RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
मेरी मम्मी के मुँह से सिसकारियां फूटने लगी थी। वो सिसकाते हुए बोल रही थी- “ओह्ह... बेटे ऐसे ही, ऐसे ही चोदो। हां, हां, इसी तरह से, जोर-जोर से धक्का लगाओ नीचे से। अपनी मम्मी की मदद करो चुदने में। इसी तरह से पेलो अपने मादरचोद लण्ड को, इसी प्रकार से चोदो मुझे...”
आआह, १३शीईई, मम्मीई तुम्हारी चूत कितनी गरम है। ओहह... मेरी प्यारी मम्मी लो, लो और लो ना, अपनी चूत में मेरे लण्ड को... ऐसे ही लो, देखो, ये लो मेरा लण्ड अपनी चूत में, मेरी प्यारी सेक्सी मम्मी, हाये मम्मी, बताओ ना, मेरे लण्ड से चुदने में तुम्हें कैसा लग रहा है? क्या ये मजेदार है, क्या मेरा लण्ड डैडी से अच्छा है?”
हम दोनों की उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी। ऐसा लग रहा था कि, किसी भी पल मेरे लौड़े से गरम लावा निकल पड़ेगा।
“ओहह... मेरे चोदू बेटे, ईईस्स्स्स , ऊऊफ्फ्फ, ३१शीईई, तेरा लण्ड तेरे डैडी से भी ज्यादा मजा दे रहा है। शायद मैं अपने ही बेटे के लण्ड को अपनी चूत में ले रही हैं, इस बात ने मुझे ज्यादा उत्तेजित कर दिया है। पर जो भी हो मुझे मजा आ रहा है सन। और मैं सोचती हूँ कि तुम्हें भी मजा आ रहा होगा। और जोर से, और जोर से पेलो अपने लण्ड को मुझे, बहन की बुर चोदने वाले, चोदू हरामी, और जोर से मारो, अपना पूरा लण्ड अपनी मम्मी की चूत में घुसाकर, चोदो...”
मुझे लगा कि मम्मी अब थक गई है। इसलिये मैंने उसे अपनी बांहों में कस लिया और उसे धक्का लगाने से रोकते हुए, पलटने की कोशिश की। मम्मी मेरे मन की बात समझ गई और उसने मेरा साथ दिया। अब मम्मी नीचे थी और मैं उसके ऊपर। ऊपर आकर मैं और जोर-जोर से धक्का मारने लगा। केवल यह सोचने मात्र से कि मैं अपनी मम्मी को चोद रहा हूँ, मेरे लण्ड की मोटाई शायद बढ़ गई थी। मैं अपने आपको बहुत ज्यादा उत्तेजित महसूस कर रहा था। लण्ड को उसकी चूत की तह तक पेलते हुए मैं अपने पेड़ से उसकी चूत के भगनाशे को भी रगड़ रहा था। मैं अपने लण्ड को पूरा बाहर निकालकर, फिर से उसकी गीली चूत में पेल देता। मम्मी की चूचियों को दबाते हुए, उसके चूतड़ों पर हाथ फेरते और मसलते हुए, मैं बहुत तेजी के साथ उसे चोद रहा था।
मेरी मम्मी अब नीचे से अपनी गाण्ड को हवा में उछालते हुए, अपने चूतड़ों को नचा-नचा कर, मेरे लण्ड को अपनी चूत में लेते हुए, सिसिया रही थी- “ओहह... चोदो, मेरे चोदू बेटे, और जोर से चोदो। ओहह... मेरे चुदक्कड़ बेटे, श्श्शीईई... हरामजादे, और जोर से मारो मेरी चूत को, ओह्ह... आआहह... बेटीचोद भी बनोगे, तुम एक ना एक दिन। ऊऊऊफ्फ्फ ... हरामी, बहन के लौड़े, बहन के यार, मादरचोद, जोर-जोर से पेलो लौड़ा और चोदो, मेरा अब निकल रहा है, ओह्ह्ह्ह शीईई भोसड़ी वाले ईईस्स, ओहह... मजा आ गया...” कहते हुए अपनी दांतों को पीसते हुए और चूतड़ों को उंचकाते हुए, वो झड़ने लगी।
मैंने भी झड़ने वाला ही था। इसलिये चिल्लाकर उसको बोला- “ओह... कुतिया, लण्डखोर मम्मी, तेरी मम्मी को चोदू, हाये १३शीईई मेरा भी निकलेगा अब, जरा इन्तेजार कर साल्ल्ली ...”
मगर तभी मेरे लण्ड ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। ऐसा जबरदस्त एहसास दीदी को पहली बार चोदने पर हुआ था। रात भी बहुत हो चुकी थी और इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों में से किसी को होश नहीं था। मैं। मम्मी के ऊपर से लुढ़क कर, उसकी बगल में लेट गया। मम्मी भी अपनी आँखों को बंद किये, अपनी सांसों को संभालने में लगी हुई थी।
कुछ ही देर में हमारी आंख लग गई और फिर सुबह जब मैं उठा तो...
THE END
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