RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अब इन लोगो से मैं क्या बात करूँ,,,,लेकिन एक बंदा था जिस से मुझे बात करनी थी,,,,वो थे ख़ान भाई
मैने ख़ान भाई को फोन किया
पहले तो मैने शूकर मनाया कि ख़ान भाई का फोन लग गया बाद मे मैने ख़ान भाई को सारी बात बता
दी,,,,, फिर ख़ान भाई ने मुझे एक जगह मिलने को बोला,,
फार्म हाउस शहर से दूर था इसलिए हम लोगो को अभी जाना था,,,,मैने कॉफी जल्दी से ख़तम की और बाहर
जाके पायल भाभी और रितिका को सारी बात बताई और बोला कि जल्दी से तैयार हो जाओ हमे ख़ान भाई के पास जाना
है,,,,,,,,
वो लोग भी जल्दी से तैयार हो गई,,,फिर मैं बाहर गया और एक टॅक्सी लेके आया,,,इतना सुनसान इलाक़ा था कि टॅक्सी लेके
आने मे भी मुझे बहुत मुश्किल हुई,,,,,जाने को तो हम पायल भाभी की कार मे भी जा सकते थे लेकिन हम
लोगो को डर था कहीं भाभी की कार को कोई देख नही ले,,,,इसलिए उन लोगो को टॅक्सी मे लेके मैं खुद टॅक्सी
के पीछे पीछे बाइक पर चलने लगा,,,,
काफ़ी टाइम बाद हम लोग ख़ान भी की बताई हुई जगह पर पहुँच गये,,,,ख़ान भाई से मिलकर हम लोगो ने
सारी बात बता दी ख़ान भाई को,,,,रितिका तो बहुत खुश हो गई थी ख़ान भाई से मिलके,,,
ख़ान भाई ने बोला कि हमे आज ही रितिका की शादी करनी होगी,,,उन्होने मुझे पूरा प्लान भी समझा दिया और
मैं वहाँ से चल पड़ा,,,,आगे का काम करने के लिए,,,
जबकि पायल भाभी और रितिका ख़ान भाई के पास रुक गई थी,,,,,
मैं पहले अपने घर गया,,,और वहाँ से सीडीज़ लेके अमित एक घर की तरफ चल पड़ा,,,,रास्ते मे मैने करण
को भी फोन किया और बता दिया आज रेडी रहने के लिए ,,और बाकी की बात भी बता दी,,,रितिका कहाँ थी पायल
भाभी कहाँ थी,,,,और साथ मे ये भी बोला कि शायद उसकी शादी भी आज ही हो जायगी रितिका के साथ,,,,और मैने
उसको अलका आंटी और शिखा को भी तैयार करने को बोल दिया,,,,
करण से बात करके मैं अमित के घर की तरफ चल पड़ा और अमित के घर के बाहर पहुँच कर मैने गेट
पर खड़े एक आदमी को सीडी पकड़ा दी,,वो आदमी मुझे पहचानता था,,,उसने वो सीडी पकड़ी तो मैने उसको बोला कि
ये सीडी अंदर जाके अमित के बाप को दे दो,,,,
वो बंदा सीडी लेके अंदर की तरफ चल पड़ा और मैं वहाँ से बाइक लेके आगे की तरफ चल पड़ा,,अभी मैं
अमित एक घर से कुछ दूर ही गया था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,,
ये फोन था अमित एक बाप का,,,,
उसने ना हेलो बोला ना हाई बस सीधी बात पर आ गया,,,,
तुमको ये सीडी कहाँ से मिली सन्नी,,,,
मैने भी हाई हेलो नही बोला बस मतलब की बात करने लगा,,,,मुझे ये सीडी सुमित के घर से मिली थी अंकल जी
,,क्यू ये सीडी असली हैं ना अंकल जी,,,,
क्या वो सुमित भी अपने ही घर मे छुपा हुआ है सन्नी बेटा,,,अमित के बाप ने मुझे तो प्यार से बेटा बोला
था लेकिन सुमित का नाम गुस्से से लिया था,,,,
जी नही अंकल जी,,,वो तो पता नही कहाँ है लेकिन मैने बातों ही बातों मे उस से ये पता कर लिया था कि
ये सीडीज़ कहाँ पर छुपाई हुई है उसने,,,वो कहाँ है नही पता,,,,, मुझे तो उसका फोन आया था,,,,
क्या तूने ये सीडी देखी थी सन्नी बेटा,,,अमित का बाप बड़े प्यार से बोल रहा था,,,,
जी नही अंकल जी,,,,मुझे आपके ज़रूरी डॉक्युमेंट्स मे कोई दिलचस्पी नही थी,,,,मुझे तो दिलचस्पी है बस करण
और रितिका की शादी मे,,,,,,इसलिए तो 1 सीडी आपको दी है जबकि 1 सीडी अभी मेरे पास है,,,,और वो मैं आपको दूँगा
करण और रितिका की शादी के बाद,,,,
क्या ,,तुम्हारे पास 1 और सीडी है,,,,अमित के बाप ने हैरान होते हुए बोला,,,
जी अंकल जी,,,,1 सीडी तो मैने आपको इसलिए दी है ताकि आपको यकीन हो जाए ये सीडी वही है या नही ,,और अब दूसरी
सीडी आपको दूँगा शादी के बाद,,,,
शादी की क्या बात है बेटा,,शादी तो आज कर देते है,,,अभी कर देते है,,,बस वो सीडी भी लाके मुझे देदो तुम
नही अंकल जी वो सीडी तो आपको शादी के बाद ही मिलेगी,,,
तो ठीक है बेटा,,,,,तुम ठीक 11 बजे काली पहाड़ी वाले मंदिर पर आ जाओ ,,,,वहीं हम लोग करण और रितिका
की शादी भी करवा देंगे और तुम मुझे वो सीडीज़ भी दे देना,,,,
ठीक है अंकल जी,,,जैसे आप कहो,,,,,
तभी फोन कट हो गया और मैं चल पड़ा करण के पास,,,मैं बाइक पर करण के घर की तरफ जा रहा
था तभी मैने मिरर मे देखा कि 2 लोग बाइक पर मेरा पीछा कर रहे थे,,,,मैं समझ गया कि इन लोगो
को अमित एक बाप ने ही भेजा होगा,,,मुझे उनकी टेन्षन नही थी और मैं बाइक भी ऐसे ही चला रहा था कि
जैसे मैने उन लोगो को देखा ही नही हो,,,तभी आगे एक रेड लाइट आई और मैने बाइक रोक लिया,,,,वो लोग भी
मेरे पास आके रुक गये,,,,वो लोग मेरी तरफ नही देख रहे थे और ना ही मैं उनकी तरफ देख रहा था,,
तभी कुछ देर बाद ग्रीन लाइट हुई और मैने बाइक को आगे बढ़ा दिया और तभी एक तरफ से 2 लोग आए और उन लोगो
ने मेरी बाइक को टक्कर लगा दी,,,,ये लोग वो नही थे जो मेरा पीछा कर रहे थे,,,जैसे ही टक्कर लगी मैं
बाइक से नीचे गिर गया और बाइक भी गिर गई,,,,वो लोग भी गिर गये,,उन लोगो ने उठकर मुझे गाली देनी शुरू की
और मेरे साथ मारपीट करने लगे,,,,,मैं तो वैसे भी तेज था मारपीट मे ,,मैने उन 2 लोगो को अकेले
क़ाबू मे कर लिया लेकिन तभी वो 2 लोग जो मेरा पीछा कर रहे थे वो लोग भी बाइक से उतर कर मेरे साथ
मारपीट करने लगे,,,,मैं समझ गया कि ये सब लोग मिले हुए है,,,,मैं उनसे मुक़ाबला करने लगा लेकिन
4 लोगो को एक साथ संभालना मुश्किल हो रहा था,,,लेकिन इतने मे भीड़ जमा हो गई थी,,,लोगो ने देखा
था कि इस आक्सिडेंट मे मेरा कोई क़सूुर नही था,,इसलिए भीड़ के कुछ लोगो ने उन लोगो को पकड़ लिया और
फाइट बंद करवा दी ,,,वो लोग फिर भी मुझे गालियाँ दे रहे थे,,,भीड़ के लोगो ने उन लोगो को पकड़
लिया और मुझे वहाँ से चले जाने को बोला,,,,,मैं भी कोई पंगा नही करना चाहता था और वहाँ से बाइक
लेके चला गया,,,,
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