Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:09 PM,
#50
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
सुरेश चाचा का वृहत सुपाड़ा मेरी कमसिन अपरिपक्व एक दिन पहले तक अक्षत गांड में एक झटके से अंदर समा गया। मेरी, गांड चुदाई के दर्द को बिना चीखे चिल्लाये सहन करने की सारी तैय्यारियाँ व्यर्थ चली गयीं। मेरे गले से दर्द से भरी चीख उबल कर सारे कमरे में गूँज उठी। मेरी चीख मानो सुरेश चाचा के लिये उनके विशाल लंड की विजय की तुरही थी। सुरेश चाचा ने जैसे ही मेरी चीख का उत्कर्ष अवरोह की तरफ बड़ा एक भीषण निर्मम धक्के से अपने विकराल लंड की दो तीन इन्चें मेरे मलाशय में घुसेड़ दीं। मेरी दर्द से भरी चीखों ने सुरेश चाचा के हर भयंकर निर्मम धक्के का स्वागत सा किया। "चाचू, मैं मर गयी ..... मेरी ... ई ..... ई ... गा .....आ .... आ ..... आंड .... आः बहु .....आः दर्द ... चा ...आआआ ...." मैं बिबिला कर मचल रही थी पर मेरी स्तिथी एक निरीह बछड़े की तरह थी जो एक विकराल शेर के पंजों और दाँतों के बीच फंस चुका था। सुरेश चाचा ने शक्तिशाली विश्वस्त मर्दाने धक्कों से अपना लंड मेरी तड़पती, बिलखती गांड में पूरा का पूरा अंदर डाल दिया। मेरे आँखों में दर्द भरे आंसू थे। मैं तड़प कर बिलबिला रही थी पर मेरे मचलने और तड़पने से मेरी गांड स्वतः चाचू के लंड के इर्द-गिर्द हिलने लगी। सुरेश चाचा ने अपने विकराल लंड मेरी जलती अविस्वश्नीय अकार में चौड़ी हुई गांड से बाहर निकालने लगे। मेरी गुदा के द्वार ने उनके लंड की हर मोटी इंच की दर्द भरी रगड़ को महसूस किया। मेरी दर्द भरी सीत्कारी ने सुरेश चाचा के की मेरे कमर के ऊपर की जकड़ को और भी कस दिया। सुरेश चाचा ने एक गहरी सांस ले कर अपने शक्तिशाली शरीर की असीम ताकत से उत्त्पन्न दो भयंकर धक्कों में मेरी गांड में जड़ तक शवाधन कर दिया। मेरी चीत्कार पहले जैसी हृदय-विदारक तो नहीं थी पर फिर भी मेरे कानों में जोर से गूँज रही थी। चाचू ने बेदर्दी से अपना विशाल लंड की छेह और सात इंचों से मेरी गांड का मर्दन शुरू कर दिया। चाचू के हर धक्के से मेरा पूरा असहाय शरीर हिल रहा था। सुरेश चाचा ने मेरी दर्द भरी चीत्कारों की उपेक्षा कर मेरे मलाशय की गहराइयों में अपना लंड मूसल की तरह जड़ तक कूटने लगे। मेरी गांड का संवेदनशील छिद्र चाचू के मोटे लंड की परिधि के ऊपर इतना फ़ैल कर चौड़ा हो गया था कि उसमे से उठा दर्द और जलन की संवेदना मेरे शरीर में फ़ैल गयी थी। मुझे याद नहीं की कितने भीषण धक्कों के बाद अचानक मेरी गांड में से आनंद की लहर उठने लगी। मुझे सिर्फ इतना ही याद है कि मेरी चीत्कार सिस्कारियों में बदल गयीं। सुरेश चाचा ने मेरी सिस्कारियों का स्वागत अपना पूरा विकराल लंड मेरे मलाशय से बाहर निकाल कर एक ही टक्कर में जड़ तक मेरी गांड की मुलायम कोमल, गहराइयों में स्थापित कर दिया। मैं मचल उठी, "चाचू, क्या आप शुरूआत में मेरी गांड थोड़ी धीरे नहीं मार सकते थे? कितना दर्द किया आपने!" सुरेश चाचू ने एक और भायानक धक्का लगा कर मुझे सर से चूतड़ों तक हिला दिया, "नेहा बेटा, आपकी नम्रता चाची का विचार है कि यदि पुरुष का लंड गांड मारते हुए स्त्री की चीख न निकाल पाए तो स्त्री को भी गांड मरवाने का पूरा आनंद नहीं आता। मैं चाची के विचित्र तर्क से निरस्त हो गयी थी, और अब मेरी गांड में से उपजे कामानंद ने मेरी बोलती भी बंद कर दी थी। "चाचू, अब आपका लंड मेरी गांड में बहुत अच्छा लग रहा है। कितना मोटा लंड है आपका," सुरेश चाचा के भीषण धक्कों ने मेरी सुरेश चाचा के मर्दाने भीमकाय लंड की प्रशंसा को बीच में ही काट दिया, "उन्ह ... चाचू .....आः .....आह ...... ऊऊण्ण्णः ...... ऊऊऊण्ण्ण्ण्घ्घ्घ्घ ऊफ ....ऊफ ...... चाचू मेरी .... ई ... ई .... गा ...आ ..... आ .... आनन ...आः।" अब तक सुरेश चाचा ने मेरी गांड के मर्दन की एक ताल बना ली थी। चाचू दस बीस लम्बे दृढ़ धक्कों से मेरी गांड मार कर छोटे भीषण तेज़ अस्थिपंजर हिला देने वाले झटकों से मेरी गांड को अंदर तक हिला रहे थे। कमरे में मेरी गांड की मोहक सुगंध फ़ैल गयी थी। सुरेश चाचा ने मेरे दोनों हिलते स्तनों को अपने हाथों में भर कर मसला और मेरे कान में फुसफुसाये, "नेहा बेटी आपके मलाशय की मीठी सुगंध कितनी आनंददायक है?" मैं अब कामवासना से सिसक रही थी और कुछ भी नहीं बोल पाई, "आः .. चाचू .... मुझे ... झाड़ ....ऊऊऊण्ण्णः ऊँ ....आह। सुरेश चाचा ने मेरी वासना भरी कामना की उपेक्षा नहीं की। उन्होंने मेरे मेरी दोनों चूचियों का मर्दन कर मेरी गांड को भीषण धक्कों से मारते हुए गुर्राये, "बेटी, आज रात हम आपकी गांड को फाड़ कर आपको अनगिनत बार झाड़ देंगे।" मेरे चूतड़ अब चाचू के लंड के हिंसक आक्रमण से दूर आगे जाने के स्थान पर अब उनके धक्कों की तरफ पीछे हिल रहे थे। सुरेश चाचू ने ने मेरा एक उरोज़ मुक्त कर मेरे संवेदनशील भगशिश्न को अपनी चुटकी में भर कर मसलने लगे। मेरा सारा शरीर मानो बिजली के प्रवाह से झटके मार कर हिलने लगा, "आह .. मैं .... आ गयी .... चा... चू .....मैं ...आः ....झ ...झ ... ड़ गयी ... ई ... ई।" मेरा रति-निश्पति की प्रबलता ने मेरी सांस के प्रवाह को भी रोक दिया। मेरा शरीर थोडा शिथिल हो गया। पर चाचू ने अपने मज़बूत हाथों से मेरे चूतड़ को स्थिर रख मेरे गांड में अपना विकराल लंड रेल के इंजन के पिस्टन की ताकत और तेज़ी से कर रहा था। मेरे मलाशय की समवेदनशील दीवारें अब उनके लंड की हर मोटी शिरा,रग और नस को महसूस कर रहीं थीं। **********************************************************************
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार - by sexstories - 05-18-2019, 01:09 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,558,996 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,952 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,257,667 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 950,737 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,687,243 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,109,170 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,999,490 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,217,701 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,090,510 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,555 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)