RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
अनुराधा: अया...भैयाय्ाआअ.....गुड़गुलिीईईईईईईईईईईईई......हो रही...अया,,,....उऊःमहमह....भाय्याअ.आ.आ.आ..एयाया
मे: मज़ा आ रहा है...??
अनुराधा: आआआअहह..
वो चीखने लगी और उसकी चूत से दूध का फाउंटन निकल पड़ा...उसकी साँसे बहोत तेज़ हो गयी थी और उसे बहोत इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ था.. वो हाफने लगी और आखे बंद करके उसी पोज़िशन मे रही.. मैने उसे छोड़ा और वो मेरी तरफ देखने लगी...
अनुराधा: भैया...मैं हमेशा तुम्हारी रंडी बनी रहूंगी बस मुझे चूस्ते रहना...
मगर मेरा लंड अब भी कड़क था,खड़ा था..मेरी आग अभी बुझी नही थी. मैं उसकी ओर देखन लगा और वो मेरे लंड को देख रही थी.. मेरे लंड से प्रेकुं टपक रहा था..वो समझ गई. वो अपनी पीठ के बल लेटी थी.. उसकी नंगी टाँगे स्प्रेड थी..दूध अब भी उसकी चूत से टपक रहा था. मैने उसकी चूत को उंगली से टच किया और उसका जूस अपने लंड पे लगा दिया... उसकी चूत चमक रही थी.
मे: अब मेरे लंड का क्या???
अनुराधा: लंड तुम्हारा हैं...खुद ही कुछ कर्लो..मैं क्या करू..?
वो अब इतनी सेडक्टिव लग रही थी..मेरा लंड अब डार्क रेड होने लगा था..
मे: नाटक मत कर और चुप चाप कुछ कर इसका..
उसे मस्ती सूझने लगी और वो नखरे करने लगी..
अनुराधा: मैं थक गयी हूँ अब और मेरी चूत भी दुख रही हैं...आज तुम ही कुछ कर्लो...
मे: अच्छा??? मैं ही कुछ करूँ...ठीक हैं...
मैने उसकी टाँगे पकड़ी और उसे अपनी ओर खीचा...वो हँसने लगी..
मे: अब मैं ही कुछ करता हूँ अपने लंड के लिए...
मैने उसके हाथों को बेड पे दोनो साइड स्ट्रेच कर दिया.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी थी.. मैं उसके उपर चढ़ गया और अपनी गान्ड उसके निपल्स पे टिका दी..वो छटपटाने लगी और अपने आप को फ्री करने की कोशिश करने लगी..मैने अपना वेट उसपे दे रखा था तो उठ नही पा रही थी वो... अब मेरा लंड उसकी नेक को टच कर रहा था..
अनुराधा: भैया....क्या कर रहे हो??? छोड़ो मुझे...जाने दो...
मैने अपने राइट हॅंड से उसका लेफ्ट लेग उपर किया और साइड से उसकी गान्ड पे ज़ोर की स्लॅप मारी..
मे: साली,,,जब मैने कहा कि कुछ कर तो नाटक कर रही थी...तूने ही तो कहा था कि खुद ही कुछ करलूँ..अब कर तो रहा हू मैं जो चाहूं करूगा अब.. कसम से अगर तू 14-15 की होती ना तो अभी तो चोद डालता तुझे,,,
अनुराधा: अया...भैया...मारो मत..मैं चूस्ति हूँ लंड तुम्हारा...उठो मेरे ऊपर से..
मे: मैं नही उठने वाला अब तो..अब जैसा मैं चाहूं वो तू करेगी..
इतना कह के मैने साइड मे रखी हनी की बॉटल को हाथ मे लिया...
मे: हनी पसंद हैं ना तुझे??
अनुराधा: हाँ...
मे: आज तू स्वीट लंड लेगी मेरा... हाथ आगे कर...
अनुराधा: क्यू??
मैने इस बार उसका निपल पिंच किया...
अनुराधा:आआआआआआहह.......................................ससिईईईईईईईई..हमम्म...
मे: जैसा कहा है वैसा कर...ठीक हैं??
अनुराधा: हाँ भैया...
मे: हाथ सामने कर,इस बॉटल से हनी अपने हाथ पे डाल..और मेरे लंड पे लगा..
मैने बॉटल उसके हाथो मे दी और वो हनी हाथ मे लेने लगी.. मैं थोड़ा और आगे हो गया..अब मेरा लंड उसके चेहरे पर था..चीक्क बोन को टच कर रहा था.. वो मेरे लंड पे हनी लगाने लगी...
अनुराधा: हो गया!! अब?
मे: मूह खोल .. अब मैं ये लंड तेरे मूह मे डालुगा इसी पोज़िशन मे और तू इसे चुसेगी..
मैं अपने घुटनो के बल आ गया और लंड उसके होंठो पे टिका दिया.उसने अपना गरम मूह खोला और मैने लंड उसके मूह मे अंदर तक घुसा दिया...
मे: आअहह....अब ये लंड तभी तेरे मूह से निकलेगा जब मेरा दूध निकलेगा..चूस
वो अपना मूह आगे पीछे करने लगी और मैं अपनी कमर हिलाने लगा.. उसके सॉफ्ट लिप्स मेरे लंड पे टाइट लगे थे..हनी की वजह से लंड आसानी से आगे पीछे हो रहा था...
मे: आअहह...ऐसे....ऐसे...आह....ले मूह मे..साली रंडी मेरा चूस...आआहाहाकज़साआहहहा और ले.....आहा आह आह आह आह आह आह आह
मैं ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे होने लगा और अपने बॉल्स उसके चेरे पे पटाकने लगा..
मे: अच्छा लग रहा है ना मेरा लंड?? अगर हाँ तो अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल.. मैं समझ जाउन्गा..बोल मत..मूह चालू रख..
उसने अपनी उंगली चूत पे लगा दी,,मेरा स्वीट लंड वो बड़े प्यार से चूस रही रही थी..
मे: आह्ह्ह्ह्ह्ह..आह आहम्म्म्म ममम आह आह अनुराधा..रुक मत...आह मैं छोड रहा हू..
मैं उसके मूह मे झड गया और थक कर उसकी साइड मे लेट गया..मेरी साँसे तेज़ थी बहोत और उसके मूह से मेरा कम ड्रिप किया थोडा सा...मैने उसे उंगली से सॉफ किया और वही उंगली उसकी चूत पे घिसने लगा..उसकी गीली गीली चूत...मैं घिसते रहा और उसे एक और ऑर्गॅज़म हुआ..
मे: अनुराधा??
वो हाफने लगी...
अनुराधा: क्या??
मे: चोदु तुझे अभी??
अनुराधा: हाँ भैया..चोदो मुझे अभी...मैं तुम्हारी रंडी हूँ...
हम किस करने लगे..
मे: आज नही मगर मैं ही तुझे चोदुगा ये प्रॉमिस है मेरा,,तब तक ऐसे ही चलने दो.. और जिस दिन तुझे ठीक से जवानी आ गयी उस दिन मैं तेरी गान्ड मारूगा,तेरे निपल्स चूसूगा और तेरी चूत मे ये लंड डालुगा..
हम थक गये थे..थोडा रेस्ट किया और फिर बाथ लिया.वहाँ भी एक बार ओरल सेक्स किया और फिर मैं उसे घर छोड़ आया..
इस बात को आज काफ़ी साल हो गये..मैं पढ़ाई करने के लिए दूसरी सिटी मे चला गया. अनुराधा को देखे काफ़ी साल बीत गये थे. ना मैने उसे देखा था ना बात की. मगर फिर एक बार चान्स आया. मेरी बुआ के लड़के की शादी थी तो मुझे घर जाना था. ऑलमोस्ट 2-3 साल हो गये थे हमारे बीच जो कुछ हुआ उस सब को. मैं बहोत एग्ज़ाइटेड था क्योकि मैं जानता था कि इश्स बार अब अनुराधा चुदेगि मुझसे. शादी भले ही किसी और की हो मगर सुहागरात तो मैं ही मनाउन्गा.
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