Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
07-03-2019, 03:42 PM,
#5
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा
"भाभी... ओके , कट दिस क्रॅप... चलिए आप जाके भैया से इस प्लान का डिस्कशन करें, मैं तब तक फ्रेश हो लेता हूँ.." कहके रिकी जल्दी से बाथरूम में चला गया.. रिकी के बाथरूम जाते ही स्नेहा बाहर जाने के लिए खड़ी ही हुई थी, कि बेड के एक कोने में उसे रिकी के कपड़े दिखे.. स्नेहा आगे बढ़ी और उसके कपड़े देखने लगी... जीन्स के ठीक नीचे था रिकी का कॅलविन क्लाइन का अंडरवेर.... ब्लॅक अंडरवेर देख के ही स्नेहा की आँखों में चमक आने लगी.... स्नेहा ने हल्के हाथों से अंडरवेर के फ्रंट पार्ट को हथेली पे रखा, और ठीक जहाँ रिकी का लंड होगा, उस जगह को सूंघने लगी...



"उम्म्म्म सस्सन्न्नुफफफ्फ़ आअहह..... क्या हथियार होगा आपका देवर जी... कब अनलोड करेंगे आप अपनी राइफल को मेरी इस मुनिया के अंदर..." स्नेहा ने साड़ी से धकि हुई अपनी चूत पे हाथ फेर के कहा... धीरे धीरे जब स्नेहा गरम होने लगी, उसने रिकी के कपड़ों को ठीक कर के रखा और झट से अपने कमरे की तरफ निकल गयी....



रिकी और शीना तैयार होके जैसे ही नीचे आए, सामने डाइनिंग टेबल पे सब लोग पहले से ही बैठे थे.... रिकी और शीना ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा और फिर नीचे की तरफ बढ़ने लगे...



"मॉर्निंग माँ, मॉर्निंग पा..." शीना ने अमर और सुहासनी देवी के गालों पे एक पेक दिया और नाश्ता करने बैठ गयी, और सेम चीज़ रिकी ने भी की...



"पापा... हम सोच रहे हैं कि सब लोग एक साथ घूमने जायें.. भाई भी नेक्स्ट वीक लंडन चले जाएँगे, फिर ऐसे चान्स के लिए नेक्स्ट ईयर तक वेट करना पड़ेगा..." शीना ने कुर्सी पे बैठ के कहा



"बहुत अच्छी बात है बेटे, पर मैं और विक्रम जाय्न नहीं कर पाएँगे... " अमर ने शीना को निराश करते हुए कहा



"क्यूँ.. चलिए ना पापा प्लीज़.." शीना ने ज़ोर देके कहा



"आइ वुड हॅव लव्ड टू जाय्न बेटे.. बट कल एक पार्टी से मिलना है, कुछ प्रॉपर्टी के सिलसिले में.... इसलिए हमारा रहना बहुत ज़रूरी है..." अमर ने अपना जूस ख़तम करते हुए कहा



अमर की बात सुन रिकी थोड़ा हक्का बक्का रह गया... मन में सोचने लगा, आख़िर कितनी प्रॉपर्टी है उसके बाप के पास.. काफ़ी पैसे वाले हैं वो तो पता था , लेकिन प्रॉपर्टी कहाँ कहाँ है वो उसे कभी पता नहीं चला था, ना ही अमर ने किसी से कभी इसके बारे में डिसकस किया था, सिवाय विक्रम के... अमर का जवाब सुन जब शीना अपसेट हुई, तो सुहासनी देवी ने उससे कहा



"निराश ना हो बच्ची, बाकी के लोग चलेंगे ना.. रिकी और मैं चलेंगे बस.. डोंट वरी.." सुहासनी ने शीना के सर पे हाथ फेरते कहा



"अरे माँ, मैं और पापा भी बिज़ी होंगे, तो स्नेहा भी यहाँ रहके क्या करेगी... बहेन, तेरी भाभी भी जाय्न करेगी तुमको...." विक्रम ने बीच में कूद के कहा.. स्नेहा का नाम सुन के जहाँ शीना खुश हुई, वहीं सुहासनी देवी के चेहरे का रंग फीका पड़ गया, और रिकी तो एक अलग दुविधा में ही फँस गया था.. आज सुबह स्नेहा की बातें सुन, वो ज़रा अनकंफर्टबल हो गया स्नेहा का नाम सुनके... लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और चुप चाप नाश्ता ख़ाता रहा..



"रिकी, तुम क्यूँ इतने गुम्सुम हो भाई... क्या हुआ.." अमर ने उससे पूछा



"कुछ नहीं डॅड... इनफॅक्ट मैं आपके और भैया के साथ एक बिज़्नेस के बारे में डिसकस करना चाहता था, आप के पास अगर टाइम हो डिस्कशन के लिए तो.." रिकी ने सरलता से कहा



"इसमे टाइम क्या बेटे.. नाश्ता फिनिश करो, और चलो बात करते हैं..." अमर ने अपनी जगह से उठ के कहा, और घर के एक कोने में एक बड़ा सा रूम बना हुआ था, वहाँ जाके कुछ पेपर्स देखने लगा और इशारे से विक्रम को भी बुला लिया.. शीना और रिकी एक दूसरे से बातों में लगे रहे, और सुहासनी भी स्नेहा को इग्नोर करके अपने काम में लग गयी.....



"विक्रम... इस प्रॉपर्टी का बिकना मेरे लिए बहुत ज़रूरी है.... " अमर ने उसके आगे पेपर्स रख के कहा



"पापा, मुझे अब तक समझ नहीं आया आख़िर क्यूँ बेच रहे हैं इसको... मतलब, हमें पैसों की कोई ज़रूरत नहीं है फिलहाल, तो फिर मैं क्यूँ बनी बनाई प्रॉपर्टी बेचु...." विक्रम ने पेपर्स देखते हुए कहा



"वो सब सोचना मेरा काम है विक्रम... तुमसे कल पुणे की एक पार्टी मिलेगी , उसे प्रॉपर्टी दिखा देना, और पॉज़िटिव रिज़ल्ट चाहिए मुझे इसका.." अमर ने बड़े ही कड़क अंदाज़ में कहा



"ठीक है पापा... और एक बात थी, परसों चेन्नई जाना है मुझे.. कुछ टाइम में आइपीएल की ऑक्षन भी स्टार्ट हो जाएगी... तो उसी सिलसिले में कुछ टीम ओनर्स और क्रिकेटर्स से मिलके कुछ सेट्टिंग्स करनी हैं.. तकरीबन 3 दिन वहाँ लग जाएँगे..." विक्रम ने अपना नोट देख के कहा



"हहहा.. हां वो भी है, जब तक ऐसी क्रिकेट हमारे देश में चलती रहेगी विक्रम.. तब तक हमारे क्रिकेटर्स और हम , काफ़ी खुश और अमीर रहेंगे..." अमर ने ठहाका लगा के कहा और विक्रम भी उसकी बात सुन के मुस्कुरा दिया



"पापा, कॅन आइ कम इन.." रिकी ने उसी वक़्त दरवाज़ा नॉक करते कहा..



"अरे हां बेटा, तुम इतने फॉर्मल क्यूँ हो. आ जाओ, बताओ क्या बिज़्नेस है.." अमर और विक्रम उसके सामने बैठ गये
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani वक्त का तमाशा - by sexstories - 07-03-2019, 03:42 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,478,092 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,887 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,222,837 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,501 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,640,735 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,069,762 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,932,472 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,995,664 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,008,781 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,722 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)