Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
06-14-2019, 01:18 PM,
#21
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
मैंने थोड़ा नरम र रवैया करते हुए----,बोलो मम्मी अब पापा नही है तो क्या उनके पीछे मामा घर पर आ सकते है।
मम्मी कुछ डरते हुए--देख संजू अभी वो ऐसा है कि तुमारे पापा नही रहे तो मामा का साथ जरूरी है इस दुनिया मे घर मे कोई बुजुर्ग न हो तो दुनिया वाले फायदा उठाने की कोशिश करते है, उनमे और पापा में कुछ गलतफहमी हो गयी थी और कुछ नही । है तो घर के ही।
और संजू वैसे भी आज शाम की वो आने वाले है घर, प्लीज उनके सामने कुछ बखेड़ा मत करना।
ये सुनते ही मुझे झटका लगा आज इतने दिनों बाद मामा कैसे आ रहै है। मैंने दिदी की तरफ इशारे से पूछा तो उन्होंने अपनी उँगली के इशारे से बताया कि चुदाई के लिए आ रहे है।
मैं--- देख मम्मी आज के लिए में चुप रहता हूं लेकिन आगे से अगर बिना मेरी जानकारी से कोई भी इस घर से कही गया या कोई भी आया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।
ये बोलकर में ऊपर आ गया। और पिल्लर के पीछे छुपकर मम्मी की बात सुनने लगा कि क्या कहती है।
मम्मी--- रीटा देख तू तो जानती है वो क्यो आ रहा है अब देख संजू का क्या इंतज़ाम करना है और किरण का भी। रोशनी को खाने का बोल दे और उसे कहना कि फिर अपने क्वाटर में चली जाए। और बाहर गेट की लॉक कर देना।
मैं ताज्जुब से मम्मी की प्लानिंग सुन रहा था कि कैसे तयारी कर रही है अपनी चुदाई की
मुझे गुस्सा भी आ रहा था और सोचकर लण्ड भी खड़ा हो रहा था।
मैंने दीदी को आवाज दी तो मम्मी फिर घबरा गई मैंने दीदी को बोला कि रोशनी से कहे कि चाय बनाकर दे मुझे।
और मैं अपने रूम में आ गया और प्लान करने लगा।
कैसे क्या करना है।
तभी रोशनी आ गयी चाय लेकर और मेरे पास ही बैठ गयी। मैं चाय पी रहा था और सोच रहा था की रात को क्या क्या हो सकता है। ये सोच कर मेरा लण्ड तन कर खड़ा था और पेंट में साफ दिख रहा था।
तभी रोशनी ने मेरी पेंट के ऊपर से लण्ड को पकड़ लिया और हिलाने लगी। मैने भी चाय का कप साइड में रखा और उसको बिस्तर पर गिरा कर उसकी साड़ी और पेटीकोट को उठा कर ज़िप खोलकर लण्ड बाहर निकाल कर उसकी चुत में गुसा दिया। एक दम से सूखा लण्ड ही गुसने से वो चीख पड़ी लकीन मैंने अपने होठों से उसके होंठ बीच लिए और सटासट लन्ड अंदर बाहर करने लगा। और ताबड़तोड़ चुदाई की
और फ़ारिग़ हो गया।
फिर उठकर साइड में लेट गया। रोशनि अजीब से नजरो से मुझे देखने लगी कि हुआ क्या ।
और फिर साड़ी ठीक करके और चाय का कप उठाकर सड़ा हुआ मुह बनाकर चली गयी।
मैंने रीटा दीदी को मैसेज किया कि क्या हो रहा है नीचे।
दीदी ने थोड़ी देर में रिप्लाई किया कि 8 बजे तक मामा आ रहे है।
मैंने सभी कैमेरे चेक किये सभी प्रोपर काम कर रहे थे और व्यू एक दम क्लियर थे। अभी कैमेरे में किरण दीदी रूम कोई बुक पढ़ रही थी। मम्मी और रीटा दीदी में डिस्कसन चल रही थीं।
तभी दीदी साइड में आ गयी और मेरे मोबाइल पर काल आने लगी उनकी।
मैंने फ़ोन उठाया और बोला-- हां दीदी क्या हुआ।
रीटा-- भैया वो मम्मी कह रही थी कि मामा आज मुझे और मम्मी को इकठ्ठा चोद....... और आगे दीदी बोल नही पाई।
मैंने ही कहा ---दीदी जैसा वो लोग बोले करो उनको डाउट न होने देना बस। बाकी मै देख लगा क्या करना है कैसे करना है, मैं कुछ सोचता हूं। मामा आये तो मिस काल करना ।
और फोन काट दिया और सोचने लगा कि क्या मैं देख पाउगा अपनी दीदी और मम्मी को चुदते हुए।
फिर सोचा कोनसा पहली बार कर रही है मेरी पीठ पीछे हमेशा चुदी ही आज आंखों के सामने सही।

फिर मेरी आँख किस वक़्त लगी मालूम ही नही चला। क्योकि दिन में दीदी के साथ फिर अब रोशनी के साथ मेहनत, वैसे भी जब लेटा तो 4 बजे थे।
जब मेरी आँख खुली तो रात के 11 बजे थे, काफी रात बीत चुकी थी। तो मैं हड़बड़ा कर उठा और देखा तो मेरे ऊपर किसी ने चद्दर डाल रखी है और खाना भी एक तरफ कुर्सी पर रखा है। मैंने टाइम देखा तो 11:15 हो चुका था
दिसम्बर स्टार्ट था तो ठंड हो चुकी थी और दिन छोटे और रात बड़ी हो गयी थी।
मै उठा और खाना खाया क्योकि भूख लगी थी। फिर ध्यान आया कि आज तो मामा आया है और मुझे उनको मम्मी और रीटा की चुदाई करते हुए रँगे हाथों पकड़ना है।
याद आते ही मैंने मोबाइल चेक किया तो 15 काल और msg थे रीटा दीदी के।
मैने लेपटॉप ऑन किया और कैमेरे को देखा तो मम्मी रीटा और मामा तीनो उनके रूम में थे। मैने डायरेक्ट नीचे जाके देखने का सोचा फिर धीरे से नीचे उतरा। और नीचे आकर मम्मी के रूम की खिड़की को चेक किया कि खड़की खुली है या नही। खिड़की खुली मिली शायद दीदी ने छोड़ी होगी।
मैने खिड़की के थोड़ा पल्ला खोला और अंदर देखने लगा----
अंदर मामा जमीन पर लेटे हुए थे और मम्मी उनका लौडा चूस रही थी और रीटा दीदी उनके मुह पर बैठकर अपनी फुद्दी चुसवा रही थी। रीटा इस वक़्त मेरी बहन से ज्यादा रंडी लग रही थी। मम्मी भी रंडी की तरह अपने भाई का लन्ड चूसने में व्यस्त थी।
मैं ये सब देखकर पागलो जैसे हो गया। दिल कर रहा था इनको चिर के रख दु और लण्ड मम्मी को पहली बार नंगा देखकर अपनी औकात पर खड़ा था।
तभी मम्मी बोली कि भैया अभी बिस्तर पर चलो यहा क्या बच्चों की तरह जमीन पर लेटे हो।
रीटा मामा और मम्मी उठकर तीनो बेड पर लेट गए।
तभी मम्मी बोली--- रीता तुझमे तो जरा भी सब्र नही है कबसे अपनी फुद्दी चुसवा रही है।
रीटा-----मम्मी आपको चुदते कितने साल हो गए मामा से , अब मेरा भी कुछ हक़ बनता है इन पे , क्यो मामा।
मामा--- हां बेटी क्यो नही तुम हो ही इतनी प्यारी।
मम्मी---अच्छा जी अब ये बुड्ढी क्यो अछी लगेगी।
मामा---- अरे नही बहना ये भी तुमसे प्यार जताने का तरीका है जो तेरी पैदा की हुई बेटी से प्यार करके करता हु वैसे भी तुम मेरे दिल की रानी हो।
रीटा--- मामा कितनी बार कहा है प्रियंका को मिला लो अपने साथ, फिर मिलकर मजे करेंगे
मम्मी---अरे बेटी कितनी बार कहा है वो इनकी खुद की बेटी है और हम बाजारी। उसको नही मिला सकते।
मामा----साली रंडियों कितनी बार बोला है अपने मुह से उसका नाम मत लिया करो। बहुत सरीफ है मेरी बेटी।
रीटा--छोड़ो इन बातों को अब कुछ करना है या नही
मामा-- देख कौशल्या कितनी बड़ी रंडी है तेरी बेटी कैसे चुदने को बेताब है उप्पेर से कितनी सरीफ दिखती है अंदर से उतनी ही गर्म।
रीटा--बस बस मामा अपनी बेटी पर ध्यान रखना मुझसे भी बड़ी रंडी न बन जाये।
मम्मी हंस कर हाँ सही कह रही है रीटा।
मामा---- हराम की लोड़ी क्यो मेरे बेटी के पीछे पड़ी हो।

रीटा----सच बताओ मामा ऐसे ही तुमारी बेटी भी चुदने लग जाये तो क्या करोगे।

मम्मी--- हां भैया बंदा जो बोता है वही काटता है ध्यान रखना।
तभी मामा मम्मी पर झपट पड़ता है...... मा की लोड़ी आज तुमारी गांड फाड़नी ही पड़ेगी। बहुत बोलने लगी है।
फिर मम्मी को किस करने लगते है और मम्मी की दोनों टांगो को ऊपर उठा कर उनकी चुत में हाथ गुसाणे लगते है
मम्मी चिलाने लगती है।
मैं रूम से बाहर खड़ा अपनी मम्मी को अपने सगे भाई से ये सब करते देख रहा था, लकीन मामा से बदला लेने के लिए मजबूर था देखने को क्योकि यदि अभी कुछ करता तो सिर्फ पापा की तरह उनको घर से निकाल सकता था बदला नही ले सकता था जैसा मैंने सोचा था।
तभी मेरी बहन बोली कि मामा मम्मी की तो कई सालों से ले रहै हो अब तो मेरी बारी बनती है और मुस्कराने लगती है।
मम्मी---- रीटा तुझे मैने कब मना किया है अपने मामा से चुदने से । तू ही शादी करके गयी थी। और फिर मना करने लगी। मैं तो सिर्फ तुमारे मामा से चुदती हु।
रीटा---अरे मम्मी मेरा मुह न खुलवाओ कितने लंड लिए है तुमने। शायद ही कोई बचा हो।
मामा---- हां कौशल्या कितना ही मजा लिया हमारी बचची ने , हम बाद में करेंगे पहले इसको मज़ा देता हूं।
मम्मी बुरा से मुह बनाते हुए.....मेरी ही गलती है भुगतनी तो पड़ेगी।
रीटा और मामा एक दूसरे को देख कर मुस्कराए और फिर रीटा को मामा ने बेड पर सीधा लिटा दिया और खुद नीचे खड़े होकर बहन की टांगों को उठाकर अपना लण्ड उसकी चुत पर रख दिया और अंदर दबाने लगे लण्ड धीरे धीरे पूरा चुत में गुसने लगा।
लन्ड को आहिस्ता से पूरा गुसा के मामा दीदी से बोले क्या बात रीटा कही बाहर चुदवाने लगी हो क्या जो चुत इतनी खुली खुली सी लग रही है।

रीटा---आह हहहहहह क्यो पूछ रहे हो मामा क्या प्रिंयका के लिए बड़ा लण्ड चाहिए तुमको
रीटा के मुह से ये बात सुनते ही मामा ने अपना लण्ड बाहर खिंचा और फिर जड़ तक एक जटके में गुसा दिया।
जिससे रीटा के मुह से–-----हूऊंन्नंNनन्ननन्नमम्मममम्म, मामा ऐसे ही चुदाई करो मेरी चुत की, लगता है खस्सी जो गए हो, अब जवान लौंडिया चोदी नही जाती तुमसे।
मम्मी--/लगता है सही में इसने बाहर कोई नया लण्ड ढूंढ लिया है तभी तो सही से मजा नही आ रहा है इसे।
मम्मी की बात सुनकर मामा जोर जोर के झटके मारने लगे जिससे पूरे रूम थपथपथपथपथप की आवाज आने लगी और साथ मे रीटा की सिसकारियों की आवाज आहाहहम्ममम्म मामा पूरी जान लगाओ ओहह अहह मजा आ रहा हैहैहैहै अपनी भांजी की चुत फाड़ नही सकते तो जोर तो लगाओ। हरामीईककककककक ohhhhhhhhhh mummy ईईईईई मजा आ रहा है। देखो मम्मी मामा का पूरा लण्ड अंदर भड़ गया है tatto समेत अहहब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्
मामा भी ऐसे ही झटके मारते हुए दीदी को चोदते रहे फिर उन्होंने दीदी को पलट दिया और पीछे से लण्ड गुसेड दिया और अपना अंगूठा दीदी की गांड में डाल दिया।
दीदी चद्दर को अपने हाथ मे समेटे हुए अजीब से नशे में......आह मामा ये क्या कर रहे हो बहनचोद, सिसक उठी।
मामा दीदी की बात न सुनते हुए पूरा अंगूठा गांड में गुसाते हुए चोदने लगे। दीदी को और मजे आने लगे और उनकी जबरदस्त सिसकारियों की आवाजें आने लगी।
Aahhhhhhhh ahhbbbb मामा जोर से चोद, बहन की लोड़ी मम्मी बोल अपनी भाई से गांड का जोर लगाए। क्या तुम्हें चोद चोद खस्सी हो गया है। पूरी जान लगाओ हरामी भाई मादरचोद मम्मी मैं गईईईईककक, अअअअ आह आहाहहम्ममम्म मामा मेरा हो गया रुक न थोड़ी देर और दीदी वही निढाल सी पड़ गयी।
रीटा के फ़ारिग़ होते ही मामा भी अपना पानी छोड़ते
हुए ढीले पड़ गए।
मम्मी --क्या बात भाई आज इतनी जल्दी हार गए।
मामा ----सच कह रहा हु साली तेरी ये बेटी तुझसे भी बड़ी रंडी है।

मम्मी-- क्यो हरामी मेरी बेटी को क्यो रंडी बोल रहा है, सब तेरा ही किया धरा है जो हम मा बेटी तेरे सामने नंगी तुझसे चुदवा रही है।
मामा--- हां हां मानता हूं लेकिन ये बात मैने किसी और वजह से की है।
मम्मी--- वो क्या?
मामा---इसने कोनसा पहली बार चुदवाया है बाहर लेकिन अभी जो इसकी चुत की हालत है उससे मालूम चल रहा है ये किसी बड़े लण्ड वाले से चुद रही है हररोज और इसका स्टेमिना भी बड़ा हुआ है ये बता नही रही है हमें। ये किसी बैंगन का काम नही है

मम्मी---- क्यो रीटा तेरे मामा सही बोल रहे है?
रीटा जो कि आपनी चुत कपड़े से साफ कर रही थी---- क्यो मम्मी तुम्हे ऐतराज है क्या।
मम्मी--/नही बेटी जब मैंने कभी तुम्हे मना नही किया तो ये भी अच्छा नही की तुम मुझसे छुपाओ।

मामा--- और तुम्हे अपनी सेफ्टी भी तो रखनी है नही तो बाहर किसी को मालूम चल गया तो बनी बनाई बात बिगड़ जाएगी।
रीटा--समझती हूं आपकी बात लेकिन वो जो कोई भी है विस्वास वाला है और जल्दी ही मिलवा दूंगी भी आपको।
मम्मी---नही मुझे नही मिलना किसी से भी। बस तुम नाम बताओ।
रीटा अपने कपड़े समेटते हुए ----मैं सोने जा रही हु आप लोग एन्जॉय करिये। सुबह बात करेंगें।
अपने कपड़े हाथ मे लेकर ही दीदी नंगी ही कमरे से बाहर आ गयी।
मम्मी ठंडी आह भरते हुए--- देखा राघवेंद्र कैसी बदतमीज हो गयी है। ये सब तुमारा ही किया धरा है तूम पर ही इसकी जवानी का नशा चढ़ा हुआ था। इएलिये मना करती थी तुम्हे।
मामा--- अरे बहना क्यो परेशान होती हो अभी बच्ची ही है सुबह बात करुगा उससे। आ जा अब इसको खड़ा कर फिर तेरी नाराजगी दूर करता हु।
मम्मी----- मुझे नही लगता अब ये तुमारी भी बात सुनेगी।
मामा--- यार क्यो रात खराब कर रही हो आ जा अब लौडा चूसकर तैयार कर।
कुछ देर दोनो ऐसे ही बात करते रहे फिर मामा मम्मी से लिपट गये और किस करने लगे। मम्मी न
भी मामा का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी जो थोड़ी थोड़ी जान पकड़ने लगा था।
तभी मेरे पीठ पर किसी ने थपथपाया जिससे में पूरी तरह चौक कर पलटा तो देखा रीटा दी खड़ी थी जो खामोशी से अपने पीछे आने को बोल रही थी अपने कमरे की तरफ तो मैं भी उसके साथ चल दिया कमरे की तरफ
कमरे में पहुचकर रीटा दी ने मुस्करा कर पूछा--- क्यो भाई एंट्री क्यो नही मारी अंदर। क्या मजा आने लगे गया था बहन को चुदते देख।
मैं भी हल्का सा मुस्कराया और बोला---पहले ये बता अभी तक कपड़े क्यो नही पहने तूने।
दीदी-- क्यो तुमारा खड़ा नही हुआ क्या मुझे देख कर मैं तो सोची आते ही टूट पड़ोगे।
अच्छा ये बात है इतना बोलकर मैं भी दीदी पर टूट पड़ा और उनकी चुदी हुई चुत में लण्ड गुसाते हुए बोला-- दीदी अगर आज एंट्री मार लेता तो मामा से झगड़ा ही होता या गांडू बनकर उनके सामने तुम लोगो से चुदाई करता लेकिन मैं चाहता हु की मैं उसके पूरे खानदान की ओरतो को रंडी बना कर रखु अपने पास। इसलिए अभी मामा से झगड़ने का वक़्त नही आया है। जो काम तुम्हे कहा था वो किया। दीदी मुझे चूमते हुए, हां किया।
और हाथ बड़ा कर एक पुड़िया उठायी और मुझे पकड़ाई। वो मैने ली और दिदी की चुदाई करने लगा।
और जल्दी फ़ारिग़ होकर उठ बैठा और दीदी से बोला कि दीदी आराम करो अब मैं जाता हूं क्योंकि आज तुमने बहुत बदतमीजी से बात की है उनलोगों से तो वो कहि आ न जाये ।
ठीक है भैया अब आगे क्या प्लान है।
तुम कल मम्मी को ये हिंट देना की मैंने तुमारा सब कार्यक्रम देख लिया है, रात को तुमने मुझे बाहर देखा है
मैंने दीदी को समझाया।
और अपने कमरे में आ गया।
अपने लैपटॉप से कुछ रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल में ट्रांसवर कर ली।
और सो गया अगले दिन के इंतज़ार में।
अगले दिन में सुबह उठ कर फ्रेस हुआ और नीचे आया तो दीदी से मालूम चला कि मामा सुबह जल्दी निकल गए थे।
मैंने मम्मी से पूछा कि क्या कल मामा नही आये।
मम्मी-- नही आये थे बेटा तुम सो गए थे और सुबह उनको जल्दी जाना था इसलिए निकल गए।
मैं-- मम्मी ऐसे भी क्या जल्दी कि आये और अपने इकलौते भांजे से मिले बिना ही चले गए। ऐसा क्या तीर मारने आये थे।
और जाकर नास्ता करने लगा।
मम्मी मुझे अजीब सी नजरो से देख रही थी।

नास्ता करके सीधा रानी के स्कूल चला गया उसको लेने के लिए। आज वो टूर से वापिश आने वाली थी। मैं स्कूल पहुचा तो उनकी बस तभी वहा पहुची थी
जैसे ही रानी नीचे उतरी और मुझे देख कर दौड़ कर आकर मुझसे लिपट गई।
ओह मेरी सोना कैसी है तू। कैसा रहा तेरा टूर मैंने अपने से थोड़ा अलग करते हुए पूछा।
एक दम मस्ट भैया बहुत मज़ा किया। घर चलो आपको वहा की फ़ोटो दिखाऊँगी जो हमने वहा खिंचवाई है।
अच्छा चलो अब घर या यही सारी बात करनी है।
और मैने उनके टीचर से मिलकर उसका सामान उठाया और घर की तरफ निकल गया।
जब घर पहुचा तो मम्मी बाहर गार्डन में बैठी थी। रानी दौड़कर उनके पास पहुची और लिप्त गयी।
मम्मी ने उसको थोड़ा चिढ़ते हुए अलग लिया और अंदर जाने को कहा ।
और मुझे देख कर घबरा सी गयी। और खुद भी उठकर अंदर चली गयी।
मैं वापिश दुकान की तरफ हो लिया।
दुकान पर आकर अपने केबिन में बैठ गया और सोचने लगा कल रात का मंजर।
अपनी मम्मी का नँगा बदन याद करके मेरा लण्ड तना जा रहा था। सोच रहा था कि अब कैसे मम्मी को हैंडल करू कि वो मुझसे चुदने को तैयार भी हो जाये और मामा के खिलाफ भी कर सकू।
तभी मोना केबिन में आ गयी। मोना बहूत ही मस्त लड़की है, उसका बॉडी बहूत ही स्लिम है पर चूचियां गोल गोल और बड़ी बड़ी है, गांड का उभार बाहर की तरफ है, लम्बे लम्बे उसके बाल है, और बहूत ही हॉट है, उसके गुलाबी होठ को देखकर मैं कब से चूसने की सोच रहा था, पर वही होता है जब तक ऊपर वाले की मर्जी ना हो कुछ नहीं होता चाहे कुछ भी कर लो , आज दुकान पर वो ,सुमन और राजन ही थे, राजन को मैने मार्किट भेजा था किसी काम से । मोना बोली--- सर् आपसे काम है।
मैंने कहाँ मेरे से? वो बोली हां, मैंने कहा ठीक है बोलो तो वो बोली सर् मैं आपसे अकेले में ही कह सकती थी। मैंने कहा हां हां बोलो बोलो। उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी, और इधर उधर देखने लगी, मैंने कहा अरे यार बोलो कोई बात नहीं, जो भी बात होगा मेरे और तुम्हारे बिच ही रहेगा। मैं कुर्सी पर बैठ गया वो मेरे सामने ही खड़ी थी, मैंने कहा चलो अब बोलो, तो बोली सर् मैं आपसे प्यार नहीं करती। पर मैं आपसे सेक्स करना चाहती हु, मुझे चुदने का बहूत मन करता है, मुझे खुश कर दो प्लीज, आज तक मैं कुंवारी हु, आज तक चुदी नहीं हु, पर आजकल पता नहीं मुझे क्या हो गया है, जिस दिन से आपको सुमन को चोदते देखा है,मुझे चुदने का मन करने लगा है और रात रात भर किसी न किसी की याद में जागते रहती हु, हो सकता है मुझे बीमारी हो गई है, इसलिए मैं चाहती हु की आप मुझे आज चोद दो ताकि मेरा काम में मन लग जाये। और मेरी चुदाई का भूत भी उतर जाये। मैं अपनी चूत की गर्मी को शांत करना चाहती हु।
एक दम से ही मोना ने इतनी बड़ी बात हड़बड़ी में कह दी। मैंने कुछ देर उसको देखा और सोचा।

मैं भी पहले से मोना के कच्ची जवानी को चखना चाह रहा था लेकिन अचानक से मोना ने जो बात कही मेरी बोलती बंद हो गयी कुछ समझ नही आया क्या बोलूं। आज मेरे सामने बहूत ही खुबसूरत लड़की चुदवाने के लिए मेरे सामने गिडगिडा रही थी, भला दुनिया का कौन ऐसा लड़का होगा जिसको चूत मिल रही हो और वो ना चोदे। मैंने कहा ठीक है पर मैं ऐसा वैसा लड़का नहीं हु, तो वो बोली मैं भी ऐसा वैसा लड़की नहीं हु, तभी तो आज तक वर्जिन हु नहीं तो मेरी सारी सहेलियां चुद चुकी है।

फिर क्या था हम दोनों एक दुसरे के बाहों में आ गए तभी दीदी का फ़ोन आ गया, मैं फ़ोन उठाया तो बोली भाई मैने मम्मी को हिंट दे दिया है कि तुमने हमे रात को देख लिया है और तब से मम्मी रूम में है।मैंने कहा ठीक है मम्मी को आकर देखता हूं।और फ़ोन रख दिया,


अब तुरंत ही मोना के सारे कपडे उतार दिए ओह्ह्ह्ह क्या गोल गोल चूचियां, चौड़ी गांड, चूत पर हलके हलके बाल, कसा हुआ बदन, होठ लाल, गाल गुलाबी हो गया था।
मैं मोना के जांघो के बिच में आ गया और उसके चूत को चाटने लगा, वो आह आह आह करने लगी, चूत काफी टाइट थी, छेद भी दिखाई नहीं दे रहा था।
फिर मैं उसके चुचियों को मसलना शुरू कर दिया, वो आह आह आह करने लगी, होठ को चूसते ही वो आपा खो दी और मुझे बुरी तरह से अपने बाहों में ले लिए और मेरे होठ को चूसने लगी, फिर वो मुझे लिटा दी और मेरे ऊपर चढ़ गई, पहले वो मेरे पुरे शारीर को अपने जीभ से चाटी फिर मेरे लौड़े को अपने मुह में लेके चूसने लगी, मैं उसके बाल को पकड़ कर चुस्वाने लगा।

फिर वो निचे लेट गई, मैं ऊपर आ गया, अपने लंड को उसके चूत पर लगाया और घुसाने लगा, पर जा नहीं रहा था, वो भी नई नई थी और मैं भी, फिर उसने ही मेरे लंड को पकड़ कर चूत पर सेट किया मैंने धक्का दिया फिर भी नहीं गया, बस उसकी चीख निकली, फिर मैंने थोड़ा थूक अपने लौड़े पर लगाया और फिर से उसके चूत पर सेट किया और जोर से धक्का दिया, और आधा लंड उसके चूत में चला गया, जब लौड़ा बाहर निकाला तो देखा उसके चूत से खून निकल रहा था और मेरे लौड़े में भी खून लगा हुआ था, वो डर गई पर मैंने समझाया वो मान गई और फिर से मैंने लौड़ा के उसके चूत पर सेट किया और फिर अन्दर तक पेल दिया। उसके बाद तो कभी वो निचे कभी मैं चूचियां दबाते हुए जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिए, उसके गाल होठ को चूसते हुए उसके चूत में लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा, वो दर्द से चिल्ला रही थी, पर मजे भी ले रही थी।

उस दिन पुरे १ घंटे तक चोदा उसे, और हम दोनों चुदाई में बिजी रहे लेकिन सुमन अंदर नही आई। मैने मोना से पूछा तो उसने बताया कि सुमन ने ही उसको आपसे चुदने का आईडिया दिया कि मेरे चूदने में मज़ा और सेफ्टी दोनो है।
मैं खुश था कि सुमन उस दिन चुद कर मुझसे इतनी खुश हुई कि मोना को भी मेरे पास भेज दिया।
फिर में खुद को ठीक करके प्लाट पर चला गया और मनोज को बुला लिया। और ड्रिंक करने लगे।
आज मैंने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक की ताकि मम्मी से खुल के बात कर सकूं।
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RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी - by sexstories - 06-14-2019, 01:18 PM

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