RE: vasna story इंसान या भूखे भेड़िए
मूलचंदानी हाउस......
शम्षेर कुछ भाँपते हुए बहुत दिन बाद आक्टिव लाइफ मे वापस आया था... उसने हर्षवर्धन और अमृता दोनो को बुलाया....
शम्शेर.... क्या सब हो रहा है. कंपनी कैसा चल रहा है...
हर्ष... पापा, आप का पोता उसे कमाल का चला रहा है.... लास्ट एअर के कॉंप्रेटिव्ली हमारा प्रॉफिट 20% बढ़ा है और टर्नोवर मे 40% इज़ाफा है... ओवरॉल हम मार्केट से ज़्यादा ग्रो कर रहे हैं...
संशेर.... ह्म ! तुम ने कभी ये सोचा है कि दो जान से प्यार करने वाले भाई आख़िर अचानक से अलग क्यों हो गये....
हर्ष.... हां पता है ना, मानस, मनु से अपना हिस्सा अलग करने कह रहा था, और बदले मे मनु ने उसे डिसपोज़िशन कर दिया. एक तरह से
तो ठीक हे किया ना, पूरी मेहनत तो मनु की ही थी...
शम्शेर.... इस हिसाब से तो तुम्हे भी वो निकाल देगा कंपनी से तो भी जायज़ होगा.... क्योंकि उसके ही काम का प्रॉफिट तो तुम भी ले रहे हो...
हर्ष.... सॉरी डॅड, मैने ये कभी नही सोचा....
शम्शेर.... ग़लत-ग़लत होता है... और धोका, धोका होता है. तुम सब पवर ऑफ अटर्नी वितड्रॉ करो और अपनी-अपनी कंपनी खुद देखो....
हर्ष.... ह्म ! जैसा आप ठीक समझे पापा....
शम्शेर.... और हां मानस से कॉंटॅक्ट करो, देखो वो क्या कर रहा है... यदि उसके पास कोई बिज़्नेस प्लान है तो तुम उसे सपोर्ट करो.... यहाँ से मनु तुम्हे प्रॉफिट दे रहा है, वहाँ से मानस तुम्हे देगा... दोनो भाई खुद भी कमाई करते रहे और तुम्हे भी मजबूत करते रहे ये देखना तुम्हारा काम है....
अमृता.... पापा मनु के एमडी की पोस्ट....
शम्शेर.... उसके एमडी के पोस्ट को क्या होगा. कंपनी के साथ उसका ट्रॅक रेकॉर्ड हमेशा अच्छा रहा है... उसे एमडी बने रहने दो.. तुम सब से काफ़ी अच्छा बिज़्नेस कर रहा है... हां अमृता यदि तुम कुछ कर सकती हो तो इतना करो कि मनु को समझाओ कि अपने भाई को धोका से हटाना ठीक नही ... परिवार टूटना कोई अच्छी बात नही है.....
अमृता.... ह्म ! ठीक है पापा मैं समझाउन्गी.....
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नेक्स्ट डे...
मानस अपने नये ऑफीस मे बैठा नताली के साथ गप्पे लड़ा रहा था, और उधर वंश ऑफीस स्टाफ के लिए इंटरव्यू ले रहा था. तभी मानस के
कॅबिन का दरवाजा नॉक हुआ.... और ड्रस्टी अंदर घुसी....
मानस, खड़ा हो कर बस ड्रस्टी को ही देखता रहा.... तभी नताली बीच मे बोल पड़ी.... "हां कहो क्या काम है"....
ड्रस्टी.... सुना है इस ऑफीस मे एमडी की पोस्ट खाली है, मैं उसी के लिए अप्लाइ करने आई हूँ....
नताली.... "व्हाट"... मानस, नताली को हाथ दिखाता कहने लगा..... "नताली ये हैं मिस ड्रस्टी"....
नताली..... ओह्ह्ह्ह ! तो ये वही है जिसका नाम तुम रात दिन जपते हो मानस.... वैसे क्या आइटम सेलेक्ट किए हो बिल्कुल मस्त है....
ड्रस्टी..... ये कैसे बात करती हो तुम. लड़कों का तो समझ मे आता है... लड़की हो कर मुझे आइटम बोली... पागल हो क्या....
नताली.... हद है, तुम्हारी तारीफ की हूँ मैं. तुम्हारे लिए तो इस ने मुझे छोड़ दिया... वो बात अलग है कि लड़के सेक्स के बाद लड़कियों से बस
ब्रेक-अप ही करना चाहते हैं....
मानस.... क्या बकवास है ये नताली....
ड्रस्टी.... क्य्ाआअ... सॉरी मैं शायद ग़लत जगह पर आ गयी हूँ.... जा रही हूँ मैं....
इतना कह कर ड्रस्टी तेज़ी से भर निकल गयी... मानस नाक सिकोडते कहने लगा..... "ये कैसा मज़ाक था नताली... हद होती है किसी भी बात की"
इतना कह कर ड्रस्टी तेज़ी से भर निकल गयी... मानस नाक सिकोडते कहने लगा..... "ये कैसा मज़ाक था नताली... हद होती है किसी भी बात की"
नताली.... जाओ पकडो उसे पागल.... तुम ही तो कहे थे कि "तुम्हे पता नही ड्रस्टी के दिल मे क्या है"..... उसके गुस्से ने क्लियर कर दिया कि
वो भी तुम से प्यार करती है... अब जाओ जा कर उसे प्रपोज भी कर दो...
मानस जो गुस्से मे पागल था मुस्कुराता हुआ बाहर निकला .... और सीधा जा कर ड्रस्टी की कलाई पकड्ते उसे रोक दिया.... ड्रस्टी एक स्टेप
आगे, मानस पिछे से उसके कलाई पकड़े.....
ड्रस्टी... हाथ छोड़ो मेरा, और जाओ अपनी रस लीला कंटिन्यू करो....
मानस..... मेडम जी आप अपनी नाराज़गी की वजह बता सकती हैं क्या....
ड्रस्टी.... हुहह ! मुझे कोई बात नही करनी... जाओ तुम अपनी उस छिपकलि के पास....
मानस..... उफफफ्फ़ ये गुस्सा.... ड्रस्टी तुम अपने पास तो मुझे रहने नही दी. एक बार कुछ इशारों मे भी तो नही कही.... और अब जब मैं तुम्हारे पास आ रहा हूँ तो तुम मुझे दूर भेज रही हो....
ड्रस्टी.... मैं लड़की हूँ... मैं कैसे कह देती पहले... और क्या मैं सब से इतना घुलती मिलती हूँ जो कह रहे हो कि कोई इशारे भी नही की. अब क्या हवा मे फ्लाइयिंग किस देती तो वो इशारे होते क्या. यू नो व्हाट, आइ थिंक यू आर हॅपी इन युवर वर्ल्ड... जहाँ एक लड़की को देखा,
उसके साथ मज़े किए फिर आगे बढ़ गये.... पर मैं उन सब से अलग हूँ... मेरे छोटे-छोटे सपने हैं... परी कथा सुनते आई हूँ और तुम मे मैं
अपने हीरो को देखती हूँ.... मुझे छोड़ा तो मुझ से बर्दास्त नही होगा... इसलिए अच्छा यही है कि तुम तुम्हारी दुनिया मे खुश रहो.....
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