vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत
05-13-2019, 12:32 PM,
#16
RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
कालिया की एक हरकत ने आग की ज्वाला भड़का दी थी ,रातों रात ये चर्चा आम हो चुकी थी कि किसी गांव के नवजवानों ने ठाकुर के लोगो को मार डाला ,और ना सिर्फ मारा बल्कि एक गाला काट कर ठाकुर को भी भेज दिया ,
इस हरकत से बाकी के सभी गांव के उन युवकों में जो की अभी ठाकुर की मजदूरी करते थे अब वो भी अपनी कायरता का अहसास करने लगे थे,
उन्हें भी लगने लगा था की वो अपने घर की औरतो की इज्जत को बचने के लिए अपनी जान भी दे देंगे ,और ठाकुर के बंधवा मजदूरों ने रातों रात ही विद्रोह कर दिया ,ठाकुर के कई लोग मारे गए वही ठाकुर ने भी अपना जोर लगाना शुरू कर दिया था ,उसने पुलिस की भी मदद ली और पुलिस ने आकर मजदूरों पर गोलियां चला दी जिससे कुल्हाड़ी और तीर कमान रखे कई लोग मारे गए ,खूनी खेल को वही दबा दिया गया और सरकारी तंत्र को पैसा और ख़ौफ़ के बल में ठाकुर ने खरीद लिया ,एक जीत से ठाकुर भी अहंकारी हो गया था और अब वो पुलिस की सहायता से कालिया और गांव वालो को सबक सिखाना चाहता था …….
इधर 
“कालिया हमारी देखा देखी ठाकुर के पास रह रहे मजदूरों भाइयों ने भी ठाकुर के लोगो पर हमला कर दिया लेकिन सभी मारे गए ,ठाकुर के 20 लोगो को मार दिया था लेकिन ठाकुर ने पुलिस बुला दी और हमारे भाइयों को गोलियों से छल्ली कर दिया गया ,लगभग 50 मजदूर मारे गए …...कई घायल भी है ,एक ही रात में सब हो गया ,और आज इंस्पेक्टर और ठाकुर के लोग हमारे ऊपर टूटने वाले है ,हमारे एक फैसले से तबाही ही तबाही मचने वाली है ……”
कालिया अपने साथी की बात से गंभीर हो गया था ,अभी 3 घंटे ही हुए थे उसे ठाकुर के लोगो को मारे हुए रात अभी भी बाकी थी और उनके पास सिर्फ 10 बन्दूखे थी ,वही ठाकुर के पास पूरी फ़ौज थी ,अब कत्लेआम होना स्वाभाविक था ,साथ ही उसे अपने परिवार का भी डर था ,गांव की और भी लड़कियों का भी डर था ,लेकिन वो अपने फैसले से मुकर भी तो नही सकता था ,ना ही डरने का समय था ,अब तो उसे मासूम जिंदगियों को लूटने से बचना था ……..
वो उठा 
“इससे पहले की वो हमपर हमला करे हमे उनपर कर देना चाहिए ,उन्हें मौका ही नही देना है सम्हालने का …”
कालिया ने अपने दोस्तो को तुरंत ही इकठ्ठा किया जिनकी संख्या अब और भी बढ़ गई थी ,वो 20 से 50 हो चुके थे आसपास के गांव के लोग भी उनके साथ हो चुके थे ,वो कुछ को गांव में छोड़कर अपने बाकी साथियों के साथ निकल गया ,उसका अगला मुकाम था पुलिस स्टेशन …
इंस्पेक्टर ने पहले ही पास की बटालियन से सिपाही बुला लिया थे …
“कालिया आज तो खून की होली खेलने वाले है ये लोग,देखो पुलिस के कितने लोग है सभी तैयारी कर रहे है साथ ही ठाकुर के भी आदमी है ,सभी हमारे गाँव की ओर जाने वाले है …”
कालिया के साथी की बात से सभी थोड़े डर गए थे ,लेकिन कालिया के चहरे में शिकन तक नही थी ,उन जैसे पुलिस के लोगो में से एक को पहचान कर अपने दोस्तो से कहा ,
“ये तो तिवारी भैया है ना ...पास के गांव वाले ,इन्हें कैसे भी करके मेरे पास लाओ “
“कालिया वो भी अब पुलिस वाला है “
“तो क्या हुआ है तो हमारे ही बीच के हमारी बात को समझ पाएंगे ,आखिर इनकी भी तो बहु बेटी,मा होगी जिनकी इन्हें फिक्र हो “
थोड़े देर में ही एक कंकड़ से तिवारी का ध्यान आकर्षित किया गया और जैसे ही तिवारी ने गांव के लोगो को देखा वो किसी बहाने से झड़ियो के पास आ गया 
“भइया गांव वालो की जिंदगी आपके हाथो में है “
तिवारी कालिया को बेहद ही गुस्से से घूर रहा था 
“ये सब कुछ तुम्हारे कारण हो रहा है और मैं क्या कर सकता हु मैं एक छोटा सा सिपाही ही तो हु “
“आप ही सोचो की अगर आपके बहन पर ये बात आती तो आप क्या करते ,भैया साथ दीजिये आप बहुत कुछ कर सकते हो “
तिवारी सोच में पड़ गया था 
“मुझे बस इंस्पेक्टर तक पहुचाइए,ये इंस्पेक्टर ही है जो की ठाकुर का कुत्ता है अगर वो ही खत्म हो जाए तो पुलिस भले ही हमे ढूंढेगी लेकिन यंहा तुरंत ही बड़े अधिकारी जरूर आ जाएंगे और ठाकुर कुछ भी नही कर पायेगा ,”
तिवारी जैसे आग बबूला हो गया 
“सालो तुम अपने को समझते क्या हो ,बड़े अधिकारी को क्या ठाकुर नही खरीद सकता गांव के गांव तुम्हारे कारण खत्म कर दिए जाएंगे “
“हा लेकिन अगर उन्हें पता हो की मैं कहा हु तो वो मुझे ढूंढेंगे ना की गांव वालो को परेशान करेंगे ,और अगर साथ में अखबार वाले भी हो जाए तो सब कुछ ठिक हो जाएगा “
तिवारी सोच में पड़ गया था 
“अगर आज रात तक इन्हें गांव में जाने से रोक लिया जाए तो एक आदमी है जो की हमारी मदद कर सकता है ..”
तिवारी को जैसे कुछ याद आ गया था 
“कौन है एक सनकी लेकिन काम का आदमी मैं उसे शहर में मिला था वो तुम्हरी मदद जरूर कर सकता है ,वो अगर आ जाए हमारे साथ तो पुलिस गांव में जाकर तबाही नही करेगी लेकिन हा तुम्हे जरूर यंहा से कही दूर भागना पड़ेगा “
सभी मिलकर एक प्लान बनाते है 

*************
“हजूर इतनी रात को ठाकुर का काम हद हो गई …”तिवारी इंस्पेक्टर के पास आकर कहता है 
“क्या करे इस साले की नॉकरी भी बजानी पड़ती है ,पैसा तो यही देता है…चलो गांव में धावा बोलने की तैयारी करो आज तो मजा आ जाएगा ,गांव की हर औरत को नंगा करूंगा वो भी अपने हाथो से “
इंस्पेक्टर की हैवानियत भरी हँसी सुनकर तिवारी को ऐसा लगा की अभी उसे जान से मार दे लेकिन फिर भी उसने खुद को काबू में कर लिया था……..
“हजूर वो सब तो ठिक है लेकिन गांव के लोग भड़क गए तो हमारी खैर नही”
तिवारी की बात सुनकर इंस्पेक्टर को जोरो से हँसी आयी 
“वो साले गवार हमारा क्या कर लेंगे ,हमारे पास ताकत है और ठाकुर के आदमी भी तो हमारे साथ है “
तिवारी जबरदस्ती हंसा 
“वो तो है ,क्यो ना जाने से पहले थोड़ा सा जश्न मना लिया जाय ,साले गांव वाले रातों रात गांव छोड़कर जाने के फिराक में थे हमने पकड़ लिया ,एक मस्त लौंडिया हाथ आ गई है “
तिवारी की बात सुनकर इंस्पेक्टर की आंखों में चमक आ गई 
“कहा है “
“खास हुजूर के लिए छिपा के थाने के पीछे झड़ियो में रखी है ,अगर इन लोगो के हाथो में आ गई तो सोच लो क्या हाल होगा “
इंस्पेक्टर ने तिवारी की तारीफ की और एक शराब की बोलत से दो घुट पीकर सीधे ही झड़ियो की तरफ सब से नजर बचा कर चल दिया ,...
“उह उह “इंस्पेक्टर कुछ बोलना चाहता था लेकिन उसके मुह से कुछ भी नही निकल पा रहा था ,कालिया ने उसके मुह को जोरो से दबोच लिया था ..
‘खचाक ‘
चाकू की नोक इंस्पेक्टर के पेट में घुसी और पूरी अंतड़ियों के साथ बाहर आ गई ,साथ ही एक जोर का वार उसके गले में किया गया और लहू की धार का एक फुहारा सा फुट गया …
इंस्पेक्टर तड़फता हुआ जमीन में गिर पड़ा …….
घोड़ो के आवाज से सबका ध्यान उस ओर गया ..
“वो देखो साले भाग रहे है”
तिवारी ने जोरो की आवाज लगा दी ,ठाकुर के आदमी के साथ साथ पुलिस वाले भी उस ओर देखने लगे ,
“ये साले है कौन और यंहा क्या कर रहे है …”
एक हफते हुए पुलिस वाले ने पूछा ..
तिवारी अपने चहरे की मुस्कान को बड़ी ही मुश्किल से रोक पाया था ..
“क्या पता ऐसे इंस्पेक्टर साहब कहा है …”तिवारी ने जोरो से कहा ,सभी लोग इंस्पेक्टर को ढ़ंढने लगे कुछ ही देर में उसकी लाश भी मिल गई ,तिवारी ने जल्दी से हेडक्वार्टर को फोन लगा दिया ,इससे पहले कोई कुछ समझ पता तिवारी फिर से चिल्लाया 
“सालो तुम लोग कर क्या रहे हो पीछा करो उसका “
कालिया अपने घोड़े में बहुत दूर निकल चुका था ,घने जंगल में जो घोड़े ठाकुर के आदमियों के पास थे वो उनमे ही भाग पड़े,अब बस पुलिस वाले बच गए थे ,इंस्पेक्टर की इस तरह से मौत की खबर से महकमे में हड़कंप मचा दिया था और SP खुद हाल जानने के लिए निकल पड़ा था ,ठाकुर भी ये सुनकर चिंतित हो गया था क्योकि उसे गाँव को तबाह करना था और उसके सारे आदमी किसी अनजान व्यक्ति के पीछे भाग रहे थे ……
***********
घने जंगलों में ठाकुर के आदमी कालिया का पीछा करते हुए खो से गए थे दूर दूर तक कही भी उसका कोई निशान नही दिख रहा था ,बस घोड़ो की आवाज आ रही थी ,बड़े बड़े पेड़ और अंधेरे में वो जैसे रास्ता ही भटक गए हो ,अब घोड़े धीरे हो चुके थे और वो वापस जाने की सोच रहे थे लेकिन उन्हें नही पता था की वो एक जाल में फंस चुके है जिसे कालिया और तिवारी ने मिलकर बनाया है …
अचानक एक रस्सी से लटकता हुआ पत्थर का गोला आया और सीधे एक घुड़सवार के सर को चकनाचूर कर दिया …
वो चीख भी नही पाया था की उसका शरीर धड़ाम से गिर गया …
सभी लोग पलटे और उसकी ये दशा देख कर अंधाधुन गोलियां चलाने लगे …
कुछ देर में ही वँहा शांति थी …
“मुझे तो लगता है की कोई हमे फंसा रहा है “
एक आदमी धीरे से दूसरे से बोला कि अचानक ही कई तीर आकर सीधे लोगो के सरो के आरपार होने लगे ,बस तीरों की आवाजे आ रही थी जो की बेहद वेग से और पास से चलाई जा रही थी ,घने जंगल के सन्नाटे को चीख जैसे चिर रहे थे ……
फिर से गोलियां चलाई गई लेकिन सब बेकार ……
बचे हुए लोग अपने घोड़े से उतर कर जमीन में आ गए थे ख़ौफ़ से उनका जिस्म और मन कांप रहा था ,
“कौन है कौन है …”
एक हट्टा कट्टा आदमी जो कभी ठाकुर के संरक्षण में गरजता था आज किसी चूहे की तरह बोल रहा था ,
कालिया गरजा 
“तेरा और ठाकुर का काल हु मैं मादरचोद …”
‘धाय ‘उसने पहली बार गोली चलाई और सीधे उसका सर उड़ा दिया फिर से तीर चलने लगे और बाकी के लोग भी कीड़े मकोड़े की तरह उस जाल में मर गए …………
सभी बन्दूखे और घोड़े उठा ली गई ,अब कालिया के पास अच्छे खासे हथियार थे और घोड़े भी ,लेकिन उसका सबसे बड़ा हथियार था जो की आज ही उसे पता चला था वो था ये जंगल …
जंगली होने का जो फायदा उसे आज मिला था उसे वो अच्छे से समझता था जंगल के अंदर उसे हराना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल होने वाला था क्योकि वो सभी इस जंगल में ही बड़े हुए थे ,अब वक्त था ठाकुर की सत्ता को गिरने का लेकिन उससे पहले कालिया को अपने परिवार को भी बचाना था ………..
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