Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 02:08 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
लगभग रात 9 बजे वो अपने बंगले से बाहर निकली.., और गाड़ी में बैठकर शहर से बाहर जाने वाले रास्ते पर निकल पड़ी……..!

शहर के बाहर स्थित उस फार्म हाउस जहाँ भानु ने मोहिनी और रूचि को लाकर क़ैद किया था, रात 8 बजे वो वहाँ लौटा…!

उसके साथ इस समय उसके कुछ खास लोगों के अलावा ऐसा कोई भी सदस्य नही था जो संजू या युसुफ का विश्वासपात्र कहा जा सके…!

आते ही उसने उन दोनो को हॉल नुमा कमरे में लाने के लिए कहा…, उसके चार आदमियों ने लगभग घसीटते हुए मोहिनी और उसकी बेटी को हॉल के बीचो-बीच ला पटका…!

दोनो के हाथ और पैर नाइलॉन की पतली सी डोरियों से कसे हुए थे.., लेकिन मूह से पट्टियाँ हटा दी गयी थी…!

पहले भानु बहसियाना हसी हँसते हुए मोहिनी के पास जाकर बैठ गया.., उसके गदराए बदन को सहलाते हुए बोला…!

आअहह…इस उमर में भी तू क्या मस्त माल है मोहिनी.., जी तो कर रहा है कि तेरी इस जानलेबा जवानी का रस तेरी बेटी से पहले जी भरके पीऊँ…!

फिर तुझे अपने आदमियों में बाँट के तेरी आँखों के सामने तेरी बेटी की कोरी जवानी को तार तार करूँ…!

काश मेडम ने मुझे संयम रखने को ना कहा होता…!

भानु के मूह से किसी मेडम का नाम सुनकर मोहिनी ने उत्सुकता भरी नज़रों से घूरा.., फिर जल्दी ही एक घृणा भरी नज़र डालकर अपना मूह उसकी तरफ से फेर लिया…!

वो अच्छी तरह से मोहिनी के गदराए बदन को सहला कर मज़े लेता रहा.., वो बेचारी बस बेबसी में अपने आँसू बहाने के अलावा कुछ नही कर पाई…!

फिर वो रूचि की तरफ घूम गया.., उसके नापाक हाथ रूचि की तरफ बढ़ने लगे.., तभी मोहिनी के सब्र का बाँध टूट गया.., वो किसी शेरनी की तरह दहाड़ते हुए बोली…

मेरी बेटी को अपने नापाक हाथों से छूने की कोशिश भी मत करना हराम्जादे कायर.., थू है तेरी मर्दानगी पर.., जो एक औरत को बेबस करके अपने गंदे मंसूबों को पूरा करना चाहता है…!

भूल गया.., बार बार मेरे देवर ने तुझे समझाने की कोशिश की.., तुझे सुधरने का मौका दिया…, लेकिन तू एक ऐसे गंदे खून की पैदाइश है कि तुझसे इससे ज़्यादा और उम्मीद ही क्या की जा सकती है..,

अपने खून को गाली सुनकर भानु का गुस्सा सातवे आसमान पर जा पहुँचा.., घूमकर उसने इतना करारा तमाचा मोहिनी के गाल पर मारा कि वो बेचारी त्यौराकर वहीं ज़मीन पर गिर पड़ी..,

उसके होठों के कोरे से खून की धार बह निकली…, कराह कर बोली – मार साले नमार्द और मार.., और तुझसे उम्मीद ही क्या की जा सकती है हरम्जादे…!

मोहिनी की बातों से भानु का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था.., उसने उसके पैरों की डोरी खोल दी.., जबरन पैरों पर खड़ा करके वो उसके गालों पर चान्टे बरसाने लगा..!

अपनी बेटी से दूर रखने की गार्ज से वो उसे लगातार गुस्सा दिलाए जा रही थी, बदले में भानु उसे पीट’ता रहा.., फिर उसने उसके गुदाज उभारों पर हाथ डालकर उसके ब्लाउस को फाड़ दिया…!

कसी हुई ब्रा में क़ैद मोहिनी के सुडौल दूधिया उभारों की झलक पाते ही भानु का संयम जबाब दे गया..,

झपटकर उसने उसकी सारी का आँचल थाम लिया.., और उसे खींचता ही चला गया..,

ब्रा और पेटिकोट में वो बीच हॉल में खड़ी.., अपने बँधे हाथों से अपनी छाती को धान्पने की नाकाम कोशिश करते हुए सिसक पड़ी…!

उसकी प्यारी बेटी अपनी माँ की आबरू को बेपर्दा होते देखती रही.., और सूबक सूबक कर रोती रही.., लेकिन वहाँ उसे एक भी ऐसा चेहरा नज़र नही आया जो उनके लिए थोड़ी सी भी सुहान्भुति रखता हो…!

वो सबके सब खड़े-खड़े उसकी माँ की जवानी को खा जाने वाली नज़रों से घूर रहे थे और बहशियानी हसी हँसते रहे…!

भानु ने मोहिनी की सारी उतारकर एक तरफ को फेंक दी.., उसके बाद वो अपनी जीभ को होठों पर फिराते हुए किसी हवसि कुत्ते की तरह उसकी तरफ बढ़ा…!

उसका हाथ उसकी ब्रा की तरफ बढ़ने लगा.., इससे पहले कि वो उसकी ब्रा को उसके बदन से अलग करने के लिए अपना हाथ उस तक ले जा पाता कि तभी हॉल में घुसते हुए लीना की आवाज़ उसके कानों में पड़ी…!

ठहरो भानु…, इतने उताबले मत बनो.., थोड़ा ठंडा करके खाओ…!

आवाज़ सुनते ही मोहिनी फिरकी की तरह उस दिशा में घूम गयी.., अपने सामने कामिनी को देख कर मोहिनी का मूह खुला का खुला रह गया…!

कामिनी सधे हुए कदम बढ़ाती हुई मोहिनी के सामने जाकर खड़ी हो गयी.., उसके चेहरे पर जमाने भर की मक्कारी व्याप्त थी..,

मंद मंद मुस्कराते हुए बोली – कैसी हो जेठानी जी.., मुझे जिंदा देखकर दिल पर साँप लॉट गये होंगे तुम्हारे.. है ना…!

लेकिन क्या करूँ.., मेरे हाथ में मौत की लकीर बनाना ही भूल गया उपरवाला.., तुम्हारे लाडले देवर ने तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश करी थी मुझे उपर भेजने की..!

फिर उसने एक बार मोहिनी के शानदार हुश्न पर उपर से नीचे तक नज़र डाली…!

उसके उभारों पर हाथ फेरते हुए बोली – बेचारा भानु भी क्या करे.., इस उमर में भी तुम किसी भी मर्द का खड़े-खड़े पानी निकाल दो ऐसा मादक बदन है तुम्हारा…!

कहीं वो लाड़ला तो सेवा नही करता इसकी..? क्योंकि जेठ जी तो ऐसे लगते नही कि इस जवानी का ख्याल रख पाते हों…?
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 02:08 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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