RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मैने सिर्फ़ उसकी अंडरवर निकाली तो वो भागने लगी. मैने फिर उसे अपनी बाहो मे जकड़ा और बेड पे पटक दिया. उसकी शक़्ल रोने जैसी हो गयी थी. मैने फिर उसे किस किया. इस बार उसने भी किस की. मैं खड़ा हो गया उसके सामने और मेरा लंड टेंट बनाए हुए था पॅंट मे. मैने उसे मेरा लंड पकड़ने को कहा. वो ना कहने लगी और खुदकी नंगी चूत छुपाने लगी. मैने उसे कहा कि तूने प्रॉमिस की थी. मैने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे घुमाने लगा और वो अपना हाथ पीछे लेने लगी. मैने उसको कहा कि तू जानती हैं ये क्या हैं. उसने बड़ी मासूमियत से कहा"गोल-गुंडा".
मैने ये नाम पहली बार सुना था. मैने उसे कहा "नही इसे लंड कहते हैं और ये जो तेरे पैर के बीच हैं इसे चूत!!". मैने उससे कहा "देखेगी लंड?". तो वो ना कहने लगी मगर उसकी वो आखे मेरे लंड की ओर ही देखने लगी थी. मैं समझ गया और अपने लंड को आज़ाद कर दिया. उसने एक झलक देख कर अपनी आखे बंद कर ली. अब उसके दोनो हाथ उसके चेहरे पे थे. उसका स्कर्ट घुटनो तक आ गया था. मैने एक ही झटके मे उसका स्कर्ट निकाल दिया. अब वो नीचे से नंगी थी. क्या नज़ारा था..!! उफ़फ्फ़... मेरे लंड से प्रेकुं निकल गया. फिर वो खड़ी हो गयी और अपनी टाँगो को दबा लिया और बेड पे खड़ी हो गयी. मैने उसे फिर से पकड़ा और अपने पास लाया जिसका वो विरोध करने लगी. काफ़ी सब्र करने के बाद मेरी हवस जवाब दे गयी. मैने उससे खीच कर बेड पर पटक दिया तो वो थोड़ा रोने लगी. मैने कहा
"नंगी हो पूरी!"
अनुराधा-"मुझे घर जाना हैं"
मे: ज़रूर जाना. मगर पहले नंगी हो. साली नखरे कर रही है . आज तो तेरी चूत चूस्के ही रहुगा.
अनुराधा: मतलब?
मे: तुझे जैसा कहता हू वैसा कर. तुझे बहोत मज़ा आएगा.
अनुराधा: क्या?
मे: नंगी हो. पूरी तरह से.
अनुराधा: क्यू?
मे: मैं तुझे नंगा देखना चाहता हू.
वो धीरे धीरे अपना टीशर्ट निकालने लगी. मैने उसकी टीशर्ट जल्द से निकाल के फेक दी. वो शर्म से छुपने लगी. मैं भी पूरा नंगा हो गया. उसकी आखे बंद ही थी. मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और अपने लंड पे रख दिया. तो उसने हाथ हटा लिया.
मे: अगर तू जैसा मैं कहता हू वैसा नही करेगी तो मैं तुझ से कभी बात नही करूँगा.
वो सहम गयी.
अनुराधा: मुझे शर्म आती हैं
मे: शर्म क्यू? मैं तेरा भाई हू. पहले तू आखे खोल
अनुराधा: नही
मे: प्लीज़...
उसने आखे खोली और मेरे जिस्म पे नज़र डाली और सीधा लंड को देखी.
मे: मैने कहा देख इसे. टच कर,
अनुराधा: ना
मे: जितना कहता हू उतना कर
वो मान नही रही थी. काफ़ी समझाया बट मानी नही. मैने उसके सामने एक बार मूठ भी मारी. पहली बार किसी लड़की के सामने मैने मूठ मारी और वीर्य गिराया भी. वो मेरे लंड को देखने लगी. ऑलमोस्ट 10 मिनट से मैं उसके सामने नंगा खड़ा था तो उसे भी अब शर्म नही आ रही थी. फिर भी वो अपनी चूत छुपा रही थी. मैं झड गया तो थोड़ा शांत हुआ. हम फिर बेड पे बैठ गये. इस बार इसने अपनी टाँगे स्प्रेड कर ली थी. और नंगी होने की वजह से उसकी खूब सूरत चूत मेरी आखो के सामने थी. मैने उससे बात करना स्टार्ट की. गंदी बाते. सेक्स की,चुदाई की.
मे: एक बात बता.
अनुराधा: क्या?
मे: तू सुसू कैसे करती?
अनुराधा: बैठ के. जैसे सब लड़किया करती
मे: मगर..लड़कियो को लंड कहाँ होता हैं??
अनुराधा: तो हम यहाँ से करते हैं ना!!
उसने अपनी राइट हॅंड की उंगली उसकी चूत पे रखी और बताने लगी.
मे: मगर कहाँ से आता है वो..
अभी तक वो भूल गयी थी कि हम दोनो पूरी तरह नंगे हैं. उसने अपनी दोनो टाँगे पूरी तरह खोल दी थी और उसकी चूत के लिप्स मेरे सामने थे.. दुनिया मे सबसे सुंदर चीज़ मेरे सामने थी. उसकी वर्जिन टाइट चूत. एक भी बाल नही. और वो थोड़ी चमक भी रही थी. मतलब उसकी चूत भीग रही थी.उसे सेक्स चढ़ रहा था. कसम से अगर वो 15-16 की होती तो मैं उसकी इतनी चुदाई करता कि उसकी चूत लाल हो जाती. उसके निपल्स चूस चूस कर उनको लाल कर देता. तभी मुझे याद आया कि मैं निपल तो चूस ही सकता हू.
मे: अनुराधा, लेट जा बेड पे.
अनुराधा: क्यू?
मे: बस लेट जा.
वो अपनी जगह से उठी और पीछे चली गयी. मैने उसका हाथ पकड़ा और ज़बरदस्ती उसे बेड पे लिटाया. वो हँसने लगी. मैने उसकी थाइस को पकड़ा..और उन्हे स्प्रेड कर दिया और उसकी चूत को नज़रो से पीने लगा.. मैं धीरे धीरे उसके नंगे जिस्म पे चढ़ता गया और फाइनली उसके होटो पे मैने अपने होठ रखे. उस पोज़िशन मे मैं उसके जिस्म पे पूरी तरह चढ़ गया था. हम दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से भिड रहे थे . वो मेरी आखो मे देख रही. उसकी वो लस्टी आखे. उन आखो को देख कर मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. ऐसा कभी भी नही हुआ था कि मैने मूठ मारी हो और 5 मिनट बाद फिर खड़ा हुआ हो. ये उसके जिस्म का जादू ही था कि मेरा लंड पत्थर सा हो गया. मैने उसको किस करना स्टार्ट किया. वो नही जानती थी कि किस कैसे करते हैं मगर वो मेरी कॉपी करने लगी. उसने मेरे होंठो को चूसना स्टार्ट किया.
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