Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 04:44 PM,
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"कुछ नहीं होगा यार, उसका पासपोर्ट ही नहीं है उसके पास तो कैसे जाएगी.."




"शिट... उसका पासपोर्ट मैने लौटा दिया था, जब वो विक्रम के साथ कहीं गयी थी.. " अचानक फोन वाले को याद आया




"ले लो लवडे आके... तू हर बार कुछ ऐसा रख देता है कि साला जीना हराम होने लगता है.."




"पर इसमे ग़लती तेरी ही है...मैने कहा था मॅच फिक्सिंग या सट्टे में मत उलझना,पर नहीं..आप तो भैनचोद क्रिकेट देखते हो तो बस, अंदर का सटोरिया ऐसे बाहर आता है जैसे साला आज तक खेला ही ना हो.. अगर तू नहीं खेलता तो राजवीर यह सब सोचता ही नही ना.." सामने वाले ने उतेज्ना में आके जवाब दिया




"मैं कुछ करता हूँ.."




"घंटा...पकड़ मेरा, अब मैं करूँगा, तू रहने दे, जा तेरी बहेन इंतेज़ार कर रही होगी..चूतिया"




"हां, मैं जा रहा हूँ, साथ में तेरी बहेन भी है..हाहहा.." रिकी ने बात करके फोन कट कर दिया और अंदर चला गया






"तुम्हारे पूरे खानदान की बर्बादी होगी...कोई नहीं बचेगा..कोई नहीं..देख लेना, इंसाफ़ होगा.. तुम सब मारे जाओगे.. तुम सब मरोगे, बदला ज़रूर लिया जाएगा, इंसाफ़ होगा.. इंसाफ़ होगा.. तुम सब....." अचानक एक के बाद एक गोलियाँ चली और गूँज रही चीखें खामोश हो गयी..




चीखों के खामोश होने से अमर भी अपनी नींद से घबरा के उठ गया और अपने चेहरे पे आए पसीने को पोछने लगा..




"अब वक़्त आ गया है, लगता है मुझे बच्चो से सब कुछ सच बताना पड़ेगा.." अमर ने घड़ी देख खुद से कहा



"दिस गेम ईज़ ऑफ अटमोस्ट इंपॉर्टेन्स टू डूक्स...इफ़ दे विन, दे आर थ्रू दा फाइनल्स.. इफ़ दे लूज़, दे विल नीड टू प्ले दा एलिमिनेटर..ऑल आइज़ ऑन वन मॅन दिस टाइम राउंड, देयर हाइयेस्ट गोल स्कोरर आंड लीग'स थर्ड हाइयेस्ट स्कोरर सो फर.." कॉमेंटेटर्स एक दूसरे से बातें कर रहे थे मॅच के कुछ ही क्षण पहले...




"इट'स बिन आ लोंग टाइम ड्यूड, सिन्स वी हॅव रीच्ड फाइनल्स.. हेल एग्ज़ाइटेड.." स्टॅंड्स में बैठे डूक के स्टूडेंट्स भी आज की शाम का बेसब्री से स्वागत करने में व्यस्त थे और नज़रें जमाए बैठे थे अपनी टीम पे...




"सो वी आर रेडी टू किक ऑफ दा गेम #20.. डूक्स अगेन्स्ट किंग्स.. ऑलमोस्ट 7000 स्टूडेंट्स फ्रॉम बोथ कॉलेजस आर हियर टू अटेंड दा मॅच... तीस शोस दा टर्नराउंड दट डूक हॅज़ गॉन थ्रू दिस सीज़न... हाउ-एवर लेट'स नोट फर्गेट, दा ओन्ली मॅन रेस्पॉन्सिबल फॉर दिस टर्न अराउंड.. एंटाइयर टीम हॅज़ बिन अराउंड हिम, स्टोरी हॅज़ चेंज्ड फॉर दिस गुड फॉर डूक्स..." कॉलेज के प्रोफेस्सर्स और कोचस आपस में बातें करने में लगे हुए थे...




"भाई, आज तो रहा नहीं जाता, बस एक बार हम यह मॅच जीत जायें ना.. कसम से, आज की रात सोना भूल जाएगा पूरा कॉलेज. ईईई" एक बंदा दूसरे बंदे से कह रहा था जब एक स्टूडेंट ग्रूप स्टॅंड्स की तरफ बढ़ रहा था...




"बस 2 गोल्स, फिर तौरना हाइयेस्ट स्कोरर आंड अपनी फाइनल... फाड़ देंगे गोरों की इस बार तो...साले हम इंडियन्स को अनडरएस्टीमेट करते हैं..." दूसरे लड़के ने सेम जोश में आके कहा...




"चिल मारो तुम दोनो.. आज हम हारेंगे, देख लेना.." तीसरे लड़के की बात सुन वो पूरा ग्रूप जैसे शॉक में आ गया, उन्हे यकीन नहीं हुआ के उन्होने क्या सुना...




"ऐसे मूह खुले के खुले रखोगे..तो सब लोग क्या सोचेंगे, बैठ जाओ चलो, " उस बंदे ने फिर कहा और 5 लोगों का ग्रूप, जिसमे तीन लड़के और दो लड़कियाँ थी, स्टॅंड्स में अपनी सीट पे बैठ गये....




"ऐसा क्यूँ.." एक लड़की ने बड़े ही कन्फ्यूज़्ड तरीके से पूछा




"यू विल गेट टू नो..आज साले की डेट भी सेम टाइम पे है..और वो भूल गया है.. हाहहहाअ" उस लड़के ने हँस के जवाब दिया जिसे सुन वहाँ बैठे बाकी लोग निराश हो गये...




"रेडी टू प्ले....गूऊऊ..." रेफरी ने सीटी मारी और फुटबॉल फील्ड का शोर दुगना हो गया... डूक्स और किंग्स के खिलाड़ियों के बीच खेल शुरू हुआ जिसका इंतेज़ार कब्से था कॉलेज के स्टूडेंट्स को...डूक्स और किंग्स की दुश्मनी काफ़ी मशहूर थी, डूक्स ने आज तक किंग्स को नहीं हराया था फुटबॉल गेम में....




"पास. ड्रिब्ब्ल... आंड आ गूआलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल...." कॉमेंटेटर्स चीखने लगे... "डूक्स ऑलरेडी अंडर प्रेशर, किंग्स हिट देयर फर्स्ट गोल इन फर्स्ट 5 मिनिट्स.."




"पहले 5 मिनिट में गोल..." स्टॅंड्स में एक बंदा बोला जिसके साथ पसीना उसके चेहरे पे सॉफ दिखने लगा.... मॅच तेज़ी से आगे बढ़ता रहा, हर बढ़ते मिनिट के साथ डूक्स पे दबाव बढ़ता जाता... हाफ टाइम और स्कोर डूक्स 0 और किंग्स 1... दूसरी सीटी और खेल फिर शुरू...




लंडन के इंटर कॉलेज कॉंपिटेशन में डूक्स हर चीज़ में टॉप 3 में आते थे, चाहे वो क्रिकेट हो या फिर डॅन्स.. लेकिन युरोप में अगर आप फुटबॉल नहीं जानते तो जनाब आप वहाँ के सबसे बड़े मुजरिम हैं, और यही हालत थी डूक्स की ..पिछले 10 साल में कभी भी फुटबॉल प्रतियोगिता नहीं जीत पाए थे, लेकिन इस बार यह सबसे सुनेहरा मौका था डूक्स के पास यह खिताब भी जीतने का.....




"हियर'स दट पास अगेन... बेंजामिन अट इट, ही ईज़ मूविंग फॉर्वर्ड.. इफ़ ही हिट्स डूक्स आर आउट ऑफ दा गेम... आंड इट्स आ गोालल्ल्ल्ल्ल......" कॉमेंटेटर्स की चीख इस बार इतनी ज़्यादा थी कि डूक्स के फँस की चीखें भी खामोशी में बदल गयी... शाम के 5 बजे लंडन में मौसम काफ़ी सुहाना था, करीब 8 डिग्री का तापमान, इतनी ठंड में भी डूक्स के पसीने छूटने लगे थे...




"नो, डूक्स आर आउट.. काउंट देम आउट नाउ... स्कोर रीड्स 2-0 नाउ.... हियर'स देयर मॅन हू कॅन टर्न थिंग्स अराउंड नाउ.... देयर'स दा पास... जस्ट ड्रिब्बलिंग अराउंड... ही ईज़ गेटिंग क्लोज़र नाउ... वन मोर पास, बीट्स मिड फील्ड, गेट्स क्लोज़र टॉट हट गोल पोस्ट... यू गॉटा स्कोर नाउ बॉय... येस, इफ़ ही हिट्स नाउ डूक्स विल गेट दट लाइफ लाइन नीडेड.. ही हिट्स, आंड इट्स आ गूआलल्ल्ल्ल्ल्ल......" इस गोल के साथ डूक्स के स्टूडेंट्स की खोई हुई आवाज़ लौट आई, किंग्स जानते थे कि इस गोल के बाद डूक्स को रोकना नामुमकिन होगा...




"डी.यू.क.ए.स...... ड्यूअवूवुउकीयेयेस्स्स......" चियर लीडर्स अपने पिम पॉम्स लेके फील्ड के किनारे पे खड़ी नाचने लगी, जिन्हे देख स्टूडेंट्स भी मज़े लेने लगे...




"69थ मिनिट.. और हम 2-1... वी स्टिल हॅव 21 मिनिट्स... हम जीत सकते हैं....येस्स्स........" फिर से वोही स्टूडेंट चिल्लाने लगा.. खेल शुरू हुआ, ड्रिब्ब्ल्स, पासस और हिट्स आंड मिसस... खेल इतना रोचक बन चुका था, के स्टूडेंट्स एक दूसरे को अपने स्टॅंड्स में कीच के पीटने लगे थे, इतने सर्द मौसम में भी सब के चेहरे से बहता पसीना सॉफ बयान कर रहा था के वहाँ का माहॉल कैसा था..




"वी आर जस्ट 1 मिनिट अवे नाउ... आंड डूक्स आर स्टिल ट्रेलिंग... देयर'स दट हिट... आंड इट'स आ फाउल.... डूक्स गेट दट मच मच नीडेड पेनाल्टी शॉट , दिस इस देयर गोलडेन चान्स टू स्कोर आंड टेक दा गेम टू पेनाल्टी शूट आउट ... किंग्स आर नोट प्लीज़्ड वित्त दा डिसिशन आंड गेट इंटो आर्ग्युमेंट वित दा रेफरी..."




"पेनाल्टी स्ट्रोक.. अब हम ज़रूर जीतेंगे भाई...." फिर से उस स्टूडेंट ने कहा और सारे स्टूडेंट्स डूक की खुशी में झूमने लगे




वहाँ बैठे सब स्टूडेंट्स की धड़कने रुक सी गयी थी.. जहाँ किंग्स के स्टूडेंट्स एक दूसरे के हाथ थामे हुए थे, वहीं डूक्स के स्टूडेंट्स की निगाहें उनके फॉर्वर्ड पे जो अभी पेनाल्टी स्ट्रोक लेने के लिए तैयारी कर रहा था...




"इट'स ऑल अपॉन यू नाउ... गो आंड गेट दा बॅस्टर्ड्स...." डूक्स के कॅप्टन ने अपने फॉर्वर्ड को सलाह दी और अपनी पोज़िशन पे चला गया... 90 मिनिट के खेल के बाद, इस खिलाड़ी का सर पसीने से भीग चुका था, कपड़े मेले, हाथ छिले हुए, घुटनों पे हल्की हल्की चोट, लेकिन आँखों में अभी भी वोही चमक जो हमेशा रहती थी... दिल में कुछ चाह थी तो वो बस एक गोल की, आँखों के आगे कुछ था तो वो गोल पोस्ट...कोई स्टूडेंट नहीं, कोई रेफरी नहीं, कोई खिलाड़ी नहीं.. आँखों के सामने गोल पोस्ट, सिर्फ़ गोल पोस्ट.. बस यह उसका निशान था...




"वी आर पास्ट हाफ मिनिट... आंड ही ईज़ रेडी विद दिस पोज़िशन.." कॉमेंटेटर ने यह शब्द कहे और स्ट्रोक का वेट करने लगे... रेफरी की सीटी बजते ही.. फॉर्वर्ड ने अपने कदम धीरे धीरे आगे बढ़ाना शुरू किए, उसके और बॉल के बीच में करीब 10-12 फुट का फासला था, और बॉल और गोल पोस्ट के बीच करीब 25-30 फुट का...




" ही ईज़ टेकिंग हिज़ स्टेप्स.. ही इस चरगिं टुवर्ड्स दा बॉल, यस ही ईज़ देयर, विल ही स्कोर... वेट, व्हाट ईज़ ही डूयिंग....." कॉमेंटेटर ने यह शब्द फील्ड पे नज़रें डाल के कहे, जहाँ अभी जो हो रहा था उसे देख सब लोग हैरान थे...




अभी कुछ 5-6 कदम ही उठाए थे डूक्स के सबसे फेवोवरिट फॉर्वर्ड ने, कि गोल पोस्ट के पीछे भाई साब की नज़रें पड़ी , जहाँ एक बहुत ही सुंदर चेहरा दिखा उसे...




"लिंडा...." दौड़ते दौड़ते वो चिल्लाया, नज़रें बॉल से हटी और किक जब पड़ी तो बॉल कहाँ पहुँचा वो खुद नहीं जानता था, लेकिन दौड़ते दौड़ते वो गोल पोस्ट के पास पहुँचा....




"व्हाट ईज़ ही डूयिंग... माइ गॉड व्हाट हॅज़ ही डन...." कॉमेंटेटर्स निराश हुए




"अबे बेन्चोद्द्द्द...... यह क्या किया तूने....... अबे भोसड़ी कीए......" फिर वोही लड़का खड़ा हुआ और गालियाँ बकने लगा..




"ओह नो.... नोट अगेन.... यू आस...." इस बार उनका कॅप्टन चिल्लाया और एक नज़र स्कोर कार्ड पे मारी तो उसका दिल ही मर गया..




"किंग्स.. विन बाइ 2-1..."




"हाहहहाआ.. मैने कहा था उसकी डेट का टाइम है यह, साले को अभी याद आया.." दूसरा लड़का खड़ा हुआ और बाहर जाने लगा..




"हे, व्हाट हॅव यू डन..." गोल कीपर ने उससे कहा जो अभी वहीं खड़ा लड़की के साथ बात कर रहा था..




"हुह.. यस, कोंग्रथस... प्ल्स डॉन'ट डिस्टर्ब नाउ ओके.." उसने जवाब दिया और फिर लड़की से बात करने लगा
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RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 04:44 PM

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