RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
जब हवेली में अगली सुबह हुई तो वो हुआ मिला जिसका मैने सोचा भी नही था, मामा अपने कमरे में अर्धविक्षिप्त अवस्था मे मिले। मामा झटका बर्दास्त नही कर पाए।
जो हवेली राघवेंद्र सिंह की अय्यासी का केंद्र हुआ करती थी । राघवेंद्र सिंह बड़ा ही खूंखार और ऐय्याश किस्म का जमींदार था इसलिए अगर किसी गाँव वाले को हवेली से बुलावा आया एक जमाना था जब बड़ी हवेली राजा हुकमसिंह की रियासत का केंद्र हुआ करती थी । राजा हुकमसिंह बड़ा ही खूंखार और ऐय्याश किस्म का राजा था इसलिए अगर किसी गाँव वाले को हवेली से बुलावा आया जाता तो इसका मतलब होता की उसने हुकमसिंह की नाराजगी मोल ले ली हो और अब उसकी खैर नहीं । हुकमसिंह की तक़रीबन दस साल पहले शिकार के वक्त घोड़े से गिर कर मौत हो गयी और उसके खौफ के साम्राज्य का अंत हो गया । हुकमसिंह की मृत्यु के बाद अब उसकी विधवा रानी ललिता देवी ने राज पाट संभाला । रानी ललिता स्वाभाव से दयालु थी उन्होंने गाँव वालों की पिछले कुछ वर्षों में बहुत मदद की और इस समय वो विधायक भी हैं यहाँ की । पर अब भी अगर किसी को बड़ी हवेली से बुलावा आ जाता है तो कोई मना नहीं कर सकता । तो इसका मतलब होता की उसने राघवेंद्र सिंह की नाराजगी मोल ले ली हो और अब उसकी खैर नहीं ।
आज उस राघवेंद्र सिंह की हालात आज बहुत खराब हो गयी थी वो मानसिक रूप से पागल हो गया था, अपनी पत्नी और लाडली दो बेटियों का चरित्र हनन नही देख सका।
और उसके खौफ के साम्राज्य का अंत हो गया । राघवेंद्र सिंह के पागल होने के बाद अब उसकी पत्नी प्रोमिला देवी ने मेरे साथ मिलकर मामा का सब काम संभाल लिया। अब मैं हवेली का अधोषित राजा बन गया था और मामी और उनकी बेटियां प्रियंका और सीमा मेरी रानिया ।
5 दिन बाद मामा ने हवेली की ऊपरी मंजिल से कूद कर अपनी जान दे दी।
मामा के जाने के बाद मैंने प्रियंका और सीमा से शादी करने के लिए दबाव दिया लेकिन उन्होंने मना कर दिया ।
मैने रीटा दीदी को समझाकर उनकी दोबारा उनके पहले पति से शादी करवा दी।
किरण दीदी और मनोज की शादी भी जल्दी ही होने वाली है, मैने शहर की दुकान मनोज को संभाल दी।लेकिन मनोज ने मुझसे अपनी बहन निधि को अपनाने को कहा, मैने उससे कहा कि मेरे उप्पेर मामी और उनकी बेटियो की जिम्मेवारी है एक तरह से वो मेरी पत्नियां ही बनकर रहेगी।
तब निधि को मालूम चला तो उसने स्वीकार कर लिया कि वो भी मेरे साथ ही शादी करेगी चाहे मुझे दुसरो से बाटना पड़े।
रानी अभी पढ़ रही है और शहर में किरण और मनोज के साथ रहती है।
मम्मी आज भी हवेली में है और अपने पुराने अय्यासी वाले कमरे में रहती है और पुराने दिनों की वीडियो देखती रहती है जब उनपर ज्यादा सेक्स हावी होता है तो मुझे उनकी प्यास भुझानी पड़ती है।
अब मै कर भी क्या सकता हु मजबूरी है मेरी।
समाप्त।
कहानी को पसन्द नापसन्द करने के लिए धन्यवाद।
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