RE: Bhabhi ki Chudai कमीना देवर
अपनी चूत में सनी का लंड़ और गांड़ में अंगूठा रगड़े जाने से वो और भी उत्तेजित हो जाती है और अपनी गांड को और भी जोरों से हिलाने लगती है उससे उसकी बड़ी बड़ी गांड़ भी तेजी से हिलने लगती है जिससे उसकी कामुकता और भी बढ़ जाती है। अब सनी उत्तेजना के मारे अपनी एक उंगली उसकी गांड़ मे ड़ाल देता है और उसे अंदर बाहर करने लगता है और अपने लंड़ से उसकी बूर चोदना भी जारी रखता है।
अपने दोनों छेदों में लगातार प्रहार से नेहा उत्तेजना के मारे पागल हो जाती है और थरथराने लगती है। उसे ऐसा लगा कि यदि थोड़ी देर तक और उसके साथ ऐसा हुआ तो वो मारे उत्तेजना के बेहोश हो जायेगी . उसकी सांसे उखड़्ने लगती है और वो वो खुद पर पर काबू नहीं रख पाती और कुछ ही क्षणों में आह्ह्ह्ह्ह्ह ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आईमांऽऽऽऽऽऽ की अवाज निकालते हुए स्खलित हो जाती है।
स्खलित होते ही वो चैन की सांस लेती है और उसका शरीर ढीला पड़ जाता है वो निढाल हो कर वहीं करपेट पर ही सो जाती है लेकिन इधर सनी का माल अभी नहीं गिरा था इसलिये वो नेहा को फ़िर से खींच कर आने पास करता है उसको पीछे से थोड़ा उठा कर अपनी जांघो के पास रखता है और उसकी चूत में लंड़ ड़ाल उसे चोदने लगता है।
वो समझ जाता है कि अब ये झड़ चुकी है तो इस बार वो भी तेजी से अपना लंड़ अंदर बाहर करने लगता और कुछ ही देर में वो झड़ जाता है और जैसे उसका माल बाहर आता है तो वो अपना लंड़ उसकी चूत से बाहर निकालता है और अपना पूरा माल उसकी गांड़ में उंडेल देता है।और वो नेहा के उपर ही लेट जाता है।
कुछ देर तक नेहा के उपर सोये रहने के बाद सनी उठता है और घड़ी की तरफ़ देखता है . ११ बज चुके थे और आधे घंटे में उन्हें नीचे पहुंच जाना था इसलिये वो नंगी सोई पड़ी नेहा को हिलाता है जो अभी तक हांफ़ रही थी और लंबी सांसे रही थी। वो उसे धीरे से कहता है नेहा ११ बज चुके है हमें आधे घंटे में नीचे पहुंचना है।
११ बजने का नाम सुनते ही नेहा हड़्बड़ा कर खड़ी होती है और सीधे बाथरुम में पहुंच कर शावर चालू कर फ़िर से स्नान करने लगती है। उसे आज पूजा का सामान भी खरिदना था इसलिये वो इस हालत में बजार नहीं जा सकती थी। वो लग्भग दस मीनट तक नहाने के बाद बाहर आती है और जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगती है। तभी उसका ध्यान सनी की तरफ़ जाता है लेकिन वो कमरे में नहीं था और उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। दर असल वो नेहा की पिछे वाली बाल्कनी से अपनी बाल्कनी में कूद कर अपने कमरे में जा चुका था।
लगभग १५ मीनट में साड़ी पहन कर और तैयार हो कर नीचे की तरफ़ जाने लगती है . सनी के कमरे के पास निकलते हुए वो उसके कमरे के दरवाजे पर थपथपाते हुए नीचे उतर जाती है। जैसे ही नीचे पहुंचती है उसके आश्चर्य की सीमा नहीं रहती जब वो सनी को नाशते की टेबल पर बैठ कर नाश्ता करते हुए देखती है।
सनी उसकी तरफ़ देखता है और मुस्कुरा देता है और कहता है अब कैसी तबीयत है आपकी भाभी? यदि तबियत ठीक नहीम लग रही है तो थोड़ा और सो लिजिये और ऐसा बोल कर वो हल्के से अपनी एक आंख दबा देता है। नेहा भी प्रतुत्तर में ज्यादा कुछ नहीं कहती केवल इतना ही कहती है कि अब तबियत पहले से कफ़ी बेहतर है।
तभी उसके ससुर बोलते हैं " अरे बेटा टाइम खराब मत करो जल्दी से तुम भी नाश्ता कर लो तो हम चलें बाजार , आज सारा दिन लगने वाला इसी काम में . फ़िर वो सनी की मां से कहने लगते है अरे भई जब तक ये दोनों नाश्ता करते हैं तुम एक बार फ़िर से अपनी लिस्ट चेक कर लो कहीं कुछ छूट ना जाय , फ़िर आज के बाद हमें समय नहीं मिलने वाला बाजार वगैरह जाने के लिये। सनी की मां उन्हें कहती है आप चिंता मत करो सारी लिस्ट तैयार और कहीं कुछ भी नहीं छूटा है लिखने से हम पिछले तीन दिन से इस लिस्ट को तैयार् कर रहे हैं। उसके पिताजी आश्वस्त हो जाते हैं और कहते है "तो ठीक है अब मैं गाड़ी बाहर निकालता हूं और तुम लोग भी बिना देरी किये जल्दी से गाड़ी में आ कर बैठो। ऐसा बोल कर वो अपने घर् के गैरेज से गाड़ी निकालने के लिये निकल जाते हैं
इस तरह एक पतिव्रता और शर्मीली नारी को हवस के जाल में फसाकर लूट लिया और उसका अब हमेशा के लिए इस्तेमाल करता रहेगा पर नेहा भी अब इसमें खुश है कि उसे अब एक तगड़ा मर्द मिला जो उसकी हर सेक्सुअल जरूरत पूरी करेगा अब उसे सेक्स के लिए तरसना नही पड़ेगा कि कब उसका पति आएगा और उसके ऊपर अहसान करेगा बस दोस्तो इस कहानी में इतना ही
कहानी आपको कैसी लगी इस बारे में अपना कमेंट जरूर देना
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