RE: Sex Hindi Kahani रेशमा - मेरी पड़ोसन
बेड पर गिरते ही हमारे होंठो के साथ हमारे बदन भी रगड़ने लगे
होंठो के छूते ही बदन मे आग सी लग गयी थी
इस लिए अब मैं जितने दिन यहाँ हूँ उतने दिन माला को प्यार करूँगा
माला के प्यार की यादे साथ लेकर जाउन्गा
माला भी मेरे बिना कैसे रहेगी पता नही
मैं भी माला को बहुत याद करूँगा
जल्दी मैं माला को अपने पास बुला लूँगा
पर अभी तो माला मेरी बाहों मे है
मैं माला को प्यार कर रहा हूँ
मैं माला के गुलाबी होंठो को चूसने लगा
माला तो मुझसे दूर जाने के नाम से मुझे इस तरह प्यार कर रही थी कि उसका किस ख़तम ही नही हो
रहा होंठो के साथ मेरे चेहरे पे किस कर रही थी
माला मेरे सामने ब्लॅक ब्रा और पैंटी मे थी. माला की गंद देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया .
मैं ने अपने कपड़े निकाल दिए .और लंड को पैंटी के उपर से गंद की दरार मे घुसने लगा .
और माला के कान मे कहा. जल्दी प्यार शुरू करते है
मैं ने माला को अपनी तरफ घुमा दिया और दीवार से लगा कर ब्रा के उपर से बूब्स दबाने
लगा.
माला शीष्कारिया लेने लगी और अपने हाथ को पीछे ले जाकर ब्रा को खोल दिया.
मैं माला के बूब्स को दबाने के साथ चूसने लगा.
माला ज़ोर से शीष्कारियाँ लेने लगी.
अहह रीईई अहह
माला की शीष्कारियाँ सुन कर जोश बढ़ रहा था
मैं थोड़ी देर माला के बूब्स चूस्ता रहा.
फिर मैं ने माला के बूब्स को छोड़ कर माला के होंठो को चूसने लगा.
माला भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.हम एक दूसरे के होंठो को और जीभ को चूसने लगा.
माला पूरी तरह से गरम हो गयी थी.और मैं तो सुबह से गरम था.
फिर मैं ने होंठो को चूसना बंद किया और माला के हाथो मे अपना लंड दिया.
मैं ने माला को वही नीचे लिटा दिया. और एक झटके मे माला की पैंटी निकाल दी.
फिर माला की टाँगो के बीच आ गया और अपना मुँह माला की चूत पे रख दिया .
माला ने एक ठंडी सीईईई की आवाज़ निकाली और मैं ने माला की चूत मे अपनी जीभ को
घुसा के चूसना शुरू किया
माला शीष्कारिया लेने लगी अहह उन्मह हान्ंनणणन् और ज़ोर सीईईईई
चोसूऊऊ खाओ जाओ अपनी माला की चूत को उन्मह आहह
मैं माला की शीष्कारियाँ सुनकर और भी ज़ोर से माला की चूत को चूसने और चाटने लगा. जिस से
माला पागल हो रही थी और शिसक रही थी.
माला की चिकनी चूत को चूसने मे मज़ा आ रहा था
.
माला मेरे सर को अपनी चूत पे दबाने लगी और हलकी आवाज़ो मे अहह उन्मह
हान्ंननणणन् करने लगी.
मैं भी कभी अपनी जीभ को माला की चूत मे घुसाता और कभी माला की चूत को चूसने मे लग जाता
फिर माला ने मेरे सर को अपनी चूत पे ज़ोर से दबा दिया और माला का बदन झटके खाने लगा और
माला ने चूत का पानी सारा मेरे मुँह मे डाल दिया.
मैं ने बड़े मज़े से पी लिया .और अपना मुँह अलग कर लिया
फिर माला अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी. माला का स्टाइल मज़ेदार था जिस से मैं पागल
हो गया .
माला ने अपना हाथ लंड से हटाया नही बल्कि अपनी जीभ से लंड को चाटना शुरू कर दिया.
टोपे को चाटने के बाद माला ने मेरे लंड को धीरे धीरे अपने मुँह मे लेना शुरू कर दिया.
आधा लंड माला के मुँह मे जाते ही मेरा मन हुआ कि माला के सर को पकड़ कर मुँह मे धक्के
मारू . मुँह को चोदु,
लेकिन पहले माला को उसका काम करने देता हूँ. माला लंड को ज़्यादा से ज़्यादा मुँह मे लेने की कोशिश
कर रही थी.
जितना लंड माला के मुँह मे गया था वो काफ़ी था. फिर माला ने लंड को चूसना शुरू किया. 3 4 बाहर
लंड को मुँह से बाहर निकाल कर फिर अंदर ले लिया.
उसके बाद लंड को मुँह से बाहर निकाल कर माला आंडों को चूसने लगी.माला का तो जवाब नही था.
माला मेरे लिए इतना कर रही है मैं भी माला के लिए उसकी चूत चूसूंगा.
मैं ने माला को रोक दिया. और मेरी तरफ गंद करके लंड चूसने को कहा. माला ने वैसा ही किया
पर उसके दोनो पैर एक तरफ थे. मैं ने माला को सही पोज़ीशन मे लाया.
मैं इधर क्या कर रहा हूँ उस से माला को क्या लेना देना वो तो लंड चूस कर खुश थी.
चूत पर मेरी जीभ महसूस करते माला ने लंड चूसना बंद किया और मेरी तरफ देखा,
मुझे चूत चूस्ते हुए देख कर माला खुश हो गयी. और लंड को मज़े लेकर चूसने लगी.
हम दोनो एक दूसरे को चूस कर मज़ा देने लगे और लेने लगे.
मैं ने माला को अपने उपर से अलग किया
और बेड पर लिटा दिया.
मैं लंड को माला की चूत पे रख कर रगड़ने लगा.
और आराम से पुश करने लगा. लंड धीरे धीरे अंदर जाने लगा .लंड 4 इंच तक अंदर गया था और
माला सीईईई की आवाज़ निकालने लगी .
फिर मैं ने एक जोरदार झटके के साथ पूरा अंदर डाल दिया .
इतना ज़ोर दार धक्का था कि माला रो पड़ी . जैसे पहली बार चुदि हो.मेरा लंड था ही इतना मोटा कि किसी
की भी चूत को चीर के रख देता.
माला के मुँह से अहह हरामी ने फाड़ दी मेरी तो अहह और मैं ने फिर
लंड को बाहर निकाला और फिर पूरा लंड माला की चूत मे डाल दिया . ऐसा 3 4 बार किया तो माला ने
अपनी टाँगो को मेरी कमर के साथ लपेट लिया
और खुद मेरी छाती से लिपट गयी और बोली प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ रुक जाओ थोड़ी देर . मैं थोड़ी देर रुक गया.
माला थोड़ी देर ऐसे ही मुझे पकड़ कर लंड को चूत मे महसूस कर रही थी .कुछ देर उसी तरह
रहने के बाद अपनी गंद को हिलाने लगी .
फिर मैं ने भी धक्के मारना शुरू किया.माला ने मुझे छोड़ दिया और मेरे धक्को के साथ मज़े
से गंद उपर करने लगी.
माला शीष्कारियाँ लेने लगी अहह इसी तरह आराम से करते रहूऊऊ उन्मह
हान्ंननननणणन् मज़ा आ रहा है
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