RE: vasna story मजबूर (एक औरत की दास्तान)
दोनों ने अपने पैग खतम किये और नज़ीला और सुनील दोनों सानिया वाले बेडरूम की तरफ़ जाने लगे। हाइ हील के सैंडल में चलते हुए नशे की हालत में नज़ीला के कदमों में लड़खड़ाहट नुमाया तौर पे मौजूद थी। पहले नज़ीला बेडरूम में दाखिल हुई। बेडरूम में ट्यूब-लाइट जल रही थी और सानिया बेड पर पैर नीचे लटका कर बैठी हुई कोई मैगज़ीन पढ़ रही थी। उसने अपने कपड़े नहीं बदले थे क्योंकि उसे भी उम्मीद थी कि शायद सुनी.ल आ जाये। नज़ीला को देख कर सानिया का दिल जोरों से धड़कने लगा। नज़ीला ने बाहर खड़े सुनील को अंदर आने का इशारा किया और जैसे ही सुनील अंदर आया तो सानिया के दिल की धड़कनें और तेज़ हो गयीं। अंदर आते ही नज़ीला ने सुनील को दीवार से सटा दिया और खुद उसके सामने घुटनों के बल नीचे कालीनदार फर्श पर बैठ गयी। उसने सुनील की ट्रैक-पैंट को पकड़ कर नीचे खींचा तो सुनील का आठ-इंच का लम्बा-मोटा अनकटा लंड बाहर आकर झटके खाने लगा। नज़ीला के पीछे बिस्तर पे बैठी हुई सानिया ये सब अपनी फटी आँखों से देख रही थी। नजीला ने सुनील के लौड़े को अपनी मुट्ठी में भर लिया और सानिया की तरफ़ सुनील के लंड को दिखाते हुए बोली, "हाय अल्लाह... देख कैसे शरमा रही है... जैसे पहली दफ़ा अपने आशिक़ का लंड देख रही हो..!" और फिर सानिया की तरफ़ देखते हुए सुनील के लंड को ज़ोर से हिलने लगी। नज़ीला ने एक हाथ सानिया की तरफ़ बढ़ाया जो उसके पीछे दो फुट की दूरी पर बेड पर नीचे पैर लटकाये बैठी थी।
नज़ीला ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ़ खींचा पर सानिया हिली नहीं। नज़ीला ने फिर से उसे जोर लगा कर अपनी तरफ़ खींचा तो सानिया उठ कर उसके करीब आ गयी और नज़ीला ने उसे अपने पास खींचते हुए बिठा लिया। "क्या हुआ सानिया... तू पहली दफ़ा तो नहीं देख रही है सुनील का लंड... इतना क्यों शरमा रही है... ले पकड़ इसे हाथ में... माशाल्लाह ऐसा लंड तो बस ब्लू-फ़िल्मों में ही देखा है!" नज़ीला ने सानिया का हाथ पकड़ कर सुनील के लंड पर रखना चाहा तो सानिया ने अपना हाथ पीछे कर लिया और ना में सिर हिलाने लगी। नज़ीला की मौजूदगी में उसे बहोत अजीब लग रहा था। "चल तेरी मर्ज़ी... फिर बैठ कर देखती रह...!"
नज़ीला ने सुनील के लंड को छोड़ा और अपनी कमिज़ को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाते हुए अपने गले से निकल कर सानिया की तरफ़ फेंक दिया। नज़ीला ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसकी छत्तीस-डी साइज़ के बड़ी-बड़ी चूचियाँ ट्यूब-लाइट की रोशनी में चमकने लगी। फिर नज़ीला ने सुनील के लंड को पकड़ा और अपनी दोनों चूचियों के बीच में लेकर उसके लंड को रगड़ने लगी। सुनील ने सानिया की तरफ़ देखा जो बड़ी दिलचस्पी से उनकी तरफ़ देख रही थी। सुनील ने नज़ीला के मम्मों को पकड़ कर अपने लंड को उसके मम्मों के बीच की गहरी घाटी में आगे-पीछे करते हुए रगड़ना शुरू कर दिया। दोनों के मुँह से 'आहह आहह ओहह' जैसी सिसकारियाँ निकल रही थी जिन्हें करीब बैठी सानिया सुन कर गरम होने लगी थी। सुनील पूरी मस्ती मैं नज़ीला की बड़ी-बड़ी गुदाज़ चूचियों के बीच अपने लंड को रगड़ रहा था और नज़ीला अपने सिर को नीचे के तरफ़ झुकाये हुए सुनील के लंड के सुपाड़ा को देख रही थी जो उसकी चूचियों के बीच से बाहर आता और फिर से अंदर छुप जाता। नज़ीला की चूत सुनील के लाल हो चुके लंड के सुपाड़ा को देख कर और चुलचुलाने लगी थी।
फिर नजीला ने अपने सिर को और झुका कर सुनील के लंड के सुपाड़े को अपने होंठों से चूम लिया तो सुनील के जिस्म ने एक तेज झटका खाया। उसने अपने लंड को उसकी चूचियों से बाहर निकाला और नजिला के सिर को पकड़ कर अपना लंड का सुपाड़ा उसके होंठों के तरफ़ बढ़ाते हुए बोला, "आहह भाभी... चुसो ना इसे..!" नज़ीला ने सुनील की आँखों में हवस से भरी नज़रों से देखा और फिर सानिया के तरफ़ देखते हुए बोली, "ओहहह सुनील.... तेरा लंड इतना शानदार है की इसका ज़ायका चखने के लिये मेरे मुँह में कब से पानी आ रहा है..!" ये कहते हुए नज़ीला ने सानिया की तरफ़ देखते हुए सुनील के लंड को अपने होंठों में भर लिया और अपने होंठों से सुनील के लंड के सुपाड़े को पूरे जोश के साथ चूसने लगी। सामने का नज़ारा देख कर सानिया की चूत फुदफुदाने लगी। उसने आज तक चुदाई की सैक्सी कहानियों किताबों में ही लंड चुसने के मुतालिक़ पढ़ा था या अपनी सहेलियों से उनके बॉय फ्रेंड्स के लंड चूसने के किस्से सुने थे। नज़ीला अब किसी राँड की तरह सुनील का लंड चूस रही थी। सुनील का आधे से ज्यादा लंड नजीला के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था और उसका लंड नज़ीला के थूक से गीला होकर चमकने लगा था।
फिर नज़ीला ने सुनील के लंड को मुँह से बाहर निकला और अपने हाथ से हिलाते हुए सानिया की तरफ़ दिखाते हुए सुनील के लंड के सुपाड़े के छेद को अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर कुरेदते हुए सुपाड़े पर ज़ुबान फिराने लगी और आँखों ही आँखों में सानिया को अपने करीब आने का इशारा किया। सामने चल रहा गरम नज़ारा देख सानिया खुद-बखुद उसके करीब खिंचती चली गयी। अब सानिया नज़ीला के बिल्कुल करीब घुटनों के बल बैठी हुई थी। नज़ीला ने सुनील के लंड को हाथ में थामे हुए सानिया से कहा, "ले तू भी चूस ले अपने यार का लौड़ा... बेहद मज़ेदार है!" नज़ीला की बात सुन कर सानिया के दिल के धड़कनें बढ़ गयीं। सानिया भी सुनील का लंड चूसना तो चाह रही थी लेकिन नज़ीला के सामने उसे हिचकिचाहट हो रही थी और उसने ना में सिर हिलाते हुए मना कर दिया। नज़ीला ने मुस्कुराते हुए सुनील के लंड के सुपाड़े के चारों तरफ़ अपनी ज़ुबान रगड़ते हुए फिरायी और बोली, "सानिया देख ना सुनील का लौड़ा कितना मस्त है... तू बहोत खुशनसीब है कि तेरा यार है सुनील... देख सानिया मर्द के लंड को तू जितना प्यार करेगी उतना ही उसका लंड तेरी फुद्दी को ठंदक पहुँचायेगा... ले चूस ले..." और नशे में लहकती आवाज़ में ये कहते हुए नज़ीला ने सानिया का हाथ पकड़ सुनील के लंड पर रख दिया।
सानिया अब पूरी तरह हवस से तड़प रही थी। उसने सुनील के लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और फिर ऊपर सुनील की आँखों में झाँकने लगी जैसे सुनील से पूछ रही हो कि अब क्या करूँ। सुनील ने उसकी तरफ़ मुस्कुराते हुए देखा और फिर उसके प्यारे से चेहरे को अपने दोनों हाथों में लेकर उसके होंठों को अपने लंड के सुपाड़े की तरफ़ झुकाने लगा। सानिया ने अपने होंठ खोल लिये और नज़ीला के थूक से सने हुए सुनील के लंड को अपने होंठों में भर लिया। "ओहहहह सानिया... आहहहह" सानिया के रसीले तपते होंठों का स्पर्श अपने लंड पर महसूस करते ही सुनील एक दम से सिसक उठा और सानिया के सिर को पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह में ढकेलने लगा। सानिया अब पूरी तरह गरम और चुदास हो गये थी। उसकी पैंटी सलवार के अंदर उसकी चूत से निकल रहे पानी से एक दम गीली हो चुकी थी। नज़ीला मौका देखते हुए उसके पीछे बैठ गयी और सानिया की कमीज़ को पकड़ कर धीरे-धीरे ऊपर उठाने लगी। जैसे ही सानिया को इस बात का एहसास हुआ कि नज़ीला उसकी कमीज़ उतारने जा रही है तो उसने दोनों हाथों से अपनी कमीज़ को पकड़ लिया। "क्या हुआ सानिया... शरमा क्यों रही है... यहाँ पर कोई गैर तो नहीं है.... तेरा बॉय फ्रेंड सुनील ही तो है... सुनील देख ना ये कैसे शरमा रही है!" नज़ीला बोली। दर असल सानिया सुनील से नहीं बल्कि नज़िला की मौजूदगी की वजह से हिचकिचा रही थी। नज़ीला नहीं होती तो सानिया खुद ही अब तक नंगी होकर सुनील का लंड अपनी चूत में ले चुकी होती।
सुनील ने सानिया के मुँह से लंड निकाला और नीचे बैठते हुए सानिया के हाथों को पकड़ कर कमीज़ से छुड़वा लिया। नज़ीला ने फ़ौरन सानिया की कमीज़ पकड़ कर ऊपर कर दी और फिर गले से निकाल कर नीचे फेंक दी। सुनील ने सानिया के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसना करना शुरू कर दिया और एक हाथ नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से सानिया की चूत पर रख दिया। अपनी चूत पर सुनील का हाथ पड़ते ही सानिया के जिस्म में करंट सा दौड़ गया और अपनी बाहों को सुनील की गर्दन में डालते हुए उसके जिस्म से चिपक गयी। पीछे नज़ीला ने अपना काम ज़ारी रखा और उसने सानिया की ब्रा के हुक खोल दिये और जैसे ही सानिया के जिस्म से ब्रा ढीली हुई तो सुनील ने ब्रा के स्ट्रैप को पकड़ उसके कंधों से सरकाते हुए उसकी ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया। फिर धीरे-धीरे सानिया को कालीन पे पीछे लिटाते हुए सुनील उस पर सवार हो गया और उसकी एक चूंची को मुँह में भर कर चूसने लगा। सान्या एक दम से सिसक उठी और उसकी चूत में ज़ोर से कुलबुलाहट होने लगी। ये नज़ारा कर देख नज़ीला की चूत भी और ज्यादा लार टपका रही थी। उसने फ़ौरन अपनी सलवार फेंकी। नज़ीला ने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी और अब वो हाइ पेन्सिल हील के सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी थी।
सानिया की बगल में लेटते हुए नज़ीला ने सानिया के दूसरे मम्मे को अपने मुँह में भर लिया। अपने दोनों मम्मों को एक साथ चुसवाते हुए सानिया एक दम बेहाल हो गयी। उसके आँखें मस्ती में बंद होने लगी। नज़ीला ने सानिया की चूंची को मुँह से निकाला और सुनील को सानिया की सलवार उतारने के लिये कहा। सुनील ने भी सानिया की चूंची को मुँह से बाहर निकाला और सान्या की पलाज़्ज़ो सलवार का नाड़ा खोलने लगा। नज़ीला ने फिर सानिया की चूंची को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसके दूसरी चूंची को मसलने लगी। स्स्सीईईई ऊँहहह आँटी प्लीज़. आहहह मत करो ना! सानिया ने मस्ती में सिसकते हुए नज़ीला भाभी के सिर को अपनी बाहों में जकड़ लिया। दूसरी तरफ़ सुनील सानिया की सलवार और पैंटी दोनों उतार चुका था। लोहा एक दम गरम था... सानिया की चूत अपने पानी से एक दम भीगी हुई थी। एक बार पहले चुदाई का मज़ा ले चुकी सानिया एक दम मदहोश हो चुकी थी और पिछले कईं दिनों से फिर चुदने के लिये तड़प रही थी।
सानिया की सलवार और पैंटी उतारने के बाद जैसे ही सुनील सानिया की टाँगों के बीच में आया तो पूरी तरह गरम और मदहोश हो चुकी सानिया ने अपनी टाँगों को घुटनों से मोड़ कर खुद ही ऊपर उठा लिया। सानिया भी अब नज़ीला की तरह सिर्फ़ ऊँची हील वाले सैंडल पहने बिल्कुल नंगी थी। सानिया को बेकरारी में अपनी टाँगें उठाते देख कर नज़ीला को एक तरकीब सूझी और उसने सानिया को पकड़ कर बिठाया और खुद उसके पीछे आकर बैठ गयी और अपनी टाँगों को सानिया की कमर के दोनों तरफ़ करके आगे की ओर सरकते हुए उसने सानिया को पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लिया। अब नज़ीला नीचे लेटी हुई थी पीठ के बल और उसके ऊपर सानिया पीठ के बल लेटी हुई थी। सानिया नज़ीला आँटी की इस हर्कत से हैरान थी कि उसका मंसूबा क्या था। नज़ीला ने अपने हाथों को नीचे की तरफ़ ले जाते हुए सानिया की टाँगों को पकड़ कर ऊपर उठा कर फैला दिया जिससे सानिया की चूत का छेद खुल कर सुनील की आँखों के सामने आ गया। सानिया की टाँगें तो नज़ीला ने पकड़ कर ऊपर उठा रखी थीं और सुनील ने नज़ीला की टाँगों को फैला कर ऊपर उठाते हुए अपनी जाँघों पर रख लिया।
अब नीचे नज़ीला की चूत और ऊपर सानिया की चूत... दोनों ही चिकनी चूतें अपने-अपने निकले हुए रस से लबलबा रही थी। अपने सामने चुदवाने के लिये तैयार दो-दो चिकनी चूतों को देख कर सुनील से रहा नहीं गया। उसने अपने लंड के सुपाड़े को सानिया की चूत की फ़ाँकों के बीच रगड़ना शुरू कर दिया। "ऊँऊँऊँ स्स्सीईई आहहहह सुनील...!" सानिया ने सिसकते हुए अपने हाथों को अपने सिर के नीचे ले जाते हुए नज़ीला के सिर को कसके पकड़ लिया और नज़ीला ने सानिया की गर्दन पर अपने होंठों को रगड़ना शुरू कर दिया। सुनील ने सानिया की चूत के छेद पर अपना लंड टिकाते हुए धीरे-धीरे अपने लंड को आगे की ओर दबाना शुरू कर दिया। सुनील के लंड का मोटा सुपाड़ा जैसे ही सानिया की तंग चूत के छेद में घुसा तो सानिया का पूरा जिस्म काँप गया और वो मस्ती में मछली की तरह छटपटाने लगी। सुनील के लंड का सुपाड़ा सानिया की चूत को बुरी तरह फैलाये उसके अंदर फंसा हुआ था। "हाय सानिया... अपने यार का लौड़ा अपनी चूत में लेकर मज़ा आ रहा है ना...!" नज़ीला ने सानिया की चूचियों को मसलते हुए कहा।
सानिया मस्ती में सिसकते हुए बोली, "ऊँहहहहाँ आँटी.... बेहद मज़ा आ रहा है.... आहहहायऽऽ आँटी रोज सुनील को यहाँ बुलाया करो ना..!" नज़ीला ने सानिया को छेड़ते हुए शरारत भरे अंदाज़ में पूछा, "किस लिये बुलाया करूँ..?" सानिया ने तड़पते हुए कहा, "ऊँहहह जिसके लिये आज बुलाया है... आँटीईईई...!"
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