RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
लंड मे अभी हल्की सुस्ती आनी शुरू हुई थी कि लंड वापिस अंगड़ाई लेके ओकात मे आने लगा था,,माँ ने लंड
को वापिस तैयार कर दिया था 4-5 मिनट तक अच्छी तरह चूस चूस कर,,,,,,
उसके बाद सोनिया के आने से पहले मैने माँ की चूत चुदाई और गान्ड चुदाई का मज़ा लिया,,,,जब तक सोनिया
नही आई तब तक मैने माँ को 2 बाद चोदा और सारा पानी उनके मुँह मे ही निकाला था,,,
माँ की चुदाई करके डॅड के आने से पहले ही हम लोग अपने अपने काम मे लग गये थे,,,क्यूकी डॅड ने ही
'आते टाइम सोनिया को साथ लेके आना था,,,,मोम डॅड के लिए कॉफी बनाने के लिए किचन मे चली गई जबकि
मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा,,,,तभी कुछ देर बाद मेरे मोबाइल की रिंग बजी मैने मोबाइल
देखा तो उसपे एक मेसेज आया था ये मेसेज पायल भाभी का था,,,,,,,,,,सन्नी एक ज़रूरी काम है जल्दी से मेरे
फार्महाउस पर आ जाओ,,,,,,,,,,,,
मैने मेसेज रीड किया और तभी पायल भाभी को कॉल करदी लेकिन भाभी का फोन स्विच-ऑफ आने लगा,
कुछ देर बाद फिर मुझे वही मेसेज आया और जब मैने कॉल की तो मोबाइल स्विच-ऑफ आने लगा,,,,मैने जल्दी
से करण को फोन किया और उसको पूछा कि उसको भी पायल भाभी का कोई मेसेज आया था क्या लेकिन उसने बोला
कि नही उसको कोई मेसेज नही आया,,,फिर उसने बोला कि हम लोगो को फार्म हाउस जाना चाहिए शायद वहीं जाके
कुछ पता चले लेकिन वो डर भी रहा था कहीं कोई पंगा हुआ तो,,,,,मैं उसकी बातों से समझ गया था
कि उसको डर लग रहा है,,,,इसलिए मैने उसको बोला कि तुम घर पर ही रूको मैं फार्महाउस जाता हूँ और
ख़ान भाई को अपने साथ ले जाता हूँ ताकि अगर कोई पंगा हुआ तो ख़ान भाई मेरे साथ होंगे तो मुझे कोई
ज़्यादा डर नही होगा और अगर ज़्यादा ज़रूरत पड़ी तो मैं करण को बुला लूँगा,,,इतना बोलके मैने फोन
कट कर दिया और फिर ख़ान भाई को फोन करने लगा,,,मुझे उनसे पहले भी बात करनी थी रितिका के बारे मे
लेकिन माँ की वजह से मैं उनके पास नही जा सका इसलिए अब तो उनसे बात करना बहुत ज़रूरी था,,,मैं उनको
फोन करने लगा लेकिन उनका फोन नही लग रहा था,,मैने माँ को बोला कि मुझे ज़रूरी काम है इसलिए
मैं कुछ लेट ही घर आउन्गा,,,
मैं अपना बाइक लेके चल पड़ा सोचा कि ख़ान भाई के पास पोलीस स्टेशन चलता हूँ वहीं से उनको साथ
लेके फार्महाउस पर चला जाउन्गा लेकिन जब मैं पोलीस स्टेशन पहुँचा तो पता चला ख़ान भाई तो कहीं
बाहर गये हुए थे और कल सुबह ही वापिस आने वाले थे,,,,इसी बीच मुझे पायल भाभी के 2-3 मेसेज और आ
गये थे,लेकिन जितनी देर मे मैं उनको कॉल करता फोन बंद हो जाता था उनका,,,,मुझे कुछ टेन्षन हो
रही थी,,,अब तो ख़ान भाई भी नही थे और मुझे अकेले जाने से बहुत डर लग रहा था,,करण भी फट्टू हो
गया था इसलिए अब उससे से दोबारा बात करना ही बेकार था,,तभी मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा मैने
बाइक को पोलीस स्टेशन से फार्महाउस की तरफ मोड़ लिया,,,,फार्म हाउस बहुत दूर था मुझे जाने मे काफ़ी टाइम
लगने वाला था ,,,मैं रास्ते भर ख़ान भाई का फोन ट्राइ करता गया बट कोई फ़ायदा नही हुआ,,,तभी मुझे
पायल भाभी का फोन आया,,,मैने जल्दी से फोन उठा लिया और बात करने लगा,,,,
सन्नी कब्से मेसेज कर रही थी तुम कहाँ हो अब तक,,,,पायल भाभी की आवाज़ से ये तो पक्का हो गया था
कि ये पायल भाभी ही थी जो मेसेज कर रही थी,,,
अरे भाभी क्या बात है जो इतने मेसेज कर रही हो,,,फोन करके नही बता सकती थी क्या,,,,
ज़्यादा बात करने का टाइम नही है सन्नी जल्दी से फार्म-हाउस पहुँच जाओ,,,
लेकिन बात क्या है भाभी ,,कुछ तो बोलो,,,
कुछ नही बता सकती जल्दी से फार्म हाउस आ जाओ ,,भाभी ने इतना बोला और फोन कट कर दिया,,,
मैं सोच मे पड़ गया कि आख़िर पंगा क्या है ,,मैं फार्महाउस के करीब ही था तो सोचा अब यहाँ तक तो
आ गये देखते है आगे क्या होता है,,,,
कुछ टाइम बाद मैं फार्महाउस पर पहुँच गया,,,,मैं घर से चला तो शाम थी और यहाँ तक आते आते
मुझे रात हो गई थी,,,,वैसे भी सर्दियाँ शुरू हो गई थी अंधेरा जल्दी होने लगा था,,,,,मैं फार्महाउस
के गेट पर पहुँचा तो गेट अपने आप खुल गया,,,,शायद भाभी को पता चल गया था कि मैं आ गया हूँ
तभी गेट खुल गया था,,,लेकिन गेट पर तो कोई नही था फिर गेट किसने खोला,,,खैर मैं बाइक लेके अंदर
की तरफ आ गया,,,डर तो लग रहा था लेकिन अब किया भी क्या जा सकता था,,,,मैं बाइक लेके फार्महाउस के मेन
डोर तक पहुँच गया,,,,
सारी लाइट्स बंद थी,,,,बस मेरे बाइक की हेडलाइट्स की रोशनी थी,,,बहुत अंधेरा था यहाँ,,,मैं थोड़ा डरा
हुआ था,,,
तभी दूर खुला और पायल भाभी बाहर निकली...वो जल्दी से मेरे पास आई और मुझे अपने साथ अंदर चलने
को बोला,,,
मैने भी बाइक स्टॅंड पर लगाया और भाभी के साथ अंदर चला गया,,,,भाभी कुछ परेशान थी,,,भाभी ने
अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया,,,मैने देखा कि अंदर भी कोई लाइट नही जल रही थी,,,बस कहीं कहीं
छोटी छोटी मोमबत्तियाँ जल रही थी,,,,पूरे घर मे अंदर से पर्दे लगे हुए थे,,,हर खिड़की पर हर दरवाजे
पर,,,,,
अरे भाभी लाइट नही है क्या,,,,मैने मज़ाक मे बोला,,,,वैसे तो मैं डरा हुआ था लेकिन कहीं सुना था
कि मज़ाक करने से डर थोड़ा कम लगता है,,,
नही लाइट तो है सन्नी लेकिन ऑन नही करनी,,,ऑन की तो किसी को पता चल जाएगा कि हम लोग है यहाँ पर
किसको पता चल जाएगा भाभी?? मैने पायल भाई से पूछा
मेरे डॅड को,,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी और ये आवाज़ थी रितिका की,,,मैने पीछे मूड के देखा तो बस
देखता ही रह गया,,,,खुले बाल जो फॅन की हल्की हवा से इधर उधर उड़ रहे थे,,,हल्के पिंक कलर का
सूट था शायद,,,मोमबत्ती की रोशनी मे रंग ठीक से नज़र नही आ रहा था,,,लेकिन मोमबत्ती की हल्की
रोशनी मे भी उसने चेहरा का रंग खूब चमक रहा था,,,उसने मोमबत्ती को फॅन की हवा से बचाने
के लिए अपने हाथ को मोमबत्ती की लो के आगे किया हुआ था,,,उसकी नम आँखों से तो लग रहा था जैसे कि वो
अभी रोके आई है लेकिन उसका हँसमुख स्वाभाव और मासूम चेहरा बता रहा था कि वो ठीक है,,,,
तुम्हारे डॅड को,,,,मैं कुछ समझा नही,,,,
तभी पायल भाभी ने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और उधर रितिका ने भी कॅंडल को टेबल पर रखा और
खुद सामने वाले सोफे पर बैठ गई,,,,पायल भाभी मेरे साथ ही बैठ गई थी,,,
तूने जो बात की अमित के डॅड से वो हमको पता है सन्नी इसलिए अमित के बाप ने रितिका के बाप को मना भी
लिया करण और रितिका की शादी के लिए,,,,,इसने भी अपने बाप से 1-2 बार बात की थी करण से शादी करने के बारे
मे लेकिन इसका बाप कभी नही माना था,,लेकिन अब उन सीडीज़ की वजह से अमित के बाप ने इसके बाप को यानी
मेरे फूफा जी को मना भी लिया है और मेरे फूफा जी भी रितिका की शादी के लिए मान गये थे,,,
मान गये थे मतलब,,,,वो तो अभी भी माने हुए है,,,,कल ही मुझे भी अमित एक बाप का फोन आया
था,,,,,
तभी रितिका बोली,,,,,जानती हूँ सन्नी,,,,,,,तुमसे तो बात करली थी रात को अमित के बाप ने लेकिन कल नून
टाइम जब पापा घर आए थे तो अमित और उसका बाप भी था उनके साथ,,,पापा ने मुझे बोला था कि मेरी
शादी वो करने वाले है करण के साथ मैं इस बात से बहुत खुश हो गई लेकिन बाद मे मैं चाइ कॉफी
बनाने लगी तो मैने उन लोगो की बातें सुनी,,,,वो हम लोगो की शादी नही होने देंगे वो ऐसा बोल रहे
थे और वो बिना शादी के तुमसे वो सीडीज़ भी हासिल कर लेंगे ,,ये वादा अमित एक बाप ने किया था मेरे पापा
से क्यूकी मेरे पापा मेरी शादी करण से करने को तैयार नही थे बिल्कुल भी,,,,इसलिए पापा ने पायल भाभी
को बुला लिया यहाँ ताकि पायल भाभी मुझे अपने साथ ले जाए ,,,
मैं तो शादी की बात से इतना खुश हो गई थी कि तभी करण को मेसेज भी कर दिया लेकिन जब दोबारा से पापा
और उन लोगो की बातें सुनी तो मैं करण से बात करने ही वाली थी कि पापा ने मुझे उनकी बातें सुनते हुए
पकड़ लिया और मेरा फोन भी छीन लिया मेरे से और मुझे एक रूम मे बंद कर दिया ताकि मैं करण
से कोई बात नही कर सकूँ,,,,
ओह्ह अच्छा तभी करण बोल रहा था कि तुमने उसको मेसेज भेजा था किसी गुड न्यूज़ के बारे मे,,,और उसी के
कुछ टाइम बाद तुम्हारा मोबाइल स्विच-ऑफ हो गया था,,,,
हाँ सन्नी,,,पापा ने मेरा मोबाइल ले लिया था,,,
तो तुमने भाभी के फोन से बात क्यूँ नही क़ी,,,,तुम भाभी के फोन से भी तो बात कर सकती थी ना और
बता सकती थी मुझे या करण को इस बारे मे,,,
नही बता सकती थी सन्नी,,क्यूकी मुझे रूम मे बंद कर दिया गया था,,मैं तो रात को मिली थी पायल भाभी
से और तब सभी लोग थे साथ मे बात नही कर सकती थी मैं,,,और उसके बाद हम लोगो को एयरपोर्ट ले गये
थे,,,,,
तुम लोग एर पोर्ट पर ?? लेकिन क्यूँ,,,,,,,मैने हैरान होके पूछा,,,,
हाँ एर पोर्ट पर,,ताकि भाभी मुझे यहाँ से कही दूर ले जाए,,,और एयिरपोर्ट से भी हम लोगो को टाइम नही
मिला तुमसे बात करने का,,,
क्या किसी भी तरह नही बता सकते थे तुम लोग मुझे,,,,मैने थोड़ा चिड़ते हुए बोला,,,
नही सन्नी हम नही बता सकते थे तुमको,,,क्यूकी रात को ही फूफा जी ने हमको एर पोर्ट पर छोड़
दिया था ताकि मैं इसको लेके आउट ऑफ कंट्री चली जाउ कुछ दिन के लिए,,,ताकि ये सब पंगा सॉल्व होने तक
रितिका करण से दूर रहे,,,,मैने उनकी बातें सुनी थी तुम्हारे बारे मे कि अगर शादी नही हुई तो तुम उनको
सीडीज़ नही दोगे और अगर उन लोगो ने कोई और तरीका आजमाया सीडीज़ हासिल करने के लिए तो तुम कुछ भी कर सकते
हो और अगर रितिका ने करण के साथ मिलके घर से भागके शादी करली तो उन लोगो के लिए मुश्किल हो जानी है
इसलिए तो मैं उन लोगो की बात मान गई और ऐसे शो किया कि मैं उन लोगो के साथ हूँ,,,हालाकी उन लोगो
ने मुझे ये नही बताया कि ये सब किसी सीडीज़ की वजह से हो रहा है उन लोगो ने तो यही बोला कि रितिका घर से
भाग कर करण से शादी करने वाली है ,,,,,
ओकककक,,,,,,अब मैं समझा सब कुछ,,,रात को जब अमित के बाप का फोन आया था तो मैने पीछे से आपकी
आवाज़ सुनी थी पायल भाभी,,,और मुझे लगा था कि आप उन लोगो के साथ मिली हुई हो,,,,
नही सन्नी ऐसा मत सोचना तुम कभी,,,,मैं किसी के साथ नही मिली हुई,,,ना उन लोगो के साथ और ना ही मैं
तुम्हारे साथ हूँ ,,,मैं तो बस रितिका की शादी करवाना चाहती हूँ करण के साथ,,,बाकी मुझे कुछ न्ही
लेना देना तुम लोगो से,,,और ना ही किसी की कोई हेल्प करनी है अब मुझे,,,
इतनी तो हेल्प करदी अपने हम लोगो की पायल भाभी जी अब और क्या चाहिए,,,,अगर आप सच मे इसको लेके कहीं
चली जाती तो मैं क्या करता,,,कैसे वादा पूरा करता जो मैने करण और रितिका से किया था उन लोगो की शादी
करवाने का,,,इतना बोलकर मैने पायल भाभी को एक हग किया और रितिका हम लोगो को देखने लगी,,,
चल चल अब मस्का नही लगा,,,,,ले आ गई तेरी रितिका और आगे अब तू ही संभाल इसको,,,,,,
पायल ने मेरी रितिका बोला तो मैं हैरान हो गया और साथ मे रितिका भी,,,,,
अरे मेरे कहने का मतलब है अपनी भाभी रितिका को संभाल ,,,अब ये मेरी नही तेरी टेन्षन है,,,,इतना बोलकर
भाभी उठी और किचन मे चली गई,,,,
मैं और रितिका चुप चाप बैठे रहे,,,और इधर उधर देखते रहे,,,कुछ टाइम बाद पायल भाभी खाना
लेके आ गई
हम लोग खाना कहने लगे,,,,डिन्नर टाइम तो हो ही गया था और भाभी को पता था मैं आने वाला हूँ तो
भाभी ने मेरे लिए भी डिन्नर बना लिया था,,,,फिर हम डिन्नर करते हुए इधर उधर की बातें करने
लगे,,,,,
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