,,सोनिया को अपने
करीब करना था लेकिन वो तो गुस्सा हो गयी,,,,,अब क्या करूँ मैं,,,,किसके पास जाउ,,किस
से दिल की बात करू,,,,,,,,,,,,यही सोचता हुआ मैं घर से निकला और कविता के घर चला
गया,,,,,,
क्यूकी अब कविता ही थी जो मेरे दिल की बात समझ सकती थी,,,,उसके पास जाके ही सकून
मिलेगा मुझे,,,,,,,,,,,
अपने घर से रोता हुआ निकला और कविता के घर आ गया,,क्यूकी अब उसी के आगोश मे आके मुझे
चैन मिलना था,,,,,
कविता के घर की बेल बजाई तो कामिनी भाभी ने आके गेट खोला,,,,,जब भाभी ने मेरी
रोनी सूरत देखी तो अंदर चली गयी और कविता को बुला लाई,,,,,,
कविता ने बाहर आते ही मेरी हालत देखी और समझ गयी कि मैं उदास हूँ और भाग कर मेरे
गले लग गयी,,,,उसके गले लगते ही मेरे आँसू थम नही सके और मैने फूट फूट कर रोना
शुरू कर दिया,,,,,,,,
क्या हुआ रो क्यूँ रहा है,,,,,,,,क्या हुआ सन्नी,,,,कुछ तो बोल,,,,सन्नी बोल ना,,,,,क्या हुआ
क्यूँ मेरी जान निकल रहा है,,,,,,,,बोल ना ,,,,
मैं कुछ नही बोला बस रोता गया,,,,,,
|