RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
शाजिया के कानों में खून तेजी से दौड़ने लगा और उसका दिल प्रचंडता से धड़कने लगा जब उन्माद और उत्तेजना की लहर उसके बदन में से दौड़ती हुई उसकी थरथराती जाँघों और फिर उसकी चूत में बिजली के करंट की तरह प्रवाहित होने लगी।
मगर शाजिया का कुछ ध्यान बाहर लकड़ियों को चीरती कुल्हाड़ी की आवाज़ पर भी था। वो अपनी चुदाई पर पूरी तरह एकाग्र नहीं हो पा रही थी क्योंकि वो अपनी उत्तेजना में दरवाजे की चिटकनी बंद करना भूल गयी थी। दरवाजा सिर्फ ऐसे ही ढका हुआ था और वो जानती थी कि बहुत ही शर्मनाक स्थिति होगी अगर उसका अरदली, राज, फॉयरप्लेस में डालने के लिये लकड़ियाँ ले कर दरवाजा खोलकर अंदर आ गया और शाजिया को अपनी चूत में कुत्ते का लंड लिये हुए चुदवाते हुए देख लिया। वो शायद समझ नहीं आ पायेगा और अगर उसने शाजिया के इस शौक का पर्दाफाश कर दिया तो उसकी ज़िंदगी नर्क बन जायेगी।
चाहे वो यहाँ अलग-थलग फार्म में रहती थी मगर फिर भी सामाजिक तौर पर काफी सक्रिय थी। पास की छावनी में आर्मी से संबंधित, ‘अफवा' जैसी कई कल्याण संगठनों की वो सक्रिय सदस्या थी। कई आर्मी अफसरों की बीवियों से उसका मेल जोल था और छावनी में आयोजित पार्टियों और अन्य आयोजनों में उसका हर रोज़ का आना जाना था। कुत्तों से उसके शारिरिक संबंध अगर उसके परिचित लोगों पर उजागर हो गये तो उसकी बहुत बदनामी होगी और वो कानूनी शिकंजे में भी फंस सकती थी।
औरंगजेब का लंड उसकी रसीली चूत में फुफकार रहा था और दलदल में फिसलती पनडुब्बी कि तरह शाजिया की चूत की चिकनी सुरंग में सरक रहा था। उसके लंड का मोटा सुपाड़ा शाजिया की चूत के मलाईदार गाढ़े रस में गोते से लगा रहा था। जब औरंगजेब पीछे की तरफ झटका लेता तो उसके लंड पे जकड़े शाजिया की चूत के होंठ लंड के साथ खिंच जाते। और ऐसा लगता जैसे कि चूत पलट कर उल्टी हो गयी हो।।
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उधर कुल्हाड़ी लकड़ी के लट्टे पर ढक’ से पड़ी और कुत्ते का लट्टे जैसा लंड शाजिया की चूत में ढक’ से पड़ा। औरंगजेब ऐसे हाँफ रहा था जैसे कि भाप का इंजन धड़क रहा हो और शाजिया उससे भी जोर से हाँफ रही थी। शाजिया के फेफड़ों के फैलने से उसकी भारी और ठोस चूचियाँ ऊपर ऊठ कर फूल गयी थीं और उसके कडक़ गुलाबी निप्पल बाहर तन कर किसी वॉल्व की तरह ऐसे खड़े थे जैसे कि उनके द्वारा चूचियों में हवा भरी गयी हो। औरंगजेब भौंक रहा था और शाजिया भी जोर-जोर से सिसक रही थी। औरंगजेब अब शाजिया को इतनी तेजी से चोद रहा था कि कुल्हाड़ी की हर आवाज़ के बीच में उसका लंड कम-से-कम दो बार शाजिया की चूत में ठूस रहा था।
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