RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वही आदमी तूने देखा था उसको जो चाचा जी के घर से दूध लेके शहर मे बेचने जाता है,,,
मैं सोचा कि अब शादी होने वाली है तो एक ही लंड के सहारे रह जाउन्गी क्यू ना शहर जाके
एक बार सबके साथ मिलकर मस्ती करली जाए,,,,इसलिए जब विशाल ने बताया कि वो घर आ रहा है तो मैने
उसको गाओं ही बुला लिया,,,,कुछ दिन अशोक गीता ऑर विशाल क साथ गाओं मे मस्ती की फिर कोई 4-5 दिन
पहले हम लोग यहाँ आ गये ऑर फिर मस्ती करने लगे,,सुबह शाम,,रात,,,,लेकिन हर टाइम मैं
तुझे ही याद करती रहती,,,,इतने दिनो मे सबने मिलकर इतना मज़ा नही दिया जितना तूने दिया,,,,4 लंड
वो नही कर सके जो तेरे इस अकेले मूसल ने कर दिया,,,,
4 लंड,,,,4 लंड कैसे ,,,यहाँ तो 3 मर्द है,,,,,
अरे वो आया था ना तेरा दोस्त करण,,,,,उसका भी लिया मैने,,,,
साला मैं तो सोच मे पड़ गया,,,,तभी माँ ऑर करण बात कर रहे थे सर्प्राइज़ की ऑर मुझे कुछ
समझ ही नही आ रहा था,,,,,
करण आया था यहाँ,,,,
हाँ ऑर उसकी बेहन भी आई थी सन्नी,,विशाल ने जब ये बात बोली तो उसकी आँखें चमक गई,,,,
तो क्या शिखा दीदी ने भी मस्ती की आप लोगो के साथ मिलकर,,,,,
हाँ बेटा,,,तभी तो मैं यहाँ आई थी ताकि मस्ती कर सकून ,,,इसलिए तो सोनिया को उसकी सहेली के
घर भेज दिया था,,,वो होती तो कों मस्ती कर सकता था,,,,
तभी माँ भी मेरे पास आ गई ऑर भुआ भी,,,,हाँ सन्नी बेटा ,,करण ऑर शिखा यहाँ आ चुके है
ऑर भुआ भी करण के साथ मस्ती कर चुकी है,,,जब ये लोग आए तो शाम को मैने किसी बहाने से
सोनिया को कविता के साथ भेज दिया था,,ताकि हम सब मिलकर मस्ती कर सके,,,
ये बात तो ठीक है मा लेकिन आप लोगो की तकरार कैसे ख़तम हुई,,,,
हम लोगो मे कोई तकरार नही थी बेटा,,,बस कुछ मन मुटाव था जो अब नही रहा,,,अब हम सब
मिलकर रहने वाले है ओर मस्ती करने वाले है,,,,
तभी रेखा बोली,,,,,सब कैसे कर सकते हो मस्ती,,,,आप लोगो की बड़ी अम्मा है ना सोनिया,,,उसको कॉन
शामिल करेगा खेल मे,,,,,
सोनिया का नाम सुनते ही रूम मे हर कोई चुप हो गया,,,,लगता था साँप सूंघ गया है सबको,,,
कॉन करेगा मतलब,,,किसमे है इतनी हिम्मत जो उस जलते अँगारे के पास से भी गुजर सके,,,ये बात
विशाल भाई ने बोली थी,,,
भाई आप हो ना,,आप कोशिश करो,,,,,मैं मज़ाक मज़ाक मे बोला,,,,
ना बाबा ना,,,,मैं नही करने वाला.,,,मुझे मरना नही अभी वापिस जाके जॉब करनी है
आप वापिस चले जाओगे भाई,,,,,
हाँ सन्नी ,,रेखा की शादी एक बाद मैं वापिस चला जाउन्गा,,,,
शादी कब है इनकी,,,,,,???
तभी डॅड बोल पड़े,,,शादी --- तारीख को है बेटा,,ऑर हम सबको जाना है,,,,
ओह्ह शिट दाद,,,,,मैं तो नही जा सकता,,,मेरे तो एग्ज़ॅम है तभी,,,,
रेखा बीच मे बोल पड़ी,,,,,कोई बात नही बेटा,,,,जितनी कसर बाकी है आज रात पूरी कर लूँगी मैं
आज रात,,क्यू कल का दिन भी है ना,,,,,
नही बेटा कल मुझे वापिस जाना है,,,,शादी के बाकी काम भी निपटाने है,,,,इतना बोलकर रेखा ने
माँ ऑर भुआ को बोला,,,,,अब आज रात सन्नी को कोई हाथ नही लगाएगा,,आज रात ये मेरा है बस,,
ज़ी भरके मस्ती करूँगी आज रात मैं इसके साथ,,,
सब लोग हँसने लगे,,,,,,,
लेकिन मैं परेशान हो गया था,,,,आख़िर ये रेखा कॉन थी,,,सब इसको नाम से बुला रहे थे कोई
अपना रिश्ता नही बता रहा था,,,,ऑर ऐसी क्या ख़ास्स बात इसमे जो माँ ऑर भुआ की दुश्मनी ख़तम
करदी इसने,,,ऑर भाई भी इसकी शादी के लिए वापिस आ गया,,,,,लगता है कोई ख़ास्स ही है ये रेखा लेकिन
कॉन है,,,,अब तो पूछ भी नही सकता किसी से,,,,माँ ने मना जो किया था,,,बोला था सही वक़्त आने पर
खुद ही बता देगी,,
उस दिन ऑर रात को मैं बस रेखा की चुदाई करता रहा,,,,बाकी कोई मेरे पास नही आया,,,ना माँ ऑर
ना ही भुआ,,,,,मर्द कोई ना कोई आता जाता था रेखा के पास,,क्यूकी उसको 1 लंड से मज़ा नही आता था,,,
पूरी रात मस्ती होती रही कोई नही सोया,,,,मुझे भाभी ऑर शोबा के पास भी नही जाने दिया किसी
ने,,,,,
जब सुबह रेखा की संतुष्टि हुई तो वो उस रूम से बाहर चली गई ऑर फिर सबको सोने के टाइम मिला
मैं भी सो गया ,,पूरी रात मे रेखा ने निचोड़ दिया था मुझे,,इतना थक गया कि सुबह सोया ऑर
शाम को उठा,,,,
शाम को उठा तो वहाँ रूम मे कोई नही था,,,,उठकर बाहर आया तो नंगा ही अपने उपर वाले
रूम की तरफ चला गया ऑर फ्रेश होके नीचे चला गया,,नीचे सीढ़ियाँ उतर रहा था तो माँ की तेज
आवा आई,,मैं भाग कर नीचे गया कहीं कुछ हो गया है शायद,,,मैं डर गया था,,,लेकिन जैसे ही
नीचे गया देखा कि माँ ऑर डॅड सोफे पर चुदाई कर रहे थे,,,,अभी माँ झड़ी थी इसलिए इतनी तेज़ी
से चिल्लाई थी,,,डॅड भी झड गये थे ऑर सोफे पर बैठ गये थे,,,,मैं जब पास पहुँचा तो
माँ डॅड के लंड पर लगा हुआ स्पर्म चाट कर सॉफ कर रही थी,,,,,
आ गया बेटा,,,रात को लगता है ज़्यादा ही थक गया था शायद ,,,,,,
थकता क्यू नही सरिता,,रेखा ने पूरी रात सोने कहाँ दिया इसको,,,लंड गान्ड मे लेके चिल्लाति
रही लेकिन फिर भी लंड गान्ड मे घुसाती ही रही,,,,ना खुद सोई ना किसी को सोने दिया,,देख
ज़रा पूरा निचोड़ कर गई है इसको,,,,
माँ ने मेरी हालत देखी ऑर हँसने लगी ,,,डॅड भी हँसने लगे,,,
मेरी हालत सच मे ऐसी थी ,,अभी फ्रेश होके आया था फिर भी किसी उजड़ी हुई सलतनत का फ़क़ीर बन
चुका राजा लगता था मैं,,,,सच मे बहुत थक गया था रात भर रेखा की चुदाई से,,,,
अच्छा हुआ रेखा चली गई वर्ना इस बच्चे की जान निकाल देती,,,,,
सही बोला अशोक,,,,ये खुद बड़ा खिलाड़ी बनता है लेकिन इसको नही पता रेखा कितनी बड़ी चुड़दकड़
है,,,
रेखा चली गई,??,,मैने हैरान ऑर उदास होके पूछा,,,,,
हाँ बेटा चली गई रेखा,,,,तू सो रहा था फिर भी सोते हुए तेरे लंड पर पता नही कितनी किस करके
गई है वो,,,,,
वो चली क्यूँ गई माँ,,,???
बेटा शादी को कुछ दिन ही रह गये है ,,काफ़ी काम करने वाले है,,,,ऑर उसका कोई है भी नही गाओं
मे इसलिए तो भुआ,,,मामा ,,विशाल ऑर शोबा सब उसके साथ चले गये है,,,,,
सब के सब क्यू चले गये,,,ऑर गाओं मे कोई क्यूँ नही है,,,,आपके चाचा जी है ना ,,वो रेखा की
शादी की तैयारियाँ कर देंगे,,,,,
तभी अशोक गुस्से से बोला,,,,,,नही सन्नी,,,वो उसकी शादी का कोई काम नही करेगा ऑर ना मैं उसको
करने दूँगा,,तभी तो सब लोगो को उसके साथ भेजा है ताकि हमे उस इंसान का कोई क़र्ज़ नही लेना
पड़े,,,,अशोक गुस्से से बोल रहा था तभी सरिता ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए उसको शांत रहने
को बोला,,,,,
आप गुस्सा नही करो ,,चाचा जी कोई हेल्प नही करने वाले रेखा की शादी मे,,,,
मैं कुछ समझ नही पा रह था मेरा बाप माँ के चाचा जी से इतना चिढ़ता क्यू था ,,,क्यू डॅड की
आँखों मे खून उतर आता था उस इंसान का नाम सुनके,,,आख़िर क्या वजह थी,,,
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