RE: Desi Porn Kahani मेरी चाची की कहानी
5मिनट. बाद चाची अंदर आई और बाल्टी नीचे रख कर यहाँ वहाँ देखने लगी तभी फूफा भी अंदर आ गये और दरवाज़ा बंद कर लिया और तुरंत एक दूसरे से लिपट गये और किस करने लगे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो सालो के बाद मिल रहे है. फूफा ने चाची की सारी को उपर कर दिया और चूतर को मसल्ने लगे, चाची भी जोश मे किस करने लगी, 2, 3 मिनट. बाद फूफा बोले “कोमल लंड चुसोगी?”
चाची: “छीई... नही मैने कभी पहले नही लिया”
फूफा: “अर्रे एक बार लेके तो देखो बड़ा मज़ा आएगा”
चाची: “ना बाबा...मैं नही लेती मूह मे...कोई भला मूह मे भी लेता है”
फूफा: “अर्रे औरते तो को तो लंड चूसने मे बड़ा मज़ा आता है, कमल भी चुस्ती है...उसे तो चूत से ज़्यादा मूह मे लेना अच्छा लगता है, तुम भी एक बार ले के देखो...अगर अच्छा नही लगा तो दोबारा मत लेना”
चाची: “नही नही मुझे वॉमिट हो जाएगी”
फूफा: “अर्रे कुछ नही होगा”
इतना कहते हुए फूफा ने चाची को नीचे बिठा दिया, लंड चाची के मूह के पास लटक रहा था चाची ने तो पहले सिर्फ़ थोड़ा सा ही लंड अपने होंठो पर लगाया और किस करने लगी कुछ देर बाद चाची ने लंड के टॉप को मूह के अंदर लिया और चूसने लगी शायद चाची को अब अच्छा लग रहा था उन्होने थोड़ा और अंदर लिया और चूसने लगी, फूफा का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था और चाची के मूह को चोद रहे थे चाची भी लंड को काफ़ी अंदर तक ले रही थी. अचानक फूफा ने लंड चाची के मूह से निकाला और चाची को खड़ा कर दिया और खुद नीचे बैठ गये और चाची के सारी उपर करने लगे चाची ने सारी अपने हाथ से उपर कर ली और फूफा ने चाची की पॅंटी उतार दी और थाइ पर हाथ फिराने लगे तभी अपनी एक उंगली उन्होने चूत के अंदर डाल दी और अंदर बाहर करनेलगे फिर अपनी ज़बान से चूत को चाटने लगे इतने मे चाची के मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी, चाची अब पूरी तरह से गरम हो गयी थी और फूफा के सर को पकड़ कर अपनी चूत पे दबा रही थी. तभी फूफा ने एक तरफ थुका शायद ये चाची के चूत का पानी था.
चाची एक हाथ से सारी पकड़ी हुई थी और दूसरे हाथ से अपना ब्लाउज उपर किया और चूंची दबाने लगी मे पहली बार चाची की चूत और चूंची को उजाले मे देख रहा था मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. तभी फूफा चाची को सीढ़ी के पास लाए और उन्हे झुका दिया जिसे उनके गोरी गोरी चूतर साफ दिख रही थी, चाची ने सीढ़ी पकड़ी हुई थी और चूतर काफ़ी पीछे किया हुआ था, ताकि फूफा को लंड डालने मे आसानी हो. फूफा चाची की गंद को घूर रहे थे उन्होने भी पहली बार चाची को उजाले मे नंगा देखा था फिर अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और चाची के चूत पर रगड़ने लगे, तभी चाची बोली “राजेश अब डाल भी दो..ज़्यादा वक़्त नही कोई भी आ सकता है”
फूफा: “अर्रे इतनी जल्दी क्या है ज़रा जी भर के देख तो लेने दो तुम्हारी चूत और गंद को”
चाची: “अर्रे बाद मे जी भर के देखना अभी चोदो, कोई आ गया तो बड़ी मुस्किल हो जाएगी”
फूफा: “कोमल तुम्हारी गंद का होल तो काफ़ी टाइट है, क्या कभी तुमने गंद नही मरवाई”
चाची: “चईए.. कैसी बाते कर रहे है आप मे क्या रंडी हूँ, जो अपनी गंद मरवाती फिरू”
फूफा: “अर्रे तुम्हे नही पता औरते तो चूत से ज़्यादा गंद मरवाना पसंद करती है...अगर तुम कहो तो मैं!”
चाची “नही नही...चूत मे तो बड़ी मुस्किल से जाता है अगर गंद मे डालो गे तो मर ही जाउन्गि”
फूफा: “अर्रे एक बार डालके तो देखो”
चाची: “नही...चूत मे डालना है तो डालिए नही तो मैं जाती हूँ”
फूफा: “ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी”
फिर फूफा लंड चूत के अंदर डालने लगे, तभी चाची बोली “ज़रा धीरे से डालिएगा, आज तेल नही लगा है दर्द होगा” पर फूफा कहाँ सुनने वाले थे एक ज़ोर का धक्का दिया आधा लंड अंदर चला गया चाची तो उछल गयी और उनके मूह से चीख निकल गयी, फूफा बोले “कोमल चिल्लाओ मत कोई आ जाएगा, अभी तो सिर्फ़ आधा ही गया है” चाची ने सारी को अपनी मूह मे दबा लिया और फूफा ने एक फिर ज़ोर का धक्का मारा पूरा लंड अंदर चला गया, चाची अपनी गंद घुमाने लगी पर फूफा ने चाची पर झुक कर उनकी कमर पकड़ ली और घोड़े की तरह चोदने लगे. अब चाची का दर्द शायद कम हो गया था इसीलिए उन्होने अपना पैर थोड़ा और फैला दिया था की लंड आसानी से जा सके, फूफा भी चाची की कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर के धक्के दे रहे थे, हर धक्के पर चाची की गंद थिरकने लगती. झुकने कारण उनकी चूंची और बड़ी लग रही थी और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे हिल रही थी, फूफा तो बड़े मज़े से चोद रहे थे पर पसीने से पूरे गीले हो गये थे.
समाप्त
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