RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
आप सभी पाठकों को प्यार भरा नमस्कार! मैं मधु आप सभी पाठको का तहे दिल से स्वागत करती हूँ।
मैं आज बहुत खुश हूँ क्योंकि आप लोगों ने जो मेरी चूचियों को खूब मसला जिससे मैं काफी गर्म हो गई और उस रात अपने पति से भी जी भर के चुदाई करवाई।
लेकिन आपकी वजह से मेरे बेटे को डिब्बे वाला दूध पीना पड़ा, आज मैं आपको दूध पीने नहीं दूँगी, नहीं तो आज भी मेरा बेटा भूखा रह जाएगा।
अब मैं अपनी सच्ची आत्म कथा पर आती हूँ और अपनी आपबीती को आगे बढ़ाती हूँ।
पिछली कहानी में बताया था मैंने कि किस तरह मैंने अपने बॉयफ्रेंड से इंस्टीट्यूट के छत पर गांड मरवाई और मेरे बॉयफ्रेंड ने किस तरह मेरी गांड में वीर्य की बाढ़ ला दी और सारा वीर्य मेरी व्हाइट लोअर में जा गिरा।
जब मैं खड़ी हुई तो गांड तो दर्द से फटी जा रही थी, ठीक ढंग से खड़े भी नहीं हो पा रही थी तो घर कैसे जाती। मैं दर्द से कराह रही थी और संतोष ने मेरे गाल को चूमते हुए कहा- थैंक यू बेबी!
तुम्हारी गांड मार कर मजा आ गया।
तो मैं थोड़े गुस्से में बोली- तुम्हारे मजे के चक्कर में मेरी हाल ख़राब हो गई है, मैं अब ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही तो चल कर घर कैसे जाऊंगी। और तुमने सारा वीर्य मेरे लोअर में डाल दिया, अब मैं क्या पहन कर घर जाऊँगी।
संतोष ने मुझे अच्छे से लोअर पहनाया वीर्य सहित… मुझे बैठाया और बोला- तुम टेंशन मत लो, मैं अपने बाइक पर तुम्हें घर छोड़ दूँगा।
फिर मैं बोली- क्यों नहीं, चलो, मेरे घर मेरे मम्मी पापा तुम्हें मार कर निकाल देंगे। तुम्हें पता है मैं अपने घर वालों की नज़र में एकदम शरीफ और संस्कारी लड़की हूँ।
संतोष जोर से हँसा और बोला- संस्कारी और तुम? जो रोज कहीं भी चुद लेती हो।
मैं भी हँस कर बोली- अच्छा ये बात हैं, तो कल से चोदते रहना!
फिर संतोष बोला- चलो आज तुम्हारे घर चलता हूँ और तुम्हारे मम्मी पापा को बताता हूँ कि किस तरह उसकी बेटी की गांड में मैंने अपना माल डाला।
ऐसे ही हँसी मजाक करते-करते 5 बज गये, अब घर जाने का टाइम हो गया था, बारिश भी रुक गई थी और गांड के दर्द में भी आराम लग रहा था लेकिन चलने में अभी भी दिक्कत हो रही थी, लंगड़ा लंगड़ा कर चल रही थी।
संतोष मजाक करते हुए बोला- बेबी, अभी भी दर्द हो रहा है क्या?
मैं बोली- और नहीं तो क्या?
फिर मैं लंगड़ाते लंगड़ाते नीचे गई, तब एक लड़के की नज़र मुझपे पड़ी। वो शायद जब हम लोग चुद रहे थे, तब आया होगा।
वो मेरी लोअर को घूरे जा रहा था, मैं समझ गई कि यह वीर्य के निशान को घूर रहा है।
मेरी गांड घूरते हुए वह संतोष को धीरे से बोला- लगता है कि आज आपने मैडम की पिछले खजाने पर ही हमला बोला है?
फिर संतोष थोड़ा हँसा और बोला- क्या करूँ यार, मजबूरी इंसान से जो न करवाये।
और दोनों हंसने लगे।
तभी संतोष के घर से फ़ोन आया कि उसकी माँ की तबियत खराब हो गई है तो वह मुझे छोड़कर चला गया।
मैं भी अकेली घर जाने लगी, तभी अचानक वो लड़का बोला- मैडम आपको कोई ढूंढने आया था।
मैं बोली- कौन था?
वो बोला- पता नहीं, होगा कोई मेरे जैसा दीवाना!
मैं बोली- तुम मेरे दीवाने कब से हो?
तो वह बोला- आपका दीवाना तो सारा जमाना है।
मैं बोली- अच्छी तारीफ कर लेते हो।
तब वह लड़का बोला- मैं तो बहुत कुछ अच्छा कर लेता हूँ, आप कभी मौका तो दो?
तो मैं बोली- आज तो बहुत बोल रहे हो?
मैं भी मजे ले रही थी।
फिर वह लड़का बोला- मैडम, मेरी एक ख्वाहिश है, अगर आप चाहें तो आज मेरी ख्वाहिश पूरी हो सकती है।
मैं बोली- क्या है? बताओ?
तब वह बोला- बस एक बार मैं आपकी गांड को छूना चाहता हूँ!
मैं तो सुनकर अवाक रह गई कि यह क्या बोल रहा है।
मैं गुस्से में बोली- तुम पागल हो गए क्या? अभी तुम्हारी उम्र पढ़ने की है, ये करने की नहीं, अभी पढ़ाई में ध्यान दो।
फिर वो बोला- आपसे ध्यान हटेगा, तभी तो पढ़ाई पर ध्यान दूँगा।
मैं बोली- अभी तुम बच्चे हो। यह बड़ों का काम है।
वो बोला- एक बार मौका देकर देखो, संतोष भैया से ज्यादा खुश रखूँगा।
मैं तो ये सब बातें सुनकर ही दंग थी कि यह भी मेरे हुस्न का दीवाना है।
मैं बोली- अच्छा कैसे खुश रखोगे?
फिर वो अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला- मुझे पता है कि आप कैसे खुश होती हो।
मैंने उसके पैंट के ऊपर देखा तो लंड एकदम भयानक रूप लिए था, मैंने सोचा कि यहाँ से निकल जाना अच्छा होगा, नहीं तो और दिक्कत हो जायेगी।
इसलिए मैं निकलने लगी।
तो वो लड़का गिड़गिड़ाने लगा- प्लीज मैडम, बस एक बार अपनी गांड दिखा दो।
मैं अनसुना करते हुए आगे निकल गई।
तभी वो फिर मेरे आगे आया और बोला- मैडम प्लीज एक बार सिर्फ अपनी गांड दिखा दो। इसके बाद मैं कभी नहीं कुछ मांगूंगा।
और वो गिड़गिड़ाने लगा।
फिर वो बोला- वैसे भी आप संतोष भैया से तो गांड मरवाई ही हो, मुझे सिर्फ एक बार दर्शन करवा दो।
मैं बोली- तुम्हें कैसे पता कि मैंने संतोष से गांड मरवाई?
आज के लिए इतना ही… इसके आगे की कहानी जल्दी ही आप लोगों को बताऊंगी। तब तक के लिए आप लोगों को प्यार भरा नमस्कार!
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