RE: Hindi Kamuk Kahani मेरी मजबूरी
रोशनी मेरे काफी करीब थी और विस्वास लायक भी।
मैने इशारे से रौशनी से मेरी बहनों की जानकारी हासिल करनी चाही।
रोशनी ने बताया कि रीटा दीदी काफी कामुक है लेकिन किसी के साथ अफेयर नही कर सकती
किरण दीदी के बारे में भी ऐसे ही विचार थे उसके।
रानी के बारे में कुछ डाउट किया रोशनी ने शायद स्कूल में कोई लड़का हो।
मैंने रोशनी से अब से तीनों पर नजर रखने को कहा।
रोशनी ने मुझे कहा कि मैं ठीक कर रहा हु जो जल्दी ही अपनी बहनों की सुध ले ली। मेरी मटरगस्ती के चक्कर मे वो भी काफी बिगड़ सकती है।
फिर रोशनी बाहर चली गयी और अपने रूम में जाकर नहाकर आयी।
और रात का खाना तैयार किया। खाना रोशनी और किरण दीदी ही बनाती थी। मैं भी फ्रेश होकर मम्मी के पास जाकर बात करने लगा। मैं ने मम्मी से भी बातो ही बातों में बहनो पर ध्यान देने को बोला। फिर मैं मम्मी से उठकर उप्पर रीटा दीदी के रूम में चला गया।
नीचे तीन कमरों में मम्मी ,किरण और रानी रहती थी।
रीटा दीदी उप्पेर सेकंड मंजिल पर रहती थी।
मैंने तीनो फ्लोर पर एक एक रूम सेट किया हुआ था अपना। जहा दिल करे रुक जाता था ज़्यादातर थर्ड फ्लोर वाला रूम ही यूज़ करता था।
जैसे ही मैं रीटा दीदी के रूम के सामने पहुचा उनका दरवाज़ा खुला था। मैं अंदर चला गया। दीदी शायद नहा कर आई थी। और टॉवल में थी।
रीटा दीदी 29 साल की खूबसूरत नैन नक्श और शरीर वाली, स्वाभाव से थोड़ा मुंहफट और कामुक लड़की थी. खूबसूरत थी और गुस्सैल भी; 5 फुट 5 इंच लम्बाई, इकहरी काया, गोरा गुलाबी रंग, काली आँखें, गुलाबी होंठ, 34″बी कप साइज़ के स्तन; 28″ कमर. 36″ नितम्ब!
24 वर्ष की उम्र में रीटा दीदी की शादी हो गयी. पति के साथ रीटा सेक्स की दुनिया की सैर कर रही थी और अपने मदमस्त यौवन को जम कर लुटा रही थी. पति पैसे वाला और सीधा था. जवान रीटा अपने ग़ुस्सैल रवैये से अपने पति पर हावी रहती थी और मनचाहा काम लेती थी. रात में किसी बिगड़ैल जंगली घोड़ी की तरह पति से लगातार घण्टों सेक्स करती थी.
मेहनती और काबिल पति की वजह से जल्दी ही रीटा के पास लाखों का बैंक बैलेंस भी हो गया था. खूब खुश थी रीटा।
पर अचानक…
जैसे रीटा दीदी की खुशियों को किसी की नजर लग गई
धीरे धीरे रीटा और जीजा जी के बीच मनमुटाव होने लगे कारण मुझे मालूम नही था अभी तक।
फिर झगड़ा काफी बढ़ने पर पापा ने दोनो का तलाक करवा दिया।
और रीटा दीदी वापिश हमारे साथ रहने लगी।
मैंने खुद को थोड़ा छुपा लिया और दीदी को कपड़े बदलते हुए देखने लगा। मैंने रीटा दीदी को देखा. वो एक कोने में खड़ी अपने कपड़े बदल रही थी. उसे सफ़ेद ब्रा में देख कर मुझे अच्छा लगा. रीटा दीदी की पीठ मेरी तरफ थी. पहले के मुकाबले वो काफी गदराई लग रही थी. झीनी जॉर्जेट की सफ़ेद ब्रा में रीटा की बॉडी का पूरा शेप समझना आसान था. फिर दीदी ने सफेद ब्लाऊज पहना और एक छोटी सी पैंटी। और उप्पेर पेटोकोट पहन ली।
मैंने गौर किया कि रीटा दीदी के चूतड़ चौड़े और भारी हो गए थे. 29 साल की इस जवान औरत रीटा के करीब 40 इंच के टाइट, चौड़े, गदराए, चर्बी चढ़े भारी नितंबों को उसकी छोटी सी पैंटी संभाल पाने में असफल हो रही होगी. ऊपर चिकनी पीठ और उस पर सफेद ब्लाउज, उसके अंदर दिखती रीटा
की ब्रा. शायद कोई इम्पोर्टेड ब्रांडेड ब्रा थी.
तलाकसुदा होने पर भी इतनी डिज़ाइनर और ब्रांडेड ब्रा? मैं सोच में डूब गया.
फ़िर मैंने देखा कि दीदी अपने हाथों से अपनी चूचियाँ सहला रही थी, उसके चेहरे के भाव देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं भी अब अपने लंड को सहला रहा था।
मैं फ़िर से अंदर देखने लगा। मुझे यकीन नहीं हो रहा था दीदी ऐसे भी कर सकती है। तन मैंने सोचा कि हर लड़की के अंदर कामुकता तो होती ही है, उसे सेक्स की चाहत होती है।
फ़िर उसने अपने चूतड़ों को सहलाया। फ़िर दीदी ने आपने को ठीक किया और मुड़ी।
मैं बाहर से अचानक अंदर गया, वो ब्लाऊज पेटीकोट पहन कर जैसे ही मुड़ी स्तब्ध हो गयी, मैंने अपने लंड को सहलाया, उसने मेरे लंड के तरफ़ देखा और दीदी साड़ी की ओर जाने लगी, मैं भी दीदी के पीछे पीछे गया, फ़िर मैं हिम्मत करके दीदी के कंधे पर हाथ लगाने लगा, दीदी तौलिये से बाल सुखाने लगी थी।
मैंने कहा- दीदी, लाओ मैं पीछे से बाल सुखा देता हूँ।
फ़िर मैं तौलिये से दीदी के बाल सुखाने लगा। मैं बीच बीच में दीदी की नंगी गोरी पीठ पर हाथ फिराने लगा. फिर दीदी की बगल से हाथ फिराते फिराते मैं उनकी चुची पर ले गया। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूं. दीदी ने मुझे नहीं रोका तो फ़िर मैं दीदी की चुची को दबाने लगा। दीदी दिखावे के लिए मेरे हाथ हटाने लगी लेकिन मैंने दीदी को पकड़ा और उसके स्तनों को दबाने लगा।
वो मदहोश होने लगी। मैं दीदी के नंगे पेट पर भी हाथ फिराने लगा।
दीदी की कामुकता जागृत होने लगी. मैंने अपने मन मे ठान लिया कि अगर मेरे घर की लड़कियों को अगर सेक्स की भूख है तो वो भूख मैं शांत करुगा और अपने परिवार को बाहर सड़क पर नही जाने दूंगा।
सब अचानक से हो रहा था कभी सपने में भी नही सोचा था कि मैं बहन के साथ ऐसा करुगा। दीदी भी जैसे मेरा ही इंतज़ार कर रही थी।
मैंने अपनी एक उंगली दीदी की नाभि में घुसा दी. और अपना एक हाथ दीदी के पेटीकोट के नाड़े के अंदर घुसाने लगा. नाड़ा ज्यादा कसा नहीं था तो मेरा हाथ पेटीकोट के अंदर चला गया. दीदी ने पेंटी पहनी हुई थी लेकिन बहुत छोटी सी, दीदी की चूत का छोटा सा हिस्सा ही पेंटी से ढका हुआ महसूस हो रहा था.
मैं पेंटी के ऊपर से चूत सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पेंटी के अन्दर डाल दिया, मैं दीदी की चूत को सहलाने लगा, दीदी गर्म हो चुकी थी। यह सब मैं दीदी के पीछे खडा हो कर ही कर रहा था. फ़िर मैं दीदी की गर्दन को चूमने लगा, दीदी पीछे चेहरा घुमा कर मुझे चूमने लगी। मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। दीदी घूम कर मेरे सामने आ गई और मेरे लंड को जम कर दबाने लगी.
और फ़िर वो नीचे बैठ गई, मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरा 8 इंच लंबा लंड बाहर निकाल लिया.
दीदी तो मेरा मोटा लंड को देख कर जैसे पागल सी हो गई, वो बोली- भाई यह मोटा लंड अगर मेरी चूत में घुस गया तो मैं तो मर जांऊगी।
मैंने कहा- मेरी प्यारी दीदी, पहले इसे मुँह में तो ले कर चूसो!
दीदी बड़े प्यार से मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे मुँह से आवाज़ आने लगी- सिसकारियां निकलने लगी- ओह दीदी, अच्छा लग रहा है… पूरा लंड मुंह में ले लो ना!
तभी दीदी की आवाज आई- क्या सोच रहे हो?
मैं चौंक कर अपने ख्यालों से बाहर आया- कुछ नहीं दीदी… कुछ नहीं बस ऐसे ही.
मुझे अपने ऊपर बहूत शर्म आई कि मैं ये सब क्या सोच रहा था. ख्यालों में ही दीदी की चुत सहला दी और दीदी को लंड चुसवा दिया.
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