RE: Free Sex Kahani चमकता सितारा
‘शायद इस इंडस्ट्री को तुम्हारी ही तलाश थी। आज इस बॉलीवुड को एक सुपरस्टार मिल गया है। मैं और इंतज़ार नहीं कर सकता। तुम अभी और इसी वक़्त हमारे साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करोगे।’
फिर उन्होंने पेपर्स मंगवाए और मेरे सामने रख दिए।
‘यह लो पेन..’
कहते हुए उन्होंने पेन मेरे हाथ में दे दिया।
मेरे आंसू अब थम चुके थे, शायद मुझे मेरी मंजिल मिल चुकी थी या मुझे मेरे दर्द का इलाज मिल गया था। मैंने पेपर्स साइन कर दिए। फिर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टूडियो गूंज उठा और मुझे मेरा पहला चैक दिया गया।
पांच लाख इक्यावन हज़ार का चैक था यह…
मैं अपने डिटेल्स वहाँ स्टूडियो में लिखवा कर बाहर आ गया। तभी मुझे याद आया कि स्टूडियो में फ़ोन ऑफ करवा दिया गया था। मैंने फ़ोन ऑन किया और कोमल को कॉल किया- हैलो.. मैं विजय बोल रहा हूँ।
कोमल- पता है मुझे.. पर कहाँ थे अब तक? तुम्हारा फ़ोन भी ऑफ था सुबह से। फाइलें पहुँचा दी या नहीं?
मैं- अरे थोड़ा सांस तो ले लो। मैं कहीं भागने वाला नहीं हूँ। मेरे पास एक अच्छी खबर है। तुम बस फ्लैट पर पार्टी का इंतज़ाम करो और हाँ.. ये खर्चा मेरी तरफ से रहेगा।
कोमल- क्या हुआ..? अब बता भी दो।
मैं- नहीं मैं ये खबर जब तुम्हें बताऊँ तब मैं तुम सबकी शक्लें देखना चाहता हूँ। मैं बस पहुँच ही रहा हूँ.. बाय..!
मैंने फ़ोन काटा और टैक्सी लेकर चल फ्लैट की ओर पड़ा। रास्ते में वाइन शॉप से मंहगी वाली स्कॉच ली और फ्लैट पहुँच गया। मैंने कॉल बेल बजाई और ऐसा लगा कि जैसे सब मेरे इंतज़ार में ही बैठी थीं, उन्होंने तुरंत दरवाज़ा खोला। मैंने बोतल और फाइलें उनके हाथ में दीं और बिना कुछ कहे वाशरूम जाने लगा।
ललिता ने मुझे पकड़ते हुए कहा- कहाँ जा रहे हो..? पहले बताओ तो सही आज क्या हुआ?
मैं- देख जो हुआ सो हुआ.. पर अभी अगर रोकोगी तो यहीं पर हो जाएगा।
ललिता- ठीक है.. जल्दी आओ, अब हमसे रुका नहीं जा रहा है।
मैं फ्रेश होकर आया और सोफे पर बैठ गया। तीनों मुझे एकटक से घूरे जा रही थीं।
फिर मैंने एक लम्बी सी अंगड़ाई ली और कहा- यार वो गद्दा आ गया है न..? बहुत नींद आ रही है मुझे।
मेरा इतना कहना था कि सबने मुझे सोफे से नीचे गिरा दिया और मुझ पर चढ़ कर बैठ गईं।
कोमल- अब जल्दी से बता दो नहीं तो यही जान ले लूँगी तुम्हारी।
मैं- ठीक है बताता हूँ.. पर पहले हटो तो सही।
सब अपनी जगह बैठ गईं।
‘वो आपने जो लिस्ट मुझे दिया था उसमें सबसे पहला नाम यशराज स्टूडियो का था। सो मैं वहीं गया। वहाँ जाकर मुझे चेतन जी को फाइलें देनी थीं.. पर वहाँ आज ऑडिशन चल रहे थे और चेतन जी से मुलाक़ात एक ही शर्त पर हो सकती थी कि अगर मैं किसी तरह अन्दर पहुँच पाता। सो मैंने ऑडिशन का फॉर्म भरा और अन्दर चला गया और फ़ोन अन्दर ऑफ करवा लिया गया था। चेतन जी कहीं और थे और मुझे सभी कंटेस्टेंट के साथ अलग कमरे में बिठा दिया गया था।
कोमल- तो क्या हुआ..? मुद्दे की बात तो बताओ।
मैं- फिर मुझे मजबूरी में ऑडिशन देना पड़ा।
पायल- तो इसमें कौन सी बड़ी बात है।
अब तक सब मुझे घूरे ही जा रही थीं।
|