non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
06-06-2019, 01:12 PM,
#94
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन
* * * * * * * * * *अब आगे की दास्तान, मेरी प्यारी सहेली बिल्लो रानी की जुबानी रात भर की चुदाई। दिन में भी मौका मिलने पर चुदाई करा-करा के मेरी तो मौज ही मौज हो गई थी। शादी से। पहले मेरी प्यारी सहेली के भाई कामरू को फँसा के डर-डर के चूत में लण्ड पेलवाती थी। हमेशा डर सा लगा रहा था था की कहीं किसी को पता ना चल जावे। अब वो डर नहीं रहा। दूसरे दिन मेरे पति कुछ होनी... होनीमून... । जैसे शब्द बोल रहे थे जो मेरी समझ में नहीं आ रहा था। खैर मुझे क्या? मुझे तो चुदाई से मतलब था। घर में काम के लिये नौकर नौकरानी थे। मुझे तो बस उनसे चुदाना और अपनी चूत की प्यास बुझाना था। तो तीसरे दिन हम तैयार होकर स्टेशन पहुँच गये।
मैं पहली बार रेलगाड़ी में बैठ रही थी सो डर भी लग रहा था। पर मेरा डर जल्द ही मेरे पति की बाहों में आकर मिट गया। हम दोनों को एक कमरा मिला था। वो तो मुझे बाद में मालूम पड़ा की वो कोई फरस्त किलास। (फर्स्ट क्लास) का कूपा था। तो उन्होंने वहाँ भी मुझे अच्छी तरह से मजा दिया। और दूसरे दिन शाम को शिमला पहुँच गये।
हमने कमरा लिया। कमरा क्या था पूरा घर जैसे ही था। पलंग गद्देदार... मुझे पलंग पर पटक कर जब फुद्दी में लण्ड घुसेड़ के ऊपर से धक्का लगाते थे तो मेरे चूतड़ पलंग के गद्दे में आधे से ज्यादा घुस जाते थे। मैं भी अभी उनसे खुल गई थी। तो उनके हर धक्के का जवाब मैं चूतड़ उछाल के देने लगी थी। कामरू ने कभी मेरी फुद्दी नहीं चाटी थी। पर मेरे पति ने उस सुख से भी मुझे वाकिफ करा दिया। इस तरह हम तीन दिन... बस सुबह उठना... एक साथ नंगे नहाना... वहीं नहानी घर के अंदर ही जाँघ फैलाकर झुक के पीछे से फुद्दी में लण्ड घुसवाना...
फिर नाश्ता करने के बाद घूमने निकल जाना। दोपहर को खाना, थोड़ी देर चुदाई करते हुए आराम करना। शाम को घूमने जाना। रात को खाना... फिर कमरे में चुदाई का खेल जारी रखना, याने खाओ, चुदाओ और सो जाओ। मैं धीरे-धीरे उनसे खुलने लगी। मेरे पति पढ़े लिखे थे। पर मुझसे बहुत प्यार भी करते थे। और एक दिन मैंने उनसे पूछा- “ओ... जी... ये हनीमून किसे कहते हैं?
मेरे पति पहले चौंके फिर हँसते हुए बोले- अरे बिल्लो रानी, तू बहुत भोली है। अरी मेरी प्यारी, जिस दिन शादी के बाद पहली रात को दोनों नंगे होकर किए थे, रात को तीन बार। दूसरे दिन शर्माते हुए जब नहा रही थी, मैंने बाथरूम, ओहह... सारी नहान-घर में नंगा करके तुम्हें पीछे से तुम्हारी प्यारी फुद्दी में लण्ड पेला था, फिर जब भी मौका मिलता था, नंगे होकर करते थे।
रास्ते में, रेल में कम्पार्टमेंट, ओह... कूपे के अंदर। तुम्हारी जाँघ फैलाकर फुद्दी चाटते हुए चोदा था। यहाँ आते ही इस गद्देदार पलंग पे साड़ी ऊपर करके पेला था। अरे यार, रेलगाड़ी का किराया तीन हजार लग गया। यहाँ इस कमरे का एक दिन का भाड़ा दो हजार है। हजारों रूपए खर्च कर दिए। ना जाने कितनी बार फुद्दी में लण्ड पेलवा चुकी है। और अब पूछ रही है की “ओ... जी... ये हनीमून किसे कहते हैं...” अरे इसी को तो हनीमून कहते हैं। मेरी छम्मकछल्लो।
बिल्लो- हैं... क्या? क्या इसी को हनीमून कहते हैं? इसी के लिए इतने हजारों रूपए खर्च कर दिये?
बिल्लो के पति- और नहीं तो क्या?
बिल्लो- अरे, इसके लिए इतने हजारों रूपए खर्च करने की क्या जरूरत थी? ये तो शादी से पहले मेरी सहेली के भाई कामरू के साथ रोज घर के पिछवाड़े में उसके कमरे में मुफ़्त में करवाते थे। हाँ आपने फलतू में इतना रूपया खर्च कर दिया। मैं तो आपको ऐसे भी जाँघ फैलाकर दे ही रही थी ना। फिर इतना रूपया क्यों खर्च कर दिया, इस नगोड़ी हनीमून पर? हम तो मुफ्त में ही दे रहे हैं ना।
दीदी हँसते हुए- तो चम्पा रानी, तेरे जीजाजी ने तो अपना माथा पीट लिया होगा।
चम्पा- और क्या करते? खैर, चुदी चुदाई चूत देने के बदले में उसने अपनी प्यारी सहेली की कुँवारी फुद्दी परोस ही दी उसे, वो भी धोखे से।
सासूमाँ- अरे... वो कैसे?
जब बिल्लो रानी मायके आई तो बहुत खिली-खिली थी। और मेरे से खुलके लण्ड चूत की बातें करने लगी थी। मेरी फुद्दी में खुजली बढ़ती ही जा रही थी। कुछ दिन तो उसने मेरे भाई की तरफ देखा नहीं पर... उसकी चूत ने लण्ड का जूस पीना सीख लिया था तो कब तक उंगली से सहलाती।
एक दिन मुझसे बोली- यार मेरा आज मन नहीं लग रहा है। तू एक काम कर।
मैं- “क्या भैया को भेज दें, रात को तेरे पास..”
बिल्लो- नहीं, मैंने अपने पति को कशम दी है की उनके लण्ड के अलावा और किसी के लण्ड से नहीं चुदवाऊँगी।
मैं- तो क्या रसोई घर से ककड़ी ला दें?
बिल्लो- नहीं, मैं कुछ और ही चाहती हूँ। पर तू करेगी की नहीं?
मैं- तू बोलकर तो देख।
बिल्लो- मेरे खातिर... प्लीज मेरे खातिर आज की रात तू मेरे साथ मेरे कमरे में सो जा।
मैं- “अच्छा , चल सो जाऊँगी... तो...”
बिल्लो- तो... तो क्या?”
मैं- तो क्या? मैं ये कहना चाहती हूँ की रात को क्या मेरी जांघों के बीच में मेरे भाई जैसा ये बिलंद भरका काला सा लण्ड उग जाएगा। जिससे तेरी फुद्दी में तू चूतड़ उछालते हुए ले लेगी।
बिल्लो- “अरे नहीं यार, पर मैं ये चाहती हूँ की तू... तू...”
मैं- साफ-साफ बोल ना कि मैं क्या करूं?
बिल्लो- मैंने आज की रात कामरू को यहाँ मेरे कमरे में बुलाया है।
मैं- तो... फिर मुझे क्यों बुलाया हैं तूने? तुझे चुदाना है तो चुदवा ले, मेरे भाई से। मैं थोड़े ही मना कर रही हूँ। आज तक कभी मना किया है क्या तुझे?
बिल्लो- नहीं किया, पर मुझसे दूर क्यों हट रही है?
मैं- तू तो मेरी चूचियां ही दबाने लगी। चल हट बेशर्म कहीं की। मुझे गुदगुदी सी होती है।
बिल्लो- यार, लण्ड चूत में घुसवाने में बहुत मजा आता है।
मैं- अच्छा ।
बिल्लो- हाँ मेरी रानी, तू भी मजा लेगी क्या?
मैं- मैं कहाँ से मजा ले सकती हूँ? अभी तो मेरी शादी होने से रही। तीन चार साल तक तो फिलहाल है नहीं। और मैं तेरे जैसी हिम्मतवाली नहीं हूँ की किसी को पटाके उसका लण्ड अपनी फुद्दी में घुसवा हूँ।
बिल्लो- तू कहे तो मैं कुछ जुगाड़ करूं?
मैं- तू क्या जुगाड़ करेगी?
बिल्लो- हाँ हाँ कर सकती हैं। पहले बता तेरी इच्छा है की नहीं?
मैं- नहीं... हाँ... नहीं... पर कैसे होगा?
बिल्लो- मैंने कहा ना की आज की रात तू मेरे पास मेरे कमरे में सोएगी।
मैं- पर तूने तो मेरे भाई कामरू को बुला रखा है।
बिल्लो- हाँ... और मैंने उसे खास ताकीद की है कि मेरी शादी हो चुकी है। इसीलिए बाहरवाले कमरे में पूरा अंधेरा होगा और बिना कोई आहट के उसे मुझे चोदना होगा।
मैं- तो... तो?
बिल्लो- “तो, अभी से चूत खुजलाना छोड़, और रात को मेरे कमरे में आना, फिर तेरा भाई आएगा। और..."
मैं- “और? और क्या?” मेरी फुदी ने पानी छोड़ना चालू कर दिया। मैं जानती थे कि वो क्या कहना चाहती है। पर उसी के मुँह से सुनना चाहती थी।
बिल्लो- मेरी बन्नो, मैं चाह रही हूँ की मेरी जगह अंधेरे में तू?
मैं- “क्या? क्या कह रही है तू बिल्लो?” मन ही मन मैं खुश थी, लेकिन कहा- “मैं अपने सगे भाई से कैसे?”
बिल्लो- कुछ नहीं होगा, उसे मालूम ही नहीं पड़ेगा। बस तू आएगी ना?
मैं- “नहीं-नहीं... मैं नहीं आऊँगी। चल ठीक है, नहीं तो तू नाराज हो जाएगी। चल ठीक है?
और ठीक आधी रात को। कमरे में धुप्प अंधेरा था। मैं पलंग के ऊपर नंगी लेटी हुई थी और किसी के आने की पदचाप सुनाई दी। तो मेरे दिल की धड़कन बढ़ने लगी। हे... हे... मेरा खुद का भाई मुझे चोदेगा। हाय मैं मारे शर्म के मरी जा रही थी।
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg kahani दोस्त की शादीशुदा बहन - by sexstories - 06-06-2019, 01:12 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,595,857 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 555,104 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,274,089 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 962,993 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,707,081 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,125,971 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,029,647 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,328,377 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,122,631 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 294,127 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)