RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
मैं कुछ बोलती कि वो मेरे पास आ गया और मेरे नंगे जिस्म को मोबाइल की रोशनी में ताड़ने लगा।मैं शर्म से सिमट गई थी।फिर उसने मुझे गले से लगा लिया और अपने हाथों से मेरी गांड मसलने लगा और जीभ से मेरी गर्दन पर से पानी की बूंदें चाटने लगा जिससे मेरे बदन में एकदम से सनसनी सी फैल गयी।
फिर वो अपने जीभ से कुत्ते की तरह मेरी गर्दन, गाल, होंठ चाटने लगा। मैं फिर से मदहोश होने लगी परन्तु अपने आप को काबू में करके मैं उसे अपने से दूर करके बोली- बेशर्म… छोड़ मुझे! बहन हूँ मैं तेरी।फिर वो गुस्से में बोला- दीदी, ये गलत है, आप सारी दुनिया से चुदती हो और मुझे बेशर्म बोलती हो? ये गलत है। आज आप जो चाहे बोलो… आज मैं आपकी एक नहीं सुनूंगा! आज तो मैं तुझे चोद कर ही रहूँगा!मैं बोली- शनि, पागल मत बन, चल घर चल!वो बोला- आज तो तुझे चोदने के बाद ही जाँऊगा, चाहे जो हो जाये।और वो फिर मेरे से लिपट गया।
मैं कुछ बोल पाती, उससे पहले वो लिपलॉक (स्मूच) किस करने लगा और मेरी चूची को बड़े ही बेदर्दी ढंग से मसलने लगा। मुझे आज तक यह बात समझ में नहीं आई कि सारे मर्द अपना जोश चुचियों पर ही क्यों निकालते हैं।
वो जोर जोर से अपनी नंगी बहन की चूची को ऐंठने लगा और फिर एक हाथ से मेरी चूत में उंगली करने लगा जिससे मैं कामुकता वश एकदम व्याकुल सी हो गयी। मुझे फिर से चुदास चढ़ने लगी। मुझे खुद पर यकीन नहीं हो रही थी कि अभी 5 लड़कों ने मेरी चूत हर संभव तरीके से चोदी और मैं फिर से चुदने को तैयार हो गयी।मुझे लगा कि मैं चुदक्कड़ बनती जा रही हूँ।
फिर मैंने सोचा कि ये जवानी दुबारा मिलने वाली तो है नहीं… तो क्यों ना पूरे मजे लूं और सोचा कि चलो आज भाई के लन्ड का भी स्वाद चख ही लेती हूँ।लेकिन पार्क में नहीं… क्योंकि पार्क खुलने का समय हो गयी थी।
फिर मैंने अपने ऊपर कंट्रोल किया और जैसे तैसे भाई को अपने नंगे जिस्म से अलग किया और बोली- देख शनि, मैं तुम से चुदूँगी लेकिन आज नहीं फिर कभी!शनि बोला- नहीं दीदी, आज तो मैं चोद कर ही रहूँगा।वो मानने के मूड में नहीं था।फिर मैं बोली- ठीक है, आज ही चोद लेना… लेकिन घर तो चलो, यहाँ कोई आ जायेगा।शनि बोला- कोई नहीं आएगा दीदी, पार्क 4:30 बजे खुलता है और अभी 3:50 ही हुए हैं। तब तक तो मैं आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।उसे क्या पता कि उसकी बहन को पूरी रात 5 लड़कों ने चोद चोद कर उसकी चूत की हालत खराब कर दी है। और मैं बता भी नहीं सकती थी।
फिर वो नीचे अपने घुटनों पर बैठ गया और अंधेरे में ही मेरी चूत के ऊपर अपनी जीभ फेरने लगा और पानी की बूंदों को अपने जीभ से चाटने लगा.धीरे-धीरे वो मेरी नंगी जांघों को भी चाट रहा था और एक हाथ से मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
अब मेरी कामवासना मेरे बर्दाश्त से बाहर थी, फिर मैं बोली- ठीक है, आज तू भी अपनी बहन की जवानी टेस्ट कर के बहनचोद बन जा!इतना सुनते ही भाई ने मुझे गले से लगाया और मेरे गाल, होंठ, गर्दन को चूमने लगा।
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