RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
ऑर सुबह उठकर मम्मी ऑर मे बस से रेलवे स्टेशन की ओर निकल गये
मुझे बहुत खुशी हो रही थी ,मे जब गाँव आया था तो मम्मी को अपना बनाना चाहता था,लेकिन अब मम्मी पूरी मेरी हो गयी थी
हम जैसे ही घर पहुचे मुझे बहुत खुशी हुई ,अब ये घर नही स्वर्ग लग रहा था,जैसे ही मम्मी घर के अंदर पहुचि ,मेने मम्मी को बाहों मे ले लिया ऑर अपने होठ मम्मी के होंठो पे रखकर मम्मी के होंठो को चूमने लगा,बहुत ही मज़ा आ रहा था,मम्मी भी बड़ी शालीनता से मुझे किस कर रही थी ,मेने अब अपनी जीब मम्मी के मुँह मे डाल दी थी ,मे अपनी जीव मम्मी की जीब से भिड़ा रहा था जैसे हम कोई लड़ाई कर रहे हो,तभी हमारे घर की घंटी बजी
हमने किस तोड़ा ,ऑर गेट खोला तो चाची थी
चाची थोड़ा गुस्से मे थे,चाची अंदर आते ही
चाची:कहाँ गये थे तुम लोग
मे:वो हम गाँव चले गये थे
चाची:बता के तो जाना चाहिए था
मम्मी:वो क्या है ,मेरे हज़्बेंड को एक दम से बाहर जाना पड़ा तो उन्होने बोला तुम लोग भी घूम आओ,इसलिए उन्होने टिकेट बुक करा दी थी
चाची थोड़ा रिलॅक्स होती हुई
चाची:तो क्या किया तुम लोगो ने वहाँ
मे:सब कुछ
चाची:सब कुछ का मतलब
मे:मतलब कि मुझे अब कोई भी काम करने के लिए अब मम्मी से घबराने की ज़रूरत नही ऑर मेने चाची के पास जाकर एक लीप किस किया
चाची:आश्चर्य से,मतलब तुम लोग वो काम भी कर चुके हो
मे:एक हाथ चाची की चुचियो पे रखकर दबाते हुए,हाँ मेरी जान मे अपनी मम्मी को चोद चुका हूँ
चाची को समझ मे नही आ रहा था कि कैसे रिक्ट करे,फिर बोली
चाची :चलो अच्छा है
फिर चाची ने अपना दिमाग़ लगाना शुरू किया ऑर बोली
चाची:मेरा बेटा सलीम भी आया है ,वो कब्से तुम्हरी मम्मी के पीछे पड़ा है,तो आज रात हो जाए
मे:चाची ,इस मामले मे कुछ नही कर सकता ,सब कुछ मेने मम्मी पे छोड़ रखा है ,अगर मम्मी सलीम के साथ सोना चाहती है तो उनकी मर्ज़ी ऑर नही चाहती तो भी उनकी मर्ज़ी,मे कुछ नही कहुगा
चाची:अरे तेरी मम्मी भी कहाँ मना करेगी,वो तो खुद तेरे से पहले सलीम से चुदवाना चाह रही थी ,क्यो सुधा
मेरी मम्मी चाची के सामने कुछ नाही बोल पाई क्योकि मम्मी भी एक दिन सलीम से छुड़ाना चाहती थी
मम्मी:ठीक है
चाची:तो फिर तैयार रहना शाम को 5 बजे, हम फार्महाउस पे निकलेगे
ऑर ये कहकर चाची चली गयी
|