RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेरे कदमो की आहट सुन कर सोनिया ने अमित के लंड को मूह से बाहर निकाला, और मेरी तरफ देखा. पर उसे शायद अब मेरी मौजूदगी से कोई फरक नही पड़ रहा था. उसने फिर से मेरी ओर देखते हुए, अमित के लंड के सुपाडे पर जीभ बाहर निकाल कर चाटने लगी. ये सब वो मेरी ओर देखते हुए कर रही थी….अमित भी मेरी ओर देख कर मुस्करा रहा था. उसने मुझे अपने पास आने का इशारा किया. मैं अपने सामने चुदाई के इस खुले खेल को देख कर मंत्र मुग्ध सी बेड की ओर खिचति चली गयी. जैसे ही, मैं बेड पर आई. अमित ने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खेंचते हुए, अपने ऊपेर झुका लिया. अब मैं और सोनिया एक दूसरे के बिल्कुल सामने थी. वो अमित के लंड को बार-2 अपने मूह से निकालती, और मेरी तरफ देखते हुए, अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसके लंड के मोटे लाल सुपाडे को चाटने लगती. मैं एक टक हैरानी से उसे ये सब करता हुआ देख रही थी. जब वो अमित के लंड के सुपाडे को जीभ बाहर निकाल कर चाटती, तो वो अमित के लंड को नीचे से पकड़ कर मेरे होंटो की तरफ करती. जैसे कहना चाहती हो. तुम क्यों फ्री बैठी हो……फिर उसने अमित के लंड को चूसना छोड़ कर अमित के बगल मे लेट गये. अमित ने एक हाथ से मेरे बालो को पकड़ कर मुझे अपने लंड पर झुकाना शुरू कर दिया…..
मैं भी इतनी मस्त हो चुकी थी, कि किसी बात की परवाह किए बिना अमित के लंड के मोटे सुपाडे के चारो तरफ अपने होंटो को कस लिया. और फिर उसके लंड के सुपाडे को अपने होंटो के बीच में दबाते हुए चूसने लगी. मेने अमित के लंड को चूस्ते हुए देखा के सोनिया ने अपनी नाइटी के स्ट्रॅप्स को अपने कंधो से सरका कर निकाल दिया था. और अमित सोनिया की चुचियों को चूस रहा था. “अहह श्ह्ह अमित “ सोनिया अमित के बालो को सहलाते हुए, उसके सर को अपनी चुचियों पर दबा रही थी.
सोनिया: आहह अमित चूसो ना मेरे मम्मो को अह्ह्ह्ह देखो ना माँ कैसी तुम्हारे लंड को चूस रही है…..
ये सुनते ही मेने शरम के मारे अमित के लंड को मूह से बाहर निकाल दिया. और फिर सोनिया मुस्करते हुए, अमित के ऊपेर आ गयी. अब उसकी चूत भी बिल्कुल मेरी आँखो के सामने थी……
.”माँ डालो ना मेरी चूत के अंदर अमित का लंड” सोनिया ने पीछे फेस घुमा कर मेरी तरफ देखते हुए कहा. मैं बुत सी बनी वैसे ही बैठी रही…..
अमित: डाल ना साली देख नही रही, तेरी बेटी कैसे मेरे लंड के लिए तरस रही है. चल डाल जल्दी…..
अमित की रोबदार आवाज़ सुन कर मुझे झटका सा लगा. मेने अपने काँपते हुए हाथो से अमित के लंड के पकड़ कर सोनिया की चूत के छेद पर लगा दिया. जैसे ही अमित के लंड का सुपाडा सोनिया की चूत के छेद पर लगा….सोनिया के मूह से मस्ती भरी आह निकल गयी……..उसने अपनी चूत को अमित के लंड के सुपाडे पर दबाना शुरू कर दिया…..मैं उसके पीछे बैठी हुई ये सब देखते हुए हैरान हो रही थी.
अमित का लंड 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड सोनिया की चूत के टाइट छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा……जैसे-2 अमित का लंड सोनिया की चूत की गहराइयों में समाता जा रहा था. सोनिया की सिसकारियाँ उँची होती जा रही थी….मेरे देखते ही देखते, अमित का मुन्सल जैसा लंड सोनिया की टाइट चूत में समा गया……अमित ने फिर मुझे अपने पास आने का इशारा किया……मैं उठ कर अमित की बगल मे जाकर लेट गयी…..उधर सोनिया ने अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे हिलाते हुए अमित के मुन्सल लंड से चुदवाना शुरू कर दिया था….अमित ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपेर झुका लिया, और मेरे होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसने लगा.
मैं अपने सामने अपनी बेटी को चुदते देख और मदहोश होती जा रही थी. जिसके कारण मैं अमित को किसी भी बात के लिए रोक नही पा रही थी. चुदाई का जो सिलसिला आज शुरू हुआ था. वो अब मेरे जीवन में सदा के लिए रहने वाला था.
दोस्तो ये थी मेरी छोटी सी भूल की वो सज़ा जिसके लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ. उम्मीद है कि ये स्टोरी आप को पसंद आए होगी.
समाप्त
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