RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
अमित: (मुझे देख कर मुस्करते हुए) अंदर आ जाओ…..
में बिना कुछ बोले अंदर आ गयी……मेरे अंदर आते ही उसने गेट को अंदर से लॉक कर दिया….और रूम की तरफ जाने लगा…..में भी सर झुकाए हुए उसके पीछे रूम में जाने लगी….अगर अमित घर पर ही था तो उसने मेरा फोन क्यों नही उठाया…ये सवाल मेरे दिमाग़ में घूम रहा था…..”तुमने फोन क्यों नही उठाया मेरा” मेने रूम में एंटर होते हुए कहा…
अमित: हां मेने देखी तुम्हारी मिस कॉल. वो में सो गया था..और फोन साइलेंट मोड पर था….
अंदर आते ही अमित ने अपने पयज़ामा को उतार कर एक तरफ फेंक दिया…..और फिर सोफे पर बैठते हुए, अपने अंडरवेर को घुटनो तक नीचे सरका दिया…उसका 9 इंच का लंड जो अभी पूरी तरह से खड़ा नही था मेरी आँखों के सामने आ गया…मेने अपनी नज़रे झुका ली…..
अमित: वो मुझे ज़रूरी काम से जाना है थोड़ी देर बाद..इसीलिए मेरे पास ज़्यादा टाइम नही है…..चल आजा ज़्यादा टाइम ना लगा….
में: (एक दम से घबराते हुए) क्या…..(में मन में सोचने लगी कि ये क्या तरीका है एक तो बुलाया खुद और अब बिना कोई बात किए सीधा-2 मुझे चुदने के लिए कह रहा है)
अमित: चल आ ना वहाँ क्या खड़ी है…चल खोल अपनी सलवार…..अच्छा चल इधर तो आ मेरे पास पहले…….
जैसे ही में अमित के पास गयी, अमित ने खड़े होते हुए मुझे बाहों में भर लिया….और फिर अपने होंटो को मेरे होंटो पर लगा दिया….मेने हल्का सा विरोध किया..पर उसके हाथों की गर्मी अपने बदन पर महसूस करके में ढीली पड़ गयी….उसने मेरे होंटो को चूस्ते हुए, अपने एक हाथ नीचे लेजा कर मेरे सलवार का नाडा खोलना शुरू कर दिया….
जैसे ही मेरे सलवार का नाडा खुला, अमित पीछे हट कर सोफे पर बैठ गया. और अपने लंड को हाथ से हिलाते हुए बोला.”चल अब जल्दी कर…” मेरी सलवार ढीली होकर मेरी जाँघो पर आ चुकी थी….मेने सर झुकाए हुए पहले अपनी सलवार को निकाला, और फिर पैंटी को उतार दिया……अमित ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खेंच लिया…..
में घुटनो को उसकी दोनो जाँघो की तरफ करके उसके ऊपेर आ गयी….अमित ने अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर लगा दिया……में कल रात से अमित के मोटे लंड के लिए तरस रही थी…..जैसे ही उसके तने हुए लंड का दहकता हुआ सुपाडा मेरी चूत के छेद पर लगा…….मेरे पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी……मेने आगे झुकते हुए, अमित के सर को अपनी बाहों में लेते हुए अपनी चुचियों पर दबा दिया…..
में: “अह्ह्ह्ह अमित तू साची मेनू गश्ती बना दित्ता है……अह्ह्ह्ह दस में की करा……क्यों तुम मेरे साथ ऐसा कर रहे हो…
मेरी बात का उसने कोई जवाब नही दिया……और मेरी कमीज़ के ऊपेर से मेरे मम्मों को मूह में भर कर नीचे से अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछाला. मेरी फुद्दि पहले से ही पानी छोड़ रही थी…..उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा…में मस्ती में एक दम से सिसक उठी “आहह श्ह्ह्ह्ह अमित तेरी लंड नी मेरी फुद्दि नू पागल कर छड़िया है हाए ओई होले”
मेने भी अपनी चूत को उसके लंड पर दबाना शुरू कर दिया……और कुछ ही पलों में मेरी फुद्दि उसकी 9 इंच के लंड को निगल गयी……मेरा पूरा बदन मस्ती में थरथरा कर काँपने लगा…..अमित ने मेरी कमीज़ को ऊपेर उठाना शुरू कर दिया……जैसे ही मेरी कमीज़ ब्रा के ऊपेर हुई, मेने खुद ही मदहोश होते हुए, अपने हाथों को पीछे लेजा ते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए. और फिर ब्रा के कप्स को ऊपेर उठा कर अपना एक मम्मा निकाल कर उसके होंटो से भिड़ा दिया
में: आहह सीईईई अमित ले चूस ली अपनी आंटी की मम्मे अह्ह्ह्ह मार मेरी फुद्दि…..कल तो आग लगनी पानी छड रही है……..
अमित ने भी बिना एक पल देरी किए, मेरी चुचि को जितना हो सकता था..मूह में भर लिया…..और चूस्ते हुए, अपनी कमर को हिलाने लगा…..पर मेरा सारा वजन उसकी जाँघो के ऊपेर था…..इसलिए वो शॉट नही मार पा रहा था…इधर मेरी चूत में आग और भड़क चुकी थी….
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