RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी मेरे कंधे पर ज़ोर देकर चल रही थी,मेने देखा मम्मी लंगड़ा कर चल रही थी जिससे मम्मी की गान्ड उपर नीचे हो रही थी,शायद मम्मी की गान्ड दर्द कर रही थी
बहुत ही मादक नज़ारा था ,मम्मी की घाघरे मे उपर नीचे होती हुई बड़ी गान्ड जिसकी मेने बहुत अच्छी तरह से ठुकाई की थी,
मम्मी रास्ते मे "आहह बेटा,बहुत दर्द हो रहा है ,जैसे किसी ने मिर्च डाल दी हो"
मे:मम्मी आप की पहली बार गान्ड खुली है,इसलिए गान्ड थोड़ी दर्द कर रही होगी
तभी सामने से बहादुर चाचा आते नज़र आए,उन्होने देखा कि मेरी मम्मी सुधा लंगड़ा कर चल रही है
चाचा:क्या हुआ सुधा,ऐसे लंगड़ा कर क्यो चल रही हो
मम्मी:वो चाचा जी पाँव मे मोच आ गयी है
चाचा:अरे तो आओ,मेरे साथ घर चलो,पूरे गाँव मे मेरे जितना अनुभवी कोई नही होगा मोच निकालने ,चाहे कैसी भी मोच हो
(((((ये तो सारा गाँव जानता है कि चाचा मोच निकालने मे महारत हासिल थी)))
मम्मी:नही ,आज मैं आराम कर लेती हूँ,अगर आराम नही आया तो कल तुम्हारे पास आती हूँ
चाच्चा:देख लेना ,नही तो मे तुम्हारे घर आ जाउन्गा
मम्मी:नही इसकी ज़रूरत नही
चाच्चा:ऑर भैया भाभी ठीक है
मम्मी:हाँ सब ठीक है,
चाचा:अभी भाभी से पूछना,एक दिन उन्हे भी मोच आ गयी थी ,तेरे भैया खुद तेरी भाभी को मेरे पास छोड़ कर गये थे,ऑर जब वो शाम को आए तो तेरी भाभी बिल्कुल ठीक हो गयी थी,मेने सारी मोच निकाल दी थी
मम्मी:हाँ ठीक है चाचा
ऑर ये कहकर हम जाने लगे,मम्मी मेरे कंधे पे ज़ोर देकर लंगड़ाते हुए चल रही थी
चाचा मम्मी की उपर नीचे होती गान्ड को देखकर मुस्कुरा जाते है,उनकी मुस्कुराहट मे कमीनपन नज़र आ रहा था जैसे वो मेरी मम्मी को चोदना चाहते हो
खेर लेकिन हम आगे निकल गये
जैसे ही हम घर पहुचे,मामी पलंग पर बैठी हुई थी,उन्होने देखा ऑर बोला
मामी:क्या हुआ सुधा,ऐसे लंगड़ा कर क्यो चल रही हो
मम्मी:कुछ नही भाभी कल काम करते हुए मोच आ गयी
मामी:ये मोच मोहित की वजह से ही आई है ना(( मामी मुस्कुराते हुए))
मम्मी भी थोड़ी खुल के बोलने लगी थी
मम्मी:हाँ इसने ही मेरी हालत की है
मामी:लगता है तुझे कुछ ज़्यादा ही मोच लगी है,तुझसे तो चला भी नही जा रहा
मम्मी:हाँ भाभी बहुत ज़्यादा मोच आई है
मामी:चल आज़ा,तेरी मालिश कर देती हूँ
मम्मी:रहने दो भाभी,ठीक हो जाउन्गी ऐसे ही
मामी:अरे मोच बढ़ गयी तो ज़्यादा दर्द होगा,चल चुप चाप लेट जा
मम्मी चुप चाप पलंग पे लेट जाती है
मामी मुझे इशारो मे जाने को कहती है,मे उपर वाले कमरे मे चला जाता हूँ
मम्मी पलंग पे पेट के बल लेट जाती है जिससे मम्मी की बड़ी सी गान्ड का उभार नज़र आने लगता है
मामी भी मम्मी की गान्ड देखकर आहे भरे लगती है
मामी मम्मी के घाघरे को पाँव से खिचकर घुटनो तक चढ़ा देती है ऑर सरसो के तेल की कुछ बूंदे डाल कर मालिश करने लगती है
मामी:कुछ आराम मिला,
मम्मी:नही भाभी थोड़ा उपर की ओर दर्द हो रहा है
मामी अब धीरे धीरे अपना हाथ घाघरे के अंदर से ही मम्मी की जाँघो पे ले जाकर मालिश करने लगती है,मम्मी की मखमली जाँघो की मालिश करके मामी भी मस्त हो जाती है
मम्मी भी मामी की मालिश से गरम होने लग जाती है
मामी:अब आराम मिला
मम्मी:नही भाभी ,थोड़ा ऑर उपर
मामी भी मम्मी के इस खुलेपन पे मुस्कुरा जाती है ऑर बोलती है
मामी:सुधा तो घाघरे का नाडा खोल दे,अंदर तेल लगाउन्गी तो तेरा घाघरा तेल से खराब हो जाएगा
मम्मी:भाभी मुझसे शर्म आती है,आप ही उचा कर दो ना
मामी:बड़ी शर्म कर रही है,ऑर ये कहकर मामी ने मम्मी के घाघरे को गान्ड के उभार तक उचा कर दिया
मम्मी की बड़ी बड़ी गोल मटोल गान्ड देखकर मामी बोली "सुधा तेरे कूल्हे तो बड़े मस्त है,तभी सब तेरी गान्ड के पीछे पड़े रहते है"
मम्मी:भाभी आप भी ना
मामी:हाँ सच कह रही हूँ मे,तेरे भैया खुद तेरी गान्ड पे फिदा है,मुझे बोल रहे थे काश एक बार मिल जाए तेरी गान्ड मारने को
मम्मी आश्चर्य से "क्या सच मे भैया भी मेरी गान्ड मारना चाहते है"
मामी -हाँ सुधा तेरी गान्ड तो कॉन नही मारना चाहता ,तेरा बेटा भी तो तेरी गान्ड मारना चाहता था
मम्मी कुछ नही बोलती
मामी:क्यो सुधा,कल तेरे बेटे ने तेरी गान्ड नही मारी
ऑर ये कहकर मामी ने मम्मी के कुल्हो को चौड़ा कर दिया ऑर गान्ड के छेद को देखकर बोली "" तेरी गान्ड के छेद की क्या हालत हो गयी ,तेरे बेटे ने खूब जमकर ठुकाई की लगती है""ऑर मामी तेल की कुछ बूंदे छेद पे डालकर मालिश करने लगी
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