Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-02-2019, 02:08 PM,
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
शाम देर तक मे अपने ऑफीस में बैठा यही सोचता रहा.., प्राची को मेने यथा संभव जानकारी जुटाने में लगा दिया था, लेकिन वो अब तक कोई सुराग नही दे पाई थी……!

उधर वो स्कॉर्पियो मोहिनी भाभी और रूचि को किडनप करके पहले अपने ही शहर की तरफ बढ़ी.., लेकिन कुछ दूर जाकर जैसे ही ड्राइवर की नज़रों से ओझल हुई.., अगले ही मोडसे उसने विपरीत दिशा में टर्न ले लिया…!

अब वो अली** की तरफ तेज़ी से बढ़ी चली जा रही थी.., उनमें से एक नक़ाबपोश ने मोहिनी के गालों को दबाते हुए कहा – क्यों झाँसी की रानी.., निकल गयी सारी हेकड़ी तेरी..?

यही सोच रही है ना कि हम लोग कॉन हैं..? और कहाँ ले जा रहे हैं तुझे..? तो देख…, ये कहकर उसने अपना नक़ाब हटा दिया.., मूह बँधा होने के कारण वो कुछ बोल तो सकती नही थी.., लेकिन भानु को देखकर बुरी तरह से चोंक ज़रूर पड़ी…!

उन्हें तो अब तक यही पता था कि श्वेता के साथ साथ वो भी मर चुका है…,

तभी भानु जहर बुझे स्वर में बोला – क्यों झटका खा गयी ना.., मे तो मर चुका था फिर जिंदा कैसे हूँ.., यही सोच रही है ना…!

अभी तो तुझे इससे भी बड़ा झटका लगने वाला है हरम्जादि.., तेरे और तेरे उस मदर्चोद देवर की वजह से मेरा जीना हराम हो गया है.., अब देखना कैसे गिन-गिनकर बदले लेता हूँ तुम लोगों से…हाहहाहा….!

फिर उसने प्राची के नाज़ुक अनछुए बदन पर अपने खुरदुरे हाथ से सहलाते हुए कहा – पहले तेरी आँखों के सामने तेरी इस नाज़ुक कली को फूल बनाउंगा.., फिर तुम दोनो को किसी कोठे पर बिठाकर धंधा कर्वाउन्गा…!

उसके खुरदुरे कठोर हाथों को अपने नाज़ुक बदन पर पाकर रूचि बस कसमसा कर रह गयी.., उसकी आँखें झर-झर बहने लगी…!

तुम दोनो को ढूड़ने के लिए वो हरामज़ादा वकील एडी-चोटी का ज़ोर लगा देगा.., लेकिन पता नही कर पाएगा.., फिर तुम दोनो की न्यूड रील बनाकर उससे गिन-गिन कर अपने बदले लूँगा…हाहहाहा….!

भानु की जहर बुझे तीर के माफिक बातें सुनकर मोहिनी की आँखें सिवाय बरसने के और कुछ नही कर पा रही थी.., बेबसी में वो बस अपने आँसू बहाए जा रही थी…!

लंबे सफ़र के बाद अचानक उनकी गाड़ी शहर से बाहर किसी फार्म हाउस में जाकर रुकी.., दोनो को हाथ पैर और मूह बाँधकर एक अंधेरे से कमरे में डाल दिया..!

दरवाजे पर चार गुण्डों को पहरे पर बिठाकर भानु वहाँ से निकल गया….!

उसी दिन 5 बजे लीना ने अपने सभी खास खास लोगों को अपने अड्डे पर बुलाया, उस समय संजू के साथ निर्मला भी थी..!

आते ही लीना ने युसुफ और संजू से कहा – आज रात की मीटिंग तुम लोग संभाल लेना…, सारा हिसाब किताब करके कल मुझे रिपोर्ट देना.., आज की रात मुझे कुछ अर्जेंट काम से बाहर जाना है…!

युसुफ ने जानने की कोशिश भी की लेकिन उसने बहाना बनाकर उसे टाल दिया…!

लीना के जाते ही संजू ने युसुफ से कहा – ये मेडम का व्यवहार कुछ दिनो से मेरी तो समझ में आ नही रहा.., ये सरदार ना जाने कब का पहचान वाला निकल आया…!

जब देखो वो उसी को भाव देती रहती है.., धंधा खड़ा हम लोगों ने किया है और मज़े वो मदर्चोद सरदार लूट रहा है..,

युसुफ – छोड़ ना यार, क्या इतनी सी बात के लिए टेन्षन ले रहा है.., चल फिर भी किसी दिन मेडम से बात कर लेते हैं.., तू चिंता ना कर…!

संजू – तुम्हें तो पता ही है भाई.., मुझे पैसों वैसो की तो पड़ी नही है.., लेकिन जब वो हमें इग्नोर करती है तो दुख होता है…!

युसुफ ने उसे समझा बुझा कर अपने घर चलने को कहा.., तभी निर्मला बोली – संजू भैया.., मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी काम है.., थोड़ा मेरे साथ आओ ना…!

युसुफ – ठीक है अभी तू निर्मला के साथ जा, रात को यहीं मिलते हैं.., ये कहकर वो अड्डे से बाहर निकल गया…!

निर्मला उसे वहीं सोफे पर बिठाकर उससे बातें करने लगी…!

निर्मला – भाई.., तुम सही कह रहे थे.., मुझे भी मेडम की हरकतों से ऐसा लग रहा है कि वो आप लोगों को दरकिनार करके उस सरदार को आगे करती जा रही है..!

अगर हमने जल्दी कुछ नही किया तो एक दिन वो सरदार सब कुछ अपने हाथ में ले लेगा.., मेडम को तो कोई ना कोई मोहरा चाहिए.., तुम ना सही सरदार सही…!

संजू – मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है.., अब तुम ही बताओ मुझे क्या करना चाहिए..?

निर्मला – देखो भाई.., मुझे लगता है.., युसुफ भाई जान तो एक किस्म के दब्बु टाइप के इंसान हैं.., उन्हें तो बस पैसे मिलते रहें भले ही उन्हें कोई भी काम ले..!

लेकिन ये सब कुछ खड़ा हुआ है तुम्हारे दम पर.., तो इसे यूँ ही अपने हाथ से खिसकने देना मूर्खता ही होगी…!

मुझे लगता है, मेडम आज उस सरदार से कहीं एकांत में मिलने वाली है.., क्योंकि वो यहाँ आज आया नही..,

संजू – हुउंम्म…शायद तुम्हारा अंदाज़ा सही है, लेकिन अब कैसे पता करें कि वो उससे कहाँ और क्यों मिलने वाली है…?

निर्मला – क्यों ना हम लोग मेडम का पीछा करें.., अभी भी हमारे पास समय है.., उसके बंगले से ही हम उसका पीछा करते हैं..,

संजू – वाह निर्मला तुम वाकाई में इस लाइन में मास्टर होती जा रही हो.., चलो अभी चलते हैं उसके बंगले पर…!

निर्मला – रूको मे एक मिनट में आई.., ये कहकर उसने अपनी सबसे छोटी उंगली दिखाकर वॉशरूम में घुस गयी..,

कुछ देर बाद वो अपनी उसी फेवोवरिट बाइक पर लीना के बंगले के पास वाले एक रेस्तरा में बैठे उसके बाहर निकलने का इंतेजार कर रहे थे…!
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-02-2019, 02:08 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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