RE: Incest Kahani पहले सिस्टर फिर मम्मी
कल रात कनिका के घर पर उसके मामा, यानी कि उसकी मम्मी के छोटे भाई आये थे। उसे और उसकी मम्मी दोनों को सिनेमा दिखाने ले गये थे। सिनेमा होल में उसके मामा और मम्मी एक दूसरे से लिपटने चिपटने लगे थे। बाद में घर वापस लौटने पर, उसके छोटे मामा ने रात में उसकी मम्मी को खूब चोदा। भाई जब मेरी सहेली ने, अपने मामा और मम्मी की चुदाई की पूरी कहानी बताई तो, मेरी चूत बुरी तरह से पनिया गई और मैं बहुत उत्तेजित हो गई।
कनिका ने मुझे बाद में बताया कि, उसके मामा ने बाद ने उसे भी उसकी मम्मी के सामने ही नंगा करके खूब चोदा। और उसकी मम्मी ने ये सब बहुत मजा लेकर देखा। तुम तो जानते ही हो भाई कि, उसके पापा विदेश गये हुए हैं।
ओहह... दीदी, कनिका सचमुच में बहुत ही भाग्यशाली लड़की है। कनिका की, उसके मामा और मम्मी के साथ की गई चुदाई का अनुभव सच में बहुत उत्तेजक है। दीदी मैं भी सोचता हूँ कि काश मैं तुम्हें और मम्मी को एक साथ, एक ही बिस्तर पर चोद पाता। इन किताबों को देखने के बाद, मैं भी बहुत गरम हो गया हूँ। मेरी प्यारी । बहना रानी, चलो जल्दी से घर पर चलते हैं,और एक दमदार चुदाई का आनंद उठाते हैं, क्यों? मुझे लगता है। तुम भी काफी गरम हो चुकी हो, अपनी प्यारी सहेली कनिका की कहानी को सुनकर..."
हां भाई, तुम सच कह रहे हो। मैं स्कूल की छुट्टी का इन्तेजार कर रही थी। मेरी चूत खुजला रही है और मेरा पानी निकल रहा है.”
ओहह... दीदी, तुम जब स्कूल से निकल रही थी, तभी मुझे लग रहा था कि तुम काफी गरम हो चुकी हो...”
हां, मेरे प्यारे भाई, कनिका की बातों ने मुझे गरम कर दिया है। उसकी चुदक्कड़ मम्मी और चोदू मामा की कहानी ने, मेरी नीचे की सहेली में आग लगा दी है। और मैं भी चाहती हूँ कि, हम जल्दी से जल्दी घर पहुँचकर एक-दूसरे की बांहों में खो जायें...”
अभी हम घर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर थे, तभी एक जोर की आवाज ने हमारा ध्यान भंग कर दिया। रिक्शा रुक गया था, और इसका एक टायर पंक्चर हो चुका था। आस-पास में कोई रिपेयर करने वाली दुकान भी नहीं थी, और घर की दूरी भी अब ज्यादा नहीं थी। इसलिये हमने निर्णय किया कि हम पैदल ही घर जाते हैं। रिक्शावाले ने अपने रिक्शे को दूसरी तरफ मोड़ लिया और हम दोनों भाई-बहन नीचे उतरकर पैदल ही घर की ओर चल दिये।
कुछ दूर तक चलने के बाद, मेरी बहन ने मुश्कुराते हुए मुझसे कहा- “भाई, तुम मेरे पीछे-पीछे चलो, मेरे साथ नहीं..."
मेरी समझ में नहीं आया कि, मेरी डार्लिंग सिस्टर मुझे साथ चलने से क्यों मना कर रही है? मैंने आश्चर्य से पूछा- “तुम्हारे पीछे क्यों दीदी?”
मेरी बहन ने अपनी आँखों को नचाते हुए मुश्कुरा कर कहा- “भाई, ऐसा करने में तुम्हारा ही फायदा है। अगर तुम चाहो तो इसे आजमा कर देख सकते हो। बल्कि, मैं कहती हूँ तुम्हें एक अनोखा मजा मिलेगा.”
मुझे अपनी बहन पर पूरा भरोसा था। वो एक बहुत ही दृढ़ निश्चय और पक्के विश्वास वाली लड़की थी, और हर चीज को नाप-तौल कर बोलती थी। अगर उसने मुझसे पीछे चलने के लिये कहा था तो जरूर इसमें भी हमेशा । की तरह कोई अनोखा आनंद छुपा होगा। ऐसा सोचकर मैंने अपनी प्यारी सिस्टर को आगे जाने दिया और खुद उसके पीछे, उससे कुछ फासले पर चलने लगा। पूरी सड़क एकदम सुमसान थी, और एक-आध कुत्ते के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। शहर के इस भाग में मकान भी इक्का-दुक्का ही बने हुए थे, और एक साथ ना होकर इधर-उधर फैले हुए थे। मैं अपनी दीदी के पीछे-पीछे धीरे-धीरे चल रहा था, और मेरी डार्लिंग बहना भी धीरे-धीरे चल रही थी।
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