RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
कुछ देर तक की कॉसिश के बाद मुझे वो द्वार मिल ही गया,जैसे ही मेरी उंगली चाची की गान्ड के छेद के उपर गयी मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा,अब मे गान्ड के छेद के आस पास की जगह पे उंगली घुमा रहा था,कुछ देर बाद जैसे ही मेने चाची के गुदा द्वार पे उंगली रख कर थोड़ा ज़ोर लगाया ,मेरी उंगली गप्प के साथ चाची के गुदा द्वार मे घुस गयी
चाची:दर्द भरी आआज़ मे आआअहह,चाची को होश आया ,ऑर बोली ये क्या कर रहे थे तुम
मे:चाची वो ....
चाची :गुस्से मे क्या?/?
मे:वो अपने आप हो गया
चाची:तुम मेरी इज़्ज़त के साथ खेल रहे थे ,मेने तुम्हे बच्चा समझ कर किस करने की इज़ाज़त दी तुम मेरी इज़्ज़त के साथ खेलने लग गये . चल निकल जा मेरे घर से ऑर मुझे धक्का दे दिया
मे:चाची के पाँव मे पड़ गया ऑर रोने लगा
चाची: छोड़ो मुझे ,थोड़ा नरम होते हुए
मे:चाची मुझे माफ़ कर दो
चाची:चलो हटो,नही तो मे तुम्हे माफ़ नही करूगी
मे:सीधा किचन मे गया वहाँ से चाकू ले आया,ऑर अपने हाथ पे रख कर कहा
.....चाची मुझे माफ़ कर दो ,नही तो मे अपनी नसें काट लूँगा
चाची:थोड़ा चिंता करते हुए ,अरे नही नही ,क्या पागलो जैसी हरकते कर रहे हो
मे:चाची आपको मुझे माफ़ करना ही होगा
मेरी ये हालत देखकर चाची का दिल भी पिघल गया,चलो ठीक है मेने तुझे माफ़ किया
ये कहते हुए चाची ने मुझे गले लगाया,जैसे ही मेरा शरीर चाची के शरीर से टच हुआ मेरे हाथ अपने आप चाची की गान्ड पे चले गये ऑर चाची को अपनी तरफ खींचा चाची की गान्ड पे ज़ोर लगाकर,इस कारण मेरा जो लंड था जो पूरी तरह खड़ा था मेरे पाजामे मे सीधा चाची की चूत से जा टकराया ,
चाची को कुछ देर तक समझ नही आया कि क्या करे ,क्यो कि उनके शरीर ने उनके दिमाग़ की बाद मानने से मना कर दिया था ,अब मे लगातार चाची की गान्ड पे ज़ोर डाल कर चाची की चूत का दबाव मेरे लंड पे बढ़ा रहा था,ऑर मे भी अपने शरीर को आगे धकेल रहा था ,
चाची की चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी उनकी चूत के आस पास के हिस्सा पूरा गीला हो गया था ,चाची ने कोई विरोध नही किया ,अब मे समझ चुका था ,अगर आज मे चाची को नही फसा पाया तो कही चाची मुझे हमेशा के लिए अलग ना हो जाए
इसलिए मेने चाची को बिना पता चले ही अपना लंड पाजामे से बाहर निकाला ऑर चाची का पाजामा भी खोल दिया ,चाची को पता नही चले इसलिए मेने चाची के होंठो को चूसना शुरू कर दिया था ऑर पीछे से गान्ड दबा रहा था ,अब मेने अपने हाथ चाची गान्ड पे घुमाना बंद कर दिए ,ऑर पूरा लंड एक बार मे ही चूत घुसाने के लिए हाथ से चाची की गान्ड को जकड मे लिया ,ऑर मेने अपना लंड जैसे ही चाची की चूत पे रखा ,चाची को कुछ पता चलता इससे पहले ही मेने पूरी ताक़त से चाची की गान्ड को पकड़ कर अपने लंड की ओर ज़ोर दिया ऑर अपनी गान्ड का ज़ोर भी चाची की चूत की ज़ोर लगाया
एक तरफ मेरे हाथो का ज़ोर जो चाची की गान्ड पे पर रखे जिसके कारण चाची की चूत का दबाव मेरे लंड पे लगा ऑर दूसरा मेरे शरीर का ज़ोर जिससे मेरे लंड पे ज़ोर लगा ,इस कारण दोनो ताक़त का ज़ोर लगने कर कारण चाची की चूत का द्वार मेरे लंड को झेल नही पाया ऑर ना चाहते हुए भी मेरे लंड को रास्ता देना पड़ा (हम दोनो खड़े थे ,ऑर इस पोज़िशन मे चूत बहुत टाइट हो जाती है),लेकिन इस कारण मेरा लंड पक्क के साथ चाची की चूत घुस गया ,ऑर ये सब इतना कम समय मे हुआ कि चाची को जब तक पता चलता कि मेरा लंड उनकी चूत मे घुस चुका था,नही तो शायद मुझे अपना लंड उनकी चूत मे घुसाने नही देती ,या फिर शायद इतनी आसानी से नही करनी देती,
जैसे ही मेरा लंड चाची की चूत घुसा ,चाची की आखे पूरी खुल गयी,हम दोनो किस कर रहे थे इसलिए मे चाची के आँखो को देख पा रहा था,एक पल के लिए समय रुक गया हो ,ऑर हम दोनो की आँखे पूरी खुली हुई,ऑर दोनो की आँखो मे आश्चर्य कि "ये क्या हो रहा है" ऑर अगले ही पल दोनो चिल्ला उठे,
चाची:आहह मार डाला रे ,खड़े खड़े ही घुसा दिया,कम से कम बता तो देता इतना दर्द नही होता
जब तक चाची की आँखो से आसू निकल चुके थे,चाची की आवाज़ मे अब भी दर्द था
मे भी दर्द से चिल्ला उठा ऑर अपना लंड पकड़कर नीचे वही बैठ गया
चाची:क्या हुआ
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अब मुझे हर दिन निकालना बहुत भारी पड़ रहा था,जब से चाची ने कहा है ,कि मे तेरी माँ को राज़ी कर लुगी तेरे से सेक्स करने के लिए बस कुछ दिन इंतज़ार कर
लेकिन मुझे एक बात परेशान कर रही थी कि ,चाची ने ये भी कहा था ,कि तेरी माँ की गान्ड पहले मेरा बेटा सलीम ही खोलेगा उसके बाद ही उस गान्ड पे तेरा हक होगा गान्ड मारने मे
मेने पूछा था चाची से कि चाची गान्ड खोलना क्या चीज़ होता है चाची बस केवल मुस्कुराइ ओर मेरे गालो को खिचकर बोली ,समय आने पर अपने आप जान जाएगा
गान्ड के बारे इतना सोचकर मुझे गान्ड मारने की बहुत उतेजना चढ़ चुकी थी ,अगले दिन मे समय मिलते ही मे चाची के घर जा पहुचा,
चाची:क्या बात है,आज बहुत उत्सुक लग रहे हो
मे:नही चाची ऐसी कोई बात नही,
चाची:मे तेरा चेहरा देखकर बता सकती हूँ,चल बता नही तो कुछ करने नही दूँगी
मे:नही नही चाची,वो मुझे गान्ड मारनी थी,आपकी गान्ड मुझे बहुत पसंद है
चाची:तुझे मेरी गान्ड मारने की बड़ी जल्दी है
मे:हाँ चाची,मुझे आपकी गान्ड खोलनी है
चाची: मज़ाक मे तुझे मेरी गान्ड खोलनी है,बेटा मेरी गान्ड तो कब ही खुल चुकी है
मे(मे अब तक सोचता था,केवल गुदा द्वार मे लंड डाल के गुदा मैथुन करते है उसे गान्ड खोलना कहते है,
तो फिर गान्ड खोलना किसे कहते है
चाची:जब गान्ड के छेद को पहली बार चौड़ा करते है,ऑर जब तक सेक्स करते है जब तक गान्ड का छेद लंड निगल लेने के बाद खुला रह जाता हो ऑर बाद मे फिर कभी गान्ड इतनी टाइट नही हो पाती जितनी चुदाई से पहले थी,उसके बाद गान्ड चुदाई मे ज़्यादा तकलीफ़ नही होती उसे कहते है
मे:चाची ,मुझे भी गान्ड खोलनी है,
चाची:तो पटा किसी को ,तेरे नीचे वाले फ्लॅट मे शर्मा की वाइफ रहती है ना निकिता उसको पटा ,क्या मस्त फिगर है उसका ,सुबह शाम एक्सर्साइज़ करती है
मे:मे कैसे पटाऊ
चाची:जैसे मे ऑर मेरा बेटा पता रहा है तेरी माँ को
मे:चाची मुझे मेरी माँ की गान्ड खोलने दो ना प्लीज़
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