RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मैं बेड पे आ गया..वो मेरे सामने ही बैठी थी अपने नीस फोल्ड करके..उस वजह से उसका स्कर्ट थोड़ा उपर हो गया था.. मैं बेड के सामने खड़ा हो गया और उसके लेग्स पकड़ के उसे बेड की एड्ज तक खीचा.. अब वो मेरे सामने लेटी थी. मैने उसे उल्टा किया.
मे: कुत्ता देखा हैं?
अनुराधा: हाँ..
मे: कुत्ते जैसी बैठ..
अनुराधा: मतलब??
मे: अर्रे जैसा कुत्ता खड़ा रहता हैं ना उस तरह से बैठ..
अनुराधा: समझी नही कुछ..
मैं उसको पेट से पकड़ के उठाया और उल्टा कर दिया..तो वो पेट के बल लेटी थी.. फिर मैने उसके बाल पकड़े और उन्हे खीचा..
अनुराधा: आअहह...दर्द हो रहा..बाल क्यू खीच रहे हो?
इस दौरान वो अपने आप ही डोगी स्टाइल मे आ गयी..
मे: देख तू किस तरह बैठी हैं..
उसने अपनी नज़रे पीछे घुमाई और समझ गयी कि डॉगी स्टाइल क्या होता हैं..
मे: समझी?? अब जब भी डॉगी स्टाइल कहूँ ऐसे बैठ जाना तू,..
अनुराधा: हाँ भैया...अब खाना खाते ना??
मे: मैने क्या कहा था तुझे?? तू क्या हैं मेरी??
अनुराधा: रंडी..
मे: हां...तो मूह बंद रख और जितना कहता हूँ वैसा कर..समझी..??!!
अनुराधा: हाँ भैया..
अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी.. मैने उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठना स्टार्ट किया. उसने वाइट कलर की पैंटी पहनी थी.. मैने उसकी स्कर्ट को उसकी गान्ड पे रखा और अपने थंब से उसकी चूत को उपर से सहलाने लगा..
अनुराधा: अया..उम्मह..
और फिर वैसा करते ही मैने उसकी स्कर्ट को खीच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया...अब वो सिर्फ़ पैंटी और शर्ट मे थी...मैने उसे सीधा किया और घुटनों के बल बैठा दिया.. अब वो समझ गयी और खुद ही अपना शर्ट निकालने लगी..अब सिर्फ़ चड्डी पहनी थी वाइट कलर की.. वो पैंटी उतारने लगी तो मैने उसे रोक दिया..
अनुराधा: क्या हुआ?? नही निकालु...
मैने उसकी मासूम शक़्ल को देखा... और उसे बाहों मे जाकड़ लिया और फ्रेंच किस करने लगा..वो भी मेरी कॉपी करने लगी...
मे: मेरा लंड पकड़..
अनुराधा: तुमने तो निकाला ही नही..कहाँ से पकडू...
मे: तो तू निकाल..
वो खड़ी हो गयी और अपने हाथो से मेरी जीन्स निकालने लगी और मेरी अंडरवर भी एक झटके मे निकाल दी..और मेरा लंड स्प्रिंग जैसा उसके सामने आ गया.. उसे अब कोई शर्म नही आ रही थी अब..जैसे ही मेरा लंड देखी उससे खेलने लगी..
मे: अभी मत कर कुछ..रहने दे... डॉगीस्टाइल मे आजा
वो फिर डॉगीस्टाइल मे बैठ गयी.. मैने उसकी चड्डी की ओर देखा..और उसकी चूत को मसल्ने लगा,गान्ड पे किस करने लगा..
मे: आज तेरी चूत ज़्यादा गीली नही लग रही...
अनुराधा: क्यू??
मे: मैं चाहता हू कि तेरी चूत इतनी गीली हो जाए कि तेरी पैंटी पूरी तरह भीग जाए..
अनुराधा: मगर कैसे भैया??? मैं मुतु क्या?
मे: नही.अपने आप ही गीली हो जाएगी..
इतना कहके मैने उसकी चड्डी निकाल दी और वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी..मैने उसके निपल्स को पिंच किया तो कराह उठी..मेरे लंड से प्रेकुं निकल रहा था...
अनुराधा: भैयाया दूध..
मे: हाँ पता हैं..तेरे लिए ही हैं..बट अभी नही..
मैं अपनी रूम मे गया और एक टवल ले आया..
मे: अब तेरी चूत को गीला करेगे..
अनुराधा:कैसे??
मे: खड़ी होज़ा..बेड पे..
वो बेड पे खड़ी हो गयी..मैं उसके पीछे आया और घुटनो पे बैठ गया.. अब मेरा लंड उसकी गान्ड को छू रहा था..
अनुराधा: क्या कर रहे हो?
मे: तेरी गान्ड मे लंड घुसा रहा हू..
अनुराधा: नही..भैया.....दुख़्ता हैं..प्लज़्ज़्ज़...
मे: अंदर नही घुसा रहा...चुप से खड़ी रह..
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया..
मे: लेग्स स्प्रेड कर..
उसने अपने लेग्स फैला दिए और मैने उसके पैरो के बीच ठीक चूत के नीचे अपना लंड घुसा दिया.
मे: लेग्स बंद कर..
अनुराधा: लंड तो निकालो...
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